समयसीमा 229
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 963
मानव व उसके आविष्कार 757
भूगोल 211
जीव - जन्तु 274
Post Viewership from Post Date to 19- May-2024 (31st Day) | ||||
---|---|---|---|---|
City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
1723 | 158 | 1881 |
हम जानते हैं कि, हमारे शहर लखनऊ में कई धरोहरें हैं, जिनका अपना एक दिलचस्प इतिहास है। बड़ा इमामबाड़ा से लेकर ब्रिटिश रेजीडेंसी जैसी धरोहरों की उपस्थिति के साथ, लखनऊ अपनी समृद्ध ऐतिहासिक जीवंतता के कारण उत्तर प्रदेश की विरासत का भी एक घटक है। अतः आज विश्व धरोहर दिवस के मौके पर, आइए समझते हैं, विरासत का वास्तविक अर्थ क्या है और यह क्यों मायने रखता है? इसके साथ ही, आइए हम अपने शहर की जहाज वाली कोठी और तारामंडल जैसी कुछ आधुनिक अनोखी इमारतों को भी देखें, जो कम ख्याति प्राप्त हैं।
विश्व धरोहर स्थलों के महत्व और भावी पीढ़ियों में जागरूकता बढ़ाने के लिए, प्रतिवर्ष 18 अप्रैल अर्थात आज के दिन, विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है। विश्व धरोहर स्थल हमारी साझा सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत का एक मूल्यवान हिस्सा हैं, और उनकी सुरक्षा और संरक्षण करना हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी है।
वर्ष 1982 में, अंतर्राष्ट्रीय स्मारक और स्थल परिषद (ICOMOS) ने विश्व धरोहर दिवस मनाने की अवधारणा का प्रस्ताव रखा था, जिसे बाद में 1983 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इसे अनुमोदित किया गया। 1982 में जब यूनेस्को (UNESCO) द्वारा विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के संरक्षण से संबंधित सम्मेलन को अपनाया, तब 18 अप्रैल के दिन को इसका गौरव करने हेतु इस उत्सव की तारीख के रूप में चुना गया। विश्व धरोहर दिवस का उत्सव पूरी दुनिया में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। आम तौर पर इसमें विभिन्न प्रकार की रोमांचक गतिविधियां शामिल होती हैं। इनमें विभिन्न क्षेत्रों की अनूठी सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनियां आयोजित होती है। स्थानीय समुदायों की परंपराओं और रीति-रिवाजों को उजागर करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ विरासत स्थलों के निर्देशित दौरे भी इसमें शामिल हैं, जो आगंतुकों को इन प्रतिष्ठित स्थानों के इतिहास और महत्व का पता लगाने का मौका देते हैं।
वास्तव में, हमारी धरोहर वह होती है, जो हमें हमारे अतीत से विरासत में मिली है। ऐसी धरोहर को वर्तमान में महत्व दिया जाना चाहिए और उसका आनंद लिया जाना चाहिए, तथा भविष्य की पीढ़ियों को इसे संरक्षित करना चाहिए। हमारी पहचान को आकार देते हुए, हमारी विरासत हमारे अस्तित्व का ही हिस्सा बन जाती हैं। साथ ही, विरासत हमारे अतीत और हमारा समाज कैसे विकसित हुआ था, इसका सुराग देती है। यह हमें अपने इतिहास और परंपराओं की जांच करने में मदद करता है, और हमें अपने बारे में जागरूकता विकसित करने में भी सक्षम बनाता है। यह हमें समझाने में मदद करता है कि, हम जैसे हैं वैसे क्यों हैं। विरासत हमारी संस्कृति का मूलमंत्र भी है, जो हमारी राजनीति, समाज, व्यापार और विश्व दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
पिछले कुछ वर्षों में, हमारे शहर लखनऊ का अनगिनत नए उन्नयनों के साथ विस्तार हुआ है। विलासी आवासीय इमारतों से लेकर वाणिज्यिक गगनचुंबी इमारतों तक, शहर का क्षितिज एक लंबी ड्राइव के लिए आदर्श स्थान बन गया है। लेकिन, यहां कुछ इमारतें ऐसी भी हैं, जो अपनी वास्तुकला में विशेष रूप से अद्वितीय हैं। हम इन्हें लखनऊ की आधुनिक विरासत कह सकते हैं। आइए, जानते हैं।
•जहाज वाली कोठी:
पूरे भारत में अपनी तरह की एकमात्र इमारत मानी जाने वाली जहाज वाली कोठी वहां से गुजरने वाले हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच लेती है। यह आवासीय इमारत काफ़ी लोकप्रिय है। इसके शीर्ष पर एक हवाई जहाज की आकृति बनी है, जो इसे आकर्षक बनाती है।
•इंदिरा गांधी तारामंडल:
2003 में जनता के लिए खोली गई यह इमारत, अपने पांच वृत्तों के साथ शनि ग्रह जैसी दिखती है। इसके अलावा, चारों ओर से पानी से घिरी होने के कारण, यह तैरती हुई भी प्रतीत होती है।
•इमामबाड़ा:
1784 में निर्मित, बड़ा इमामबाड़ा आज भी लखनऊ के शीर्ष आकर्षणों में से एक है। यह स्मारक अपने आप में अनोखा है क्योंकि, वास्तुकला के इस चमत्कार को बनाने में किसी भी लकड़ी या धातु का उपयोग नहीं किया गया है। इसके अलावा, इस स्थान पर दुनिया का सबसे बड़ा गुंबददार कक्ष भी है।
•पुलिस मुख्यालय:
जब हम शहीद पथ से गुजरते हैं, तो लखनऊ का क्षितिज देखना मनमोहक होता है। और, पुलिस मुख्यालय इस नज़ारे को और भी अद्भुत बनाता है! लखनऊ की यह अनूठी इमारत कई सुविधाओं से भरपूर है, और इसकी शानदार वास्तुकला इसे सौंदर्यशास्त्र के मामले में भी अलग बनाती है।
•जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र:
लखनऊ में कई लोग जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र को स्टार्क टावर(Stark tower) कहते हैं। हाल ही में, गोमती नगर में इमारतें कितनी भी ऊंची क्यों न हो गई हों, यह केंद्र आज भी इस क्षेत्र में हमेशा की तरह सबसे ऊंचा खड़ा है!
•ऑरेंज कैसल:
यह एक बहुत विलासी आवासीय परियोजना है, जो भव्य बंगलों और पेंटहाउस(penthouses) के साथ-साथ सिम्प्लेक्स(simplexes) और डुप्लेक्स(duplexes) निवास प्रदान करता है। गोमती नदी के किनारे स्थित, यह नया आवासीय भवन एक “सपनों का घर” ही प्रतित होता है।
•पुराने लखनऊ में मकान:
अगर कोई एक जगह है जो लखनऊ को अलग करती है, तो वह पुराने लखनऊ की नवाबी विरासत है। एक शताब्दी या उससे भी पहले निर्मित, ये अद्वितीय घर आज भी मौजूद हैं। इन घरों में सुरुचिपूर्ण वास्तुकला, जिसमें फ़ारसी स्पर्श के साथ नाजुक ‘जाली’ का काम भी शामिल है, इन संरचनाओं में केवल आकर्षक पहलुओं में से एक है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/nahjhu57
https://tinyurl.com/4ukytjey
https://tinyurl.com/2ya9rmfh
https://tinyurl.com/2dme3487
चित्र संदर्भ
1. लखनऊ की शान जहाज वाली कोठी व तारामंडल को संदर्भित करता एक चित्रण (YouTube)
2. यूनेस्को के लोगो को संदर्भित करता एक चित्रण (needpix)
3. विश्व धरोहर के रूप में स्थापित नालंदा विश्वविद्यालय को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. जहाज वाली कोठी को संदर्भित करता एक चित्रण (YouTube)
5. लखनऊ तारामंडल को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. बड़ा इमामबाड़ा को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. लखनऊ के पुलिस मुख्यालय को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.