समयसीमा 237
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 948
मानव व उसके आविष्कार 725
भूगोल 236
जीव - जन्तु 275
जौनपुर जिले की भौगोलिक स्थिति 24.24 उ. से 26.12 उ. अक्षांश और 82.7 पू. और 83.5 पू. देशांतर है, तथा इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 261 फीट से 290 फीट है। जिले का संपूर्ण भौगोलिक भाग 4038 वर्ग किलोमीटर है और उत्तर में सुल्तानपुर, उत्तर पूर्व में आजमगढ़, पूर्व में गाजीपुर, दक्षिण पूर्व में वाराणसी, दक्षिण में संत कबीर नगर, दक्षिण पश्चिम में इलाहाबाद, पश्चिम में प्रतापगढ़ यह जौनपुर के पडोसी जिले हैं। जौनपुर जिले को प्रशासनिक रूप से 6 तहसीलों मे बाँटा गया है- सदर, मडियाहूँ, मछलीशहर, केराकत, शाहगंज व बदलापुर, तथा इसी प्रकार जिले को आगे 21 ब्लाकों में बाँटा गया है। जिले मे संपूर्ण जमीन 3,99,713 हेक्टेयर है जिसमे 99 हेक्टेयर जंगल, 1,21,087 हेक्टेयर खेती अयोग्य भूमि व 54,571 हेक्टेयर खेती योग्य भूमि है। जौनपुर 5 प्रमुख नदियों का जिला माना जाता है जिसका तथा यहाँ पर कृषी प्रमुख व्यवसाय है पूरे जिले में सबसे ज्यादा पानी की खपत कृषी कार्यों में होती है। जौनपुर में औसत वार्षिक वर्षा 987 मि.मी. है। यहाँ की जलवायु नम है तथा तापमान गर्मियों और सर्दियों के अनुसार बदलते रहते हैं - ठंड में न्यूनतम तापमान 5.60 डिग्री सेल्सियस है और गर्मी में अधिकतम तापमान 46.5 डिग्री।
जौनपुर जिले में यदि जलस्तर की बात की जाये तो यहँ का जलस्तर काफी भिन्न-भिन्न है जैसे की मछलीशहर ब्लॉक का जलस्तर 2.13 मीटर है और चन्दवक का 15.48 मीटर है। जिले में जलस्तर की असमानता और बिना किसी व्यवस्थित जलसंचार व्यवस्था के कारण भूगर्भ जल का दोहन किया जाता है जिसके कारण गर्मियों के मौसम में यहाँ का जलस्तर अतीतीव्र गति से नीचे लुढक जाता है और यहाँ की 6 नम्बर की नल में पानी आना बन्द हो जाता है। यहाँ पर शाहगंज को छोड़कर अन्य सभी स्थानों का पानी पीने योग्य है परन्तु शाहगंज में भारी जल की उपलब्धता है जिसकारण यह पीने योग्य नही है। जौनपुर के कुल 21 में से मात्र 8 ब्लॉकों में जलस्तर सामान्य है तथा 3 ब्लॉकों में जलस्तर खतरे की स्थिति पर है, 6 ब्लॉकों में जलस्तर अत्यन्त खतरे की स्थिति को भी पार कर चुका है और 4 ब्लॉकों में जल का दोहन अत्यन्त ज्यादा हो रहा तथा यहाँ पर भूमिगत जल की स्थिति अत्यन्त निम्न स्तर पर है। बक्सा, करंजाकला, केराकत और सिरकोनी जल का अत्यन्त दोहन करने वाले ब्लॉक हैं।
जौनपुर की प्रमुख नदी गोमती की स्थिति अत्यन्त दैनीय है अपने उद्भव स्थल से चलने के बाद यह नदी लखनऊ आदि शहरों से गुजरते हुये आती है, जहाँ पर इसके जल में काफी मात्रा में प्रदूषण मिल जाता है और जल नदी के जल को शहरों के प्रयोग के लिये खींच लिया जाता है जिसकारण जौनपुर में गोमती अत्यन्त दूषित स्थिति में पहुचती है। जौनपुर शहर से निकलने वाले सभी नाले सीधे गोमती में मिलते हैं तथा शहर में जल के पुनर्चक्रण की व्यवस्था ना होने के कारण यहाँ का जल और भी दूषित हो रहा है। जल की समस्या वर्तमान काल में अपने चरम पर पहुँच रही है और वृक्षों का कटाव व निःसंकोच जल का दुरुपयोग जिले की इस चुनौती में और बड़ी समस्या को निमन्त्रण दे रहा है।
1. जियोग्रॉफी ऑफ वाटर रिसोर्सेज़, आर.के. गुर्जर, बी.सी.जाट
2. http://www.cgwb.gov.in/District_Profile/UP/Jaunpur.pdf
3. http://www.crida.in/CP-2012/statewiseplans/Uttar%20Pradesh/UP14-Jaunpur-27.09.2012.pdf
4. http://agriculture.up.nic.in/WriteReadData/CDAP-RKVY/Jaunpur.pdf
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