क्या संकर आम भी प्राकृतिक आमों जैसे ही सुंदर एवं स्वादिष्ट होते है?

साग-सब्जियाँ
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क्या संकर आम भी प्राकृतिक आमों जैसे ही सुंदर एवं स्वादिष्ट होते है?

क्या संकर आम भी प्राकृतिक आमों जैसे ही सुंदर एवं स्वादिष्ट होते है? हाइब्रिड (Hybrid) या संकर आम दो अलग-अलग आम की किस्मों का मिश्रण होता है, जो एक ही पेड़ पर एक साथ उगाए जाते हैं। बहुत से लोग सोचते हैं कि, संकर आम फल देने में सक्षम नहीं होता है। हालांकि, यह सत्य नहीं है। संकर आम वास्तव में फल दे सकते हैं और स्वादिष्ट भी होते हैं। संकर पेड़ों से प्राप्त फलों को संकर आम या संकर फल कहा जाता है। संकर आम के पेड़, किसी एक किस्म के आम के पेड़ के फल देने वाले हिस्से को दूसरी किसी किस्म के मूलवृक्ष पर लगाकर बनाए जाते हैं। फल देने वाले हिस्से को सायन (scion) कहा जाता है और मूलवृक्ष को स्टॉक (stock) कहा जाता है। अधिकतर मामलों में, ये दोनों अलग-अलग किस्में दरअसल आम की एक ही प्रजाति से आती हैं। सबसे अधिक उपरोपण या ग्राफ्ट (graft) की जाने वाली आम की दो किस्में, भारतीय आम अर्थात मैंगीफेरा इंडिका (Mangifera Indica) और चीनी आम अर्थात मैंगीफेरा ओडोरेटा (Mangifera Odorata) हैं। इन दोनों प्रजातियों को प्रयोगशालाओं में आपस में जोड़ा जा सकता है, लेकिन वे अपने आप परागण करने में सक्षम नहीं हैं।
भारत में आमों के कई प्रकार है। हमारे देश भारत में सबसे अच्छे आम से लेकर सर्वोत्तम संकर आम की किस्में भी है।
हाफूस, बंगलोरा, बंगनपल्ली, बॉम्बेग्रीन(Bombay Green), दशहरी, फजरी, हिमसागर,किशन भोग,केसर, लंगड़ा, नीलम,चौंसा,सुवर्णरेखा, वनराज,जरदालू एवं अन्य कई स्वादिष्ट प्राकृतिक किस्मों के साथ कुछ संकर किस्में भी है,जिनके बारे में आपको अवश्य जानना चाहिए:
आम्रपाली : यह संकर किस्म दशहरी और नीलम आम के संकरण से बनी हुई है। यह ऊंचाई में छोटी होती है, नियमित फल देती है और देर से पकती है। यह किस्म, उच्च घनत्व रोपण के लिए उपयुक्त है क्योंकि, एक हेक्टेयर में इस आम के लगभग 1600 पौधे लगाए जा सकते हैं।
मल्लिका: यह संकर भी नीलम और दशहरी आम के मिश्रण से बनी है। इसका फल आकार में बड़ा, आयताकार, अंडाकार और गहरे पीले रंग का होता है। इसके फल एवं रख-रखाव की गुणवत्ता अच्छी होती है। यह किस्म मध्य ऋतु में पकती है।
अर्का अरुणा : यह बंगनपल्ली और हाफूस आम का एक संकर है। यह किस्म ऊंचाई में छोटी होती है, नियमित फल देती है और असामयिक होती है। इसके फल बड़े होते हैं, उनकी खाल थोड़ी लालिमा के साथ आकर्षक होती है।
अर्का पुनीत : यह किस्म भी हाफूस और बंगनपल्ली आम के बीच एक संकर है। यह नियमित एवं विपुल फल देता है। अर्का पुनीत के फल मध्यम आकार के होते है। थोड़ी लालिमा के साथ आकर्षक खाल वाले, और उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले इस आम की भी काफी मांग है।
अर्का अनमोल : यह संकर किस्म हाफूस और जनार्दन पसंद आम के संकरण से बनी है। इससे नियमित फल मिलते है तथा उपज अच्छी होती है। यह फल मध्यम आकार के होते हैं, इनकी खाल का रंग एक समान पीला होता है तथा इसके रख–रखाव की गुणवत्ता भी उत्कृष्ट होती है।
अर्का नीलकिरण : यह किस्म हाफूस और नीलम आम का एक संकर है। यह किस्म की फसल देर से आती है। इसके फल मध्यम आकार के होते है और आकर्षक लाल रंग के होते हैं।
रत्ना : यह संकर किस्म नीलम और हाफूस आम के मिश्रण से बनी है। इसके पेड़ मध्यम रूप से मजबूत और असामयिक होते है। इस आम का फल मध्यम आकार का होता है तथा आकर्षक रंग का होता है।
सिंधु : यह संकर किस्म रत्ना और हाफूस आम के मिश्रण से बना है। यह नियमित फल देता है।इस फल का आकार मध्यम होता है, गूदे रसमय और गुटली पतली और छोटी होती है।
अंबिका : यह संकर किस्म आम्रपाली और जनार्दन पसंद का मिश्रण है। यह नियमित एवं विपुल फल देता है। इस आम के फल मध्यम आकार के होते हैं, इसके छिलके का रंग आकर्षक और लाल होता है तथा ये आम देर से पकते हैं।
अउ रूमानी : यह किस्म रूमानी और मुलगोआ आम के मिश्रण से बना हुआ है। यह आम जल्दी पकता है, भारी होता है और इसका पेड़ नियमित फल देता है।बड़े रूमानी आम गहरे पीले छिलके वाले होते हैं।
मंजीरा : यह संकर किस्म रूमानी और नीलम के संकरण से बना होता है। यह पेड़ ऊंचाई में छोटा होता है, परंतु नियमित फल देता है। स्थिर और रेशे या तंतु (fibre) रहित गूदे से भरा होता है। देशज तथा विदेशी निर्यात बाजारों के लिए उपयुक्त, नई एवं उच्च उपज देने वाली, अच्छी गुणवत्ता वाली और नियमित फल देने वाली आम की संकर किस्मों को विकसित करने के लिए केंद्रीय उपोष्णकटिबंधीय बागवानी संस्थान(Central Institute for Subtropical Horticulture), लखनऊ में आम सुधार कार्यक्रम चल रहा है। दशहरी, लंगड़ा, चौंसा और आम्रपाली जैसी मौजूदा व्यावसायिक किस्मों एवं जनार्दन पसंद, वनराज, सुवर्णरेखा, एल्डन(Eldon) और टॉमी एटकिंस(Tommy Atkins) जैसी लाल रंग की कुछ किस्मों को शामिल करके संकरण बनाए गए है। संकरण कार्यक्रम से आम के लगभग 3,300 संकर उत्पन्न हुए है, जिनमें से लगभग 600 संकर किस्मों का मूल्यांकन किया गया है। लाल रंग के संकरों के अलावा, कुछ पीले रंग के संकर भी आशाजनक पाए गए है। ऐसा ही एक संकर किस्म ‘दशहरी’ एवं ‘चौंसा’ के संकरण से प्राप्त ‘सीआईएसएच–एम–2 (CISH-M-2)’है। इस संकर के फल मध्यम तथा आयताकार आकार के होते है, जबकि प्रत्येक फल का वजन 220 ग्राम तक हो सकता है। पकने पर इनका छिलका चिकना, सख्त और पीले–हरे रंग का होता है। इसके गूदे में कम तंतु होते हैं और यह गहरे पीले रंग का होता है। भारी बारिश के मौसम में भी इस संकर में अच्छी क्षमता हो सकती है। यह आम का फल दशहरी के समान होता हैं, जो उत्तर भारत की प्रमुख किस्म है। हमें उम्मीद है कि इस लेख को पढ़कर आप भी इन अन्य आम की किस्मों को परखेंगे और इनके मीठे स्वाद का आनंद अवश्य उठाएंगे।

संदर्भ
https://bit.ly/3NR8FTr
https://bit.ly/3NXNTBw
https://bit.ly/3NT8ya2
https://bit.ly/3OhNLOS

चित्र संदर्भ
1. संकर आमों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. आम के पेड़ को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. बॉम्बेग्रीन आम को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. ‘दशहरी’आम को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

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