वनस्पतियां सिर्फ थल पर ही नहीं उपजती अपितु यह जल के अन्दर भी उपजती हैं| समंदर, नदियों व तालाबों में कई प्रकार की वनस्पतियां पाई जाती हैं जैसे कमल, कुमुदनी, सिंघाड़ा आदि| जलीय पौधे खारे पानी व ताजे पानी में, दोनों में पाए जाते हैं| इनको जलीय पादप व मैक्रोफाइट के नाम से जाना जाता है| यह वनस्पतियां पानी के अन्दर व ऊपर दोनों परिस्थितियों में रहती हैं| जलीय वनस्पतियां जल में या फिर ऐसे स्थानों पर उगती हैं जहाँ पर भूमि गीली हो और जल जमाव भी होता हो| विश्व की सबसे बड़ी जलीय वनस्पति अमेज़न वाटर लिली है तथा सबसे छोटी डक वीड है| जलीय वनस्पतियों को मुख्य रूप से 6 भागों में विभाजित किया जा सकता है -
1- एम्फीफाईट्स: ऐसे पौधे जो जल के अन्दर या बाहर दोनों प्रकार से रह सकने में सक्षम हों|
2- एलोडेड्स: ऐसे पौधे जो अपने पूरे जीवन काल में पानी के अन्दर ही रहते हैं बाहर सिर्फ उनके पुष्प ही दिखाई देते हैं|
3- आइसोटाड्स: ऐसे पौधे जो हमेशा पानी के अन्दर ही रहते हैं और किसी भी रूप में पानी के बाहर नहीं निकलते|
4- हेलोफाइट्स: इस प्रकार कि वनस्पतियों के जड़ पानी के अन्दर रहते हैं और पत्तियां पानी के ऊपर|
5- नाइम्फाइड्स: ऐसे पौधे जिनका जड़ पानी के अन्दर रहता है परन्तु ये पत्तों के सहारे पानी के ऊपर तैरती रहती हैं जैसे जलकुम्भी|
6- प्ल्यूस्टन: ऐसे पौधे जो बिना रोक टोक के पानी में तैरते रहते है|
लखनऊ में कई प्रकार की जलीय वनस्पतियां पायी जाती हैं जिनमे मुख्य कमल, कुमुदनी, जलकुम्भी आदि हैं| यहाँ पर स्थित वनस्पति शोध संस्थान में कई प्रकार के जलीय पौधों को लगाया गया है तथा इनपर शोध कार्य भी किया जाता है| चित्र में कमल के फूल को दिखाया गया है जिसका वैज्ञानिक नाम नीलम्बो न्यूसीफेरा है तथा कमल को विभिन्न धर्मों में एक विशिस्ट स्थान प्राप्त है| भारत का राष्ट्रीय पुष्प भी कमल ही है|
1. प्लान्टेशन एण्ड एग्रीहॉर्टीकल्चर रिसोर्सेस ऑफ़ केरल: पि.के.के.नायर
2. रिमार्केबल प्लान्टस दैट शेप अवर वर्ल्ड: थेम्स हुडसन
3. वेजिटेबल्स: बी चौधरी