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विश्व के कई बड़े शहर नदियों के आसपास विकसित हुए हैं। हमारे देश भारत और उत्तर प्रदेश में भी नदियों के किनारे कई शहर बसे हुए हैं। हमारा अपना शहर लखनऊ भी गोमती नदी के किनारे बसा हुआ है। नदियाँ न केवल दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करती हैं, बल्कि आर्थिक विकास और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देती हैं। इनसे साफ पानी तक पहुंच आसान होती है, जो पीने, सिंचाई और कृषि के विकास के लिए आवश्यक है। चूँकि हम सभी को पानी की आवश्यकता होती है, एक जल स्रोत हमें एक साथ लाता है, और हम उसके चारों ओर विकसित होना शुरू करते हैं। प्रागैतिहासिक काल में जब मनुष्यों ने अपने रहने के लिए स्थान निश्चित करना तय किया, तो पानी अवश्य ही एक आकर्षक कारक रहा होगा। क्योंकि जल स्रोत घरेलू और कृषि आपूर्ति के साथ-साथ परिवहन उद्देश्यों के लिए भी आवश्यक एवं सहायक होते हैं। तो आइए, आज के इस लेख में, यह जानने की कोशिश करते हैं कि मानवीय सभ्यता के विकास में नदियों ने किस प्रकार महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और आज भी देश और विदेश के अधिकांश बड़े शहर किस तरह नदियों पर निर्भर है। इसके साथ ही भारत के कुछ प्रमुख शहरों के नाम जानते हैं, जो नदियों के किनारे बसे हैं।
यदि ईरान के इतिहास को देखा जाए, तो पता चलता है कि अधिकांश समुदाय जल स्रोत के आसपास ही विकसित हुए हैं। फारसी भाषा में "पानी" के लिए "अब" शब्द का और "समुदाय" के लिए "अबादी" शब्द का उपयोग किया जाता है। चूँकि हम सभी को पानी की आवश्यकता होती है, एक जल स्रोत हमें एक साथ लाता है। यह जानना भी दिलचस्प तथ्य बन जाता है कि समुदाय की अवधारणा पानी की अवधारणा से कैसे निकटता से जुड़ी हुई है?
अधिकांश प्राचीन सभ्यताएं नदियों के किनारे ही विकसित हुई हैं। जल स्रोत से कृषि के साथ-साथ घरेलू उद्देश्यों के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित होती है, साथ ही परिवहन के लिए एक मार्ग भी प्राप्त होता है। ऐतिहासिक काल में जब मनुष्यों ने अपने रहने के स्थान निश्चित किया, तो उन्होंने जल स्रोत के निकट प्रमुखता से अपने निवास स्थान बनाए। कृषि के साथ-साथ उन्हें जल स्रोत से मछली आदि जलीय जीवों के शिकार में भी आसानी हुई। हालांकि, समय के साथ मनुष्य ने अन्य स्रोतों जैसे कि, नहरों या पाइपलाइनों, भूजल पंपिंग, और अलवणीकरण, से पर्याप्त पानी के परिवहन के लिए उन्नत उपाय विकसित करके नदियों के सीधे निकटता पर अपनी निर्भरता को कम कर लिया है। लेकिन आज भी मनुष्य प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपनी जल आवश्यकताओं के लिए नदियों पर ही निर्भर है।
मानव विकास में नदियां सदैव महत्वपूर्ण रही हैं। यदि ध्यान दिया जाए, तो आप पाएंगे, कि नदियों के किनारे जितने भी शहर स्थित हैं, वे सभी शहर पूरे इतिहास में मानव समाज के विकास के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं। मिस्र में नील नदी (Nile River), मेसोपोटामिया में टाइग्रिस (Tigris) और यूफ्रेट्स (Euphrates) नदियां और दक्षिण एशिया (South Asia)में सिंधु नदी इस बात के प्रमुख उदाहरण हैं कि कैसे नदियों ने मानव सभ्यता को आधार प्रदान किया है। दुनिया के कई सबसे महत्वपूर्ण शहर नदियों के पास स्थित हैं, जिनमें पेरिस (Paris), लंदन (London), न्यूयॉर्क शहर (New York) और शंघाई (Shanghai) शामिल हैं। ये शहर संस्कृति, वाणिज्य और नवाचार के केंद्र हैं, और नदियों के किनारे उनकी स्थिति ने उनके विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसी प्रकार, भारत में हरिद्वार, दिल्ली, कोलकाता, वाराणसी, पटना, अहमदाबाद और लखनऊ जैसे शहर भी नदी तट पर स्थित हैं और इन शहरों ने देश के इतिहास, संस्कृति और अर्थव्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नदियों के किनारे बसे शहरों के नागरिकों को जल निकायों से कई प्रकार के लाभ भी होते हैं। नदियों के किनारे बसे शहर कई कारणों से महत्वपूर्ण हैं, जैसे
अंतर्देशीय परिवहन: प्रमुख नदियों के किनारे स्थित शहर ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण व्यापार और वाणिज्य केंद्र के रूप में कार्य करते रहे हैं। नदियां माल परिवहन के लिए एक आसान मार्ग प्रदान करती हैं। नदियों के माध्यम से माल परिवहन सुविधाजनक हो जाता है, जिससे उत्पादों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना आसान हो जाता है।
सांस्कृतिक महत्व: नदियों के पास स्थित शहर अक्सर महत्वपूर्ण सांस्कृतिक प्रभाव रखते हैं। उदाहरण के लिए, गंगा नदी हिंदू धर्म में पूजनीय है, और हरिद्वार, वाराणसी और प्रयागराज शहर, जो इस नदी के किनारे स्थित हैं, सबसे पुरानी बस्तियों में से कुछ हैं जो आज भी अस्तित्व में हैं। और इन शहरों का सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व भी अत्यंत है।
पर्यटन: नदियों के किनारे स्थित अधिकांश शहर लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं। बहुत से लोग नौकायन, मछली पकड़ने, धार्मिक कार्यों और दर्शनीय स्थलों की यात्रा जैसी गतिविधियों का आनंद लेने के लिए नदियों पर स्थित शहरों में जाते हैं। कुछ प्रसिद्ध नदी तटीय पर्यटन स्थलों में हमारे देश भारत में हरिद्वार, वाराणसी, नासिक, कोलकाता तथा विदेशों में वेनिस, इटली (Venice, Italy), बुडापेस्ट, हंगरी (Budapest, Hungary), और बैंकॉक, थाईलैंड (Bangkok, Thailand) का नाम लिया जा सकता है।
पानी तक पहुंच: यदि कोई शहर किसी नदी के पास स्थित है, तो उसके निवासियों को साफ पानी आसानी से उपलब्ध होता है, जो पीने, सिंचाई और कृषि के लिए आवश्यक है। नदियों से औद्योगिक और विनिर्माण प्रक्रियाओं के लिए पानी की निरंतर आपूर्ति भी सुनिश्चित होती है।
सामाजिक महत्व: नदियों के करीब के शहर ऐतिहासिक रूप से सामाजिक संपर्क और मनोरंजन के लिए महत्वपूर्ण केंद्र रहे हैं, जो विभिन्न प्रकार के मनोरंजन के अवसर प्रदान करते हैं और सामुदायिक जीवन को बढ़ावा देते हैं।
सौभाग्य से, हमारे देश भारत को नदियों की एक बड़ी श्रृंखला का आशीर्वाद प्राप्त है, जिनमें से प्रत्येक नदी देश की संस्कृति, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण में योगदान देती है। भारत की प्रमुख नदियों में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी, कृष्णा और कई अन्य नदियाँ शामिल हैं, जो कई शहरों से होकर बहती हैं।
ये नदियां शहरों के सांस्कृतिक एवं आर्थिक महत्व को बढ़ाने के साथ-साथ शहर की सुंदरता भी बढ़ाती हैं, जैसे वाराणसी, जहां गंगा बहती है, या चेन्नई, जहां कूउम और अडयार नदियां शहर से बहती हैं। ये उन कई भारतीय शहरों में से कुछ हैं जिनका अस्तित्व और जीवंतता उनके बीच बहने वाली नदियों के कारण है। चाहे वह पवित्र अनुष्ठानों के लिए हो, व्यापार के लिए हो, या केवल एक प्राकृतिक पृष्ठभूमि के लिए हो, यदि देखा जाए, तो ये शहर पूरी तरह से अपनी नदियों पर निर्भर हैं, और ये नदियां आज इन शहरों के दैनिक जीवन और संस्कृति का एक मूलभूत हिस्सा बन गई हैं। नदियां केवल इन शहरों के भूगोल को नहीं दर्शाती; ये इनके इतिहास, संस्कृति और आजीविका की कहानी हैं जो इन जलयुक्त राजमार्गों पर पनपी है। हुगली के तट पर कोलकाता की हलचल से लेकर गोदावरी के किनारे नासिक की शांति तक, इनमें से प्रत्येक शहर उन नदियों के प्रवाह से जुड़ा एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है जिन्होंने उनकी नियति को आकार दिया है। आइए, अब भारत के कुछ प्रमुख शहरों के नाम जानते हैं, जो नदियों के किनारे बसे हैं:
भारतीय शहर |
महत्वपूर्ण शहर नदियाँ |
आगरा |
यमुना |
अहमदाबाद |
साबरमती |
इलाहाबाद |
गंगा और यमुना के संगम पर |
अयोध्या |
सरयू |
बद्रीनाथ |
अलकनंदा |
बरेली |
रामगंगा |
कुरनूल |
तुंगभद्रा |
कटक |
महानदी |
दिल्ली |
यमुना |
डिब्रूगढ़ |
ब्रह्मपुत्र |
फिरोजपुर |
सतलुज |
गुवाहाटी |
ब्रह्मपुत्र |
हरिद्वार |
गंगा |
हैदराबाद |
मूसी |
जबलपुर |
नर्मदा |
जमशेदपुर |
सुवर्णरेखा |
जौनपुर |
गोमती |
कानपुर |
गंगा |
कोलकाता |
हुगली |
कोटा |
चंबल |
लखनऊ |
गोमती |
लुधियान |
सतलुज |
मथुरा |
यमुना |
नासिक |
गोदावरी |
पणजी |
मांडवी |
पटना |
गंगा |
संबलपुर |
महानदी |
श्रीनगर |
झेलम |
सूरत |
ताप्ती |
तिरुचिरापल्ली |
कावेरी |
उज्जैन |
क्षिप्रा |
वाराणसी |
गंगा |
विजयवाड़ा |
कृष्णा |
चित्र संदर्भ
1. 1895 में लखनऊ के छतर मंज़िल के निकट गोमती नदी के दृश्य को दर्शाता चित्रण (picryl)
2. ईरान में सासानी कवार ब्रिज को संदर्भित करता एक चित्रण (worldhistory)
3. लद्दाख में सिंधु नदी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. नदियों में अंतर्देशीय परिवहन को संदर्भित करता एक चित्रण (PixaHive)
5. वाराणसी के घाटों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग को दर्शाता चित्रण (Peakpx)
7. नदी से पानी पी रही गाय को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
8. नदी में नहा रहे बच्चों को संदर्भित करता एक चित्रण (Freerange Stock)
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