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शहरी सांकेतिकता (Urban Semiotics) संकेतों, चिन्हों, प्रतीकों और शहरी रूप में उत्पन्न उनके सामाजिक अर्थों का अध्ययन है। अधिकांश शहरी सांकेतिक सिद्धांत सामाजिक सांकेतिकता पर आधारित होते हैं, जो संकेतों के सांकेतिक अर्थों के अलावा, विचारधारा और शक्ति संरचनाओं से संबंधित अर्थों के साथ–साथ, सामाजिक अर्थों पर भी विचार करता है। इस प्रकार, शहरी सांकेतिकता निर्मित पर्यावरण की भौतिक वस्तुओं, जैसे कि, सड़कों, चौराहों, पार्कों और इमारतों पर ध्यान केंद्रित करती है। लेकिन, यह बिल्डिंग कोड (Building codes), योजना दस्तावेज़, अनबिल्ट डिज़ाइन (Unbuilt designs), रियल एस्टेट (Real estate) विज्ञापन और इसके बारे में लोकप्रिय चर्चा जैसे अनिर्मित सांस्कृतिक उत्पादों पर भी ध्यान केंद्रित करती है।
शहरी स्थानों का हमेशा ही कुछ महत्व होता है। उनके कार्यों एवं उपयोगों के आधार पर शहरी क्षेत्रों का एक उपयोगितावादी उद्देश्य होता है। ये स्थान पथों, परिक्षेत्रों, जिलों, चौराहों और संदर्भित बिंदुओं से बने होते हैं। अतः शहरी सांकेतिकता केवल संरचनाओं के बजाय, शहरी स्थान में उन प्रतीकों के कार्यों की चेतना के बारे में भी महत्त्वपूर्ण है। इसमें चिह्नित (संकेत) और गैर-चिह्नित (रिक्त स्थान या भावनाएं) तत्व होते हैं। इसका मतलब है कि, शहरों की एक भाषा होती है, जिसे हमें वहां मौजूद चिन्हों या संकेतों के माध्यम से समझना होता है।
दूसरी ओर, शहरी नियोजन (Urban planning), जिसे नगर नियोजन, शहर नियोजन, क्षेत्रीय नियोजन या ग्रामीण नियोजन के रूप में भी जाना जाता है, एक तकनीकी और राजनीतिक प्रक्रिया है, जो भूमि उपयोग और निर्मित पर्यावरण के विकास और डिजाइन (Design) पर केंद्रित है। इसमें हवा, पानी और बुनियादी ढांचा भी शामिल होता है। शहरी नियोजन, एक अंतःविषय क्षेत्र है, जिसमें सिविल इंजीनियरिंग (Civil Engineering), वास्तुकला, भूगोल, राजनीति विज्ञान, पर्यावरण अध्ययन, डिजाइन विज्ञान, इतिहास, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, मानव विज्ञान, व्यवसाय प्रशासन और अन्य कुछ क्षेत्रों के पहलू शामिल होते हैं।
क्या आप जानते हैं कि, अब शहरी नियोजन एवं सांकेतिकता में कृत्रिम बुद्धिमत्ता अर्थात आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence या एआई) का भी उपयोग किया जा रहा है। शहरी संदर्भ में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर आधारित प्रौद्योगिकी को शहरों के प्रबंधन में सुधार करने के एक तरीके के रूप में देखा जा रहा है। इसे अकसर ही, स्मार्ट शहरों (Smart Cities) की अवधारणा से जोड़ा जाता है। सामान्यतः बिग डेटा (Big data), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग (Machine learning) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (Internet of Things) जैसे शब्द आज शहरी रणनीतियों से जुड़े चुके हैं। इस संदर्भ में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, शहरी प्रणालियों में सुधार एवं शहर प्रबंधन को एक-दूसरे से जोड़ा जा सकता है।
नीचे चर्चा की गई परियोजनाएं, शहरों में एआई प्रणालियों के कुछ संभावित अनुप्रयोग हैं, जो या तो उनके परीक्षण चरण में हैं या पहले से ही संचालन में हैं। इन सभी प्रणालियों का उद्देश्य शहरी प्रणालियों के प्रबंधन में सुधार करना है। आइए, जानते हैं।
स्टेशनों और परिवहन केंद्रों पर यात्रियों को जानकारी देने में सक्षम रोबोट (Robot) से लेकर, परिवहन संचालन प्रणाली (Operating systems) तक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता को शहरों में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में लागू किया गया हैं। ग्राहकों के अनुभवों के विश्लेषण को एआई के उपयोग के आधार पर किए गए अनुप्रयोगों द्वारा एकत्र, संग्रहीत और संयोजित भी किया जा सकता है। जो परिवहन को अधिक बेहतर एवं सुलभ बना सकता है।
विभिन्न उपक्रमों में, हवा के नमूनों का विश्लेषण करने और बड़े तथा छोटे शहरों में हवा की गुणवत्ता के बारे में आम जनता को सूचित करने में, सक्षम सेंसर (Sensor) का नेटवर्क बनाया है। यह हमें प्रदूषण संकेतों के अलावा अन्य कुछ अनुमानों के बारे में भी जागृत कर सकते हैं तथा चेतावनी दे सकते हैं।
स्वयं उपयोगकर्ताओं से जानकारी प्राप्त करने वाले अनुप्रयोगों के माध्यम से, कृत्रिम बुद्धिमत्ता यह संकेत दे सकती है कि, कोई मार्ग महिलाओं के लिए सुरक्षित है या नहीं। आम तौर पर, उपयोगकर्ताओं से एकत्र की गई यह जानकारी, सड़कों पर आवाजाही, पुलिस व्यवस्था, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था या उत्पीड़न से संबंधित होती है। इसके अलावा, एआई-संचालित निगरानी प्रणाली, सार्वजनिक स्थानों की निगरानी करके और संभावित सुरक्षा खतरों के प्रति अधिकारियों को सचेत करके सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार करने में मदद कर सकती है।
एआई पर आधारित ट्रैफिक प्रणालियां (Traffic systems) शहरों को पारगमन मार्गों की निगरानी, डेटा विश्लेषण, ट्रैफिक लाइट (Traffic light) नियंत्रण और कैमरा ट्रैकिंग (Camera tracking) में सुधार करने की शक्ति प्रदान कर सकती हैं। वीडियो (Video) प्रणालियां, यातायात प्रवाह नियंत्रण के उपकरणों को सक्रिय करने और भविष्य के लिए रणनीतियों का विश्लेषण करने के लिए उस डेटा का उपयोग कर सकती हैं। साथ ही, एआई-संचालित यातायात प्रबंधन प्रणाली, वास्तविक समय के यातायात डेटा का विश्लेषण करते हुए एवं उसके अनुसार यातायात संकेतों को अनुकूलित करके भीड़भाड़ को कम करने और सड़क सुरक्षा में सुधार करने में मदद कर सकती है।
पानी के रिसाव का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तरीकों में से एक ‘ध्वनि सेंसर’ का उपयोग है, जो पाइपों (Pipe) में जल प्रवाह की आवृत्तियों का विश्लेषण करता है। इस डेटा को एक एप्लिकेशन (Application) द्वारा पढ़ा जा सकता है, जो संग्रहीत डेटाबेस (Database) के माध्यम से इस डेटा का विश्लेषण करता है। यह सामान्य प्रवाह वाले पाइप और संभावित रिसाव वाले पाइप की विभिन्न ध्वनियों में अंतर करने में सक्षम होता है।
अपशिष्ट उत्पादों के संग्रह और श्रेणीकरण में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता चयनात्मक संग्रह को अनुकूलित करने, कर्मचारियों के बेहतर प्रदर्शन तथा शहरों की पुनर्चक्रण (Recycling) क्षमता को बढ़ाने के लिए कार्य कर सकती है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित कैमेरे (Camera) विभिन्न सामग्रियों की पहचान करने और उन्हें रीसाइक्लिंग के लिए अलग करने में सक्षम होते हैं।
शहर की सुरक्षा के लिए अपराधीयों के चेहरों की पहचान और व्यवहार स्वरूप का उपयोग हिंसा जैसे अपराधों को कम करने की रणनीति के रूप में किया गया है। इसमें एआई ऐसे संदिग्ध लोगों की पहचान कर सकता है।
एआई-संचालित ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली शहरों की इमारतों, स्ट्रीटलाइट्स (Streetlights) और अन्य बुनियादी ढांचे में, ऊर्जा के उपयोग की निगरानी करने और ऊर्जा खपत को अनुकूलित करने में मदद कर सकती है।
एआई-संचालित चैटबॉट (Chatbots) और वर्चुअल असिस्टेंट (Virtual assistants) नागरिकों को व्यक्तिगत जानकारी और सहायता प्रदान कर सकते हैं। वे नागरिकों को शहर की सेवाओं का पता लगाने, सार्वजनिक परिवहन पर वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करने के साथ ही शहर के नियमों और नीतियों के बारे में सवालों के जवाब देने में मदद कर सकते हैं।
एआई-संचालित आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली, आपातकालीन सेवाओं को उन घटनाओं पर तेजी से और अधिक कुशलता से प्रतिक्रिया देने में मदद कर सकती है। ट्रैफिक कैमरे और मौसम सेंसर जैसे विभिन्न स्रोतों से वास्तविक समय के डेटा का विश्लेषण करके, एआई आपातकालीन सेवाओं को किसी घटना के दायरे को समझने और उसके अनुसार संसाधनों को तैनात करने में मदद कर सकता है।
अतः हम कह सकते है कि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शहरी नियोजन में क्रांति लाने और भाविष्य के स्मार्ट शहरों को आकार देने के लिए तैयार है। व्यापक डेटा और मशीन लर्निंग की शक्ति का लाभ उठाकर, एआई शहरों को अधिक रहने योग्य, टिकाऊ और कुशल बनने में मदद कर सकता है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/5bt5att3
https://tinyurl.com/y8na6m48
https://tinyurl.com/hfnvwj92
https://tinyurl.com/2kt9cnkf
https://tinyurl.com/cwvdfr3u
चित्र संदर्भ
1. रोबोट और शहरी प्रबंधन को दर्शाता एक चित्रण (Cherwell, Pxfuel)
2. अर्बन प्लानिंग मॉडल को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. एक 3D प्रिंटर से निर्माणाधीन घर को संदर्भित करता एक चित्रण (Flickr)
4. नदी किनारे नगर नियोजन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. भारत में ट्रैफिक को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. वर्चुअल असिस्टेंट को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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