आइए जानें, भारत में सड़क सुरक्षा की स्थिति तथा सबसे ज़्यादा सड़क दुर्घटना वाले शहरों को

य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला
13-12-2024 09:30 AM
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आइए जानें, भारत में सड़क सुरक्षा की स्थिति तथा सबसे ज़्यादा सड़क दुर्घटना वाले शहरों को
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways of India) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में, लखनऊ में, 1,349 सड़क दुर्घटनाओं के कारण, 587 लोगों ने अपनी जान गवाई । इसके अलावा, कानपुर ने 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में, सबसे अधिक 640 मौतें दर्ज कीं। हाल ही में, कानपुर-सागर हाईवे पर एक बस और ट्रक की टक्कर में दो लोगों की मौत हो गई।
आज हम भारत में सड़क दुर्घटनाओं की वर्तमान स्थिति पर नज़र डालेंगे। साथ ही, यह जानने की कोशिश करेंगे कि, कौन से राज्य, सड़क दुर्घटनाओं के मामले में सबसे खतरनाक हैं और किन राज्यों में सबसे कम दुर्घटनाएँ होती हैं। इसके बाद, हम उन क़दमों और पहलों पर चर्चा करेंगे जो सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा उठाए गए हैं।
भारत में सड़क दुर्घटनाओं की वर्तमान स्थिति
कानपुर का चौथा स्थान
सड़क सुरक्षा रिपोर्ट के अनुसार, कानपुर सड़क दुर्घटनाओं के मामले में चौथे स्थान पर है।
शीर्ष चार शहरों की सूची इस प्रकार है:
▸दिल्ली
▸बेंगलुरु
▸जयपुर
▸कानपुर
▸कानपुर में, 2022 में, 640 लोगों की मौत हुई, जो इसे सड़क दुर्घटनाओं के लिहाज़ से खतरनाक बनाता है।
लखनऊ की चिंताजनक स्थिति
▸उत्तर प्रदेश की राजधानी, लखनऊ भी सड़क दुर्घटनाओं के मामले में बहुत खराब स्थिति में है।
▸2022 में, लखनऊ 7वें स्थान पर रहा, जहां 1349 दुर्घटनाओं में 587 मौतें हुईं।
▸आगरा, 9वें स्थान पर रहा, जहां 1029 दुर्घटनाओं में 548 मौतें दर्ज की गईं।
▸गाज़ियाबाद, 16वें स्थान पर रहा, जहां 886 दुर्घटनाओं में 363 मौतें हुईं।
▸मेरठ, 21वें स्थान पर, जहां 926 दुर्घटनाओं में 345 मौतें हुईं।
▸वाराणसी, 26वें स्थान पर रहा, जहां 539 दुर्घटनाओं में 294 मौतें दर्ज की गईं।
▸कानपुर की सड़कें असुरक्षित हैं
सड़क सुरक्षा रिपोर्ट में कानपुर की सड़कों को असुरक्षित बताया गया है
▸मौतों में, 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
▸2021 में, 1354 दुर्घटनाओं में 598 मौतें हुईं।
▸2022 में, 1424 दुर्घटनाओं में 640 मौतें दर्ज की गईं।
▸कानपुर में बढ़ते हादसे और मौतें सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
भारत में सड़क सुरक्षा की स्थिति
सड़क सुरक्षा के मामले में, भारत के राज्यों के बीच काफी अंतर देखने को मिलता है। प्रति व्यक्ति मृत्यु दर के आंकड़े राज्यों की सड़क सुरक्षा की स्थिति को दर्शाते हैं:
▸तमिलनाडु, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में, सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मृत्यु दर सबसे अधिक है, जो क्रमशः 21.9, 19.2 और 17.6 प्रति 1,00,000 लोगों पर है।
▸इसके विपरीत, पश्चिम बंगाल और बिहार में मृत्यु दर सबसे कम है, जो 2021 में 5.9 प्रति 1,00,000 लोगों पर थी।
▸छह राज्य — उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान और तमिलनाडु — भारत में कुल सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों के लगभग आधे हिस्से के लिए ज़िम्मेदार हैं।
दुर्घटनाओं के प्रमुख पीड़ित और कारण
▸पैदल यात्री, साइकिल सवार और दोपहिया वाहन चलाने वाले लोग, सड़क दुर्घटनाओं के सबसे आम शिकार हैं।
▸ट्रक दुर्घटनाओं के लिए, सबसे ज़्यादा ज़िम्मेदार वाहनों में आते हैं।
▸राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों का ऑडिट
▸केवल आठ राज्यों ने, अपने राष्ट्रीय राजमार्गों की आधे से अधिक लंबाई का जंक्शन किया है।
▸अधिकांश राज्यों ने, अपने राज्य के राजमार्गों का जंक्शन, अब तक नहीं बनाया है।
यह आंकड़े बताते हैं कि, भारत में सड़क सुरक्षा को लेकर अभी भी काफ़ी सुधार की आवश्यकता है। राज्यों को अपने राजमार्गों के जंक्शन और सुरक्षा उपायों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना होगा।
सड़क दुर्घटनाएँ कम करने के लिए भारत में उठाए गए कदम और पहल
भारत में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए, सरकार और संबंधित अधिकारियों द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख पहलें निम्नलिखित हैं:
▸शराब पीकर गाड़ी चलाने पर भारी जुर्माना

भारत में शराब पीकर गाड़ी चलाना, एक प्रमुख दुर्घटनाओं का कारण बनता है। अब इसके लिए, ₹10,000 का जुर्माना और ड्राइविंग लाइसेंस का निलंबन किया जा सकता है। अगर शराब पीकर गाड़ी चलाने से दुर्घटना होती है, तो बीमा दावा भी अस्वीकृत कर दिया जाता है। यह कड़ा कदम उन लोगों के लिए एक सख्त संदेश है जो सड़क सुरक्षा को नज़रअंदाज़ करते हैं।
▸हेलमेट और सीट बेल्ट का कानूनन अनिवार्य होना
सरकार ने दोपहिया वाहन चालकों और सवारों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य किया है, वहीं चारपहिया वाहन के सभी यात्रियों के लिए, सीट बेल्ट पहनना ज़रूरी है। उल्लंघन पर जुर्माना लगाया जाता है। इन नियमों का पालन सड़क दुर्घटनाओं में कमी ला सकता है, जैसा कि हाल ही में कानपुर-सागर हाईवे हादसे में देखने को मिला, जहाँ हेलमेट पहनने वाले व्यक्तियों को गंभीर चोटें कम आईं।
▸दोपहिया वाहन बीमा अनिवार्य
मोटर वाहन अधिनियम के तहत, मोटर से चलने वाले दोपहिया वाहन के मालिकों के पास, वैध वाहन बीमा पॉलिसी होना अनिवार्य है। यह नियम, दुर्घटनाओं के बाद आर्थिक मदद प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे घायलों का इलाज सुचारू रूप से हो सके। यही कारण है कि कानपुर जैसे हादसों के बाद बीमा की प्रक्रिया को तेज़ी से लागू किया जा रहा है।
▸स्पीड डिटेक्शन डिवाइस (Speed Detection Device) का उपयोग
सड़क पर, तेज़ रफ़्तार रोकने के लिए, स्पीड कैमरा और स्पीड गन जैसे उपकरण लगाए गए हैं, जो गाड़ियों की गति मापने और अत्यधिक रफ़्तार को नियंत्रित करने में प्रभावी हैं। उदाहरण के तौर पर, कानपुर-सागर हाईवे पर स्पीड डिटेक्शन डिवाइस का उपयोग दुर्घटनाओं को कम करने में मदद कर सकता था, क्योंकि घने कोहरे के दौरान चालक को अपनी गति नियंत्रित करना ज़रूरी होता है।
▸सुरक्षा उपायों पर जागरूकता बढ़ाना
सरकार ने सड़क सुरक्षा और सुरक्षित ड्राइविंग को बढ़ावा देने के लिए, कई जागरूकता अभियानों और कार्यक्रमों की शुरुआत की है। इन अभियानों के माध्यम से लोगों को हेलमेट और सीट बेल्ट पहनने, शराब पीकर गाड़ी न चलाने, और तेज़ रफ़्तार से बचने के खतरों के बारे में शिक्षित किया जाता है। ऐसे कार्यक्रमों का उद्देश्य, दुर्घटनाओं को कम करना है, जैसे कि हाल ही में कानपुर-सागर हाईवे पर कोहरे के कारण हुई दुर्घटना से यह स्पष्ट होता है कि इन उपायों की आवश्यकता और भी अधिक महसूस होती है।
▸यातायात नियमों में भ्रष्टाचार कम करना
भारत में सड़क दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण, भ्रष्टाचार है, जिससे फ़र्ज़ी लाइसेंस, वाहनों का ओवरलोडिंग, ख़राब सड़कों का निर्माण, और कानून लागू करने में लापरवाही जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए, सरकार ने तकनीकी उपायों को अपनाया है, जैसे कि लाइसेंसिंग और सड़क निर्माण प्रक्रियाओं में मानव हस्तक्षेप को कम करना। कानपुर जैसे शहरों में बेहतर सड़क निर्माण और सटीक यातायात प्रबंधन से दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है।
कोहरे के कारण बढ़ते हादसे: कानपुर-सागर हाईवे पर हालिया दुर्घटना
सर्दी के मौसम में घना कोहरा सड़क दुर्घटनाओं को बढ़ा सकता है। कानपुर-सागर हाईवे पर हाल ही में हुए हादसे में कोहरे के कारण दृश्यता कम हो गई थी, जिससे रोडवेज़ बस और ट्रक की टक्कर हो गई। इस हादसे में बस चालक की मौत हो गई और पांच लोग, गंभीर रूप से घायल हो गए। ऐसे में, सड़क सुरक्षा उपायों की सख्ती से पालन और हाईवे पर स्पीड मॉनिटरिंग डिवाइस का उपयोग अत्यंत आवश्यक हो जाता है।

संदर्भ -
https://tinyurl.com/yu27wrk4
https://tinyurl.com/33zx5dpm
https://tinyurl.com/5bdcknsf
https://tinyurl.com/3pbtus8j

चित्र संदर्भ
1. एक कार एक्सीडेंट (Car Accident) को संदर्भित करता एक चित्रण (pxhere)
2. बुरी तरह से क्षतिग्रस्त गाड़ी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. ट्रैफ़िक जाम को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. ट्रैफ़िक चालान करते एक अफ़सर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. कोहरे से ढकी सड़क को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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