दुनिया के शीर्ष 20 पेंशन फंडों में शामिल है भारत का ‘कर्मचारी भविष्य निधि’

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22-12-2023 10:54 AM
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दुनिया के शीर्ष 20 पेंशन फंडों में शामिल है भारत का ‘कर्मचारी भविष्य निधि’

डब्ल्यूटीडब्ल्यू के थिंकिंग अहेड इंस्टीट्यूट (WTW’s Thinking Ahead Institute) द्वारा आयोजित इस साल के ग्लोबल टॉप 300 पेंशन फंड (Global Top 300 Pensions Funds) के अनुसार, जबकि 2022 से 2023 तक बाजार के प्रदर्शन में सुधार हुआ है, दुनिया के सबसे बड़े 300 पेंशन फंडों की संपत्ति में 2018 के बाद पहली बार गिरावट देखी गई है। यह गिरावट 2008 में देखी गई गिरावट के बराबर है, जो उस गति से हो रही है जो 20 साल के इतिहास में केवल दो बार सामने आई है।
2022 के अंत तक, दुनिया के शीर्ष 300 पेंशन फंडों की संयुक्त संपत्ति में 12.9% की कमी आई और अब यह घटकर कुल 20.6 ट्रिलियन डॉलर हो गई है, जबकि 2021 के अंत में यह 23.6 ट्रिलियन डॉलर थी। ये आंकड़े पिछले वर्ष के सबसे बड़े 300 पेंशन फंडों की संपत्ति में 8.9% की वृद्धि की तुलना में तीव्र गिरावट का दर्शाते हैं। वर्ष 2022 की नवीनतम गिरावट 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट के समय हुई 12.6% की गिरावट से भी अधिक है। वैश्विक स्तर पर शीर्ष 300 गिरावट वाले पेंशन फंडों में से सबसे अधिक पेंशन फंड ब्रिटेन और जापान के हैं। इस गिरावट में सितंबर 2022 के यूनाइटेड किंगडम गिल्ट संकट और इसके परिणामस्वरूप उत्पन्न आगामी बाजार अस्थिरता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2022 में आर्थिक अनिश्चितता और बाजार अस्थिरता का ऐतिहासिक स्तर दर्ज किया गया। जिसको परिभाषित लाभ पेंशन से छोटी परिभाषित अंशदान योजनाओं की ओर निरंतर बदलाव के रूप में देखा जा सकता था।
थिंकिंग अहेड इंस्टीट्यूट के वार्षिक ग्लोबल पेंशन एसेट्स स्टडी (Thinking Ahead Institute’s annual Global Pension Assets Study) के अनुसार,सभी पेंशन फंडों की तुलना में, दुनिया के सबसे बड़े 300 पेंशन फंड के पास अब वैश्विक पेंशन परिसंपत्तियों का 43.0% (2021 में 41.1% की तुलना में) हिस्सा है।
जापान का सरकारी पेंशन निवेश कोष (The Government Pension Investment Fund of Japan (GPIF) 1.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के AUM (Assets under Management) के साथ दुनिया का सबसे बड़ा पेंशन फंड है। यह कोष 2002 से शीर्ष स्थान पर है। जबकि हमारे देश भारत के कर्मचारी भविष्य निधि ने 2022 के लिए शीर्ष 20 फंडों में पहली बार स्थान प्राप्त किया है। यहाँ विश्व के शीर्ष 20 फंडों की सूची दी गयी है: शीर्ष 20 पेंशन फंड (यूएस $ मिलियन):

क्रम संख्या फंड बाज़ार कुल संपत्ति
1 सरकारी पेंशन निवेश जापान 1,448,643
2 सरकारी पेंशन फंड नॉर्वे 1,300,214
3 राष्ट्रीय पेंशन दक्षिण कोरिया 706,496
4 संघीय सेवानिवृत्ति थ्रिफ्ट संयुक्त राज्य अमेरिका 689,858
5 एबीपी नीदरलैंड नीदरलैंड 490,382
6 कैलिफ़ोर्निया पब्लिक एम्प्लॉइज़ संयुक्त राज्य अमेरिका 432,235
7 कनाडा पेंशन कनाडा 420,764
8 केंद्रीय भविष्य निधि सिंगापुर 406,711
9 राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा चीन 347,214
10 कैलिफ़ोर्निया राज्य शिक्षक संयुक्त राज्य अमेरिका 290,384
11 न्यूयॉर्क स्टेट कॉमन संयुक्त राज्य अमेरिका 233,227
12 पीएफजेडडब्ल्यू नीदरलैंड 231,781
13 न्यूयॉर्क सिटी सेवानिवृत्ति संयुक्त राज्य अमेरिका 228,170
14 कर्मचारी भविष्य निधि मलेशिया 227,781
15 स्थानीय सरकारी अधिकारी जापान 207,145
16 फ्लोरिडा स्टेट बोर्ड संयुक्त राज्य अमेरिका 183,092
17 ओंटारियो शिक्षक कनाडा 182,410
18 ऑस्ट्रेलियनसुपर ऑस्ट्रेलिया 176,446
19 टेक्सास टीचर्स संयुक्त राज्य अमेरिका 173,277
20 कर्मचारी भविष्य निधि भारत 158,722
आइये अब जानते हैं कि पेंशन फंड वास्तव में होते क्या हैं?
पेंशन फंड (Pension Fund), जिसे कुछ देशों में सेवानिवृत्ति निधि भी कहते हैं, एक ऐसा कार्यक्रम या योजना है जो सेवानिवृत्ति पर आय प्रदान करती है। पेंशन फंड के पास आमतौर पर निवेश करने के लिए बड़ी मात्रा में धनराशि होती है जिसे ये सूचीबद्ध एवं निजी कंपनियों में निवेश करते हैं। ये फंड विशेष रूप से शेयर बाजार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जहां बड़े संस्थागत निवेशकों का वर्चस्व होता है।
विश्व के सबसे बड़े 300 पेंशन फंडों के पास सामूहिक रूप से लगभग 6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की संपत्ति है। बहुराष्ट्रीय लेखांकन फर्म ‘प्राइसवाटरहाउसकूपर्स’ (PricewaterhouseCoopers) द्वारा 2012 में ही अनुमान लगाया गया कि दुनिया भर में पेंशन फंडों के पास 33.9 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति है और 2020 तक इसके 56 ट्रिलियन डॉलर से अधिक बढ़ने की उम्मीद है, जो कि म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियों, मुद्रा भंडार, वेल्थ फंड, हेज फंड, या निजी इक्विटी या किसी भी संस्थागत निवेशक की किसी भी श्रेणी के निवेश से कहीं अधिक ज़्यादा है। अभी हाल ही में हमारे देश भारत में भी सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) को एक निश्चित सीमा तक सीधे तौर पर इक्विटी और संबंधित निवेशों में निवेश की बिक्री या मोचन से उत्पन्न आय का निवेश करने की अनुमति दी है। अब तक इक्विटी में ईपीएफओ का निवेश केवल एक्सचेंज ट्रेडेड फंड Exchange Traded Funds (ETF) के माध्यम से होता है और 31 जुलाई तक ईपीएफओ का कुल निवेश 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। भारत में EPFO के 6.5 करोड़ से ज्यादा उपयोगकर्ता हैं।
एक सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि इस संबंध में एक नया खंड 24 अगस्त, 2023 से शामिल किया गया है। और यह तत्काल रूप से प्रभावी माना जाएगा। इक्विटी और निवेश से संबंधित दिशानिर्देशों के तहत, EPFO बीएसई (BSE) या एनएसई (NSE) पर सूचीबद्ध ऐसी कंपनियों के शेयरों में निवेश कर सकता है, जिनका बाजार पूंजीकरण ₹5000 करोड़ या उससे अधिक है और जिनके पास दोनों स्टॉक एक्सचेंजों में से किसी एक में कारोबार करने वाले शेयरों के साथ डेरिवेटिव (derivatives) हैं। साथ ही ऐसे म्यूचुअल फंड में भी निवेश किया जा सकता है जिनका न्यूनतम 65 प्रतिशत निवेश बीएसई या एनएसई सूचीबद्ध इक्विटी में हो।
यहां यह ध्यान देने की आवश्यकता है कि ईपीएफओ किसी कंपनी के शेयरों में सीधे निवेश नहीं करता है। ईपीएफओ बीएसई-सेंसेक्स और निफ्टी-50 सूचकांकों की प्रतिकृति ईटीएफ के माध्यम से इक्विटी बाजारों में निवेश करता है। ईपीएफओ ने समय-समय पर विनिवेश के लिए विशेष रूप से निर्मित ईटीएफ में भी निवेश किया है।
यहाँ हम आपको बता दें कि 31 दिसंबर, 2022 तक, ईपीएफओ द्वारा प्रबंधित विभिन्न फंडों का कुल कोष 18.30 लाख करोड़ रुपये था, जिसमें से 91 प्रतिशत से अधिक निवेश ऋण उपकरणों में, तथा शेष ईटीएफ में निवेशित था। ईपीएफओ ने 2018-19 से जुलाई 2023 तक ईटीएफ में कुल ₹2.01 लाख करोड़ से अधिक का निवेश किया है। ईटीएफ में ईपीएफओ का निवेश 2018-19 से लगातार बढ़ रहा है। 2018-19 में ईपीएफओ द्वारा 27,974 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। 2019-20 में यह बढ़कर 31,501 करोड़ रुपये हो गया और पिछले कुछ वर्षों में 2022-23 में बढ़कर 53,081 करोड़ रुपये हो गया। चालू वित्त वर्ष में जुलाई तक देश के दूसरे सबसे बड़े वित्तीय संस्थान ईपीएफओ ने ईटीएफ में 13,017 करोड़ रुपये का निवेश किया था। और इस प्रकार ईपीएफओ द्वारा ईटीएफ में किया गया कुल निवेश 2018-19 से जुलाई 2023 तक 2,01,212 करोड़ रुपये हो गया है।
ईपीएफओ ने 2015-16 में 5% के शुरुआती निवेश के साथ ईटीएफ के माध्यम से इक्विटी में निवेश करना शुरू किया था। इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 10% कर दिया गया। ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने इस साल मार्च में अपनी आखिरी बैठक में जमाकर्ताओं के लिए रिटर्न में सुधार के लिए जमा धनराशि को 15% तक बढ़ाने का फैसला किया है। इस जमा राशि को 20% तक बढ़ाने का प्रस्ताव भी रखा गया है, जिसकी सिफारिश ईपीएफओ की वित्तीय निवेश और लेखा परीक्षा समिति ने दिसंबर 2021 में की थी।

संदर्भ
https://shorturl.at/qCFW2
https://shorturl.at/glqxG
https://shorturl.at/cEJSX
https://shorturl.at/jmuz6
https://shorturl.at/tyAPT

चित्र संदर्भ
1. कर्मचारी भविष्य निधि के लोगो और कर्मचारियों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia, PixaHive)
2. एक कार्यालय को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. पेंशन फण्ड को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. कर्मचारी भविष्य निधि आयोग की वेबसाइट के चित्र को दर्शाता एक चित्रण (epfindia)

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