सर्दियों से बचने और रसोई इंधन में उपयोग होने वाले कोयले के क्या हैं फायदे और नुकसान?

नगरीकरण- शहर व शक्ति
17-01-2024 09:19 AM
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सर्दियों से बचने और रसोई इंधन में उपयोग होने वाले कोयले के क्या हैं फायदे और नुकसान?

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी आपको सर्दियों में झुंड बनाकर कोयले की ताप लेते लोग अवश्य दिखाई दे जाएँगे। लोगों को गर्मी प्रदान करने के अलावा, ख़ाना पकाने के लिए भी कोयले का बड़ी मात्रा में प्रयोग किया जाता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने के कारण चीन और भारत जैसे देशों में खाना पकाने में बड़े पैमाने पर कोयले का ही प्रयोग किया जाता है। हालाँकि, कार्सिनोजेनिक उत्सर्जन (Carcinogenic Emissions), फ्लोरीन (Fluorine), आर्सेनिक (Arsenic), सीसा, सेलेनियम (Selenium) और पारे(Mercury) जैसे जहरीले तत्वों की मौजूदगी के कारण, विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) घरों में असंसाधित कोयले (Unprocessed Coal) का उपयोग करने की सलाह नहीं देता है।
कोयले का निर्माण कार्बनिक पदार्थों के विशाल द्रव्यमान के अपघटन और रासायनिक रूपांतरण से होता है। इस प्रक्रिया को कोयलाकरण (Carbonization) के रूप में जाना जाता है। कोयला पूरी दुनियाँ में सबसे प्रचुर मात्रा में उपलब्ध गैर-नवीकरणीय (non-renewable) ऊर्जा स्रोत है। दुनिया में काले कोयले के भंडार का सबसे अधिक हिस्सा संयुक्त राज्य अमेरिका (31.4%), उसके बाद चीन (25%), और भारत (10%) में मौजूद है। काले कोयले की उच्च ऊर्जा सामग्री (High Energy Content) के कारण, इसे अक्सर निर्यात किया जाता है। वहीं ऊर्जा आपूर्ति के लिए भूरे कोयले का प्रयोग क्षेत्रीय स्तर पर सबसे अधिक किया जाता है।
हालाँकि ईंधन स्विचिंग (Fuel Switching) यानी पारंपरिक ईंधन से आधुनिक में परिवर्तन के कारण अधिकांश विकसित और विकासशील देशों में 1990 के बाद से आवासीय कोयले की खपत में काफी कमी देखी गई है। हालाँकि, कुछ देशों में अभी भी घर के कमरों को गर्म करने के लिए बड़े पैमाने पर कोयले का उपयोग किया जाता है। कुछ मामलों में तो कोयले की खपत की प्रवृत्ति बढ़ भी रही है।
जानकार मान रहे हैं कि, विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इन देशों में खाना पकाने के लिए ठोस ईंधन का उपयोग करने से घरेलू वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के ख़तरे को कम करके आंक रहा है। हालाँकि आधुनिक समय में अत्यधिक कुशल ताप स्रोतों की माँग और विकास भी बढ़ रहा है जो कि पर्यावरण की दृष्टि से भी लाभदायक होते हैं। आज लोग पहले की तुलना में हीटिंग प्रणाली (Heating System) के कार्बन फ़ुटप्रिंट (Carbon Footprint) पर भी अधिक ध्यान दे रहे हैं। कोयला, जो ज्यादातर तीव्र गर्मी और दबाव की स्थितियों के तहत प्राचीन कार्बनिक पदार्थों से बनता है, जिसमे स्थिर कार्बन (Fixed Carbon) का प्रतिशत काफ़ी उच्च होता है। किसी भी अन्य जीवाश्म ईंधन की तुलना में कोयले में कार्बन की मात्रा सबसे अधिक होती है। कार्बन पृथ्वी के जीवमंडल का एक आवश्यक घटक है। लेकिन बड़ी मात्रा में जलाये जाने पर यह अपने मुख्य उपोत्पाद, कार्बन डाइऑक्साइड के माध्यम से पर्यावरणीय प्रक्रियाओं को बाधित भी कर सकता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि कोयला और अन्य जीवाश्म ईंधन जलाने से वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड (Co2) का स्तर 265 भाग प्रति मिलियन (PPM) से बढ़कर 400 PPM से अधिक हो गया है। Co2 के स्तर में यह वृद्धि जलवायु परिवर्तन में बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है। हालाँकि, कोयले के उपयोग के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए, एन्थ्रेसाइट कोयले (Anthracite Coal) जैसे स्वच्छ वेरिएंट (Clean Variant) का उपयोग बढ़ गया है, जिसके परिणामस्वरूप प्रदूषण के स्तर में भी नाटकीय रूप से कमी आई है। आवासीय हीटिंग के लिए एन्थ्रेसाइट कोयले का उपयोग बिजली, लकड़ी, या अन्य जीवाश्म ईंधनों की तुलना में एक लागत प्रभावी विकल्प बना हुआ है। समग्र जीवाश्म ईंधन के उपयोग की तुलना में, यह वायुमंडल में Co2 के स्तर में भी बहुत कम वृद्धि करता है।एन्थ्रेसाइट कोयला साफ-सुथरा जलता है, जिसमें लकड़ी जलाने की तुलना में कण उत्सर्जन (Particulate Emissions) भी कम होता है और कोई धुआं दिखाई नहीं देता। इसे स्टोर करना आसान होता है और लकड़ी की तरह यह बहुत अधिक जगह भी नहीं लेता।
हालाँकि कोयले के इन सभी लाभों के बावजूद, कोयले पर हमारी आर्थिक निर्भरता हमारे लिए ही हानिकारक हो सकती है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि मुख्य रूप से पेट्रोलियम, सौर ऊर्जा और प्राकृतिक गैस की कम कीमतों के कारण सदी के अंत तक में कोयले की माँग में गिरावट दर्ज की जा रही है। हालाँकि कुल मिलाकर, सभी सरकारों और हमारा प्रमुख लक्ष्य भी यही होना चाहिए कि हम अपने किसी भी काम के लिए कोयले के किसी भी रूप का प्रयोग करने से बचें और पर्यावरण के अनुकूल रहते हुए गर्मी पैदा करने वाले और ख़ाना पकाने वाले दक्ष ऊर्जा संसाधनों का प्रयोग करें।

संदर्भ

http://tinyurl.com/mr3fe9mj
http://tinyurl.com/3tua8zs2
http://tinyurl.com/5n83tph4

चित्र संदर्भ

1. कोयला सेकते भारतीयों को संदर्भित करता एक चित्रण (Needpix)
2. धधकती आग को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. धधक रहे कोयले को संदर्भित करता एक चित्रण (Wallpaper Flare)
4. आग में खाना बनाती महिला को संदर्भित करता एक चित्रण (Needpix)
5. बर्फ में आग सकते युवा को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)

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