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आपने ‘जीडीपी’, यह शब्द तो सुना ही होगा। लेकिन, आज हम, इसी से संबंधित एक अन्य सिद्धांत के बारे में जानेंगे। प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP per capita) एक आर्थिक मापन विधि है, जो किसी देश के प्रति व्यक्ति आर्थिक उत्पादन के बारे में जानकारी प्रदान करता है। अर्थशास्त्री प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए करते हैं कि, देश अपनी आर्थिक वृद्धि के आधार पर कितने समृद्ध हैं। प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद की गणना किसी देश की सकल घरेलू उत्पाद को उसकी जनसंख्या से विभाजित करके की जाती है। इससे यह स्पष्ट है कि, प्रति व्यक्ति उच्च सकल घरेलू उत्पाद वाले देश वे होते हैं, जो औद्योगिक एवं विकसित होते हैं।
इसके साथ ही, प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद राष्ट्रों की समृद्धि को मापने के लिए, एक वैश्विक उपाय है। जीडीपी ही किसी भी देश की आर्थिक उत्पादकता का प्राथमिक माप है। और सरल अर्थ में, किसी देश की जीडीपी, उसके द्वारा उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के बाज़ार मूल्य को दर्शाती है।
प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद की गणना किसी देश की जनता के जीवन स्तर को भी दर्शाती है। क्योंकि,प्रति व्यक्ति जीडीपी देश के प्रति व्यक्ति आर्थिक उत्पादन को मापता है। यह किसी राष्ट्र की समृद्धि को, उस राष्ट्र में, प्रति व्यक्ति आर्थिक विकास द्वारा निर्धारित करता है। जबकि, एक अन्य सिद्धांत यानी, प्रति व्यक्ति आय(Per capita income) किसी राष्ट्र में प्रति व्यक्ति द्वारा अर्जित धन की मात्रा को मापती है। यह मापन प्रणाली, आबादी के जीवन स्तर और जीवन की गुणवत्ता निर्धारित करने के लिए, दिए गए क्षेत्र के लिए औसत प्रति व्यक्ति आय का मूल्यांकन करता है।
दुनिया के 200 देशों की प्रति व्यक्ति जीडीपी इंगित करती है कि, भारत 2,612 अमेरिकी डॉलर के साथ दुनिया में 139वें स्थान पर है।जबकि, यूरोप(Europe) में मोनाको(Monaco) 2,34,317 अमेरिकी डॉलर के साथ सबसे शीर्ष स्थान पर है, और अफ्रीका(Africa) में बुरुंडी(Burundi)केवल 246 अमेरिकी डॉलर, प्रति व्यक्ति जीडीपी के साथ सबसे निचले स्थान पर है।
वैसे, हमारे देश भारत के भीतर ही, प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के बीच काफी भिन्न है। 4,72,070 रुपयों के साथ, गोवा सबसे शीर्ष पर है, और हमारे राज्य उत्तर प्रदेश की स्थिती, 73,048 रुपयों के साथ, दूसरी सबसे खराब है। और, बिहार की प्रति व्यक्ति जीडीपी केवल 47,498 रुपये के साथ, सबसे निचले स्तर पर है।
दूसरी ओर, अगर हम केवल हमारे राज्य की बात करें, तो उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में ही, प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण भिन्नताएं हैं। राज्य में, नोएडा इस मामले में उच्चतम है, और मेरठ दूसरे स्थान पर है। फिर भी नोएडा का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद, मेरठ से लगभग 6 गुना अधिक है।आप नीचे प्रस्तुत लिंक पर जाकर, हमारे ज़िले जौनपुर एवं हमारे राज्य के अन्य ज़िलों का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद जान सकते हैं।
https://tinyurl.com/mshsw25f
क्या आप जानते हैं कि, अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन का आर्थिक विकास और इस प्रकार हमारे जीडीपी पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है? इसमें कोई संदेह नहीं है कि, जहां प्रवासन से कार्यबल का विस्तार होता है, वहां कुल सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि की उम्मीद की जा सकती है। हालांकि, जब प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि की बात आती है, तो स्थिति कम स्पष्ट होती है। इसके लिए, निम्न कारक ज़िम्मेदार हैं:
सबसे पहले, प्रवासन का जनसांख्यिकीय प्रभाव पड़ता है। इससे जनसंख्या के आकार में वृद्धि होती है, तथा प्रवासन का अनुभव करने वाले देशों के आयु पिरामिड(Age pyramid) में भी, इससे बदलाव होता है।
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन अर्थात ओईसीडी(Organisation for Economic Co-operation and Development) देशों में, उच्च शिक्षित अप्रवासियों का अनुपात तेजी से बढ़ रहा है। ओईसीडी देशों में तृतीयक-शिक्षित आप्रवासियों की संख्या में पिछले दशक में अभूतपूर्व वृद्धि (70% तक) देखी गई है, जो 2010–11 में लगभग 30 मिलियन तक पहुंच गई थी। यह प्रवृत्ति ज्यादातर एशियाई प्रवासन से प्रेरित है।
मूल निवासियों की तुलना में प्रवासी युवा, आर्थिक रूप से सक्रिय आयु समूहों में अधिक केंद्रित होते हैं और इसलिए, वे निर्भरता अनुपात को कम करने में योगदान करते हैं।दूसरा, प्रवासी कौशल और योग्यताओं के साथ आते हैं, और इस प्रकार, मेज़बान देश की मानव पूंजी के भंडार को पूरक बनाते हैं। विशेष रूप से, संयुक्त राज्य अमेरिका(United States of America) के साक्ष्य बताते हैं कि, कुशल अप्रवासी अनुसंधान और नवाचार के साथ-साथ तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने में योगदान देते हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/mwf6rj3d
https://tinyurl.com/22suek45
https://tinyurl.com/73t8uhck
https://tinyurl.com/s3hfzr5x
https://tinyurl.com/mshsw25f
https://tinyurl.com/uajupc3x
चित्र संदर्भ
1. जौनपुर में एक फलों की दुकान को दर्शाता एक चित्रण (prarang)
2. 2050 में विश्व की अनुमानित जीडीपी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. 2023 में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (पीपीपी) के अनुसार देश या क्षेत्र को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. जौनपुर के एक वस्त्र विक्रेता को दर्शाता एक चित्रण (prarang)
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