सोने से भी महंगा है इत्र का अउद तेल

गंध- ख़ुशबू व इत्र
17-10-2018 01:24 PM
सोने से भी महंगा है इत्र का अउद तेल

परफ्यूम (Perfume) एक ऐसा सुगंधित पदार्थ होता है जिसका इस्तेमाल प्राचीनकाल से होता आया है। बेहतरीन परफ्यूम हर युग में हमेशा से ही लोगों को आकर्षित करते आ रहे हैं और लोगों के पसंदीदा रहे हैं। खासकर यूरोप के बाज़ार में परफ्यूम या सेंट (Scent) की मांग पहले से ही काफी अधिक है। क्या आपको मालूम है कि दुनिया में एक परफ्यूम ऐसा भी है, जो सोने से भी महंगा है? और क्या आपको मालूम है कि ‘अउद’ का तेल (Oud oil) क्या है और यह किस काम आता है?

अगर आपको इन दोनों सवालों के जवाब नहीं पता, तो आपको ये भी नहीं मालूम होगा कि अउद और परफ्यूम दोनों का गहरा नाता है। तो, आइये दूसरे सवाल का जवाब आपको पहले बता देते हैं।

अगरवुड तेल, जिसे अउद तेल, एलोसवुड तेल आदि कहा जाता है दुनिया में सबसे महंगी इत्र सामग्री में से एक है। इसमें एक मनमोहक सुगंध होती है जो काफी शक्तिशाली होती है और सदियों से भारत, दक्षिणपूर्व एशिया और मध्य पूर्व में इसका उपयोग किया जा रहा है। आज, पश्चिमी देशों में इसे पुरुषों और महिलाओं के लिए कई परफ्यूम में सुगंध देने के लिए उपयोग कर रहे हैं। यह तेल अगरवुड पेड़ों की कई प्रजातियों से प्राप्त एक बेहद दुर्लभ और बहुमूल्य प्राकृतिक तेल है। अगर (Agar) मूल रूप से एशिया महाद्वीप का वृक्ष है। यह भारत के साथ चीन, बांग्लादेश, जापान आदि में भी पाया जाता है। भारत में यह उत्तर भारत के पूर्वी भागों त्रिपुरा, नागालैंड, असम में पाया जाता है।

यह एक उपयोगी और व्यावसायिक महत्त्व का वृक्ष है। इसकी लकड़ी आरम्भ में साधारण पीले रंग की होती है एवं इसमें किसी प्रकार की कोई सुगंध नहीं होती है। कुछ समय बाद इसके तने और शाखाओं पर एक कवक फिआलोफोरा पैरासिटिका (Phialophora parasitica) का आक्रमण होता है, जिससे एक विशिष्ट रस निकलता है। यह रस अगर की लकड़ी को काला, भारी और सुगंधित बना देता है। इसकी लकड़ी की राल से अउद तेल निकाला जाता है, जिसका उपयोग बेशक़ीमती इत्र बनाने में ही नहीं वरन् अगरबत्ती (अगर+बत्ती) बनाने में भी होता है। शायद यही कारण है कि हमारे देश में अगरबत्ती के करोड़ रूपये के व्यापार के चलते "अगरबत्ती" और "अगरतला" (त्रिपुरा) जैसे शहरों के नाम रखे गये हैं। ऊपर दिया गया चित्र अगरतला का ही है जिसमें कुछ अगर के पेड़ भी दिखाई पड़ते हैं। साथ ही अउद के तेल का नाम भी शायद इसलिए ही अउद पड़ा क्योंकि पुराने समय में अवध से कई इत्र के व्यापारी भारत से बाहर इन्हें बेचने जाते थे।

एक सुगंधित घटक के रूप में अउद का एक लंबा इतिहास रहा है। तीसरी शताब्दी ईस्वी से ही चीन के लोग इस पेड़ की लकड़ी को धूप बत्ती के लिए बहुत इस्तेमाल करते थे। भारत में भी इसे सदियों से धूप के रूप में जलाया गया है। हालांकि इस्लामी दुनिया में, यह एक तेल के रूप में और व्यक्तिगत इत्र के रूप में मूल्यवान रहा है। आज की तारीख़ में अगर की लकड़ी से निकलने वाले तेल का इत्र दुनिया भर में बेहद मशहूर है। वर्तमान में दुबई को दुनिया की अउद राजधानी कहा जाता है। यहां कच्ची सामग्री को बड़े पैमाने पर खरीदा और बेचा जाता है।

दुनिया भर में अगर की लकड़ी की इतनी मांग है कि इसे पूरा करना मुश्किल हो रहा है। आज की तारीख़ में अगरवुड की नस्ल के कुछ ही पेड़ बचे हैं। इसकी कम मात्रा, उच्च मांग, और इसे काटने में आने वाली कठिनाई के कारण, ये तेल दुनिया का सबसे महंगा तेल है। इसकी कीमत लगभग 5,000 डॉलर प्रति पौंड (0.45 किलो) हो सकती है। आज की तारीख़ में इसका वार्षिक बाजार क़रीब 6 बिलियन डॉलर का है और इसका मूल्य अक्सर सोने के मूल्य से ढाई गुना अधिक अनुमानित किया जाता है। इन कारणों से इसे ‘तरल सोने’ के रूप में भी जाना जाता है।

अउद के तेल को पोलो सुप्रीम अउद (Polo Supreme Oud), रीस ब्लैक अउद (Reiss Black Oud), क्रीड रॉयल अउद (Creed Royal Oud), वर्साचे अउद (Versace Oud) और बॉस बोटल्ड अउद (Boss Bottled Oud) जैसी महंगें परफ्यूम तैयार करने में इस्तेमाल किया जाता है।

संदर्भ:
1.https://www.townandcountrymag.com/style/beauty-products/a1935/oud-perfume/
2.https://www.liveabout.com/what-is-oud-oudh-346101
3.https://www.gq-magazine.co.uk/article/best-mens-oud-fragrances-guide

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.