दुनिया के पहले सफल व्यापार मार्ग, “रेशम मार्ग” की लोकप्रियता में क्यों आई कमी?

मघ्यकाल के पहले : 1000 ईस्वी से 1450 ईस्वी तक
28-08-2023 09:45 AM
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दुनिया के पहले सफल व्यापार मार्ग, “रेशम मार्ग” की लोकप्रियता में क्यों आई कमी?

प्राचीनकाल और मध्यकाल में विश्व के पूर्वी देशों और पश्चिमी देशों के बीच अनेकों वस्तुओं का व्यापार हुआ तथा इस व्यापार में “रेशम मार्ग” ने एक विशेष भूमिका निभाई। रेशम मार्ग यूरोप (Europe) और एशिया (Asia) के व्यापार मार्गों का एक तंत्र था, जो दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से 15वीं शताब्दी के मध्य तक व्यापार के लिए काफी सक्रिय रहा। वस्तुओं के आदान-प्रदान के अलावा रेशम मार्ग ने पूर्वी और पश्चिमी देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और धार्मिक संबंधों को बढ़ावा देने में भी सहायता की। लेकिन, जब यूरोप के लोग भारत और अन्य देशों के साथ व्यापार करने के लिए समुद्री मार्गों का उपयोग करने लगे तब रेशम मार्ग की लोकप्रियता में कमी आने लगी। तो आइए, जानते हैं कि इतने वर्षों की सफलता के बाद दुनिया के पहले सफल व्यापार मार्ग की लोकप्रियता में कमी क्यों आई तथा समुद्र के माध्यम से व्यापार करने के क्या फायदे और नुकसान हैं? विभिन्न वस्तुओं के व्यापार के लिए रेशम मार्ग का अस्तित्व सैकड़ों वर्षों तक बना रहा। चीन (China) में कई राजवंशों ने इस व्यापार मार्ग को सफल बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि, जैसे-जैसे अन्य सभ्यताएं आर्थिक और तकनीकी रूप से उन्नत होती गईं, अन्य देशों पर चीन का प्रभाव कम होने लगा, जिससे रेशम मार्ग के उपयोग में गिरावट आई। समुद्र के माध्यम से व्यापार की शुरुआत भी रेशम मार्ग के उपयोग और लोकप्रियता में गिरावट का मुख्य कारण था । लंबे और खतरनाक रेशम मार्ग के बजाय, जहाज से माल परिवहन करना अधिक सुरक्षित, आसान और तीव्र था। रेशम मार्ग के पतन का एक अन्य कारक इस्लाम का विस्तार था, जो बौद्ध धर्म के समान रेशम मार्ग के जरिए आसानी से विभिन्न देशों में फैल गया था। जैसे ही इस्लामी शक्ति और क्षेत्र ने चीन पर अतिक्रमण करना शुरू किया, तनाव पैदा होने से विचार और संचार बहुत बाधित हो गए। रेशम मार्ग के पतन का एक कारक मिंग राजवंश (Ming Dynasty) की अलगाववादी नीतियां भी थीं। पूरे मिंग (Ming) और क्विंग (Qing) राजवंशों के दौरान, चीन ने तेजी से आगे बढ़ रहे पश्चिमी देशों के साथ व्यापार करना कम कर दिया। यह एक दमनकारी राज्य बन गया, जिसने अंततः एक समृद्ध और व्यापक व्यापार को समाप्त कर दिया। समुद्री मार्गों की सहायता से व्यापार करना अधिक सुलभ बन गया था। समुद्री मार्ग के जरिए अधिक माल ले जाया जा सकता था तथा परिवहन अपेक्षाकृत सस्ता था। परिणामस्वरूप 15वीं शताब्दी के अंत में रेशम मार्ग के उपयोग में गिरावट आने लगी। हालांकि, रेशम मार्ग के कुछ मार्ग, विशेष रूप से उच्च-पर्वतीय क्षेत्रों में, ताजिकिस्तान (Tajikistan), अफगानिस्तान (Afghanistan), चीन, पाकिस्तान (Pakistan) और भारत को जोड़ने वाले मार्ग, 20वीं सदी की शुरुआत तक भी अस्तित्व में थे। चीन में गृह युद्ध के दौरान नष्ट हुए रेशम मार्ग ने एक बार फिर चीन के इतिहास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1939 में जब जापानियों ने चीन के सभी बंदरगाहों पर कब्जा कर लिया, तो कुओमितांग (Kuomintang) की सरकार ने सोवियत समाजवादी गणराज्य संघ (Union of Soviet Socialist Republics) से एक ऑटोमोबाइल मार्ग बनाने के लिए कहा, जो आंशिक रूप से रेशम मार्ग के उत्तरी मार्ग के समान था। 1940 में जापान के अनुरोध पर ग्रेट ब्रिटेन (Great Britain) ने बर्मी (Burmese) मार्ग बंद कर दिया, जिससे सोवियत समाजवादी गणराज्य संघ द्वारा बनाया गया मार्ग, एक ऐसा मार्ग बन गया, जिसके जरिए चीन अन्य देशों से सहायता प्राप्त कर सकता था। 1937-1941 में इस मार्ग का उपयोग नवीनतम हथियारों और सैन्य मशीनों सहित विभिन्न वस्तुओं के व्यापार के लिए किया जाने लगा। समुद्री परिवहन के अनेकों लाभ हैं, और इसलिए विभिन्न देशों ने व्यापार के लिए समुद्री मार्गों को प्राथमिकता दी। उदाहरण के लिए समुद्री परिवहन का उपयोग करना रेल या हवाई परिवहन की तुलना में बहुत सस्ता है। समुद्री परिवहन के जरिए अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में माल ढोया जा सकता है। ऑटोमोबाइल पार्ट्स (Automobile parts), मशीनरी (Machinery), औद्योगिक पार्ट्स (Industrial parts) आदि जैसे, भारी उत्पादों को समुद्री मार्गों के जरिए आसानी से ले जाया जा सकता है। समुद्री परिवहन के लिए उपयोग किए जाने वाले जहाजों से कार्बन का न्यूनतम उत्सर्जन होता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि समुद्री जहाज, हवाई जहाज और अन्य वाहनों की तुलना में कम ईंधन की खपत करते हैं। इस प्रकार समुद्री परिवहन पर्यावरण के संरक्षण में भी उपयोगी है। अपनी दक्षता के मामले में भी समुद्री परिवहन अन्य परिवहन विकल्पों से बेहतर है। समुद्री जहाजों को इस प्रकार से डिजाईन किया जाता है कि, जहाज और उस पर ले जाया जाने वाला माल पूरी यात्रा भर सुरक्षित रहे। हालांकि, अनेकों लाभों के साथ समुद्री परिवहन के नुकसान भी हैं। उदाहरण के लिए समुद्री मार्ग के जरिए माल ढुलाई में अधिक समय लगता है। इसके अलावा कुछ देशों में बड़े मालवाहक जहाजों की आवाजाही के लिए अच्छा बुनियादी ढांचा भी नहीं है।

संदर्भ:
https://tinyurl.com/vm8ed2pu
https://tinyurl.com/54hm646w
https://tinyurl.com/bdw9xuur
https://tinyurl.com/dz2pux85

चित्र संदर्भ
1. आधुनिकता की ओर बढ़ते संसार को संदर्भित करता एक चित्रण (Needpix)
2. रेशम मार्ग के मानचित्र को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
3. संयुक्त विश्व का मर्केटर मानचित्र को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
4. एक समुद्री यात्रा की शुरुआत के दृश्य को दर्शाता चित्रण (picryl)
5. समुद्री व्यापार को दर्शाता चित्रण (Pxfuel)

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