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रेगिस्तान दुनियां के लगभग हर महाद्वीप पर पाए जाते हैं। पृथ्वी की कुल भूमि सतह के लगभग पांचवें हिस्से पर रेगिस्तान ही राज करते हैं। हालाँकि रेगिस्तानों में सालभर में कुल मिलाकर 25 सेंटीमीटर (10 इंच) से ज़्यादा बारिश नहीं होती। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इतने शुष्क होने के बावजूद 1 अरब से ज़्यादा लोग इन्हीं रेगिस्तानी इलाकों में गुज़र बसर करते हैं।
आमतौर पर अधिकांश लोग यही मानकर चलते हैं, कि 'रेगिस्तान साल के हर मौसम में गर्म और शुष्क रहते हैं', जैसा मौसम आमतौर पर हमारे लखनऊ शहर में गर्मियों के दौरान रहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ रेगिस्तानों में सर्दियाँ बहुत ठंडी होती हैं, अथवा कुछ रेगिस्तान तो पूरे साल ठंडे ही रहते हैं। कौन सा रेगिस्तान किस प्रकार का है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसके शुष्क होने का कारण क्या है। आज हम रेगिस्तान के विभिन्न प्रकारों और उनके बनने की प्रक्रिया के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। साथ ही हम लद्दाख और स्पीति के ट्रांस-हिमालयी रेगिस्तानों (Trans-Himalayan deserts) पर भी बारीकी से नज़र डालेंगे, और जानेंगे कि क्या इस तरह के हिमालयी क्षेत्र लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन सकते हैं और यदि हाँ, तो कैसे?
दुनिया भर के रेगिस्तानों को पाँच प्राथमिक श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
1. उपोष्णकटिबंधीय रेगिस्तान (Subtropical Deserts): उपोष्णकटिबंधीय रेगिस्तान, वायुमंडलीय परिसंचरण क्रम के कारण बनते हैं। ये भूमध्य रेखा के 15 से 30 डिग्री उत्तर में कर्क रेखा के साथ और भूमध्य रेखा के 15 से 30 डिग्री दक्षिण में मकर रेखा के साथ स्थित होते हैं। भूमध्य रेखा के पास, गर्म और नम हवा ऊपर उठती है, फिर ठंडी होती है और भारी बारिश के रूप में नमी छोड़ती है। अब ठंडी, शुष्क हवा उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की ओर बढ़ती है, नीचे उतरती है और फिर से गर्म हो जाती है, जिससे बादल नहीं बन पाते हैं और बहुत कम बारिश होती है। उत्तरी अफ्रीका में सहारा (दुनिया का सबसे बड़ा गर्म रेगिस्तान) इस तरह के रेगिस्तान का प्रमुख उदाहरण है। इस तरह के अन्य उल्लेखनीय उपोष्णकटिबंधीय रेगिस्तानों में दक्षिणी अफ्रीका का कालाहारी रेगिस्तान और उत्तरी ऑस्ट्रेलिया का तनामी रेगिस्तान शामिल हैं।
2. तटीय रेगिस्तान (Coastal Deserts): तटीय रेगिस्तान ठंडी समुद्री धाराओं से प्रभावित होकर बनते हैं। जब हवा ठंडे पानी के ऊपर अंतर्देशीय चलती है, तब यह हवा ठंडी हो जाती है और कोहरे की एक परत बनाती है जो ज़मीन पर बहती है। इसलिए उच्च आर्द्रता के बावजूद, वर्षा के लिए आवश्यक परिस्थितियां नहीं बन पाती और जलवायु बहुत ही शुष्क हो जाती है, और वर्षा नहीं हो पाती। चिली के प्रशांत तट के साथ सटा हुआ अटाकामा रेगिस्तान (Atacama Desert) तटीय रेगिस्तान का एक चरम उदाहरण है, जो अक्सर कोहरे में डूबा रहता है, लेकिन यहाँ बहुत कम वर्षा होती है।
3. वर्षा छाया रेगिस्तान (Rain Shadow Deserts): वर्षा छाया रेगिस्तान, पर्वत श्रृंखलाओं के पवन-विमुख पक्ष (leeward side) पर पाए जाते हैं, जो प्रचलित हवाओं से दूर की ओर होते हैं। जब नम हवा पहाड़ पर चढ़ती है, तो यह ठंडी हो जाती है और नमी छोड़ती है। लेकिन जैसे ही हवा किनारे पर उतरती है, तो यह गर्म हो जाती है और सूख जाती है, जिससे बादल बनना मुश्किल हो जाता है और बारिश नहीं हो पाती।
4. आंतरिक रेगिस्तान (Interior Deserts): आंतरिक रेगिस्तान, जिन्हें अंतर्देशीय रेगिस्तान भी कहा जाता है, महाद्वीपों के मध्य क्षेत्रों में पाए जाते हैं। इन रेगिस्तानों में नमी की कमी होती है, क्योंकि तटीय क्षेत्रों से आने वाली हवाएँ आंतरिक क्षेत्रों तक पहुँचने से पहले ही अपनी नमी खो चुकी होती हैं। उदाहरण के लिए, चीन और मंगोलिया में गोबी रेगिस्तान समुद्र से बहुत दूर है, और वहाँ पहुँचने वाली हवाएँ पहले से ही शुष्क हो जाती हैं। इसके अतिरिक्त, गोबी दक्षिण में हिमालय पर्वतों द्वारा बनाई गई वर्षा छाया से प्रभावित है।
5. ध्रुवीय रेगिस्तान (Polar Deserts): ध्रुवीय रेगिस्तान पृथ्वी के ध्रुवों पर पाए जाने वाले अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र हैं। बड़ी मात्रा में पानी होने के बावजूद, इनका अधिकांश हिस्सा साल भर ग्लेशियरों और बर्फ की चादरों से ढका रहता है। नतीजतन, पौधों और जानवरों के लिए बहुत कम तरल पानी उपलब्ध हो पाता है। दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान सबसे ठंडा भी है। अंटार्कटिका का लगभग पूरा महाद्वीप एक ध्रुवीय रेगिस्तान है, जहाँ बहुत कम वर्षा होती है। इस कारण जीवों के लिए इसकी ठंडी, शुष्क जलवायु में जीवित रहना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
भारत में लद्दाख और स्पीति, ट्रांस-हिमालयी क्षेत्र में मौजूद शानदार रेगिस्तान हैं, जिन्हें अपने ठंडे रेगिस्तानी वातावरण के लिए जाना जाता है। इन क्षेत्रों में ऊंचे-ऊंचे पहाड़, बहती नदियाँ, तारों से भरा आसमान, गहरी घाटियाँ और प्राचीन बौद्ध मार्ग हैं। स्पीति, में भूरे रंग के नंगे पहाड़ों के शानदार नज़ारे दिखाई देते हैं, जहाँ खूब धूप और बर्फ भी खूब पड़ती है, लेकिन बारिश नहीं होती। यहाँ लगभग कोई भी पौधा जीवित नहीं रह सकता, जिस कारण यहां पर हरियाली देखना काफी दुर्लभ हो जाता है। स्पीति में रहने की स्थिति बेहद कठिन है, यहाँ के कुछ गाँवों में तो केवल 35 निवासी रहते हैं। हालाँकि इस कठोरता के बावजूद, स्थानीय लोग अपने गर्मजोशी भरे आतिथ्य और बौद्ध धर्म से गहरे जुड़ाव के लिए जाने जाते हैं। सर्दियों में, यहाँ का तापमान -22°F (-30°C) से नीचे चला जाता है, जिससे यह घाटी भारत के बाकी हिस्सों से अलग हो जाती है। वहीँ इसी तरह का वातावरण लद्दाख में भी रहता है जो उत्तर में काराकोरम रेंज और दक्षिण में ज़ांस्कर पर्वत से घिरा हुआ है। इसे सबसे ठंडा रेगिस्तान कहा जाता है, क्योंकि यह बहुत ऊंचाई पर मौजूद है, जिससे यहाँ की हवा पतली हो जाती है और आप सूर्य की गर्मी को सीधे महसूस कर सकते हैं। यहाँ पर गर्मियों में, दिन का तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से ऊपर होता है, लेकिन रात में यह -30 डिग्री से नीचे चला जाता है। सर्दियों में, यहाँ का तापमान -40 डिग्री के आसपास रहता है। हिमालय के प्रभाव के कारण लद्दाख में बहुत कम बारिश होती है, जो एक और कारण है कि इसे एक ठंडा रेगिस्तान कहा जाता है। हालाँकि एक ठंडा रेगिस्तान होने के बावजूद, लद्दाख का बुनियादी ढांचा काफी अच्छा है। एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में, यह सड़क और हवाई दोनों मार्गों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यहाँ की प्रमुख सड़कों में से एक राष्ट्रीय राजमार्ग 1A है, जो लेह को ज़ोजी ला दर्रे के माध्यम से कश्मीर घाटी से जोड़ता है। लद्दाख में पर्यटन साल दर साल खूब फल-फूल रहा है, जो साल भर हज़ारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। बाइकर्स ख़ास तौर पर लद्दाख की सुंदर सड़कों और इलाकों में घूमना पसंद करते हैं। इसी के मद्देनजर लद्दाख के निवासियों की जीवनशैली भी धीरे-धीरे बदल रही है, हालाँकि यहाँ पर व्यावसायीकरण अभी भी कम है। लद्दाख के लोग अपने हंसमुख व्यवहार और प्रकृति से जुड़े जीवन के लिए जाने जाते हैं। ये लोग पारंपरिक रूप से खानाबदोश चरवाहों के रूप में रहते हैं। व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन, दोनों में यहाँ की महिलाओं की उच्च स्थिति और स्वतंत्रता भी लद्दाख की संस्कृति का एक उल्लेखनीय पहलू है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/ynk63rym
https://tinyurl.com/ymsy95yj
https://tinyurl.com/nwmnsucv
चित्र संदर्भ
1. स्पीति घाटी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. मानचित्र में उपोष्णकटिबंधीय रेगिस्तान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. अटाकामा रेगिस्तान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. ऑरोग्राफिक लिफ्ट के कारण वर्षा छाया प्रभाव को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. आंतरिक रेगिस्तान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. ध्रुवीय रेगिस्तान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. लद्दाख के नज़ारे को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
8. काराकोरम रेंज को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
9. लद्दाख क्षेत्र को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
10. लद्दाखी महिला को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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