हिंदी व भोजपुरी सिनेमा के दर्शकों के बीच काफी चर्चित है, हमारा शहर जौनपुर

द्रिश्य 2- अभिनय कला
31-01-2024 09:27 AM
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हिंदी व भोजपुरी सिनेमा के दर्शकों के बीच काफी चर्चित  है, हमारा शहर जौनपुर

हमारा शहर जौनपुर हिंदी तथा भोजपुरी सिनेमा के दर्शकों के बीच काफी मशहूर रहा है। जौनपुर के आसपास के इलाकों में फिल्माई गई बहुचर्चित पारिवारिक फिल्म– ‘नदिया के पार’ से हम सभी वाकिफ ही हैं। इसके अलावा, रवि किशन द्वारा अभिनीत भोजपुरी फिल्म– ‘जिला जौनपुर’ भी काफी लोकप्रिय हुई है। हाल के वर्षों में, जौनपुर पर आधारित कुछ टीवी सीरीज(Television series) ने भी ओटीटी प्लेटफॉर्म (Over the top platform) पर दर्शकों को आकर्षित किया है। आइए देखते हैं कि, कैसे हमारे शहर की कुछ युवा प्रतिभाएं फिल्म जगत को प्रभावित कर रही हैं। साथ ही, भोजपुरी फिल्म जगत कावैश्विक संदर्भ पे भी चर्चा करते हैं। फिल्म जगत में अपने स्वर्ण वर्ष पूरे होने के अवसर पर, अनुभवी और बहुमुखी अभिनेता–सचिन पिलगांवकर ने ‘ज़ी मराठी’ द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम– ‘सुवर्णा सचिन’ में अपनी आत्मकथा ‘हाच माझा मार्ग’ अर्थात ‘यही मेरा मार्ग’ का विमोचन किया। तब उनके साक्षात्कार के दौरान, उन्हें प्रश्न पूछा गया था कि, उन्होंने भोजपुरी सिनेमा में कैसे पदार्पण किया? इसके उत्तर में, सचिन जी कहते है, “मैंने वर्ष 1982 में ‘नदिया के पार’ फिल्म की थी। यह उत्तर प्रदेश में पृष्ठभूमि होने वाले, एक उपन्यास पर आधारित थी। और, हमने इसकी काफी शूटिंग जौनपुर में ही की थी। फिल्म में असलियत के लिए, हमें स्थानीय बोली भोजपुरी का प्रयोग करना पड़ा। इसी तरह हमने ‘राजश्री’ फिल्म बनाई। हमें नहीं पता था कि, यह पूरे उत्तर प्रदेश और बिहार में सबसे लोकप्रिय फिल्म बन गई है। मुझ पर फिल्माया गया, नदिया के पार का एक गाना, यह फिल्म रिलीज होने के बाद से , तीन दशकों से अधिक समय तक एक लोकप्रिय गाना बना हुआ है।”
सचिन पिलगांवकर के अलावा, हमारे शहर के अन्य युवा आज इस जगत में अपना पथ देख रहे हैं। हमारे शहर के पुत्र– कार्तिक सिंह एक फिल्म निर्देशक हैं। वह सहायक निर्देशक, लेखक और निर्देशक, जैसी विभिन्न भूमिकाओं में कई अलग-अलग फिल्मों से जुड़े हैं। और तो और, उनकी कुछ फिल्मों ने प्रतिष्ठित पुरस्कार भी जीते हैं। कार्तिक का जन्म और पालन-पोषण हमारे शहर जौनपुर में हुआ है। जब वह छोटे थे, तब वह दिल्ली चले गए और उन्होंने अपनी अधिकांश स्कूली शिक्षा वहीं से की। फिर, उन्होंने फिल्म निर्माण के प्रति अपने बचपन के जुनून के अनुरूप एशियन स्कूल ऑफ मीडिया स्टडीज(Asian School of Media Studies) से फिल्म निर्माण में बीएससी (BSc) की पढ़ाई की।
कार्तिक बताते हैं कि, फिल्म निर्माण में उनकी रुचि बॉलीवुड फिल्म– ‘रंग दे बसंती’ देखने के बाद पैदा हुई। वह याद करते हैं कि, जब वह छठी कक्षा में थे, तब उन्होंने लिखना शुरू कर दिया था और उनका लेखन उनके साथी छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय था। वह अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान अकादमिक रूप से एक औसत छात्र थे, लेकिन, उन्होंने अपने फिल्म निर्माण पाठ्यक्रम में अपने कॉलेज में टॉप किया, जिससे उनका आत्मविश्वास काफ़ी मजबूत हुआ। अपना फिल्म निर्माण पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद, कार्तिक अपना पेशा शुरू करने के लिए मुंबई चले गए। वहां उन्हें कई परियोजनाओं पर विभिन्न भूमिकाओं में काम करने, और अपने सैद्धांतिक ज्ञान को वास्तविक जीवन में लागू करने का अवसर मिला। इस सफलता के साथ, उन्होंने अपनी खुद की फिल्में भी बनाई है, जो ओटीटी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं और देखी जा सकती हैं।
दूसरी ओर, वर्ष 2021 की ‘जौनपुर’ नामक एक टीवी सीरीज भी काफ़ी दर्शकों का ध्यान आकर्षित कर रही है। यह कहानी एक खूंखार गैंगस्टर– बाबू भैया की है, जिसने जौनपुर को आतंकित कर दिया था। इस फिल्म में बाबू भैया की दुस्साहसिक अपराध यात्रा के उतार-चढ़ाव को दर्शाया गया है।
जबकि, एक तरफ भोजपुरी सिनेमा, भारतीय सिनेमा का एक खंड है, जो लखनऊ और पटना में प्रमुख उत्पादन केंद्रों के साथ ही, पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य में व्यापक रूप से बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा में मोशन पिक्चर्स (Motion pictures) के निर्माण के लिए समर्पित है। पहली भोजपुरी बोलती फिल्म– ‘गंगा मईया तोहे पियरी चढ़इबो’ 1963 में, विश्वनाथ शाहाबादी द्वारा रिलीज़ की गई थी। 1980 के दशक में ‘बिटिया भइल सयान’, ‘चंदवा के ताके चकोर’, ‘हमार भौजी’, ‘गंगा किनारे मोरा गांव’ और ‘संपूर्ण तीर्थ यात्रा’ जैसी कई उल्लेखनीय भोजपुरी फिल्में रिलीज हुईं। हाल के वर्षों में भोजपुरी सिनेमा का ज्यादा विकास हुआ है। भोजपुरी फिल्म उद्योग अब ₹2000 करोड़ का उद्योग है। भोजपुरी सिनेमा गुयाना(Guyana), त्रिनिदाद(Trinidad) और टोबैगो(Tobago), सूरीनाम(Suriname), फिजी(Fiji), मॉरीशस(Mauritius) और दक्षिण अफ्रीका(South Africa) में दूसरी और तीसरी पीढ़ी के प्रवासियों को भी सेवा प्रदान कर रहा है, जो आज भी भोजपुरी भाषा बोलते हैं।

संदर्भ
http://tinyurl.com/396wuxv9
http://tinyurl.com/2wet937n
http://tinyurl.com/68zz9ymb
http://tinyurl.com/4mrksx45

चित्र संदर्भ
1. जिला जौनपुर फिल्म के पोस्टर और जौनपुर जिले को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube, प्रारंग चित्र संग्रह)
2. नादिया के पार के पोस्टर को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
3. सचिन पिलगांवकर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. कार्तिक सिंह का एक चित्रण (youtube)
5. ‘जौनपुर’ नामक एक टीवी सीरीज़ के पोस्टर को दर्शाता एक चित्रण (youtube)

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