जानें कैसे, लिफ़्ट और एस्केलेटर, लखनऊ की अर्थव्यवस्था और जीवन शैली को कर रहे हैं विकसित

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20-08-2024 09:25 AM
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जानें कैसे, लिफ़्ट और एस्केलेटर, लखनऊ की अर्थव्यवस्था और जीवन शैली को कर रहे हैं विकसित
आज हमारे लखनऊ शहर की अधिकांश महत्वपूर्ण इमारतों में लिफ़्ट (Elevator) की सुविधा दी जा चुकी है । इमारतों को आधुनिक दिखाने और सीधी चढ़ाई की थकान से बचने के लिए, लिफ़्ट और एस्केलेटर (Escalators), काफ़ी महत्वपूर्ण प्रणालियाँ बनकर उभरी हैं। आज के इस लेख में हम, विभिन्न प्रकार के एस्केलेटर्स के बारे में बात करेंगे। साथ ही, हम यह भी जानेंगे कि दक्षिण भारत में लिफ़्ट और एस्केलेटर का बाज़ार कैसे बढ़ रहा है और ऐसा क्यों हो रहा है? अंत में, हम भारत की कुछ सबसे लोकप्रिय लिफ़्ट और एस्केलेटर कंपनियों के बारे में भी जानेंगे।
एस्केलेटर, एक प्रकार की चलती हुई सीढ़ी होती है, जिसका उपयोग इमारत में लोगों को एक मंज़िल या स्तर के बीच कुशलतापूर्वक ले जाने के लिए किया जाता है। इसमें सीढ़ियों का एक सतत चक्र होता है! यह चक्र, एक ढलान पर ऊपर या नीचे जाता है।
आइए, शुरुआत, विभिन्न प्रकार के एस्केलेटर और उनकी कार्यशैली को समझते हुए करते हैं:
मूविंग वॉकवे (Moving Walkway): मूविंग वॉकवे को मूविंग साइडवॉक (Moving Sidewalk) के रूप में भी जाना जाता है। यह एक कन्वेयर ट्रांसपोर्ट सिस्टम (Conveyor Transport System) है। यह स्वचालित रूप से पैदल यात्रियों को ले जाता है। मूविंग वॉकवे, अक्सर जोड़े में स्थापित किए जाते हैं। इनका उपयोग, आमतौर पर हवाई अड्डों, स्टेडियमों और अन्य बड़े स्थानों पर किया जाता है। इन स्थानों पर अक्सर लोगों की भीड़ एक विशिष्ट दिशा में चलती रहती है।
सुरक्षा के लिए, मूविंग वॉकवे आमतौर पर, हैंडरेल (Handrails) से सुसज्जित होते हैं। कुछ मामलों में, उनकी सतह रबरयुक्त होती है। यह सतह, उन जूतों के लिए कर्षण प्रदान करती है जो ऊँची एड़ी जैसी कठोर सतहों पर फिसल सकते हैं। आधुनिक मूविंग वॉकवे, 8 किमी/घंटा (5 मील प्रति घंटा) तक की गति से संचालित हो सकते हैं। यह गति, आमतौर पर हवाई अड्डों जैसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में देखी जाती है। व्यक्तियों के छोटे समूह, कभी कभी, कम गति और दूसरों को पार करने में कठिनाई के कारण धीमी गति से यात्रा करते हैं।
समानांतर एस्केलेटर (Parallel Escalator): एक समानांतर एस्केलेटर में दो एस्केलेटर, एक दूसरे के बगल में स्थित होते हैं। दोनों एस्केलेटर, एक ही दिशा में और एक ही गति से चलते हैं। यह डिज़ाइन, शॉपिंग मॉल या ट्रेन स्टेशन जैसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में भीड़ के परिवहन की क्षमता को बढ़ाते हैं ।
सीढ़ी एस्केलेटर (Step Escalator): सीढ़ी एस्केलेटर सबसे पुराने प्रकार के एस्केलेटर हैं। आज भी इनका उपयोग व्यापक रूप से किया जाता है। ये एस्केलेटर, सीढ़ियों में बने होते हैं, जिससे, उपयोगकर्ता, नियमित सीढ़ियों की तरह ऊपर या नीचे जा सकते हैं। इन्हें झुकी हुई सीढ़ी एस्केलेटर या झुकी हुई चलती सीढ़ियाँ भी कहा जाता है।
सीढ़ी एस्केलेटर विशेष रूप से सीमित जगह वाले क्षेत्रों जैसे कि हवाई अड्डों और ट्रेन स्टेशनों में उपयोगी होते हैं। वे पारंपरिक एस्केलेटर की तुलना में कम जगह घेरते हैं।
बेल्ट-टाइप एस्केलेटर (Belt-Type Escalator): बेल्ट-टाइप एस्केलेटर, सबसे आम प्रकार के एस्केलेटर हैं। इनमें सीढ़ियों को आयताकार आकार में व्यवस्थित किया जाता है, जिसके बाहरी किनारे थोड़े घुमावदार होते हैं। यह डिज़ाइन, यात्रियों को बेल्ट के दोनों तरफ़ सुरक्षित रूप से खड़े होने की अनुमति देता है।
इनकी सीढ़ियों में छेद होते हैं, जिसके माध्यम से केबल एक छोर से दूसरे छोर तक जाती हैं। ये केबल, एस्केलेटर के प्रत्येक छोर पर मोटरों से जुड़ी होती हैं। एक सामान्य बेल्ट-प्रकार के एस्केलेटर में इसकी लंबाई के साथ समानांतर पटरियों के दो सेट होते हैं। प्रत्येक ट्रैक में पहियों की एक जोड़ी होती है जो एस्केलेटर के संचालन के दौरान ऊपर और नीचे चलती है। सुरक्षा के लिए, पहिए विपरीत दिशाओं में चलते हैं। एक सेट, ऊपर जाते समय आगे बढ़ता है और नीचे जाते समय पीछे की ओर। दूसरा सेट इसके विपरीत गति करता है। दोनों छोरों पर गाइड रेल, एस्केलेटर को संरेखित रखती है।
वीलचेयर-सुलभ एस्केलेटर (Wheelchair Accessible Escalator): वीलचेयर-सुलभ एस्केलेटर को विशेष रूप से वीलचेयर और वॉकर, बैसाखी और बेंत जैसे अन्य गतिशीलता उपकरणों को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। ये एस्केलेटर, आमतौर पर हवाई अड्डे और ट्रेन स्टेशन जैसे उच्च-यातायात क्षेत्रों में स्थित होते हैं। वीलचेयर-सुलभ एस्केलेटर का लक्ष्य गतिशीलता चुनौतियों वाले व्यक्तियों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक पहुँच प्रदान करना होता है।
2023 में, भारत में, लिफ़्ट और एस्केलेटर बाज़ार का मूल्य 1.68 बिलियन अमरीकी डॉलर था। पूर्वानुमान अवधि में, इसमें मज़बूत वृद्धि का अनुभव होने का अनुमान है। 2029 तक, इस बाज़ार के 5.79% CAGR से बढ़ने की उम्मीद है।
इस वृद्धि के पीछे कई कारक हैं। इनमें कड़े सरकारी नियम, स्मार्ट और ऊर्जा-कुशल प्रणालियों की बढ़ती मांग, पहुँच और सुरक्षा के प्रति बढ़ता ज़ोर शामिल है।
टेकसाइ रिसर्च (TechSci Research) के शोध निदेशक, श्री करण चेची के अनुसार, दक्षिण भारत , लिफ़्ट और एस्केलेटर बाज़ार उद्योग में, प्रमुख शक्ति बनने के लिए तैयार है। दक्षिण भारत में शहरीकरण बहुत तेज़ी के साथ बढ़ रहा है। क्षेत्र की बढ़ती आबादी, बेहतर रोज़गार और जीवनशैली विकल्पों की तलाश में शहरों की ओर जा रही है।
इस जनसांख्यिकीय बदलाव के कारण, ऊंची-ऊंची आवासीय परिसरों और वाणिज्यिक इमारतों का निर्माण हो रहा है। नतीजतन, लिफ़्ट और एस्केलेटर जैसी ऊर्ध्वाधर परिवहन प्रणालियों की मांग बढ़ गई है।
खासतौर पर, स्मार्ट और ऊर्जा-कुशल लिफ़्ट और एस्केलेटर सिस्टम की मांग बड़ी ही तेज़ी के साथ बढ़ रही है। इससे, लिफ़्ट जैसी प्रणालियों के निर्माताओं के लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं। IoT एकीकरण (IoT Integration), गंतव्य नियंत्रण (Destination Control) और पूर्वानुमानित रखरखाव (Predictive Maintenance) जैसी स्मार्ट तकनीकों की मांग बहुत बढ़ चुकी है।
आइये, अब एक नज़र, देश की कुछ सबसे लोकप्रिय लिफ़्ट और एस्केलेटर कंपनियों पर भी डालते हैं।
1. शिंडलर लिफ़्ट (Schindler Lift): शिंडलर लिफ़्ट, एक प्रसिद्ध वैश्विक ब्रांड का हिस्सा है। शिंडलर नवाचार पर ध्यान केंद्रित करता है। साथ ही कंपनी, अपने एस्केलेटर डिज़ाइन में उन्नत तकनीक का उपयोग करती है, ताकि वर्तमान की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आधुनिक समाधान पेश किए जा सकें।
सुरक्षा, शिंडलर के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। वे सुरक्षा मानकों और विनियमों का सावधानी से पालन करते हैं। कंपनी ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण भी अपनाती है। वे विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एस्केलेटर समाधान तैयार करते हैं। वर्षों के अनुभव और एक मज़बूत वैश्विक प्रतिष्ठा के साथ, शिंडलर इंडिया, उद्योग में एक अग्रणी खिलाड़ी है।
2. थिसेनक्रुप एलेवेटर (Thyssenkrupp Elevator): थिसेनक्रुप एलेवेटर को, एलेवेटर क्षेत्र में वैश्विक लीडर के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह कंपनी, उच्च गुणवत्ता वाले एस्केलेटरों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती है । कंपनी आधुनिक प्रौद्योगिकी और उन्नत डिज़ाइन पर ज़ोर देती है।
थिसेनक्रुप, उत्कृष्ट ग्राहक सहायता और सेवा भी प्रदान करती है। यह प्रतिबद्धता ग्राहकों की संतुष्टि सुनिश्चित करती है और दुनिया भर में कंपनी के प्रति विश्वास को बढ़ाती है। कंपनी का कॉर्पोरेट कार्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
3. सिटी लिफ़्ट इंडिया लिमिटेड (City Lift India Limited): सिटी लिफ़्ट इंडिया लिमिटेड, भारत में एक प्रमुख एस्केलेटर निर्माता है। कंपनी को विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए डिज़ाइन किए गए एस्केलेटर और लिफ़्ट की अपनी विविध रेंज के लिए जाना जाता है। ये कंपनी, विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनुकूलन योग्य समाधान प्रदान करती है।
सिटी लिफ़्ट इंडिया, विश्वसनीय और कुशल एस्केलेटर देने की कोशिश करती है। साथ ही, ये कंपनी, भारत में, आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास की मांगों को पूरा करती है। हिताची की सहायक कंपनी के रूप में, सिटी लिफ़्ट, अपने उत्पादों में, उन्नत तकनीक का उपयोग करती है । इससे बेहतरीन ब्रेकडाउन रिस्पॉन्स सिस्टम सुनिश्चित होता है और उनके क्लासिक लिफ़्ट्स का जीवनकाल बढ़ता है।
4. कोन इंडिया (Kone India): कोन इंडिया को एस्केलेटर उद्योग में पुराना अनुभव है। इन्हें, देश में, एक अग्रणी लिफ़्ट कंपनी के रूप में मान्यता प्राप्त है। कोन, विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए डिज़ाइन किए गए उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती है। ग्राहक संतुष्टि कोन के लिए भी एक प्रमुख बिंदु है। कंपनी, चेन्नई, तमिलनाडु में अपने हेड ऑफ़िस से समर्पित सहायता और बिक्री के बाद सेवा प्रदान करती है। इसके अतिरिक्, कोन इंडिया, ऊर्जा-कुशल एस्केलेटर प्रदान करती जो पर्यावरण के अनुकूल इमारतों की बढ़ती मांग को पूरा करते हैं।
5. जॉनसन लिफ़्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (Johnson Lifts Private Limited): जॉनसन लिफ़्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, लिफ़्ट और एस्केलेटर उद्योग में एक प्रतिष्ठित नाम है। में कंपनी ने अपनी एक मज़बूत प्रतिष्ठा बनाई है। साथ ही, यह उत्पादों की एक व्यापक श्रृंखला पेश करती है। कंपनी, ग्राहक फ़ोकस को प्राथमिकता देती है और उत्कृष्ट सेवा और सहायता प्रदान करती है।
जॉनसन लिफ़्ट्स के उत्पाद, गुणवत्तापूर्ण और विश्वसनीय माने जाते हैं। कंपनी लंबे समय तक उपयोग के लिए डिज़ाइन किए गए टिकाऊ और सुरक्षित एस्केलेटर प्रदान करती है। भारत भर में, व्यापक उपस्थिति के साथ, उनके पास क्षेत्रीय कार्यालय और सेवा केंद्र हैं। ऊपर दी गई सभी कंपनियाँ, भारत में लिफ़्ट और एस्केलेटर परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। नवाचार, सुरक्षा और ग्राहक संतुष्टि के प्रति, उनकी प्रतिबद्धता उन्हें उद्योग में अग्रणी बनाए रखती है।
आज के समय में, कई विक्रेता, लिफ़्ट और एस्केलेटर को वाइट लेबलिंग (White Labeling) करके भी बेच रहे हैं:
वाइट लेबलिंग क्या है?
वाइट लेबलिंग एक ऐसी प्रथा है, जिसमें, खुदरा विक्रेताओं द्वारा अपने स्वयं के ब्रांड नाम के तहत उत्पाद बेचे जाते हैं। हालाँकि, ये उत्पाद वास्तव में किसी तीसरे पक्ष द्वारा निर्मित होते हैं।
इसके तहत:
1. विनिर्माण: निर्माता, एक लिफ़्ट या एस्केलेटर जैसे उत्पाद बनाता है।
2. ब्रांडिंग: अपने स्वयं के ब्रांड का उपयोग करने के बजाय, निर्माता खुदरा विक्रेता द्वारा बताई गई, ब्रांडिंग लागू करता है।
3. अंतिम उत्पाद: अंतिम उत्पाद ऐसा दिखता है जैसे कि इसे खुदरा विक्रेता ने बनाया है, निर्माता ने नहीं।
यह प्रथा विभिन्न उद्योगों में आम है, जिसमें लिफ़्ट और एस्केलेटर शामिल हैं।

संदर्भ
https://tinyurl.com/24bxk4ef
https://tinyurl.com/2dmth3mq
https://tinyurl.com/25sct39e

चित्र संदर्भ
1. एस्केलेटर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. एस्केलेटर में चढ़ रहे भारतीय परिवार को संदर्भित करता एक चित्रण (pexels)
3. ऊपर की ओर बढ़ रहे एस्केलेटर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. लिफ़्ट को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. ऊपर की ओर बढ़ रही लिफ़्ट को संदर्भित करता एक चित्रण (pickpik)
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