हम सभी के बीच के अनुवांशिक समानता की बात करती है ,'मानव जीनोम परियोजना '

डीएनए
30-05-2024 09:43 AM
Post Viewership from Post Date to 30- Jun-2024 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2347 150 2497
हम सभी के बीच के अनुवांशिक समानता की बात करती है ,'मानव जीनोम परियोजना '

आज, इस लेख के माध्यम से आइए देखते हैं कि, मानव जीनोम परियोजना क्या है, और इसकी शुरुआत कैसे हुई। हम यह भी देखेंगे कि,मानव जीनोम परियोजना के क्या लक्ष्य हैं। भारत में, जहां ‘जातिवाद’ की ऐतिहासिक जड़ें हैं, लोगों के आनुवंशिक अध्ययनों से हुए खुलासों का सकारात्मक और चुनौतीपूर्ण दोनों प्रभाव पड़े हैं। मानव जीनोम परियोजना ने वैज्ञानिक प्रमाण प्रदान किया है कि, सभी मनुष्यों की वंशावली एक समान है, और आबादी के बीच आनुवंशिक भिन्नता को जातीय सीमाओं द्वारा परिभाषित नहीं किया गया है। यह जाति-आधारित श्रेष्ठता या पवित्रता की पारंपरिक कथा को चुनौती देता है और मानव विविधता की अधिक समावेशी समझ भी विकसित करता है। तो आइए यह भी देखें कि, भारत में मानव जीनोम परियोजना की स्थिती क्या है। मानव जीनोम परियोजना (Human Genome Project) मानव जाति के डीएनए(DNA) में मौजूद प्रत्येक जीन (Gene) की स्थिती की पहचान करने, और उन्हें चिह्नित करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोगी उद्यम है। संयुक्त राज्य अमेरिका में मानव जीनोम परियोजना 1990 में शुरू की गई थी,और मानव जीनोम को प्रतिचित्रित करने हेतु, पंद्रह साल की योजना के साथ बनाई गई थी। 1990 के बाद इसमें हालांकि कई तकनीकी प्रगति हुई है। इसके कारण, इस परियोजना में प्रगति हुई। परिणामस्वरुप, यह केवल 2003 में ही पूरी हो सकी। यह परियोजना संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के ऊर्जा विभाग (Department of Energy) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (National Institute of Health) की पहल है, जो 50,000 से 1,00,000 मानव जीन की खोज करने और उन्हें भविष्य के जैविक अध्ययन के लिए, उपलब्ध कराने की उम्मीद करता है। इस परियोजना में ऑस्ट्रेलिया(Australia), ब्राज़ील(Brazil), कनाडा(Canada), फ़्रांस(France), जर्मनी(Germany), जापान(Japan) और यूनाइटेड किंगडम(United Kingdom) सहित कई अन्य देश शामिल हैं। मानव जीनोम परियोजना में शामिल विभिन्न देशों के अलावा, इसमें कुछ वाणिज्यिक कंपनियां भी शामिल हैं। जीनोम परियोजना से प्राप्त होने वाली जानकारी की संभावनाएं वस्तुतः अनंत हैं। यह संभवतः कई जैविक और चिकित्सा अनुसंधान तकनीकों एवं वर्तमान में चिकित्सा पेशेवरों द्वारा उपयोग की जाने वाली कई प्रथाओं को बदल देगा। इससे जो ज्ञान प्राप्त होगा, उससे रोगों के निदान, उपचार और संभवतः रोकथाम के नए तरीकों को खोजने में मदद मिलेगी। मानव जीनोम की खोज के माध्यम से कृषि, स्वास्थ्य सेवाओं और नए ऊर्जा स्रोतों के लिए भी संभावनाएं अनंत हैं। जबकि, इसका अंतिम परिणाम डीएनए की संरचना, कार्य और संगठन के बारे में जानकारी प्राप्त करना है।
जैसा कि हमने अभी ऊपर पढ़ा, मानव जीनोम परियोजना के कुछ लक्ष्यों में से एक, डीएनए में पाए जाने वाले 50,000 से 1,00,000 जीनों की पहचान करना है।परियोजना का दूसरा लक्ष्य मानव डीएनए का निर्माण करने वाले 3 अरब रासायनिक आधारों को अनुक्रमित करना है।डीएनए अनुक्रमण, मानव के डीएनए को बनाने वाले रासायनिक निर्माण खंडों के क्रम को निर्धारित करने की प्रक्रिया है। फिर, इस जानकारी को एक बड़े डेटाबेस में संग्रहीत किया जाएगा, ताकि, इस जानकारी का उपयोग अन्य व्यक्तियों / शोधकर्ताओं द्वारा किया जा सके।
आइए अब इस परियोजना के सभी लक्ष्यों को संक्षेप में प्रस्तुत करते हैं:
- मानव डीएनए के सभी जीनों की पहचान करना: मानव जीनोम परियोजना का उद्देश्य मानव डीएनए में मौजूद सभी जीनों की पहचान करना और उनका पता लगाना है। इसमें मानव डीएनए बनाने वाले तीन अरब रासायनिक निर्माण खंडों के अनुक्रम (क्रम) को निर्धारित करना, और अनुमानित 20,000-25,000 जीनों के स्थानों का मानचित्रण करना शामिल था। यह जानकारी जीन के कार्यों, अंतःक्रियाओं और नियामक तंत्रों पर भविष्य के शोध के लिए एक आधार के रूप में काम करेगी, जो आनुवंशिक रोगों, मानव विकास और व्यक्तिगत विकास को समझने के लिए आवश्यक हैं।
- मानव डीएनए बनाने वाले रासायनिक आधार युग्मों का क्रम निर्धारित करना: मानव जीनोम को सटीक रूप से अनुक्रमित करके, वैज्ञानिक, आनुवंशिक संरचना और संगठन में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्राप्त कर सकते हैं, जो मानव शरीर के उचित कामकाज को सक्षम बनाता है। यह जानकारी न केवल आनुवंशिकी की समझ में सुधार करती है बल्कि, विभिन्न आनुवंशिक रोगों और विकारों के लिए नए निदान और उपचारों के विकास के लिए महत्वपूर्ण डेटा भी प्रदान करती है।
- जीनोमिक जानकारी का भंडारण और प्रसार करना: मानव जीनोम परियोजना का एक प्रमुख उद्देश्य विभिन्न सार्वजनिक डेटाबेस में उत्पन्न जीनोमिक जानकारी की विशाल मात्रा को संग्रहीत करना और इसे दुनिया भर के शोधकर्ताओं के लिए सुलभ बनाना था। इस डेटा को स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराकर, परियोजना का उद्देश्य वैज्ञानिक खोज की गति को तेज़ करना और वैज्ञानिकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है। इसके अतिरिक्त, परियोजना ने इस विशाल डेटासेट की पुनर्प्राप्ति, विश्लेषण और व्याख्या की सुविधा के लिए उचित उपकरण और प्रौद्योगिकियों को विकसित करने की मांग की है, जिससे मानव आनुवंशिकी की बेहतर समझ को बढ़ावा मिले और चिकित्सीय दृष्टिकोण के विकास को सक्षम किया जा सके। अभी हाल ही में, इस महत्वाकांक्षी मानव जीनोम परियोजना से प्रेरणा लेते हुए, हमारे देश के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने 3 जनवरी 2020 को महत्वाकांक्षी “जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट” (Genome India Project) शुरू किया था। इस परियोजना का लक्ष्य भारत के नागरिकों से 10,000 आनुवंशिक नमूने एकत्र करना है, ताकि, एक जीनोम डेटाबेस बनाया जा सके।
इन 10,000 व्यक्तियों के आनुवंशिक डेटा का संपूर्ण-जीनोम अनुक्रमण और उसके बाद का डेटा विश्लेषण किया जाएगा। इससे भारतीय आबादी को प्रभावित करने वाली बीमारियों की प्रकृति को समझने में मदद मिलेगी और अंततः पूर्वानुमानित निदान के विकास में मदद मिलेगी। यह एक ऐतिहासिक पहल है, क्योंकि, यह मौजूदा जीनोम अनुसंधान में मूल्यवान वृद्धि लाएगा, जो अब तक पश्चिमी देशों के संदर्भ तक ही सीमित है। ऐतिहासिक रूप से बड़े प्रवासों की श्रृंखला को देखते हुए, यह भारत को अपनी जबरदस्त आनुवंशिक विविधता का लाभ उठाने की अनुमति देता है, और इस प्रकार, मानव प्रजातियों के बारे में वर्तमान जानकारी में काफी वृद्धि करता है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/2w35td8y
https://tinyurl.com/bde5yxxv
https://tinyurl.com/upcsvkab

चित्र संदर्भ
1. मानव जीनोम परियोजना को संदर्भित करता एक चित्रण (India Science)
2. मानव जीनोम को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. जीनोम बुककेस को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. मानव डीएनए को संदर्भित करता एक चित्रण (Needpix)

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.