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लखनऊ में नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान, विभिन्न प्रकार के सुंदर भारतीय और विदेशी पक्षियों का घर है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि, स्टार्लिंग(Starling), मैना परिवार एक ऐसा पक्षी है, जिसके काले पंखों पर बैंगनी और हरे रंग की सुंदर चमक होती है। यह पक्षी अपने शीतकालीन हवाई प्रदर्शनों के लिए प्रसिद्ध है। स्टार्लिंग के कई झुंडों को, हमारे शहरों और खेतों पर घूमते हुए देखा जा सकता है। इन झुंडों या पक्षी समूह को मर्मरेशन(Murmuration) कहा जाता है। मर्मरेशन में ये पक्षी आकाश में, सुंदर तरीके से घूमते हैं, उड़ते हैं या झपट्टा मारते हैं। इस विशेष प्रकार के झुंड का नाम, इनकी धीमी बड़बड़ाहट की ध्वनि के लिए रखा गया है, जो इनमें मौजूद हज़ारों पक्षियों के पंखों की धड़कन और धीमी उड़ान ध्वनि से उत्पन्न होती है। तो चलिए, आज हम स्टार्लिंग और उनके मर्मरेशन के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। हम जानेंगे कि, स्टार्लिंग एक दूसरे के साथ कैसे समन्वय करते हैं, और आप इन मर्मरेशन को कब और कहां देख सकते हैं। आगे, हम कुछ लोकप्रिय पक्षियों के बारे में भी चर्चा करेंगे, जो झुंड बनाते हैं।
स्टार्लिंगस् को ‘आंशिक प्रवासियों’ के रूप में जाना जाता है। क्योंकि, ये कुछ ही स्थानों पर प्रवास करते हैं। वैसे तो, स्टार्लिंग खेत, उद्यानों, बगीचों और कस्बों में एक परिचित पक्षी है। यह पक्षी पश्चिमी और दक्षिणी यूरोप और दक्षिण-पश्चिमी एशिया का मूल निवासी है। स्टार्लिंग अपना अधिकांश समय बड़े झुंडों में बिताते हैं। ये पक्षी कीड़े और फल खाते हैं। ये पेड़ों या इमारतों के गड्ढों या खांचे में घोंसले बनाते हैं, जिनमें मादा पांच से सात अंडे देती है। माता-पिता दोनों ही पक्षी चूज़ों का पालन-पोषण करते हैं। शरद ऋतु और सर्दियों के दौरान उनकी संख्या बढ़ जाती है, और से प्रभावशाली झुंड बनाते हैं।
मर्मरेशन का हवाई प्रदर्शन देखना एक अद्भुत अनुभव है। ये झुंड आकाश में, सुंदर आकृतियां बनाते हैं। एक मर्मरेशन में लगभग 7,50,000 पक्षी एक साथ उड़ान भर सकते हैं। तथा, स्टार्लिंगस् 50 मील प्रति घंटे की रफ़्तार तक उड़ते हैं। घूमते हुए वे बूंदों की तरह दिखते हैं। पतझड़, सर्दी और शुरुआती वसंत में सूर्यास्त से लगभग एक घंटे पहले ये झुंड बनते हैं, जब पक्षी अपने निवास के करीब होते हैं। औसतन 45 मिनट के शानदार हवाई प्रदर्शन के बाद, सभी पक्षी, रात के लिए एक साथ अपने बसेरों में चले जाते हैं।
वैज्ञानिकों का मानना है कि, मर्मरेशन अन्य स्टार्लिंगस् को, सामूहिक रात्रि विश्राम में शामिल होने के लिए आकर्षित करने का, एक दृश्य निमंत्रण है। इसके पीछे सिद्धांत यह है कि, एक साथ रात बिताने से पक्षी अपने शरीर को गर्म रख सकते हैं, क्योंकि वे अपने शरीर की गर्मी साझा करते हैं। साथ ही, झुंड में जितने अधिक पक्षी होंगे, किसी एक पक्षी के शिकारी द्वारा पकड़े जाने का जोखिम उतना ही कम होगा।
मर्मरेशन का कोई नेता नहीं होता है, और वे किसी विशेष योजना का पालन नहीं करते। हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि, प्रदर्शनों का समन्वयन पक्षियों द्वारा यह देखकर किया जाता है कि, उनके आस-पास के अन्य पक्षी क्या कर रहे हैं।
बीच में मौजूद पक्षी इस बात पर नज़र रखते हैं कि, झुंड समग्र रूप से कैसे आगे बढ़ रहा है और तदनुसार वे इसे समायोजित करते हैं।
स्टार्लिंग पक्षी मुख्य रूप से सुरक्षित और आश्रय वाले स्थानों पर इकट्ठा होना चुनते हैं, जो कठोर मौसम से प्रभावित नहीं होते हैं एवं जो शिकारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। इनमें जंगल, ईख या बेंत के स्थान, चट्टानें, इमारतें और घाट जैसी अन्य औद्योगिक संरचनाएं शामिल हैं।
स्टार्लिंग के अलावा, एक साथ झुंड में रहने वाले कुछ अन्य पक्षी निम्नलिखित हैं।
1.) सैंडहिल क्रेन(Sandhill Cranes) : सैंडहिल क्रेन, अधिकांश समय के लिए, छोटे परिवार समूहों या जोड़े में पाए जाते हैं। हालांकि, प्रवास के लिए ये पक्षी बड़े झुंड बनाते हैं। प्रत्येक वर्ष, मध्य फरवरी से मध्य अप्रैल तक, 4,00,000 से 6,00,000 सैंडहिल क्रेनस् नेब्रास्का(Nebraska) में केंद्रीय प्लैट नदी(Platte River) की ओर पलायन करते हैं। उत्तर में अपने घोंसलों के मैदानों की ओर जाने से पहले, ये पक्षी भोजन के लिए एकत्रित होते हैं।
2.) रॉबिन (Robins): गर्म मौसम और सर्दियों में अधिक भोजन की उपलब्धता के कारण, रॉबिन, दक्षिण की ओर प्रवास करते हैं। रॉबिन्स के प्रवास की दूरी काफ़ी भिन्न होती है। कुछ झुंड वैंकोवर द्वीप(Vancouver Island) से ग्वाटेमाला(Guatemala) तक उड़ान भरते हैं। जबकि, बाजा कैलिफ़ोर्निया(Baja California) जैसे अधिक समशीतोष्ण क्षेत्रों में रहने वाले रॉबिन्स, आमतौर पर बिल्कुल भी प्रवास नहीं करते हैं। रॉबिन झुंडों का आकार 10 से 50 पक्षियों तक होता है, लेकिन, बड़े झुंडों में 60,000 रॉबिन्स से अधिक हो सकते हैं।
3.) फ़्लैमिंगो (Flamingos): फ़्लैमिंगोस बेहतर चारागाह खोजने के लिए झुंड बनाते हैं। हर साल 30,000 से 40,000 राजहंस मुंबई में ठाणे की खाड़ी के कीचड़ में खिलने वाले, नीले-हरे शैवाल का आनंद लेने के लिए आते हैं। ये सामाजिक पक्षी हैं, जो जोड़े, छोटे झुंड या बड़े झुंड में हजारों पक्षियों के साथ देखे जाते हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/hm7dupmk
https://tinyurl.com/mszdjy5e
https://tinyurl.com/4f7cjkwz
https://tinyurl.com/5dmteyan
चित्र संदर्भ
1. स्टार्लिंग पक्षियों के उड़ते हुए झुंड को दर्शाता चित्रण (Geograph)
2. स्टार्लिंग मर्मरेशन को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. स्टार्लिंग्स के झुंड को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. सामान्य सारस के दो झुंडों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. सैंडहिल क्रेन के समूह को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. रॉबिन को संदर्भित करता एक चित्रण (Animalia)
7. फ़्लैमिंगो के झुंड को दर्शाता चित्रण (Animalia)
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