धरणी सूत्र: विश्व में वुडब्लॉक छपाई के सबसे प्राचीन अवशेष में निहित है, निर्वाण का मार्ग

विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा
06-10-2023 09:30 AM
Post Viewership from Post Date to 06- Nov-2023 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1982 345 2327
धरणी सूत्र: विश्व में वुडब्लॉक छपाई के सबसे प्राचीन अवशेष में निहित है, निर्वाण का मार्ग

विश्व में “मुद्रित कागज (Printed Paper)” का पहला अवशेष कोरिया में खोजा गया था। यह ऊष्णीष विजय धरणी (Uṣṇīṣa Vijaya Dhāraṇī Sūtra) नामक बौद्ध सूत्र का एक “संस्कृत वुडब्लॉक प्रिंट (Woodblock Print)” है। यह भारत के महायान समुदाय का सूत्र है, जिसका पूरा नाम “सर्वदुर्गतिपरिशोधन ऊष्णीष विजय धरणी सूत्र” है। 679 और 988 ई. के बीच इस सूत्र का संस्कृत से चीनी भाषा में कुल आठ बार अनुवाद किया गया। यह चीन में बहुत लोकप्रिय हुआ और इसकी प्रथाओं का तांग राजवंश के बाद से बहुत अधिक उपयोग किया जाने लगा, जहां से यह पूर्वी एशिया के बाकी हिस्सों में भी फैल गया। धरणी-सूत्र को 1966 में दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू (Gyeongju) के बुल्गुक्सा (Bulguksa) मंदिर में खोजा गया था। विशेषज्ञों का मानना है कि इसे कोरिया में सिल्ला राजवंश (Silla Dynasty) के दौरान 751 ई. के आसपास बनाया गया था। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि 15वीं शताब्दी के जर्मन शिल्पकार जोहान्स गुटेनबर्ग (Johannes Gutenberg), चल धातु प्रकार (Movable Metal Type) मुद्रण प्रणाली बनाने वाले पहले व्यक्ति थे। लेकिन असल में इस प्रणाली की खोज गुटेनबर्ग से 200 साल पहले कोरिया में हो गई थी। चल धातु प्रकार मुद्रण प्रणाली, धातु के टिकटों के एक सेट की तरह होता है जिन पर अक्षर और प्रतीक उकेरे जाते हैं। आप उन्हें अलग-अलग शब्दों और वाक्यों को मुद्रित करने के लिए व्यवस्थित कर सकते हैं। जब प्रसिद्ध गुटेनबर्ग बाइबिल (Gutenberg Bible) छपी, तब तक कोरिया में चल धातु प्रकार के छह अलग-अलग सेट पहले ही छप चुके थे। गुटेनबर्ग से 700 साल पहले और चल धातु प्रकार के आविष्कार से 500 साल पहले, सिला राजवंश के दौरान कोरियाई कलाकार “वुडब्लॉक प्रिंटिंग” के माहिर उस्ताद हुआ करते थे। वुडब्लॉक या काष्ठब्लॉक मुद्रण, कपड़ों तथा कागज पर चित्र और पैटर्न छापने की एक तकनीक होती है। अधिकांश इतिहासकार इस बात से सहमत हैं कि “वुडब्लॉक प्रिंटिंग का आविष्कार चीनियों ने तांग राजवंश के दौरान 712 से 756 के बीच” किया था। इस समय, कोरिया के सत्तारूढ़ सिला राजवंश और तांग राजवंश के बीच सैन्य गठबंधन के कारण चीन के साथ उनके संबंध काफी मजबूत थे। संभव है कि इसी गठबंधन के कारण चीन में आविष्कार के तुरंत बाद वुडब्लॉक प्रिंटिंग का ज्ञान कोरिया में भी आ गया। डायमंड-सूत्र (Diamond-Sutra) को विश्व का सबसे पुराना जीवित चीनी वुडब्लॉक प्रिंट माना जाता है, जिसे 868 में वांग चीह (Wang Chieh) द्वारा तांग राजवंश (Tang Dynasty) के दौरान मुद्रित किया गया था। धरणी सूत्र को वुडब्लॉक प्रिंटिंग पद्धति का उपयोग करके तैयार किए गए सबसे शुरुआती ग्रंथों में से एक माना जाता है। धरणी एक प्रकार के बौद्ध मंत्र होते हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि इनमें जादुई शक्तियां होती हैं। धरणी, सभी प्रमुख बौद्ध परंपराओं के प्राचीन ग्रंथों में पाए जाते हैं, जिनमें पाली कैनन, महायान सूत्र और तांत्रिक ग्रंथ भी शामिल हैं। धरणियों का उच्चारण नियमित रूप से बौद्ध अनुष्ठान प्रार्थनाओं में किया जाता है। मान्यता है कि इनका उच्चारण करने से दुर्भाग्य, बीमारी और अन्य आपदाओं से रक्षा होती है। महान धरणी सूत्र (Great Dharani Sutra) एक ऐसा बौद्ध ग्रंथ है जिसमें बुद्ध द्वारा, मृत्यु के निकट पहुंच चुके एक ब्राह्मण को बचाने की कहानी दर्शायी गई है। यह घटना कपिलवस्तु नामक स्थान पर हुई थी। कपिलवस्तु महात्मा बुद्ध के पिता शुद्धोधन के राज्य की राजधानी थी। यहाँ भगवान बुद्ध ने अपना बचपन व्यतीत किया था। कहानी के अनुसार एक दिन एक ब्राह्मण जो बौद्ध धर्म में विश्वास नहीं करता था, बुद्ध के पास आया। वह बहुत ही चिंतित था क्योंकि उसे चिकित्सक ने कहा था कि वह जल्द ही मर जाएगा। बुद्ध ने ब्राह्मण से कहा कि उसे मृत्यु के बाद कष्ट सहना पड़ेगा। यह सुनकर ब्राह्मण को बहुत दुःख हुआ और उसने बुद्ध से उसे इस पीड़ा से बचाने की प्रार्थना की। तब बुद्ध ने उसे सलाह देते हुए कहा कि, "यदि आप कपिलवस्तु में एक पुराने पवित्र धार्मिक स्थल का जीर्णोद्धार करते हैं, और एक अन्य छोटे से स्थान पर मंत्रोच्चारण करते हैं, तो आपका जीवनकाल बढ़ जायेगा और आपको आशीर्वाद भी मिलेगा। यह सुनने के बाद, ब्राह्मण पुराने पवित्र स्थान पर गया और उसे ठीक करने का प्रयास किया। माना जाता है कि इसी काल में एक बोधिसत्व (जो व्यक्ति बुद्ध बनने या मोक्ष प्राप्त करने के मार्ग पर हैं उन्हें बोधिसत्व के रूप में जाना जाता है।) ने सत्व के पापों को धोने और जीवन का विस्तार करने के लिए “धरणी मंत्र” को बनाया। ऐसा कहा जाता है कि यह मंत्र सत्वों के पापों को धो देता है और जीवन की प्रत्याशा को बढ़ा देता है। ऐसी मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति धरणी मंत्र को एक पल के लिए भी सुनता है, तो उसके पिछले जन्मों में संचित सभी बुरे कर्म फलों का नाश हो जाता है। साथ ही उस व्यक्ति का पुनर्जन्म अस्तित्व के निचले लोकों जैसे नरक, भूखे भूत, जानवर या असुर के रूप में नहीं होगा। इसके बजाय, उसका पुनर्जन्म एक अच्छे, समृद्ध और प्रतिष्ठित परिवार में होगा। धरणी का निम्नलिखित संस्कृत संस्करण तिब्बती कैनन (तोह 597 डेगे कांग्यूर, खंड 90, फोलियो 243.बी-248.ए) से लिया गया है:
नमो भगवते त्रैलोक्य प्रतिविशिष्टाय बुद्धाय भगवते
तद्यथा ॐ विशोधय विशोधय
असमसम समन्त अवभास स्फरण गति गहन स्वभाव विशुद्धे
अभिषिञ्चतु मां
सुगत वर वचन
अमृत अभिषेके महामन्त्र पाने
आहर आहर आयुः सन्धारणि
शोधय शोधय गगन विशुद्धे
उष्णीष विजय विशुद्धे
सहस्ररश्मि सञ्चोदिते
सर्व तथागत अवलोकन षट्पारमिता परिपूरणि
सर्व तथागत हृदय अधिष्ठान अधिष्ठित महामुद्रे
वज्रकाय सहरण विशुद्धे
सर्व आवरण अपाय दुर्गति परिविशुद्धे
प्रतिनिर्वर्तय आयुः शुद्धे
समय अधिष्ठिते मणि मणि महामणि
तथाता भूत कोटि परिशुद्धे
विस्फुट बुद्धि शुद्धे
जय जय विजय विजय स्मर स्मर
सर्व बुद्ध अधिष्ठित शुद्धे
वज्रे वज्र गर्भे वज्रं भवतु मम शरीरं
सर्व सत्त्वानां च काय परिविशुद्धे
सर्व गति परिशुद्धे
सर्व तथागताश्च मे सम आश्वासयन्तु
सर्व तथागत सम आश्वास अधिष्ठिते
बुध्य बुध्य विबुध्य विबुध्य
बोधय बोधय विबोधय विबोधय
समन्त परिशुद्धे
सर्व तथागत हृदय अधिष्ठान अधिष्ठित महामुद्रे स्वाहा


संदर्भ
https://tinyurl.com/yznv9ajm
https://tinyurl.com/srffhxdb
https://tinyurl.com/487tdp6a
https://tinyurl.com/bdfvsfbh

चित्र संदर्भ
1. पाल लिपि में 11वीं शताब्दी की बौद्ध पंचराक्ष पांडुलिपि। यह मंत्र, लाभ और देवी अनुष्ठानों पर एक धरणी शैली का पाठ है। को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. धरणी पांडुलिपि के प्रकाशित पृष्ठ को दर्शाता एक चित्रण (GetArchive)
3. लकड़ी का ब्लॉक जिसका उपयोग अतीत में यंग्ज़हौ की प्रिंटशॉप द्वारा किताबें छापने के लिए किया जाता था। को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. एक धरणी स्तंभ को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. हयाकुमंतो धरणी जापान की सबसे पुराने ज्ञात मुद्रित ग्रंथ हैं। को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.