लखनऊ में पिछले 200 वर्षों में भूमि फैलाव

नगरीकरण- शहर व शक्ति
24-05-2018 02:29 PM
लखनऊ में पिछले 200 वर्षों में भूमि फैलाव
लखनऊ उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर में से एक है तथा साथ ही साथ यह शहर उत्तर प्रदेश की राजधानी भी है। लखनऊ की स्थापना 18वीं शताब्दी में हुयी थी। अपने स्थापना के काल से ही यह शहर बहुतों को रोजगार मुहैया करने वाला बन गया था। यहाँ पर होने वाले विभिन्न इमारतों के निर्माण के बारे में पढ़ कर यह पुष्टि हो जाती है। उदाहरण के लिए भूल भुलैया को लिया जा सकता है। दूसरे शहर बनने के कारण लखनऊ शहर का विस्तार भी तेज़ी से हुआ। शुरूआती समय में लखनऊ शहर एक छोटे इलाके में फैला हुआ था पर समय के साथ साथ और उद्योगों के विकास के साथ-साथ इसका दायरा बढ़ना चालू हो गया। वर्तमान काल में लखनऊ शहर कुल 310 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। लखनऊ राज्य की राजधानी होने के कारण चारों तरफ से महामार्गों व रेल मार्गों से जुड़ा हुआ है। हाल में ही लखनऊ को मेट्रो का भी उपहार मिला है। लखनऊ दिन ब दिन बढ़ रहा है। लखनऊ शहर के बढ़ने का प्रमुख कारण यहाँ पर बढ़ती जनसंख्या है। जनसंख्या के 3 आंकड़ो से आसानी से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि लखनऊ शहर किस गति से बढ़ रहा है। सन 1991 की गणना के अनुसार यहाँ की कुल आबादी 17 लाख के करीब थी जो 2001 में बढ़ कर करीब 22 लाख हो गयी और वर्तमान काल में इस शहर की आबादी 28 लाख है। इस प्रकार से उपस्थित आंकड़ो से हम यह अंदाजा लगा सकते हैं कि किस प्रकार से शहर में जनसंख्या विस्फोट हुआ। जनसँख्या बढ़ने से सीधा यह मतलब निकलता है कि शहर बढ़ेगा और ऐसे में उपनगरों का भी निर्माण होता है। सन 1901 से 2001 तक के प्राप्त आंकड़ों के अनुसार हम जब जनसँख्या का बढ़ाव देखते हैं तो निम्नलिखित आंकड़े हमारे सामने प्रस्तुत होते हैं-

1. 1901- 2,56,239
2. 1911- 2,52,114
3. 1921- 2,40,566
4. 1931- 2,74,659
5. 1941- 3,87,177
6. 1951- 4,96,177
7. 1961- 6,55,673
8. 1971- 8,13,982
9. 1981- 10,07,604
10. 1991- 16,69,204
11. 2001- 22,66,933
12. 2011- 28,17,105

इस प्रकार से हम देख सकते हैं कि लखनऊ में किस प्रकार से जनसंख्या का विस्फोट हुआ। लखनऊ में बड़ी जनसँख्या होने का प्रमुख कारण यह है कि यहाँ पर रोजगार की उपलब्धता है और इसी कारण यहाँ पर दूर-दूर से लोग आते रहते हैं। लखनऊ शहर की स्थापना बहुत ही उत्तम तरीके से की गयी थी और विश्व के जाने-माने वास्तुविद पेट्रिक गेडिस ने यहाँ की शहर संरचना का निर्माण किया था।

अब अगर लखनऊ में जमीन के प्रयोग की और इसकी बढ़त की बात करें तो निम्नलिखित जानकारी हमें प्राप्त होती है -

क्रमांकजमीन का उपयोग198719872004-052004-05बढ़ोतरी


क्षेत्र हेक्टेयरप्रतिशतक्षेत्र हेक्टेयरप्रतिशत
1रिहायशी5585.9848.91894554.9899.40
2व्यापारिक223.772.433602.2160.88
3औद्योगिक596.226.509906.0866.05
4कार्यालय474.695.205603.4417.97
5जन सुविधा902.029.8314108.6756.32
6उद्यान और खेलने के स्थान346.483.784352.6725.55
7ट्रैफिक952.0010.3812407.6230.25
8नदी और अन्य जलीय श्रोत193.662.113101.9160.07
9खुली भूमि996.1410.86202012.42102.78

कुल योग9170.96100.0020988.50100.0077.43


यदि लखनऊ शहर के फैलाव को देखा जाये तो 1901-2021 तक उपलब्ध आंकड़ो से यह देखा जा सकता है -

वर्षक्षेत्र वर्ग किलोमीटर मेंसालाना बढ़त प्रतिशत में
190144.03-
196179.161.32
197480.000.08
1986132.755.49
1988143.323.98
1992159.262.78
1997196.504.67
2001212.242.00
2005243.803.72
2011304.004.12
*2021 (अनुमान)414.343.62

इस प्रकार से हम देख सकते हैं कि किस प्रकार से समय के साथ साथ लखनऊ शहर का विस्तार हुआ। न्यू सर्वे ऑफ़ इंडिया द्वारा छापा गया टोपोशीट में लखनऊ शहर के विस्तार के बारे में विभिन्न जानकारी प्रस्तुत की गयी है। इस प्रकार से हम देख सकते हैं कि लखनऊ शहर ने किस प्रकार से वृहद स्तर पर विस्तार किया।

1. http://www.ijhssi.org/papers/v4(5)/Version-2/B0452011020.pdf

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.