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आपने अक्सर मेलों में मौत के कुंऐ का खेल देखा होगा। किस प्रकार बाइक या कार के माध्यम से भयानक करतब दिखाए जाते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि ये वाहन चालक गिरते क्यों नहीं हैं? इसी प्रकार गोल घूमते हुए झूले पर लोग किस प्रकार बाहर की ओर चले जाते हैं? इसके पीछे एक बहुत बड़ा वैज्ञानिक कारण है, जिसे बल कहा जाता है।
अपकेन्द्रीय बल (Centrifugal force):
किसी गोलाकार पथ पर तीव्रता से गति करने वाली वस्तु पर केंद्र से बाहर की ओर लगने वाला बल अपकेन्द्रीय बल कहलाता है। इसे 1659 में क्रिस्टियान हायगन्स द्वारा परिभाषित किया गया था।
अपकेंद्रीय बल को गहनता से जानने के लिए अभिकेंद्रीय बल (Centripetal Force) को भी जानना आवश्यक है। ये दोनों बल समान स्थितियों में एक दूसरे के विपरित लगते हैं। अर्थात न्यूटन के तृतीय नियम (1684) के अनुसार एक गोलाकार पथ पर गति करने वाली वस्तु पर केंद्र की ओर जो बल लगता है, वह अभिकेंद्रीय बल कहलाता है। इस बल के बिना किसी भी गोल पथ पर गति संभव नहीं है।
1. मौत के कुंए में बाइक सवार पर कुंऐ की दीवारों द्वारा अभिकेंद्रीय बल लगाया जाता है जबकि सवार द्वारा बाहर की ओर अपकेंद्रीय बल लगाया जाता है। जो इन दोनों (बाइक और सवार) को बचाता है।
2. गोल झूले में झूल रहे लोग अपकेन्द्रीय बल के कारण बाहर की ओर जाते हैं।
3. कार रेस में दौड़ रही कार जब तीव्रता से मोड़ पर मुड़ती है तो ड्राइवर को ऐसा प्रतीत होता है कि वह दरवाजे से बाहर गिर जाऐगा। यहां पर भी अपकेन्द्रीय बल को ध्यान में रखते हुए इन मोड़ों को सपाट कि बजाय बाहरी सिरे से थोड़ा उठाया हुआ बनाया जाता है। ताकि सड़क द्वारा गाड़ी पर अभिकेन्द्रीय बल लगाया जाये और इससे बाहर की ओर लगने वाला अपकेन्द्रिय बल रद्द हो जाये।
4. दूध की डेरी (Dairy) पर भी इस सिद्धांत का प्रयोग कर दूध से मलाई को अलग किया जाता है। मलाई का घनत्व कम होने के कारण उसपर कम अपकेन्द्रिय बल लगता है और वहीँ दूध पर यह अधिक लगता है। इसलिए दूध नीचे और मलाई ऊपर इकट्ठी हो जाती है।
अपकेंद्रीय बल और अभिकेंद्रीय बल के मध्य अंतर:
संदर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Centrifugal_force
2.https://www.diffen.com/difference/Centrifugal_Force_vs_Centripetal_Force
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