जानें कैसे जलेबी, समोसा और शक्करपारे का सीधा संबंध है तुर्की से

स्वाद- खाद्य का इतिहास
26-07-2024 09:34 AM
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जानें कैसे जलेबी, समोसा और शक्करपारे का सीधा संबंध है तुर्की से

एक पाक विरासत के साथ तुर्की (Turkey) अपने स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है, जिनमें मध्य पूर्व, मध्य एशिया और भूमध्य सागर के प्रभावों का मिश्रण देखा जा सकता है। यहां का प्रत्येक व्यंजन संस्कृति, जुनून और नवीनता की कहानी सुनाता है, जो एक विशिष्ट स्वाद के साथ देश के जीवंत इतिहास और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है। तुर्की का पाक परिदृश्य उसके भूगोल की तरह ही विविध है | यह देश विभिन्न व्यंजनों की पेशकश करता है| यहां के व्यंजन एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न होते हैं, प्रत्येक की अपनी अनूठी सामग्री और पाक तकनीक होती है। हमारे शहर लखनऊ को अक्सर भारत का भोजन स्वर्ग कहा जाता है। क्या आप जानते हैं कि हमारे कुछ व्यंजनों जैसे जलेबी, समोसा और शक्करपारे का सीधा संबंध तुर्की से है। तो इस लेख में हम भारत पर तुर्की व्यंजनों के प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे और जानेंगे कि ये व्यंजन भारत में कैसे आए और लोकप्रिय हुए। इसके अलावा, हम कुछ तुर्की व्यंजनों पर भी नज़र डालेंगे जो भारत में एवं विश्व स्तर पर अत्यंत प्रसिद्ध हैं और अन्य देश के व्यंजनों का हिस्सा बन गए हैं।
इस्तांबुल के स्ट्रीट फूड से लेकर एजियन (Aegean) तट के ताज़ा, शाकाहारी व्यंजनों तक, तुर्की भारतीय आगंतुकों के लिए एक परिचित लेकिन रोमांचक अनुभव प्रदान करता है। तुर्की आने वाले किसी भी भारतीय पर्यटक को तुर्की और भारतीय संस्कृतियों, विशेषकर उनकी खाद्य संस्कृतियों के बीच कई समानताएं देखने को मिलेंगी। जीवंत स्ट्रीट फूड दृश्यों से लेकर उत्सवपूर्ण पारिवारिक समारोहों तक, भोजन दोनों देशों में एक केंद्रीय और पोषित भूमिका निभाता है। उदाहरण के लिए, तुर्की में, हम परिवार और दोस्तों के साथ नाश्ते के समय एक साथ बैठते हैं, जिसमें ताज़ी सब्जियाँ, चीज़, ज़ैतून, तुर्की पेस्ट्री और क्लासिक तुर्की कॉफी शामिल होती है। इसी तरह, भारत में, स्वादिष्ट मसाला चाय दैनिक जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है और मेहमान आने पर सबसे पहले उनको चाय ही परोसी जाती है।
अपने समृद्ध इतिहास के साथ दोनों देशों में क्षेत्रीय रूप से व्यंजनों की विविधता देखने को मिलती है। तुर्की और भारतीय दोनों व्यंजन क्षेत्रीय स्वादों और सामग्रियों का जश्न मनाते हैं, पाक परंपराओं की एक समृद्ध पच्चीकारी बुनते हैं। तुर्की आने वाले भारतीय पर्यटक इन समानताओं का प्रत्यक्ष अनुभव करते हैं। तुर्की में एजियन क्षेत्र यहां की ताज़ा, जीवंत और पौधों पर आधारित व्यंजनों की विशाल श्रृंखला के साथ विशेष रूप से शाकाहारियों के लिए एक स्वर्ग है। जंगली साग- सब्ज़ियों से लेकर सुगंधित जड़ी-बूटियों तक, लहसुन और ज़ैतून के तेल के साथ भूनकर, हर निवाला तुर्की एजियन जीवन शैली का सार प्रस्तुत करता है।
तुर्की और भारत दोनों ही देशों में मेहमान नवाज़ी पर विशेष ध्यान दिया जाता है। मेहमानों के सामने चाय के साथ-साथ परोसे जाने वाली एक चीज़ , जो सबसे ज़्यादा आम है वह है समोसा। चाय के साथ गरमा गरम समोसा एक अद्भुत स्वाद के साथ-साथ नाश्ते की मेज़ को हरा भरा कर देता है। लेकिन क्या आपने समोसा खाते समय कभी यह सोचा है कि यह कैसे बना और यह हमारे देश भारत में बना या कहीं और?
कई लोग सोचते हैं कि समोसा हमारे देश का एक देसी व्यंजन है, लेकिन वास्तव में इसकी उत्पत्ति मध्य एशिया और मध्य पूर्व में पाई जा सकती है। समोसे ने दुनिया के विभिन्न कोनों में अपनी छाप छोड़ते हुए एक उल्लेखनीय यात्रा की है। मिस्र से लीबिया तक, और मध्य एशिया से भारत तक, त्रिकोणीय भरवां पेस्ट्री ने विभिन्न नामों के तहत व्यापक प्रसिद्धि अर्जित की है। 10वीं से 13वीं शताब्दी की अरब कुकबुक में, पेस्ट्री को 'सनबुसाक' कहा जाता था, जो फ़ारसी शब्द 'सनबोसाग' (sanbusak) से लिया गया है। मूल रूप से इसे ‘संसा’ के रूप में जाना जाता है, मध्य एशिया के ऐतिहासिक अभिलेखों में इसका उल्लेख ‘संबुसाक’ या ‘संबुसाज’ के रूप में किया गया है। पिछली आठ शताब्दियों से, समोसे ने दक्षिण एशियाई व्यंजनों में काफ़ी लोकप्रियता हासिल की है।
प्राचीन काल में इस स्वादिष्ट व्यंजन ने भव्य दरबारों में सुल्तानों और सम्राटों की मेज़ों की शोभा बढ़ाई है और आज भारत और पाकिस्तान के कस्बों और शहरों की हलचल भरी गलियों और सड़कों पर भी इसका समान रूप से आनंद लिया जाता है। मध्य एशियाई समुदायों में, समोसे को उनकी सुविधा के लिए पसंद किया जाता था, खासकर यात्रा के दौरान, जिससे लोग इन स्वादिष्ट व्यंजनों को तैयार करते थे और उनका आनंद लेते थे। 11वीं शताब्दी में ईरानी इतिहासकार अबुल- फ़ज़ल बेहाकी के 'तारिख-ए- बेहाकी ' में समोसे का सबसे पहला दर्ज उल्लेख मिलता है जिसमें इसे 'सम्बोसा' कहा गया है।
भारत में समोसे की शुरूआत का पता मुस्लिम दिल्ली सल्तनत के काल से लगाया जा सकता है, जब मध्य पूर्व और मध्य एशिया के कुशल रसोइयों को सुल्तानों की रसोईयों में काम करने का मौका मिला था। वर्ष 1300 के आसपास, विद्वान और दरबारी कवि, अमीर खुसरो ने वर्णित किया था कि राजकुमारों और कुलीनों को 'मांस, घी, प्याज आदि से तैयार समोसा' बहुत पसंद था। मोरक्को के यात्री इब्न बतूता ने कीमा से भरी पतली पेस्ट्री का उल्लेख किया था।
अब आइए, तुर्की के कुछ विश्व प्रसिद्ध व्यंजनों के बारे में जानते हैं:
1. कबाब: तुर्की व्यंजनों में सबसे प्रतिष्ठित कबाब, स्वाद के अलग-अलग रूप प्रस्तुत करते हैं। चाहे वह रसीला अदाना कबाब हो या स्वादिष्ट शिश कबाब, सुगंधित मसालों के साथ पकाए गए ये व्यंजन तुर्की की बारबेक्यू कलात्मकता की महारत का प्रमाण हैं। कबाब बनाने की कला तुर्की संस्कृति में गहराई से समाई हुई है, प्रत्येक क्षेत्र की अपनी अनूठी विशेषता है। उदाहरण के लिए, अदाना कबाब, दक्षिणी शहर अदाना से आता है और अपने मसालेदार स्वाद के लिए जाना जाता है। इसके विपरीत, उरफ़ा कबाब हल्का लेकिन उतना ही स्वादिष्ट विकल्प प्रदान करता है। कबाब को आमतौर पर चावल, ग्रिल्ड सब्जियों और ताज़ा सलाद जैसे कई व्यंजनों के साथ परोसा जाता है।
2. बक्लावा: बकलवा एक स्वादिष्ट तुर्की मिठाई है जो मेवों और सिरप के साथ पतली पेस्ट्री की परत के साथ बनती है। कुरकुरी परतों और शहदयुक्त मिठास का सही संतुलन बकलवा को एक कालातीत व्यंजन बनाता है जो तुर्की पाक शिल्प कौशल का सार प्रस्तुत करता है। परंपरागत रूप से, बकलवा को पिस्ता या अखरोट के साथ बनाया जाता है, जिसका आनंद अक्सर तुर्की चाय या कॉफी के साथ लिया जाता है।
3. तुर्की ताज़ीन: तुर्की ताज़ीन का स्वाद एक जीवंत अनुभव प्रदान करता है। यह स्वादिष्ट व्यंजन तुर्की पाककला की विविधता और रचनात्मकता को प्रदर्शित करता है। ताज़ीन व्यंजन में अक्सर धीमी गति से पकाए गए मांस और सुगंधित मसालों से युक्त सब्ज़ियाँ शामिल होती हैं, जो एक सामंजस्यपूर्ण और स्वादिष्ट अनुभव देती हैं।
4. लाहमकुन: लाहमकुन को अक्सर तुर्की पिज़्ज़ा कहा जाता है। कीमा, सब्ज़ियों और मसालों के स्वादिष्ट मिश्रण से ढकी यह पतली, कुरकुरी फ्लैटब्रेड एक प्रसिद्ध स्ट्रीट फूड है। लाहमकुन का आनंद आम तौर पर नींबू , ताज़ी जड़ी-बूटियों और कुरकुरी सब्ज़ियों के साथ लिया जाता है। यह व्यंजन तुर्की स्ट्रीट फूड की सादगी और समृद्धि का उदाहरण है, जो बनावट और स्वाद का सही संतुलन पेश करता है। टॉपिंग में आम तौर पर प्याज़, टमाटर और मसालों के मिश्रण के साथ कीमा बनाया हुआ बीफ शामिल होता है, जिसे आटे पर पतला फैलाया जाता है और पूर्णता के लिए पकाया जाता है।
5. इक्लि कोफ्ते: इक्लि कोफ्ते, जैसा कि नाम से ही पता चलता है, मसालेदार मांस से भरे तुर्की पकौड़े हैं जो ऊपर से दही और लहसुन युक्त मक्खन डालकर परोसे जाते हैं। ये व्यंजन तुर्की पाक कला की एक उत्कृष्ट कृति हैं। इक्ली कोफ्ते का बाहरी आवरण गेहूं और सूजी से बनाया जाता है।
7. कुनाफ़ा: कुनाफ़ा एक प्रिय तुर्की मिठाई है जो आटे और पनीर से बनी होती है और मीठी चाशनी में भिगोई जाती है। मुलायम, पिघले पनीर की भरावन के साथ कुरकुरी पेस्ट्री एक आनंददायक बनावट और स्वाद का संयोजन प्रस्तुत करती है। इस मिठाई का आनंद आमतौर पर गर्मागर्म लिया जाता है, जिससे यह किसी भी अवसर के लिए एक उत्तम व्यंजन बन जाता है।
आइए अब कुछ ऐसे लोकप्रिय तुर्की व्यंजनों के बारे में जानते हैं जो भारत में अत्यंत प्रसिद्ध हैं और जिन्होंने भारत में आकर अपना एक नया रूप धारण कर लिया है:
1.) जलेबी (तुर्की ज़ुलैबिया): जलेबी की उत्पत्ति पश्चिमी एशिया से हुई है। तुर्की, फ़ारसी, अरबी भाषाओं में इसे अधिकतर मशाबेक या ज़ुलैबिया कहा जाता है। समय के साथ इन्हें कई नाम, आकार और रंग मिले। इसे गेहूं के आटे और ताज़ा दही का उपयोग करके बनाया जाता है, मिश्रण को तला जाता है और चाशनी में डुबोया जाता है। तुर्की या अरब देशों में यह रमज़ान की पसंदीदा मिठाई है।
2.) समोसा (तुर्की संसा): तिकोने आकर के बने समोसे पतले कुरकुरे आवरण के साथ मसालेदार सब्ज़ियों से भरे होते हैं। लहसुन पाउडर, कुटी हुई लाल मिर्च और कोषेर नमक जैसे मसालों के विशिष्ट स्वादिष्ट वाले समोसों को सुनहरा भूरा होने तक डीप फ्राई किया जाता है।
3.) सकरपारे (तुर्की सेकरपार: सेकरपारे एक पारंपरिक तुर्की मिठाई है जिसका अर्थ है मिठास का टुकड़ा। ये मीठी, चिपचिपी और कोमल कुकीज़, सूजी, आटे और पिसी चीनी से बनाई जाती हैं जिन्हें सुनहरे भूरे रंग तक पकाया जाता है और मीठी, नींबू की चाशनी में डूबने के लिए छोड़ दिया जाता है। सेकरपारे लगभग हर तुर्की घर में बनाए जाते और हर तुर्की बेकरी और मिठाई की दुकान में बेचे जाते हैं । बकलवा के बाद यह सबसे लोकप्रिय तुर्की मिठाइयों में से एक है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/mvyyx38a
https://tinyurl.com/2ezff3h5
https://tinyurl.com/2m2pkatw
https://tinyurl.com/tbju5zbh

चित्र संदर्भ
1. जलेबी, समोसे की दूकान को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
2. पारंपरिक तुर्क व्यंजनों को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. अदाना कबाब को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. 'सनबोसाग' को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. समोसे और चटनी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. कबाब को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. बक्लावा को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
8. तुर्की ताज़ीन को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
9. लाहमकुन को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
10. इक्लि कोफ़्ते को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
11. कुनाफ़ा को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
12. जलेबी को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
13. समोसे को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
14. सकरपारे को दर्शाता चित्रण (wikimedia)

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