आइए चलते हैं, दृष्टिहीनता को चुनौती दे रहे ब्रेल संगीत की प्रेरणादायक यात्रा पर

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आइए चलते हैं, दृष्टिहीनता को चुनौती दे रहे ब्रेल संगीत की प्रेरणादायक यात्रा पर
लखनऊ में कई संगठन, दृष्टिहीन और कम दृष्टि वाले लोगों की मदद के लिए, सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। इनमें नेशनल एसोसिएशन फ़ॉर द ब्लाइंड (National Association for the Blind) , कल्पना जन जागृति समिति, और केयर इंस्टिट्यूट ऑफ़ लाइफ़ साइंसेज़ (Care Institute Of Life Sciences) जैसे प्रमुख संस्थान शामिल हैं। ये संगठन दृष्टिबाधित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा, कौशल विकास और आत्मनिर्भरता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
आज विश्व ब्रेल दिवस के मौके पर, हम दृष्टिहीनों के लिए एक अनोखी प्रणाली, ब्रेल संगीत, के बारे में जानेंगे। इसके अलावा, हम ब्रेल संगीत और पारंपरिक स्टेव नोटेशन के बीच अंतर को समझेंगे। साथ ही हम ब्रेल संगीत सीखने के लाभों पर चर्चा करेंगे। हम यह भी जानेंगे कि ब्रेल संगीत कैसे काम करता है। अंत में, हम दृष्टिहीनता के बावजूद संगीत और अन्य क्षेत्रों में सफलता पाने वाली विश्व प्रसिद्ध हस्तियों के प्रेरणादायक जीवन पर नज़र डालेंगे।
ब्रेल संगीत, एक विशेष प्रणाली है, जिसे नेत्रहीन या दृष्टिहीन लोगों के लिए विकसित किया गया है। यह प्रिंटेड संगीत का विकल्प है, जिसमें ब्रेल अक्षरों और डॉट्स का उपयोग किया जाता है। इसके ज़रिए नेत्रहीन व्यक्ति संगीत पढ़ और समझ सकते हैं।
ब्रेल संगीत, दृष्टिहीनों को क्या लाभ पंहुचा सकता है:
1. आत्मनिर्भरता में वृद्धि: ब्रेल संगीत दृष्टिहीन लोगों को स्वतंत्रता प्रदान करता है। इसके ज़रिए वे बिना किसी की मदद के संगीत पढ़ और समझ सकते हैं। यह आत्मनिर्भरता न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाती है, बल्कि उन्हें संगीत के क्षेत्र में अपनी रुचियों को गहराई से तलाशने का मौका भी देती है।
2. मानसिक विकास में सहायक: ब्रेल संगीत सीखने से स्मृति, ध्यान, और स्थानिक समझ जैसे संज्ञानात्मक कौशल विकसित होते हैं। ये कौशल न केवल संगीत के लिए, बल्कि अन्य शैक्षिक और दैनिक गतिविधियों के लिए भी उपयोगी होते हैं। इस तरह, ब्रेल संगीत दिमागी विकास के लिए भी एक प्रभावी साधन साबित होता है।
3. हर शैली के लिए उपयुक्त: ब्रेल संगीत हर प्रकार के संगीतकारों के लिए उपयोगी है, चाहे वे शास्त्रीय संगीत सीख रहे हों या जैज़। इसकी संरचना और स्थिरता इसे शुरुआती पियानोवादकों से लेकर पेशेवर संगीतकारों तक, सभी के लिए सहज और प्रभावी बनाती है।
आइए, अब ब्रेल संगीत और स्टेव नोटेशन के बीच के अंतर को समझते हैं:
1. स्कैनिंग और साइट-रीडिंग का तरीका: ब्रेल संगीत में संकेतों को बाएं से दाएं पढ़ा जाता है, जिससे संकेतों को एक-एक करके स्कैन करना पड़ता है। यह प्रक्रिया स्टेव नोटेशन की तुलना में अधिक समय लेती है, क्योंकि स्टेव नोटेशन में नोट्स को लंबवत रूप से कॉर्ड्स के रूप में दिखाया जाता है। साथ ही, स्टेव नोटेशन में वाक्यांश चिह्न (phrasing marks) नोट्स के ऊपर या नीचे आसानी से दिख जाते हैं, जबकि ब्रेल संगीत में इन चिह्नों को अलग से पढ़ना होता है।
2. स्थान की आवश्यकता: ब्रेल संगीत में संकेत अधिक जगह लेते हैं। एक पेज पर आमतौर पर केवल एक बार (measure) ही आ सकता है, जो इसे प्रिंट नोटेशन से अलग बनाता है। इसे सरल बनाने के लिए ब्रेल संगीत में दोहराव के संकेतों का इस्तेमाल किया जाता है। ये संकेत, पूरे बार, आधे बार, या खास हिस्सों को दोहराने में मदद करते हैं।
3. क्लेफ़ या सप्तक का उपयोग: ब्रेल संगीत में, प्रिंट संगीत की तरह ही क्लेफ़ (clef) का उपयोग किया जाता है। साथ ही, सप्तक चिह्नों (octave marks) का उपयोग यह बताने के लिए किया जाता है कि नोट्स को किस सप्तक में बजाया जाना है। यह दृष्टिहीन संगीतकारों को सही पिच और ध्वनि के साथ संगीत बजाने में मदद करता है।
ब्रेल संगीत की इन विशेषताओं के कारण, यह दृष्टिहीन संगीतकारों के लिए एक मज़बूत और सशक्त माध्यम बनकर उभरता है।
ब्रेल संगीत संकेतन कैसे काम करता है?
संगीत कक्षा में आपने शायद क्वार्टर नोट्स, हाफ़ नोट्स, होल नोट्स और आठवें नोट्स के बारे में सीखा होगा। आपके शिक्षक ने यह भी समझाया होगा कि ये नोट्स प्रिंट में कैसे दिखते हैं। उदाहरण के लिए, मुद्रित आठवें नोट्स में झंडे या बीम होते हैं। क्वार्टर नोट्स के हेड भरे हुए होते हैं, जबकि हाफ़ नोट्स के हेड खाली होते हैं।
ब्रेल में नोट्स अलग तरह से दिखते हैं। इनमें झंडे या भरे हुए हेड नहीं होते। ब्रेल नोट्स में एक "ब्रेल सेल" होता है, जो डॉट्स के ज़रिए जानकारी देता है।
- सेल का ऊपर का हिस्सा (डॉट्स 1, 2, 4 और 5) नोट का नाम बताता है।
- सेल का नीचे का हिस्सा (डॉट्स 3 और 6), यह बताता है कि नोट कितनी देर तक बजाना है।
ब्रेल नोट्स की लय:
- आठवें नोट्स: इनमें कोई अतिरिक्त डॉट नहीं होता।
- क्वार्टर नोट्स: इसमें डॉट 6 जोड़ा जाता है।
- हाफ़ नोट्स: इसमें डॉट 3 जोड़ा जाता है।
- होल नोट्स: इसमें डॉट 3 और 6 जोड़े जाते हैं।
अन्य संगीत प्रतीक
मुद्रित संगीत में, कई प्रकार के प्रतीक होते हैं। इनमें से अधिकतर ब्रेल में भी होते हैं। लेकिन, कुछ प्रिंट प्रतीक ब्रेल में इस्तेमाल नहीं किए जाते। उदाहरण के लिए, प्रिंट में पाँच-पंक्ति वाला स्टाफ़ ब्रेल में नहीं होता। इसकी जगह, ब्रेल में विशेष प्रारूप होते हैं, जो पढ़ने में आसान होते हैं। ये प्रारूप वही जानकारी देते हैं जो स्टाफ़ में होती है।
क्लेफ़ जैसे ट्रेबल क्लेफ़ और बास क्लेफ़ भी ब्रेल में नहीं दिखते।
पियानो संगीत में ब्रेल
पियानो संगीत के लिए ब्रेल में खास संकेत होते हैं।

दाहिने हाथ के लिए ⠨⠜ प्रतीक का उपयोग होता है।
बाएँ हाथ के लिए ⠸⠜ प्रतीक दिया जाता है।
ब्रेल में बार लाइंस नहीं होतीं, जो प्रिंटेड संगीत में माप दिखाने के लिए होती हैं। इनकी जगह, एक खाली स्थान बार लाइन को दर्शाता है।
रेस्ट (ठहराव): रेस्ट एक ऐसा प्रतीक है, जो प्रिंट और ब्रेल, दोनों में मौजूद होता है। यह तब उपयोग होता है जब संगीत में थोड़ी देर चुप रहना हो। प्रिंट की तरह, ब्रेल में भी अलग-अलग प्रकार के रेस्ट को दिखाने के लिए विशेष चिह्न होते हैं। ब्रेल संगीत संकेतन प्रिंटेड संगीत से अलग है, लेकिन यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी देता है। इसे पढ़ना और समझना सरल है, जिससे संगीत प्रेमी इसे आसानी से सीख सकते हैं।
आइए, अब आपको दृष्टि दोष से पीड़ित विश्व प्रसिद्ध हस्तियों से मिलाते हैं!
लुई ब्रेल (Louis Braille (4 जनवरी 1809 - 6 जनवरी 1852)): लुई ब्रेल, बचपन में एक दुर्घटना के कारण दृष्टि हीन हो गए। उन्होंने गलती से अपने पिता की सुई से अपनी आँख घायल कर ली थी। इसके बाद उन्होंने ब्रेल लेखन प्रणाली का आविष्कार किया। यह प्रणाली, अंधे लोगों को अक्षरों को महसूस कर पढ़ने में मदद करती है।
हेलेन एडम्स केलर (27 जून 1880 - 1 जून 1968): हेलेन केलर एक अमेरिकी लेखिका, कार्यकर्ता और व्याख्याता थीं। वह कॉलेज से स्नातक करने वाली पहली बधिर-दृष्टिहीन महिला थीं। हेलेन, जन्म से दृष्टिहीन और बहरी नहीं थीं। डेढ़ साल की उम्र में, वह एक गंभीर बीमारी का शिकार हुईं। माना जाता है कि यह बीमारी स्कार्लेट ज्वर या मेनिन्जाइटिस के कारण हुई होगी।
रे चार्ल्स (Ray Charles (23 सितंबर 1930 - 10 जून 2004)): रे चार्ल्स, एक अमेरिकी पियानोवादक और संगीतकार थे। उन्होंने लय और ब्लूज़ संगीत को नई पहचान दी। इसके साथ ही, उन्होंने देशी संगीत और पॉप में भावपूर्ण ध्वनि जोड़ी। उनका गीत "अमेरिका द ब्यूटीफ़ुल " (America the Beautiful) बहुत प्रसिद्ध है। इसे "गीत का निर्णायक संस्करण" कहा गया।
स्टीवी वंडर (Stevie Wonder (13 मई 1950 - वर्तमान)): स्टीवी वंडर का असली नाम, स्टीवलैंड हार्डवे जुडकिंस था। बाद में उन्होंने, इसे बदलकर स्टीवलैंड हार्डवे मॉरिस कर लिया। वे बचपन से ही दृष्टिहीन हैं। मात्र बारह साल की उम्र में उन्होंने मोटाउन रिकॉर्ड्स के साथ अनुबंध किया। आज भी वे इसी लेबल के साथ प्रदर्शन और रिकॉर्डिंग करते हैं।

संदर्भ
https://tinyurl.com/2b7697fl
https://tinyurl.com/2ce9xpgw
https://tinyurl.com/25p82kc4

चित्र संदर्भ

1. एक दृष्टिहीन संगीतकार को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. एक दृष्टिहीन व्यक्ति को ब्रेल पढ़ना सिखाने कि दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
3. संगीत का आनंद लेते एक दृष्टिहीन व्यक्ति को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
4. लुई ब्रेल की एक प्रतिमा को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. हेलेन एडम्स केलर के स्मारक को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. रे चार्ल्स को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. स्टीवी वंडर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)


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