क्या मृत्यु के बाद भी जीवन संभव है?

विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा
21-09-2018 03:33 PM
क्या मृत्यु के बाद भी जीवन संभव है?

जब तक व्यक्ति जीवित रहता है, तब तक उसके जीवन में होने वाली गतिविधियों का अनुमान लगाया जा सकता है। परन्तु मनुष्य की मृत्यु के बाद क्या होता है, इसका अनुमान लगाना मुश्किल है। परन्तु विभिन्न संस्थानों द्वारा मृत्यु के बाद के जीवन पर कई शोध किये गए हैं, और उनका यह मानना है कि मृत्यु के बाद भी जीवन होता है।

मृत्यु के बाद के जीवन का सार हमें नचिकेता की कहानी से भी पता चलता है। जो कुछ इस प्रकार है:

वाजश्रवा द्वारा जब एक महान यज्ञ कराया गया तो उसमें उन्‍होंने बूढ़ी गायें दान में दीं। तब उनके पुत्र नचिकेता ने उनसे सवाल किया "पिता जी! आप मुझे किसे दान कर रहे हैं"। बालक द्वारा परेशान किये जाने पर पिता ने गुस्से में कह दिया "मैं तुम्हें मृत्यु को दान कर रहा हूँ।" तब नचिकेता पिता की आज्ञा का पालन करके, यम लोक जाने के लिए तैयार हो गए। जब वह यम लोक पहुंचे तो वहाँ उन्हें यमराज नहीं मिले। नचिकेता तीन दिन भूखे प्यासे यम लोक में यम का इंतजार करते रहे। जब यम वहाँ पहुंचे तो उन्होंने नचिकेता को देख और उसके तप से प्रसन्न होकर उसे तीन वरदान दिए।

पहले वरदान में नचिकेता ने मांगा कि "मेरे पिता शान्त-संकल्प, प्रसन्नचित्त और क्रोधरहित हो जाएँ और जब मैं आपके यहाँ से लौटकर घर जाऊँ, तब वे मुझे पहचानकर प्रेमपूर्वक बातचीत करें।" यमराज ने उसे आशीर्वाद दिया।

दूसरे वरदान में नचिकेता ने पूछा कि "मैंने सुना है स्वर्ग में किसी को कोई डर नहीं होता, कोई आयु नहीं होती, सभी लोग भूख और प्यास से मुक्त होते हैं। और मैं ये भी जानता हूँ कि स्वर्ग का साधनभूत अग्नि है। उसे ही जानकर लोग स्वर्ग में अमृतत्‍व-देवत्व को प्राप्त होते हैं, मैं उसे जानना चाहता हूँ।"

यमराज ने प्रसन्न होकर उत्तर दिया, कि यह अग्नि अनन्त स्वर्ग-लोक की प्राप्ति का साधन है। यही विराट रूप से जगत की प्रतिष्ठा का मूल कारण है। यह विद्वानों की बुद्धिरूपी गुफा में स्थित होती है। उन्होंने उनकी बुद्धि को देख नचिकेता को एक ओर वरदान दिया कि अब यह अग्नि नचिकेता के नाम से जानी जाएगी।

तीसरे वरदान में नचिकेता ने कहा “आप मृत्यु के देवता हैं, आत्मा का प्रत्यक्ष या अनुमान से निर्णय नहीं हो पाता। कोई नहीं जानता कि मृत्यु के बाद क्या होता है, कुछ मानते हैं कि आत्मा जीवित रहती है तथा कुछ इसके विपरीत मानते हैं। अत: मैं आपसे उसी आत्मतत्‍व के बारे में जानना चाहता हूँ।”

तब उन्होंने उत्तर दिया कि "आत्मा चेतन है। वह न जन्मता है, न मरता है। न यह किसी से उत्पन्न होती है और न कोई दूसरा ही इससे उत्पन्न होता है। वह समस्त अनित्य शरीर में रहते हुए भी निकायरहित है, समस्त अस्थिर पदार्थों में व्याप्त होते हुए भी सदा स्थिर है, वह कण-कण में व्याप्त है, सारा सृष्टि क्रम उसी के आदेश पर चलता है। अग्नि उसी के भय से जलती है, सूर्य उसी के भय से तपता है। जो पुरुष काल के ग्रास में जाने के पूर्व उसे जान लेते हैं, वे मुक्त हो जाते हैं।"

वहीं एक शोध में यह पाया गया है कि पुनर्जन्म का दावा करने वालों में 77% विश्वसनीय थे। पिछले जन्म के बारे में बात करने वाले बच्चे आमतौर पर 2 और 5 की उम्र तक ही अपने पिछले जन्म के बारे में बात करते हैं, वहीं 5 और 8 के बीच वह इस बारे में बात करना बंद कर देते हैं। शायद ही कोई 10 साल से अधिक उम्र तक इस बारे में बात करता होगा। उनका थोड़ा बहुत व्यवहार उनके पिछले जन्म को प्रदर्शित करता है।

इन सभी शोध से हम यह अनुमान लगा सकते हैं कि शायद मृत्यु के बाद भी जीवन हो। जिस तक अभी मनुष्‍य पहुंचने में समर्थ नहीं है। या हो सकता है कि यह सब सिर्फ एक भ्रम हो। सभी के जीवन में एक ही बार इसे अनुभव करने का समय आता है, और वह समय है, मृत्यु।

संदर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Afterlife
2.https://www.spiritualresearchfoundation.org/spiritual-research/afterlife/?gclid=EAIaIQobChMIn8n9jcTI3QIVESUrCh0Ztg31EAAYASAAEgJblfD_BwE
3.https://www.esamskriti.com/e/Spirituality/Vedanta/Faq-Karma-ad-Reincarnation-8.aspx
4.https://www.hindustantimes.com/india/most-rebirth-claims-are-true/story-EvYSLxDBP3JQDaajvYIwlO.html

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.