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आज हमारे देश भारत में किताबों की दुकानें अंग्रेज़ी भाषा के कई उपन्यासों और कहानियों से भरी हुई हैं। 110 मिलियन से अधिक भारतीय आज किसी न किसी स्तर पर अंग्रेज़ी भाषा जानते हैं। जबकि, भारतीय भाषाओं (हिंदी, बांग्ला, संस्कृत, तमिल, मराठी आदि) का साहित्य हज़ारों वर्ष पुराना है, अंग्रेज़ी भाषा में किसी भारतीय द्वारा लिखा गया पहला उपन्यास, कलकत्ता के लेखक – बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा वर्ष 1864 में लिखा गया था। इस प्रकार उनकी पहली किताब अंग्रेज़ी में थी। वह प्रसिद्ध स्वतंत्रता प्रेरक बंगाली उपन्यास – ‘आनंद मठ’ के भी लेखक है। आइए, आज उनके महत्वपूर्ण उपन्यास को समझते हैं।
बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय (1838-94) द्वारा वर्ष 1864 में प्रकाशित –‘राजमोहन्स वाइफ(Rajmohan’s Wife)’ को आम तौर पर पहला अंग्रेज़ी भाषाई भारतीय उपन्यास माना जाता है।यह उपन्यास औपनिवेशक काल में बंगाल के एक गांव में एक ज़मींदारी परिवार की कहानी है। उपन्यास न केवल इसलिए महत्वपूर्ण है कि, इसके लेखक उन्नीसवीं सदी के महानतम बंगाली उपन्यासकार थे, बल्कि, इसलिए भी है कि, यह औपनिवेशिक आधुनिकता के साहित्य में एक उभरती हुई शैली की भी बात करता है। अंग्रेज़ी में भारतीय लेखकों द्वारा लिखित पहले की लघु कथाओं के विपरीत, ‘राजमोहन्स वाइफ’ का देशज और स्थानीय भाषा में सामाजिक जुड़ाव भी है। साथ ही, यह एक शैली के रूप में, उपन्यास के कुछ प्रमुख विकासों की आशा करता है।
राजमोहन्स वाइफ, “मूल” रचना और अनुवाद के बीच; यथार्थवाद और रोमांच के बीच; आवधिक प्रकाशन में भाषाई विकल्पों के बीच और आधुनिकता और परंपरा के बीच भी मज़बूती से स्थापित हुई है।हालांकि, यह उपन्यास आज बिना किसी भावी पीढ़ी के वाचकों के रूप में हो, लेकिन, यह एक भारतीय लेखक द्वारा, लेखन शैली निर्माण और औपनिवेशिक विषय के निर्माण के उस समय के महत्वपूर्ण क्षण में इन संबंधों के गवाह के रूप में कार्य करता है। इसके अलावा, यह बंकिम चट्टोपाध्याय सहित, उनके बाद के उपन्यासकारों को बहुमूल्य सीख प्रदान करता है। परंतु दुख की बात है कि, उनके आलोचकों और जीवनीकारों द्वारा इस उपन्यास की उपेक्षा करना, उस पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण का प्रतीक है, जो बंकिम, माइकल मधुसूदन दत्त और रबिन्द्रनाथ टैगोर जैसे प्रमुख भारतीय लेखकों कीअंग्रेज़ी भाषा की अपेक्षाकृत छोटी प्रस्तुतियों को वर्गीकृत करते समय साहित्यिक इतिहासकारों पर हावी हो जाती है।
पश्चिमी देशों के संपर्क से आधुनिक भारतीय भाषाओं में लेखन किस हद तक रूपांतरित हो रहा था, यह उन्नीसवीं सदी में गहरी सांस्कृतिक चिंताओं के साथ-साथ साहित्यिक आत्म-प्रतिनिधित्व के नए तरीकों का भी स्रोत था। नए स्थानीय साहित्य ने देशी साहित्यिक प्रांतीय भाषा के भीतर प्रबुद्धता के विचारों को ढालने का प्रयास किया। जबकि, पश्चिमी शैलियों को देशी पूंजीपति वर्ग की इच्छाओं, आकांक्षाओं और अनुभवों को समायोजित करना पड़ा। जेरेमी बेंथम(Jeremy Bentham), जॉन स्टुअर्ट मिल(John Stuart Mill) और ऑगस्टे कॉम्टे(Auguste Comte) जैसे कुछ प्रगतिशील पश्चिमी विचारकों द्वारा निर्णायक रूप से आकार दिए गए, बंकिम के लेखन, वर्ष 1857 के विद्रोह के बाद विकसित हुए, पश्चिमी उदारवादी विचार, दमनकारी सरकार, धार्मिक और सामाजिक सुधार,परंपरावादी प्रतिक्रिया और आत्मनिरीक्षण आदि जैसे महत्वपूर्ण तनावों को दर्शाते हैं।
वैसे, ‘राजमोहन्स वाइफ’ बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय या बंकिम चंद्र चटर्जी(अंग्रेज़ी में चटर्जी के रूप में अनुवादित) का पहला उपन्यास भी है। राजमोहन्स वाइफ’ इस उपन्यास को किशोरी चंद मित्रा द्वारा संपादित इंडियन फील्ड(Indian Field) नामक एक कम-ज्ञात पत्रिका द्वारा प्रकाशित किया गया था। हालांकि, यह उपन्यास अज्ञात कारणों से बाज़ार व वाचकों के बीच अचानक समाप्त हो गया । लेकिन, फिर बाद में इसे फिर से खोजा और पुनः प्रकाशित किया गया।
आइए अब, लेखक के बारे में जानते हैं। बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय एक भारतीय उपन्यासकार, कवि, निबंधकार और पत्रकार थे। वह 1882 में प्रकाशित बंगाली भाषा के उपन्यास – ‘आनंदमठ’ के भी लेखक थे। यह उपन्यास आधुनिक बंगाली और भारतीय साहित्य में एक मील के पत्थर में से एक है। चट्टोपाध्याय, ‘वंदे मातरम’, इस गीत के संगीतकार भी थे, जो अत्यधिक संस्कृतनिष्ठ बंगाली में लिखा गया था। इसके अलावा, चट्टोपाध्याय ने बंगाली में चौदह उपन्यास और कई गंभीर, हास्य-व्यंग्य, वैज्ञानिक और आलोचनात्मक ग्रंथ भी लिखे हैं। इसी कारण, उन्हें बांग्ला में ‘साहित्य सम्राट’ के नाम से जाना जाता है।
चट्टोपाध्याय को बंगाल के साथ-साथ संपूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप के साहित्यिक पुनर्जागरण में, व्यापक रूप से एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में माना जाता है। उनके कुछ लेखन, जिनमें उपन्यास, निबंध और टिप्पणियां शामिल हैं, पारंपरिक कविता-उन्मुख भारतीय लेखन से अलग थे। और, साथ ही उनकी इन कृतियों ने पूर्ण भारत के लेखकों के लिए एक प्रेरणा प्रदान की।
संदर्भ
https://tinyurl.com/4nnsw6z8
https://tinyurl.com/4c4h9wr7
https://tinyurl.com/yc74mpcm
चित्र संदर्भ
1. बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. राजमोहन्स वाइफ पुस्तक को संदर्भित करता एक चित्रण (Amazon)
3.अपनी प्रारंभिक आयु में बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. आनंद मठ के दूसरे संस्करण को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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