समयसीमा 229
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 963
मानव व उसके आविष्कार 757
भूगोल 211
जीव - जन्तु 274
समय जैसे पंख लगाकर उड़ रहा है, वैसे-वैसे मनुष्य की उम्र भी घटती जा रही है। हमारे प्राचीन और एतिहासिक ग्रंथों से ज्ञात होता है कि प्राचीन मनुष्य इतनी लम्बी आयु जीता था, जहां तक आज का मनुष्य शायद ही पहुंच पाये। फिर भी विश्व में अनेक लोग ऐसे हैं जो 100 या उससे अधिक के आंकड़े पार कर रहे हैं। चलिए जानें विश्व और भारत में इनका अनुपात।
वर्ष 2015 की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व में ऐसे आधे मिलियन से ज्यादा लोग थे, जो अपनी सौ वर्ष या उससे अधिक की आयु पूरी कर चुके थे। संयुक्त राष्ट्र के एक अनुमान के अनुसार यह संख्या 1990 से चार गुना अधिक है। जिसमें प्रथम स्थान अमेरिका फिर जापान, चाइना, भारत और इटली का है। इनके अनुमानों के अनुसार 2050 तक दुनिया में 3.7 मिलियन लोग सौ वर्ष की आयु वाले होंगे।
शतायु व्यक्तियों के आकड़ों में अमेरिका में अप्रवास और कुछ अन्य कारणों से प्रति 10,000 लोगों में मात्र 2.2 व्यक्ति ही सौ वर्ष की आयु वाले हैं, जबकि जापान और इटली में यह आंकड़े क्रमशः 4.8 और 4.1 है। इससे ज्ञात होता है कि जापान वास्तव में आगे चल रहा है, पिछले कुछ समय में जापान ने सौ वर्ष पूरे करने वाले व्यक्तियों के आंकड़ों का नया रिकॉर्ड बनाया है, जिसमें 88% महिलाएं ही हैं। हाल ही में विश्व की सबसे ज़्यादा उम्र (117 वर्ष) में मृत्यु को प्राप्त होने वाली महिला (चियो मियाको) भी जापान की ही थीं। जापान में सौ वर्ष पूरे करने वालों के लिए जश्न मनाया जाता है तथा उनके सम्मान में एक दिन का सार्वजनिक अवकाश भी होता है। और यहां के प्रधान मंत्री द्वारा इन लोगों को एक बधाई पत्र और यादगार के रूप में एक कप भी दिया जाता है।
चीन और भारत में भले ही विश्व की जनसंख्या का सबसे बड़ा हिस्सा रहता हो, किंतु सौ वर्ष या उससे अधिक जीने वाले लोगों के आंकड़ों में वे सबसे आगे नहीं हैं। परन्तु एक अनुमान के अनुसार चीन आने वाले समय में 2050 तक सबसे ज्यादा शतायु वाले व्यक्तियों का राष्ट्र बन जाएगा। वहीं भारत में भी इनकी संख्या में इजाफा हो रहा है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 6,05,778 शतायु व्यक्ति थे जिसमें महिला का अनुपात काफी कम है। पूरे भारत में सबसे ज्यादा सौ वर्ष वाले व्यक्ति उत्तर प्रदेश (लगभग 2 लाख) में थे, जिनका अनुपात आप नीचे दिये गये ग्राफ (Graph, 2011 की जनगणना के अनुसार) में देख सकते हैं:
सौ वर्ष की आयु वाले व्यक्तियों का बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में रहता है, जो नीचे दिये गये ग्राफ से स्पष्ट है:
आप अपने शरीर को स्वस्थ रखेंगे, तो शरीर आपको स्वस्थ रखेगा। यह मानना है जयपुर (भारत) के 127 वर्षीय शहनाई वादक हबिब मियाँ का। उम्र के प्रभाव के कारण इनकी दृष्टि कम हो गयी है, किंतु जीवन के प्रति इनका उत्साह आज भी बरकरार है।
ऐसे ही जज्बा हमें देखने को मिलता है कोलकाता के शरफुद्दीन क़ादरी (105 वर्ष) में, वे एक यूनानी दवाओं के चिकित्सक के रूप में कार्य कर रहे हैं। ये लोगों को मुफ्त में स्वास्थ्य सेवा देते हैं। इनकी दिनचर्या में इनकी उम्र कहीं भी नहीं दिखाई देती है।
कोयंबटूर की 109 वर्षीय एक गृहिणी आज भी अपना सारा कार्य स्वयं करती हैं। वे अपने किसी भी कार्य के लिए किसी पर निर्भर नहीं हैं। ऐसे अनेक उदाहरण हैं जो अपनी दिनचर्या में उम्र को बाधा नहीं बनने देते हैं।
आज युवावर्ग को आवश्यकता है यह समझने की कि वृद्धावस्था जीवन का एक ऐसा पड़ाव है, जिसमें हम सभी को प्रवेश करना है। अतः अपने वृद्धों को बोझ ना समझें, उन्हें उत्साहित करें लम्बी उम्र जीने के लिए। उन्हें भरोसा दिलायें आप हमेशा उनके साथ हैं।
संदर्भ:
1.https://www.washingtonpost.com/world/2018/09/14/japan-sets-new-record-number-people-over-years-old-almost-all-are-women/?utm_term=.226a7e33a1bb
2.https://www.indiatoday.in/magazine/cover-story/story/20070730-centenarians-preachings-to-keep-body-fit-and-mind-healthy-748164-2007-07-30
3.http://www.ijcmph.com/index.php/ijcmph/article/viewFile/1429/1233
4.http://www.pewresearch.org/fact-tank/2016/04/21/worlds-centenarian-population-projected-to-grow-eightfold-by-2050/
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.