लखनऊ में स्थित सिडबी, क्‍यों महत्‍वपूर्ण है स्टार्टअप्स के लिए?

नगरीकरण- शहर व शक्ति
30-07-2024 09:25 AM
Post Viewership from Post Date to 30- Aug-2024 (31st) day
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1766 117 1883
लखनऊ में स्थित सिडबी, क्‍यों महत्‍वपूर्ण है स्टार्टअप्स के लिए?
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक ((सिडबी)SIDBI) भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम वित्त कंपनियों के लाइसेंस और विनियमन के लिए सर्वोच्च प्राधिकरण के रूप में कार्य करता है। सिडबी, जिसका मुख्‍यालय लखनऊ में है, भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आता है। सिडबी, उद्यम पूंजी (Venture Capital) के माध्यम से स्टार्टअप और छोटे से मध्यम व्यवसायों को सहायता भी प्रदान करता है। इस लेख में हम 'उद्यम पूंजी' के बारे में जानेंगे। यह क्या है? स्टार्टअप को दी जाने वाली उद्यम पूंजी के कौन से चरण होते हैं और आप, अपने खुद के व्यवसाय के लिए उद्यम पूंजी कैसे प्राप्त कर सकते हैं। हम उन संस्थानों के बारे में भी चर्चा करेंगे जो छोटे से मध्यम व्यवसायों का समर्थन करते हैं और सिडबी के लिए उद्यम पूंजीपतियों की भूमिका निभाते हैं।
वेंचर कैपिटल (Venture Capital) या उद्यम पूंजी क्या है?
वेंचर कैपिटल (VC) या उद्यम पूंजी निजी इक्विटी (private equity) का एक रूप है जो स्टार्टअप कंपनियों (Startup Companies) और छोटे व्यवसायों के लिए दीर्घकालिक विकास हेतु वित्तपोषण का एक माध्‍यम है। वेंचर कैपिटल आम तौर पर निवेशकों, निवेश बैंकों और वित्तीय संस्थानों से आती है। वेंचर कैपिटल को तकनीकी या प्रबंधकीय विशेषज्ञता के रूप में भी प्रदान किया जा सकता है।
जिन स्टार्टअप और छोटी कंपनियों  के आगे विकास की संभावना होती है, उन्‍हें उद्यम पूंजी वित्तपोषण प्रदान  किया जाता है। वित्तपोषण, आम तौर पर निजी इक्विटी (PE) के रूप में आता है। व्‍यवसाय में स्वामित्व की भूमिका स्वतंत्र सीमित भागीदारी (LP) के माध्यम से कुछ निवेशकों को बेची जाती है। उद्यम पूंजी उभरती कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करती है, जबकि निजी इक्विटी निवेश की मांग करने वाली कंपनियों को फंड प्रदान करती है। उद्यम पूंजी धन जुटाने के लिए एक आवश्यक स्रोत है, खासकर अगर स्टार्ट-अप के पास पूंजी  बाज़ार, बैंक ऋण या अन्य ऋण साधनों तक पहुंच नहीं है।
आप उद्यम पूंजी से धन कैसे प्राप्‍त कर सकते हैं?
व्यवसाय योजना जमा करें: कोई भी व्यवसाय जो अपने लिए उद्यम पूंजी चाहता है उसे उद्यम पूंजी फर्म या एंजेल निवेशक को अपनी व्यवसाय योजना जमा करनी होती है। फर्म या निवेशक व्यवसाय मॉडल, उत्पादों, प्रबंधन और संचालन इतिहास की व्यापक जांच करेंगे।
निवेश निर्णय: एक बार व्‍यवसाय की जांच पूरी हो जाने के बाद, फर्म या निवेशक कंपनी में इक्विटी के बदले पूंजी निवेश का निर्णय लेते हैं। ये पूंजी एक बार में दी जा सकती है, लेकिन आमतौर पर इस पूंजी को विभिन्‍न चरणों में दिया जाता है।
निकास: निवेशक कुछ समय बाद, आमतौर पर प्रारंभिक निवेश के चार से छह साल बाद, विलय, अधिग्रहण या प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) शुरू करके कंपनी से बाहर निकल जाता है।
उद्यम पूंजी के चरण:
प्रारंभिक चरण: इसमें व्‍यवसायी अपने व्‍यसाय का संचालन शुरू करने के लिए काम करते हैं और अपने विचार की व्यवहार्यता का  आंकलन करने के लिए अपने उत्पाद या सेवा प्रोटोटाइप (Prototype) को बनाना शुरू करते हैं। इस बिंदु पर उद्यम पूंजी इक्विटी के बदले वित्तपोषण प्रदान नहीं करते  है, इसलिए आपको अपने व्यक्तिगत संसाधनों और संपर्कों पर निर्भर रहना होगा। इस चरण में सबसे सामान्य निवेशक स्टार्टअप के संस्थापक, दोस्त और परिवार, और प्रारंभिक चरण के फंड (सूक्ष्‍म उद्यम पूंजी) होते हैं।
बीज: इस अवस्‍था में आपकी कंपनी के पास एक निश्चित अनुभव होता है जो एक जीवंत कंपनी बनने की क्षमता रखता है। आपको अब उद्यम पूंजी को यह दिखाने के लिए एक पिच डेक (Pitch Deck) की आवश्यकता होती है कि आपका विचार एक व्यवहार्य निवेश का अवसर देता है। बीज चरण में जुटाई गई अधिकांश मामूली राशि विशिष्ट गतिविधियों जैसे  बाज़ार अनुसंधान, व्यवसाय योजना विकास, प्रबंधन टीम की स्थापना और उत्पाद विकास के लिए होती है। उद्देश्य अब पर्याप्त वित्तपोषण सुरक्षित करना है ताकि भविष्य के निवेशकों को दिखाया जा सके कि आपके पास विकास और विस्तार की क्षमता है। इस चरण में सबसे सामान्य निवेशक स्टार्टअप के मालिक, दोस्त और परिवार, एंजेल निवेशक, प्रारंभिक वेंचर कैपिटलिस्ट (Venture Capitalist) होते हैं।
श्रृंखला A: श्रृंखला A के दौर में, आपको एक योजना की आवश्यकता होती है जो दीर्घकालिक लाभ उत्पन्न कर सके। चाहे आपके पास कितने भी उत्साही उपयोगकर्ता हों, फिर भी आपके पास यह योजना होनी चाहिए की आप कैसे अपने उत्‍पाद को लंबे समय तक मौद्रिक लाभ के योग्‍य बनाए रखेंगे। अधिकांश श्रृंखला A फंडिंग एंजेल निवेशकों और पारंपरिक वेंचर कैपिटल फर्मों से आती है। लेकिन आपके क्षेत्र में पारिवारिक कार्यालय और कॉर्पोरेट उद्यम पूंजी फंड भी फंडिंग के उपलब्ध स्रोत होते हैं। ये निवेशक उन स्टार्टअप्स में रुचि रखते हैं जिनकी एक ठोस व्यापार रणनीति होती है और जिनके पास इसे लागू करने की क्षमता होती है - ताकि उनके निवेश के विफल होने का जोखिम कम हो।
श्रृंखला B: श्रृंखला A में निवेशक आपकी क्षमता को मापेंगे | श्रृंखला B में वे व्‍यवसाय के वास्‍तविक परिणामों को देखेंगे ताकि भविष्य के धन संग्रहण को समर्थन मिल सके। प्रदर्शन मेट्रिक्स निवेशकों को विश्वास दिलाते हैं कि आप और आपकी टीम बड़े पैमाने पर सफलता प्राप्त कर सकती  है । श्रृंखला B फंडिंग प्रदान करने वाले उद्यम पूंजी, कॉर्पोरेट उद्यम पूंजी आदि स्टार्टअप्स के वित्तपोषण में विशेषज्ञ होते हैं। वे आपके लिए मार्केट्स का विस्तार करने और विपणन, बिक्री और ग्राहक सेवा जैसी परिचालन टीमों को बनाने के लिए आवश्यक फंड प्रदान कर रहे होते हैं।
श्रृंखला C और उससे आगे: जब आप श्रृंखला C के फंडिंग चरण पर पहुंचते हैं, तो आप एक विकास पथ पर होते हैं। आपने सफलता प्राप्त कर ली होती है और चरणबद्ध वित्तपोषण से आपको नए उत्पाद बनाने, नए  बाज़ारों तक पहुंचने और यहां तक कि अन्य स्टार्टअप्स का अधिग्रहण करने में मदद मिलेगी। इस चरण तक पहुँचने के लिए आमतौर पर 2-3 साल लगते हैं, और आप  तेज़ी से विकास और निरंतर लाभप्रदता उत्पन्न कर रहे होते हैं। श्रृंखला C और उसके बाद के वित्तपोषण प्राप्त करने के लिए, आपको एक मजबूत ग्राहक आधार के साथ  बाज़ार में भलि भांति स्थापित होना होगा।
मेज़ानाइन (Mezzanine): उद्यम पूंजी का अंतिम चरण आपकी तरलता  घटने की ओर संक्रमण को चिह्नित करता है, चाहे वह सार्वजनिक हो या M&A के माध्यम से निकास हो। आप परिपक्वता प्राप्त कर चुके हैं और अब आपको प्रमुख विकास की ओर बढ़ने के लिए वित्तपोषण की आवश्यकता है। मेज़ानाइन चरण में प्रवेश करना - इसे अक्सर ब्रिज स्टेज या प्री-पब्लिक स्टेज (Bridge stage or pre-public stage) भी कहा जाता है - इसका मतलब है कि आप एक पूर्ण विकसित, व्यवहार्य व्यवसाय हैं। जिन निवेशकों ने आपको इस स्तर की सफलता तक पहुँचने में मदद की है वे अब अपने शेयरों को बेचने और अपने निवेश पर महत्वपूर्ण रिटर्न अर्जित करने का निर्णय ले सकते हैं। प्रारंभिक निवेशकों के जाने के साथ, यह देर-चरण के निवेशकों के लिए आईपीओ (IPO) या बिक्री से लाभ उठाने की उम्मीद में प्रवेश करने का दरवाजा खोलता है।
निकास या सार्वजनिक होना: आईपीओ या प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव उद्यम पूंजी से परे फंडिंग की प्राकृतिक प्रगति है। यह आपके निजी कंपनी को सार्वजनिक करके खुले बाजार में कॉर्पोरेट शेयरों की पेशकश करने की प्रक्रिया है। यह एक बढ़ते स्टार्टअप के लिए बहुत प्रभावी तरीका हो सकता है।
सिडबी के लिए वेंचर कैपिटलिस्ट के रूप में कार्य करने वाली संस्थाएं:
एक्यूइट रेटिंग्स एंड रिसर्च लिमिटेड (Acute Ratings & Research Limited): यह एक पूर्ण सेवा क्रेडिट रेटिंग एजेंसी (Credit rating agency) है, जो भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ पंजीकृत है, और भारतीय  रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा बासेल-द्वितीय (BASEL-II) मानदंडों के तहत बैंक ऋण रेटिंग के लिए एक बाहरी क्रेडिट मूल्यांकन संस्था (ECAI) के रूप में मान्यता प्राप्त है।
माइक्रो और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट (CGTMSE): सिडबी ने क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल  एंटरप्राइज़ेज़ ((Credit Fund Trust for Micro and Small Enterprises) CGTMSE) जैसी संस्थाओं की स्थापना की है जो एसएमई (SME) को दिए गए बैंकों के लिए बिना  ज़मानत ऋण की गारंटी प्रदान करती है।
माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड  रीफाइनैंस एजेंसी ((Micro Units Investment & Refinance Agency) MUDRA): मूद्रा माइक्रो यूनिट्स को ₹10 लाख तक के ऋण की आवश्यकता वाले बैंकों को पुनर्वित्त समर्थन प्रदान करती है।
रिसीवेबल्स एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड ((Receivables Exchange of India Limited) RXIL): यह सिडबी और एनएसई (NSE) द्वारा प्रचारित एक संयुक्त उद्यम है। आरएक्सआईएल, आरबीआई (RBI) द्वारा जारी टीआरईडीएस (TReDS) दिशानिर्देशों के अनुसार ट्रेड रसीदों की डिस्काउंटिंग सिस्टम (TReDS) प्लेटफ़ॉर्म का संचालन करती है।
इंडिया एसएमई एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (( India SME Asset Reconstruction Company Ltd.)ISARC): यह एक एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (Asset Reconstruction Company) है जो सिडबी के साथ-साथ प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा स्थापित की गई है। इसका उद्देश्य, विशेष रूप से एमएसएमई (MSME) क्षेत्र में, एनपीए (NPA) का अधिग्रहण करना और संभावित रूप से व्यवहार्य इकाइयों के  तेज़ी से पुनर्गठन और गैर-व्यवहार्य इकाइयों के परिसमापन को उत्प्रेरित करना है, ताकि संपत्तियों का उत्पादक उपयोग अधिकतम हो सके।
उद्यम पूंजी, स्टार्टअप और छोटे व्यवसायों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विभिन्न चरणों के माध्यम से फंडिंग प्राप्त करके, ये व्यवसाय न केवल अपनी सेवाओं और उत्पादों का विस्तार कर सकते हैं बल्कि आर्थिक विकास में भी योगदान  दे सकते हैं। सिडबी और उसके साथ काम करने वाली संस्थाएं एमएसएमई क्षेत्र को समर्थन देने के लिए लगातार प्रयासरत हैं, जिससे देश में आर्थिक स्थिरता और  रोज़गार के अवसर बढ़ रहे हैं। उद्यम पूंजी प्राप्त करने के लिए व्यवसायों को एक मज़बूत  योजना और दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है, और सही मार्गदर्शन से वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
 
संदर्भ :
https://shorturl.at/hpbNW
https://shorturl.at/6mn3m
https://t.ly/aMNyy

चित्र संदर्भ
1. एक स्टार्टअप और सिडबी के लोगो को संदर्भित करता एक चित्रण (wikipedia, 3D Bay)
2. वेंचर कैपिटल को दर्शाता चित्रण (Wannapik)
3. एक स्टार्टअप सेमिनार को संदर्भित करता एक चित्रण (Flickr)
पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.