कृत्रिम बुद्धिमत्ता में प्रगति लाएगी आईटी कार्यस्थलों व काम करने के तरीकों में बड़े बदलाव

संचार एवं संचार यन्त्र
22-11-2023 09:24 AM
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कृत्रिम बुद्धिमत्ता में प्रगति लाएगी आईटी कार्यस्थलों व काम करने के तरीकों में बड़े बदलाव

पिछले दो दशकों के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) या आईटी (IT) का बाज़ार, बहुत तेज़ी के साथ उभरा है। ऊपर से उद्योग स्वचालन (Industry Automation) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence (AI) के प्रचलन के कारण इस क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों की मांग पहले की तुलना में कहीं अधिक बढ़ गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, आईटी पेशेवर (IT Professional) ऐसे माहौल में काम करना पसंद करते हैं, जो केवल नौकरी की सुरक्षा के बजाय, उत्पादकता पर अधिक केंद्रित होते हैं। आईटी पेशेवर, इंसानों के बजाय स्वचालन (Automation) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) पर अधिक भरोसा करते हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) में हुई प्रगति के कारण हम, अगले पांच वर्षों में ही आईटी कार्यस्थलों (IT Workplaces) और काम करने के तारीकों में बहुत बड़े बदलाव देखने वाले हैं। आनेवाले समय में एआई कई पारंपरिक कार्यों को स्वचालित कर देगा, जिसके बाद अपने बचे हुए समय में ये आईटी पेशेवर ,रणनीतिक और रचनात्मक कार्यों पर अधिक ध्यान दे सकेंगे।
आईटी कार्यक्षेत्र के भविष्य को आकार देने वाले प्रमुख रुझानों में शामिल हैं:
स्वचालन में वृद्धि: एआई बार-बार दोहराए जाने वाले और कम मूल्य वाले कार्यों को संचालित कर देगा, जिससे आईटी पेशेवरों को अधिक जटिल और प्रभावशाली परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति मिलेगी।
एआई और आईटी पेशेवरों के बीच बेहतर सहयोग: एआई, आईटी पेशेवरों की जगह नहीं लेगा, बल्कि उनके साथ मिलकर काम करेगा और उनकी क्षमताओं को बढ़ाएगा।
एआई और संबंधित प्रौद्योगिकियों में कौशल की बढ़ती मांग: जैसे-जैसे एआई अधिक प्रचलित होता जा रहा है, वैसे-वैसे एआई, मशीन लर्निंग (Machine Learning) और डेटा विज्ञान (Data Science) में विशेषज्ञता वाले आईटी पेशेवरों की मांग भी बढ़ रही है।
रिमोट और हाइब्रिड कार्य (Remote and Hybrid Work) की ओर झुकाव: महामारी ने रिमोट और हाइब्रिड कार्य की प्रवृत्ति को तेज़ कर दिया है। इस प्रवृत्ति के भविष्य में भी जारी रहने की उम्मीद है। इससे संगठनों को व्यापक भौगोलिक क्षेत्रों से प्रतिभाओं को नियुक्त करने में अधिक लचीलापन मिलेगा।
आईटी कार्य के लिए मोबाइल उपकरणों का बढ़ता उपयोग: युवा आईटी पेशेवर काम के लिए मोबाइल उपकरणों का बढ़-चढ़कर उपयोग कर रहे हैं, और यह प्रवृत्ति जारी रहने की उम्मीद है। इससे आईटी पेशेवरों के लिए कहीं से भी काम करना और भी आसान हो जाएगा। एआई के माध्यम से स्वचालन की प्रक्रियाओं और परिणामों की समीक्षा के लिए अभी भी मानवीय निरीक्षण की आवश्यकता बनी रहेगी। इससे आईटी के क्षेत्र में सॉफ्ट स्किल (Soft Skills) यानी संचार कौशल की आवश्यकता पहले से भी कहीं अधिक बढ़ गई है। इन सॉफ्ट स्किल्स में प्रभावी ढंग से संवाद करने, साथ मिलकर काम करने और समस्याओं को रचनात्मक रूप से हल करने की क्षमता शामिल होती। आईटी पेशेवरों को भी बदलाव के अनुरूप ढलने और नए कौशल जल्दी सीखने में सक्षम होने की आवश्यकता होगी। भारत में भी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के क्षेत्र में नौकरियां बढ़ने की संभावना इसलिए भी अधिक है, क्योंकि भारत आज भी आईटी आउटसोर्सिंग (IT outsourcing) और ऑफशोरिंग (Offshoring) के क्षेत्र में एक अग्रणी राष्ट्र बना हुआ है।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि क्लाउड कंप्यूटिंग (Cloud Computing), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) और मशीन लर्निंग (Machine Learning) जैसी नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने से भविष्य में भारत के आईटी क्षेत्र में 7.7% की बढौतरी देखी जाएगी। हालांकि भले ही आईटी कंपनियां जो परंपरागत रूप से नए स्नातकों की प्रमुख भर्ती कर्ता रही हैं, लेकिन आज उन्हें भी शीर्ष और योग्य प्रतिभाओं को आकर्षित करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा शायद इसलिए है क्योंकि इस क्षेत्र में शुरुआती वेतन अभी भी स्थिर बना हुआ है। इसके अलावा अन्य तकनीकी क्षेत्र अधिक रोमांचक और आकर्षक अवसर प्रदान करते हैं। आईटी उद्योग ने देश की अर्थव्यवस्था में हमेशा से ही अहम भूमिका निभाई है। इसने न केवल देश के समग्र विकास को गति दी है, बल्कि नवाचार (Innovation) के लिए भारत को एक वैश्विक केंद्र भी बना दिया है। आईटी उद्योग ने गूगल और एक्सेंचर (Google and Accenture) जैसे अंतरराष्ट्रीय दिग्गजों को भी भारत में आकर्षित किया है। 1990 के दशक के बाद से, आईटी उद्योग में तेज़ी से वृद्धि हुई है, ऊपर से कोविड-19 महामारी ने डिजिटल प्रौद्योगिकियों को अपनाने में और भी तेजी ला दी है, जिससे विभिन्न उद्योगों में आईटी सेवाओं और समाधानों की मांग बढ़ गई है। महामारी ने डिजिटल खर्च को भी बढ़ावा दिया है, जिससे आईटी सेवाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। आने वाले समय में लोगों के तेजी से डिजिटल सेवाओं, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म (Online Platform) और दूरस्थ कार्य पर निर्भर होने के कारण, डिजिटल परिवर्तन की मांग और बढ़ने की उम्मीद है।
शोधकर्ताओं ने भारत के आईटी बाजार के लिए 10% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर यानी सीएजीआर (CAGR) की भविष्यवाणी की है, जो साल 2025 तक 350 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। क्लाउड कंप्यूटिंग (Cloud computing), बिग डेटा एनालिटिक्स (Big Data Analytics), ब्लॉकचेन (Blockchain), ऑटोमेशन (Automation), एआई और मशीन लर्निंग जैसी उभरती प्रौद्योगिकियां भविष्य में आईटी विकास को और अधिक गति देंगी। डिजिटल परिवर्तन को अपनाना उन व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण है, जो आधुनिक अर्थव्यवस्था में सफल होना चाहते हैं। तकनीकी प्रगति ने विभिन्न उद्योगों में आवश्यक कौशल को नया आकार दिया है, जिससे कंपनियों को अपने कार्यों को ऑनलाइन अनुकूलित करने और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। समय के साथ आभासी वास्तविकता (Virtual Reality), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (Internet of Things (IoT) और सॉफ्टवेयर विकास (Software Development) जैसे क्षेत्रों में भी तेजी से विकास हो रहा है। इसी कारण तकनीकी पेशेवरों की मांग बढ़ रही है, और इन्हीं आशाजनक संभावनाओं और आकर्षक अवसरों के कारण कई लोग आईटी में अपना करियर शिफ्ट कर रहे हैं। हालाँकि, अधिक विशिष्ट भूमिकाओं की ओर कदम बढ़ने के और उभरती प्रौद्योगिकियों में विशेषज्ञों की आवश्यकता के साथ, आईटी नौकरियों के प्रकार भी बदलने की उम्मीद है। इसका मतलब यह है कि आईटी पेशेवरों को खुद को नौकरी बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए अपने कौशल को लगातार अद्यतन यानी अपडेट करते रहना होगा।

संदर्भ

https://tinyurl.com/bdcwfwuw
https://tinyurl.com/y6nm295k
https://tinyurl.com/3297cpa7
https://tinyurl.com/2b9txxr3

चित्र संदर्भ

1. रोबोट के समक्ष खड़ी महिला को दर्शाता एक चित्रण (Substack)
2. आईटी कार्यस्थल को दर्शाता एक चित्रण (pxhere)
3. संचार कौशल वर्कशॉप को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. ऑफिस में बैठकर काम करते कर्मचारियों को दर्शाता एक चित्रण (needpix)
5. खुले में बैठकर काम करते भारतीय व्यक्ति को दर्शाता एक चित्रण (Pexels)

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