मोनार्क तितलियों के जीवन पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

तितलियाँ व कीड़े
18-06-2024 10:05 AM
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मोनार्क तितलियों के जीवन पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

प्रकृति ने हमें वृक्षों, पौधों, फूलों, पशु-पक्षियों एवं कीटों के रूप में कई अनमोल उपहार दिए हैं। इन्हीं अनमोल उपहारों में से एक तितलियाँ प्रकृति की बेहद खूबसूरत रचनाएं हैं। संपूर्ण विश्व में लगभग हर जगह तितलियाँ देखी जा सकती हैं। तितलियाँ पर्यावरण के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होती हैं। ये खूबसूरत रंग-बिरंगे नन्हे जीव पौधों के परागणक होने के साथ-साथ खाद्य श्रृंखला में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
तितलियाँ 'लेपिडोप्टेरा' (Lepidoptera) नामक कीटों के समूह से संबंधित होती हैं। किसी भी पारिस्थितिकी तंत्र में तितलियों का अस्तित्व अत्यंत आवश्यक है क्योंकि तितलियाँ जैव-संकेतक होती हैं और पारिस्थितिकी तंत्र में मामूली बदलाव को भी महसूस कर सकती हैं। किसी पारिस्थितिकी तंत्र में उनकी संख्या कई पर्यावरणीय कारकों जैसे आर्द्रता, तापमान और लार्वा मेजबान पौधों की उपलब्धता से प्रभावित होती है क्योंकि तितलियाँ केवल विशिष्ट पौधों पर ही अंडे देती हैं जिन्हें लार्वा मेजबान पौधों के रूप में जाना जाता है। तापमान में परिवर्तन के प्रति अति संवेदनशील तितलियों में सबसे ऊपर मोनार्क (Monarch) तितलियों का नाम आता है। मोनार्क तितलियाँ, जिनका वैज्ञानिक नाम 'डैनॉस प्लेक्सिपस' (Danaus plexippus) दुनिया भर में पाई जाती हैं। मोनार्क तितलियाँ तापमान में परिवर्तन के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं क्योंकि इस कारक पर इनका प्रवासन, शीतनिद्रा और प्रजनन मुख्य रूप से निर्भर करता है। जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में परिवर्तन होने पर इनके जीवन के चरणों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
उदाहरण के लिए, उत्तर-पूर्व संयुक्त राज्य अमेरिका (Northeast United States) और दक्षिण-पूर्व कनाडा (Southeast Canada) से मोनार्क तितलियां 1,200 से 2,800 मील तक या उससे अधिक की दूरी तय करके मध्य मेक्सिको (Central Mexico) के पहाड़ी जंगलों तक प्रवास करती है, , जहाँ उन्हें नवंबर की शुरुआत से मार्च के मध्य तक शीतनिद्रा में रहने के लिए सही जलवायु परिस्थितियाँ उपलब्ध होती हैं। यह पाया गया है कि ठंडे स्थानों पर निवास करने वाली इन तितलियों में शीत ऋतु के दौरान दक्षिण से उत्तर की ओर प्रवास की प्रवृत्ति होती है। इससे यह पता चलता है कि ठंडे स्थानों पर, यदि तापमान गर्म रहता है, तो महत्वपूर्ण रूप से वसंत में तितलियों की उत्तर की ओर वापसी की यात्रा को भी रोका जा सकता है। इससे यह भी पता चलता है कि शरद ऋतु के दौरान बेमौसम ठंड की घटनाओं के दक्षिण की ओर प्रवास करने वाली तितलियोंके प्रवास पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। तापमान तितलियों की शीतनिद्रा अवधि को भी प्रभावित करता है। सर्दियों में तितलियों को जंगलों में रहने की ज़रूरत होती है, जहां तापमान काफी कम होता है ताकि उनका चयापचय बहुत अधिक न हो, लेकिन इतना भी कम नहीं, कि वे जम जाएं। इसलिए, जलवायु परिवर्तन के कारण उच्च तापमान और अनियमित ठंड की घटनाओं के कारण तितलियों की शीतनिद्रा में जीवित रहने की क्षमता प्रभावित होती है जिससे उनका जीवन खतरे में पड़ सकता है।
इसके अलावा, मोनार्क तितलियां केवल मिल्कवीड नामक एकमात्र पौधे पर प्रजनन करती हैं और अपने अंडे देती हैं। यह पौधा मोनार्क तितली के इल्ली (caterpillar) के लिए भी एक मात्र स्त्रोत होता है। सामान्य से अधिक तापमान मिल्कवीड के विकास और गुणवत्ता में भी बाधा डालता है। यह भी अनुमान लगाया गया है कि भविष्य में बढ़ते तापमान के कारण उपयुक्त परिस्थितियों के लिए मिल्कवीड पौधे अपने निश्चित स्थान से धीरे-धीरे ध्रुव की ओर स्थानांतरित होते जाएंगे। इससे एक चिंता यह बढ़ जाती है कि क्या मोनार्क तितलियाँ इन बदलते स्थलों और वातावरणों के अनुरूप सफलतापूर्वक अनुकूलन कर पाएंगी। यह भी माना जाता है कि यदि मिल्कवीड का दायरा आगे बढ़ता है, तो तितलियों के प्रजनन में गिरावट आएगी। क्योंकि इसके परिणामस्वरूप तितलियों को लंबी दूरी तक प्रवास करने की आवश्यकता होगी, जिससे प्रजनन स्थल पर बिताया जाने वाला समय कम हो जाएगा। आज मोनार्क तितलियों के कुछ क्षेत्रों में न केवल तापमान बढ़ रहा है, बल्कि वर्षा का स्तर भी बढ़ रहा है। यह पाया गया है कि अधिक वर्षा के कारण तितलियों द्वारा अपने अंडे देने में लगने वाले समय में कमी आती है। इसके अलावा निरंतर चरम मौसम की घटनाएं भी बढ़ रही हैं, उदाहरण के लिए, मेक्सिको में 2002 के भयंकर तूफान में इन तितलियों की लगभग 80 प्रतिशत आबादी को समाप्त कर दिया था।
यह देखा गया है कि हमारे उत्तर प्रदेश के 'हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य' का मेरठ क्षेत्र तितली प्रजातियों की विविधता के मामले में अत्यंत समृद्ध क्षेत्र है। यहां पर तितलियों की प्रजातियों की विविधता में भिन्नता का पता लगाने के लिए कई अध्ययन किए गए हैं। इस क्षेत्र में ऐसा ही एक अध्ययन अप्रैल 2021 से नवंबर 2022 के बीच तीन चयनित स्थलों पर तितली प्रजातियों की विविधता को रिकॉर्ड करने के लिए किया गया था। सर्वेक्षण अवधि के दौरान अध्ययन क्षेत्र में, 22 प्रकार की 27 प्रजातियों की कुल 1,171 तितलियां पाई गईं, जो पांच परिवारों से संबंधित थीं: निम्फालिडे (Nymphalidae), पियरिडे (Pieridae), पैपिलिओनिडे (Papilionidae), लाइकेनिडे (Lycaenidae) और हेस्परिडे (Hesperiidae)। इन तितलियों की 27 प्रजातियों में से 11 प्रजातियाँ तो अभयारण्य के सभी तीन क्षेत्रों में या तीन क्षेत्रों में से किसी दो में पाई गईं, जबकि 16 प्रजातियाँ एक विशिष्ट अभयारण्य क्षेत्र में सीमित पाई गईं हैं ।

संदर्भ
https://tinyurl.com/5n767z6c
https://tinyurl.com/pket83j3
https://tinyurl.com/5acc47jr
https://tinyurl.com/4wrezj36

चित्र संदर्भ
1. फूल पर बैठी हुई मोनार्क तितली को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. मोनार्क तितली के जीवन चक्र को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. इसके अलावा, मोनार्क तितलियां केवल मिल्कवीड नामक एकमात्र पौधे पर प्रजनन करती हैं और अपने अंडे देती हैं। को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. झुंड में मोनार्क तितलियों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. फीके रंग की मोनार्क तितलियों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)

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