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हमारे देश भारत में क्रिकेट को एक धर्म के रूप में पूजा जाता है। देश में गली में खेलने वाले छोटे-छोटे बच्चों से और मैदाने में खेलने वाले युवाओं से लेकर टीवी पर मैच देखने वाले बुजुर्गों और महिलाओं तक क्रिकेट के लिए जो दीवानगी है, वह देखते ही बनती है। जब भी भारतीय टीम के किसी भी अंतरराष्ट्रीय खेल का आयोजन होता है, तो भारत के घरों में सारे घरेलू कामकाज बंद करके मैच देखा जाता है। यहां तक की लोग मैच देखने के लिए अपने ऑफिस से भी छुट्टी ले लेते हैं। आज क्रिकेट मैच 20-20 के छोटे प्रारूप तक सीमित हो गया है। लेकिन इसका मूल रूप टेस्ट मैच था, जो 5 दिनों तक चलता था। क्या आप जानते हैं कि पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टेस्ट मैचों की शुरुआत कैसे हुई? तो आइए आज के इस लेख में, टेस्ट मैच के इतिहास एवं विकास के बारे में जानते हैं। साथ ही यह भी देखते हैं कि भारत में क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की स्थापना कब हुई और भारत ने अपना पहला टेस्ट मैच कब खेला। इसके साथ ही हमारे लखनऊ के अंतरराष्ट्रीय “एकाना क्रिकेट स्टेडियम” के विषय में जानते हैं।
दो राष्ट्रीय टीमों के बीच पहला टेस्ट मैच 1877 में मेलबर्न (Melbourne) में ऑस्ट्रेलिया (Australia) और इंग्लैंड (England) के बीच खेला गया था, जिसमें ऑस्ट्रेलिया की जीत हुई थी। इसके बाद 1882 में ऑस्ट्रेलिया ने केनिंग्टन, लंदन (Kennington, London) के ओवल (Oval) में फिर से जीत हासिल की। 19वीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में दोनों देशों के बीच लगभग वार्षिक रूप से खेल आयोजित किए जाते थे। उस दौरान इंग्लैंड की टीम में डब्ल्यू.जी. ग्रेस (W.G. Grace) जैसे महान क्रिकेटर और ऑस्ट्रेलिया की टीम में एफ.आर. स्पोफोर्थ (F.R. Spofforth) और जे.मैक ब्लैकहैम (J.McC. Blackham) जैसे इस युग के सबसे महान गेंदबाज और पहले महान विकेटकीपर थे। 1907 में दक्षिण अफ्रीका (South Africa) ने पहली बार इंग्लैंड में टेस्ट मैच खेला और ऑस्ट्रेलिया से भी मुकाबला किया।
इसी अवधि के दौरान 1928 में वेस्टइंडीज (West Indies), 1930 में न्यूजीलैंड (New Zealand) और 1932 में भारत ने टेस्ट मैच जगत में आगमन किया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद गर्मियों के दौरान इंग्लैंड में नियमित रूप से टेस्ट मैच आयोजित किए जाते थे। 1952 में पाकिस्तान ने टेस्ट मैच खेलना शुरू किया। इस बीच टेस्ट मैच खेलने वाले देशों के बीच दौरों में इस हद तक लगातार वृद्धि हुई थी, कि जबकि पहले 500 टेस्ट मैच 84 वर्षों में खेले गए थे, अगले 500 टेस्ट मैच के आंकड़े को छूने में केवल 23 वर्ष लगे। 1982 में आठवें टेस्ट मैच खेलने वाले देश के रूप में श्रीलंका का प्रवेश हुआ, जिसने क्रिकेट इतिहास में पहली बार चार तेज गेंदबाजों के साथ प्रतिपक्षी टीम पर विनाशकारी आक्रमण करने की शुरुआत की। जिम्बाब्वे को 1992 में और बांग्लादेश को 2000 में टेस्ट मैच खेलने वाले देशों के रूप में शामिल किया गया। हालांकि इसी बीच 1972 में एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच भी शुरू हो गए थे। 1975 में पहला विश्व कप इंग्लैंड में 60 ओवरों के एक दिवसीय मैचों की श्रृंखला में खेला गया था। 1987 में ओवरों की संख्या को घटाकर 50 कर दिया गया। यह आयोजन बेहद सफल रहा और प्रत्येक चार साल के अंतराल पर जारी रहा। 1987 में पहली बार एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच इंग्लैंड के बाहर भारत और पाकिस्तान में आयोजित किया गया।
टेस्ट मैच की शुरुआत को लेकर एक दिलचस्प तथ्य यह है कि पहला टेस्ट मैच प्रति ओवर चार गेंदों के साथ खेला गया था। हालाँकि इस मैच की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं थी, लेकिन यह चार दिनों के भीतर ख़त्म हो गया था। इस मैच की पहली गेंद अल्फ्रेड शॉ (Alfred Shaw) ने चार्ल्स बैनरमैन (Charles Bannerman) को फेंकी थी, जिन्होंने पहला शतक भी लगाया था। इस मैच में खेलने वाले इंग्लैंड के जेम्स साउथर्टन (James Southerton) सबसे उम्रदराज खिलाड़ी थे, जिनकी उम्र उस समय 49 वर्ष थी और आज भी वह क्रिकेट इतिहास में सबसे उम्रदराज खिलाड़ी के रूप में दर्ज हैं। टेस्ट मैच के प्रारूप में पहला उल्लेखनीय बदलाव 1889 में आया, जब ओवर को बढ़ाकर पांच गेंद का कर दिया गया, इसके बाद वर्ष 1900 में ओवर को नियमित छह गेंद का कर दिया गया।
पहले 100 टेस्ट मैच बिना किसी निश्चित समय सीमा के खेले गए। और 1950 के बाद से ही चार दिवसीय और पांच दिवसीय टेस्ट मैच की शुरुआत की गई। टेस्ट रैंकिंग 2003 में शुरू की गई थी, जबकि टेस्ट क्रिकेट को एकदिवसीय और टी20ई जैसे रूपों के समान पहचान देने के लिए वर्ष 2019 में 'आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप' (ICC World Test Championship) की भी शुरुआत की गई। परंपरागत रूप से, टेस्ट क्रिकेट लाल गेंद का उपयोग करके खेला जाता है, क्योंकि दिन के दौरान लाल रंग की गेंद को देख पाना आसान होता है। हालाँकि, यह लाल रंग की गेंद भी तीन तरह की होती है। इंग्लैंड और विंडीज़ खेलने के लिए ड्यूक-निर्मित (Dukes-manufactured) गेंदों का उपयोग करते हैं, जो हाथ से सिली जाती हैं। भारत में, टेस्ट एसजी-निर्मित (SG-manufactured) गेंदों से खेले जाते हैं, जिन्हें मशीन से सिला जाता है, जबकि अन्य देश कूकाबुरा (Kookaburra) गेंदों का उपयोग करते हैं, जिन्हें भी मशीन से सिला जाता है। टेस्ट क्रिकेट में सबसे क्रांतिकारी बदलाव डे-नाइट (Day-Night) टेस्ट की शुरुआत के रूप में हुआ। इन टेस्टों की खासियत यह है कि इनमें लाल की जगह गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि रात के दौरान गुलाबी गेंद अधिक दिखाई देती है।
‘भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड’ (Board of Control for Cricket in India (BCCI)) की स्थापना 1928 में की गई और कुछ ही समय बाद ‘अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कंट्रोल’ (ICC) ने भारत को पूर्ण सदस्य के रूप में स्वीकार करते हुए उन्हें आधिकारिक टेस्ट मैच खेलने का दर्जा दिया। हालांकि इसके 4 साल बाद तक भारत को अपना पहला टेस्ट मैच खेलने का अवसर नहीं मिला। और भारत ने अपना पहला टेस्ट मैच 1932 में इंग्लैंड के विरुद्ध लॉर्ड्स (Lords) के मैदान में खेला। इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच में सीके नायडू के नेतृत्व में भारतीय टीम दुर्भाग्य से 158 रनों से हार गई थी। भारत को टेस्ट मैच में जीत का स्वाद चखने में 20 साल लगे, जब 1951-52 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में श्रृंखला के पांचवें टेस्ट में भारत में जीत दर्ज की। इसके एक साल बाद नवंबर 1952 में, भारत ने पड़ोसी देश पाकिस्तान के खिलाफ अपनी पहली श्रृंखला जीत का जश्न मनाया।
हमारे लखनऊ शहर में भी एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम 'एकाना क्रिकेट स्टेडियम' (Ekana Cricket Stadium) है, जिसे 'भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी' (Bharat Ratna Shri Atal Bihari Vajpayee (BRSABV) के नाम से भी जाना जाता है। 2018 में, भारत के 10वें प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में स्टेडियम का नाम बदला गया था। इस मैदान में 50,000 लोगों के बैठने की क्षमता है और यह भारत का पांचवां सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है। 18 जनवरी 2024 तक, इस स्टेडियम में 1 टेस्ट, 9 एकदिवसीय और 6 टी20ई मैच खेले जा चुके हैं। यह स्टेडियम उत्तर प्रदेश क्रिकेट टीम, उत्तर प्रदेश महिला क्रिकेट टीम और आईपीएल फ्रेंचाइजी लखनऊ सुपर जायंट्स (IPL franchise the Lucknow Super Giants) का घरेलू मैदान भी है। 2019 में, अफगानिस्तान क्रिकेट टीम ने भी इसे अपने घरेलू मैदान के रूप में इस्तेमाल किया था।
इस स्टेडियम में कई अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय मैचों की मेजबानी की है। अभी हाल ही में पिछले वर्ष इसने '2023 पुरुष क्रिकेट विश्व कप' के पांच मैचों की मेजबानी भी की। इसके अलावा 2017-18 दिलीप ट्रॉफी के फाइनल की भी मेजबानी की। 6 नवंबर 2018 को, स्टेडियम ने भारत और वेस्ट इंडीज के बीच एक 20-20 अंतर्राष्ट्रीय (टी20ई) के रूप में अपने पहले अंतरराष्ट्रीय मैच की मेजबानी की, जिसके बाद यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच की मेजबानी करने वाला भारत का 52 वां स्टेडियम बन गया।
संदर्भ
https://tinyurl.com/6fskyt8r
https://tinyurl.com/5xwnfcz9
https://tinyurl.com/yc8b2jwa
https://tinyurl.com/bdfhy4cd
चित्र संदर्भ
1. एक क्रिकेट मैच के दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. 1928 में खेले गए एक क्रिकेट मैच के दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (PICRYL)
3. युवाओं के एक समूह को क्रिकेट खेलते हुए संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. 1914 में हिंदमार्श ओवल में खेले जा रहे क्रिकेट को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के लोगो को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. एकाना क्रिकेट स्टेडियम को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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