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फिरोज शाह तुगलक द्वारा निर्मित कई शहरों में से एक हमारा शहर जौनपुर, भारत में इस्लामी वास्तुकला के प्रमुख केंद्रों में से एक है। हमारे शहर की अटाला मस्जिद- शर्की वास्तुकला शैली का सबसे पहला उदाहरण है और यह पारंपरिक महराब दार छत और आंगन की योजना के अनुरूप भी है। क्या आपने कभी अटाला मस्जिद की सैर की है? अगर नहीं, तो हम बता दें कि मस्जिद में विद्यमान एक बड़ा आश्चर्य आपका इंतजार कर रहा है…आइए इस मस्जिद की आभासी सैर करें।
हम जिस आश्चर्य की बात कर रहे हैं वह मस्जिद का मैमथ प्रोपाइलॉन (Mammoth Propylons)है। भारत की वास्तुकला में जौनपुर में ही पहली बार प्रोपाइलॉन (Propylon) का उपयोग किया गया था । प्रोपाइलॉन से अभिप्राय किसी स्मारक के प्रवेशद्वार से है। मिस्र की वास्तुकला के समान रूपरेखा वाले इस प्रोपाइलॉन के तीन द्वार आपको स्तब्ध कर सकते हैं। यहां बीच वाला प्रोपाइलॉन 75 फीट ऊंचा है, जबकि दोनों तरफ वाले अन्य दो प्रोपाइलॉन 32 फीट ऊंचे हैं।
मुख्य प्रोपाइलॉन के भीतर ग्यारह फीट गहरा धंसा हुआ मेहराब है। इस संरचना के किनारों में छोटे धनुषाकार ताके या पत्थर के ढांचे वाली खिड़कियां एक के ऊपर एक बनाई गई हैं। निर्माण शैली की दृष्टि से , यह प्रोपाइलॉन वास्तु कला का एक उत्कृष्ट नमूना है। ख्वाजा-ए-जहाँ, जिसका वास्तविक नाम मलिक सरावर था, के द्वारा इस मस्जिद का निर्माण कार्य शुरू कराया गया था । अंतिम तुगलक शासक, नासिर उद दीन महमूद ने उन्हें ‘मलिक उस शर्क’ या ‘पूर्व के प्रमुख’ की उपाधि दी थी और उन्हें जौनपुर का राज्यपाल नियुक्त किया था। 1394 में तुगलक साम्राज्य से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा के बाद उन्होंने अपने स्वयं के राजवंश, ‘शर्की वंश’ की स्थापना की। अटाला मस्जिद के निर्माण कार्य को बाद में तीसरे शर्की राजा इब्राहिम शाह द्वारा पूरा कराया गया ।
मस्जिद के आंगन के चारों ओर के मठ दो मंजिल तक ऊंचे हैं। प्रोपाइलॉन के बाहरी स्तंभ और प्रांगण के आंतरिक भाग से सटे हुए स्तंभ, दोहरे वर्गाकार स्तंभों के रूप में स्थापित हैं। चार मध्यवर्ती पंक्तियों को हिंदू मंदिरों की तरह बनाया गया है, जिसमें छत को आधार देने वाले एकल वर्ग स्तंभ शामिल हैं। केंद्रीय कमरे का एक दिलचस्प आकार है। यह एक त्रिस्तरीय संरचना है जो सबसे निचले हिस्से में वर्गाकार, दूसरे में अष्टकोणीय और तीसरे में सोलह पक्षीय है।
अटाला मस्जिद, जो शर्की वास्तुकला की अभिव्यक्ति है, तुगलक वास्तुकला शैली से प्रेरित थी। इसके प्रार्थना-कक्ष के ऊपर स्थित गुंबद, मेहराब का आकार, ऊपर की ओर पतली रहने वाली मीनारें, प्रोपाइलॉन के ढलान वाले किनारे आदि सभी, उत्तर तुगलक वास्तुकला की विशिष्ट विशेषताएं हैं। लेकिन इसके बावजूद भी, अटाला मस्जिद आज भी एक अत्यधिक मौलिक और सुरुचिपूर्ण कृति बनी हुई है। अटाला मस्जिद के अलावा हमारे शहर के लाल दरवाजा मस्जिद में भी एक बड़ा प्रोपाइलॉन है। हालाँकि, साढ़े पैंतालीस फीट की ऊंचाई वाला यह प्रोपाइलॉन अटाला मस्जिद की तुलना में छोटा है।
शर्की वास्तुकला के साथ ही, प्राचीन ग्रीक वास्तुकला में भी, एक प्रोपिलिया (Propylaea) या प्रोपाइलॉन (Propylon) किसी स्मारक का प्रवेश द्वार होता है। और ग्रीक वास्तुकला में भी हमें प्रोपाइलॉन के उदाहरण देखने मिलते हैं। ये प्रोपाइलॉन एक शहर को विशेष रूप से धर्मनिरपेक्ष लोगों और धार्मिक लोगों के लिए दो भागों में विभाजित करने के लिए बनाए जाते थे। प्रोपिलिया का एक जीवंत उदाहरण आज भी ग्रीस (Greece) में विद्यमान है जो प्राचीन ग्रीक दुर्ग ‘एक्रोपोलिस ऑफ एथेंस’ (Acropolis of Athens) का प्रवेश द्वार है। एथेंस ग्रीस देश की राजधानी है। इस स्थिति में, प्रोपिलिया को एक्रोपोलिस ऑफ एथेंस की तुलना में बड़ा बनाया गया है ताकि रथ भी इसके अंदर जा सके। इसका निर्माण 437 ईसा पूर्व में एथेंस के लिए पेरीकल्स (Pericles) द्वारा किए गए महान पुनर्निर्माण कार्यक्रम का हिस्सा था। पेरीकल्स एक ग्रीक राजनीतिज्ञ थे। एक्रोपोलिस का निर्माण कार्य मेंसिकल्स (Mnesicles) की देखरेख में कराया गया था । मेंसिकल्स एथेंस से एक वास्तुकार थे। प्रोपिलिया की वास्तुकला अद्वितीय है क्योंकि, यह छत के एक किनारे से दूसरे किनारे तक क्षैतिज बीम (Beam) का उपयोग करती है। इन बीमों को संगमरमर के गर्डरों (Girders) द्वारा सहारा दिया गया था; जबकि इन गर्डरों को लोहे की सलाखों द्वारा सहारा मिला था।
ग्रीस के एक शासक टॉलेमी II (Ptolemy II) द्वारा बनवाया गया प्रोपाइलॉन ग्रीक में सबसे व्यापक रूप से सजाए गए प्रवेश द्वारों में से एक था। इस प्रोपाइलॉन को लगभग 104 बुकरानिया (Bukrania) और 100 रोसेटों (Rosettes) की नक्काशी कर बनाई गई चित्रवल्लरी द्वारा मोहक रूप को सुशोभित किया गया है । बुकरानिया और रोसेट नक्काशीदार सजावट थी जिनका शास्त्रीय वास्तुकला में उपयोग किया जाता है। अधिकांश भवन का निर्माण थैसियन (Thasian) संगमरमर में किया गया था, चित्रवल्लरी सहित, जटिल वास्तु विवरण प्रोकोनेसियन (Proconnesian) संगमरमर में उकेरे गए थे। चित्रवल्लरी पर विभिन्न प्रकार की नक्काशी इस प्रोपिलिया का विशेष आकर्षण रहा है।
नक्काशीदार बुकरानिया और रोसेट्स ‘रोटुंडा’ ऑफ अरसिनो II (Rotunda of Arsinoe II) पर भी दिखाई देते हैं, जो टॉलेमी II की बहन और दूसरी पत्नी द्वारा समर्पित एक इमारत है। ये इमारतें, जिनमें बुकरानिया और रोसेट्स अलंकरण के कुछ शुरुआती उदाहरण हैं, ने स्पष्ट रूप से एक ऐसे रूपांकन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जो हेलेनिस्टिक (Hellenistic) ग्रीक और रोमन वास्तुकला में बाद में सर्वव्यापी बन गया। हेलेनिस्टिक, ग्रीस का एक ऐतिहासिक कालखंड है।
टॉलेमी II के प्रोपाइलॉन में दो शैलियों का मिश्रण है । इसका पूर्वी अग्रभाग आयोनिक (Ionic) है, जबकि इसका पश्चिमी अग्रभाग कोरिंथियन (Corinthian) है। ये प्रोपाइलॉन पूरी तरह से संरचनात्मक तथा स्मारकीय कोरिंथियन अग्रभाग को नियोजित करने वाली पहली ग्रीक इमारतों में से एक है। कोरिंथियन स्तंभ पहली बार 5 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के अंत में आम तौर पर इमारतों के आंतरिक स्थानों के लिए विकसित किया गया था ।
आयोनिक और कोरिंथियन शैली को मिलाना भी बेहद असामान्य था। इस इमारत के वास्तुकारों द्वारा बड़ी चतुराई से इस पवित्र स्थान के “बाहर” और “अंदर” के स्थानों के बीच अंतर करने के लिए दो अलग-अलग रूपों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है। यहां आगंतुकों का स्वागत आयोनिक स्तंभों द्वारा होता था, जबकि एक बार अंदर जाने के बाद कोरिंथियन स्तंभों पर गौर किया जा सकता है ।
ग्रीक वास्तुकला में एंटा प्रवेश द्वार पर बने स्तंभ होते है, जबकि कैपिटल एंटा का सबसे ऊपरी, एक मुकुट जैसा, भाग होता है।
हमारे शहर जौनपुर में शर्की वास्तुकला की एक सुंदर अभिव्यक्ति होना हमारे लिए गर्व की बात है। और यह अपने आप में संपूर्ण है, सुंदर है। यह वास्तुकला हमें हमारे इतिहास तथा नवाबों की जीवन शैली के बारे में विचार करने पर मजबूर कर देती है। साथ ही इसका विश्व में किसी और देश में भी उदाहरण है! और यह वाकई में हमें मिली एक अद्वितीय विरासत है।
संदर्भ
https://bit.ly/3LuxSne
https://bit.ly/3LsKQSu
https://bit.ly/3JInEht
चित्र संदर्भ
1. शर्की और ग्रीक प्रोपाइलॉन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. यूनाइटेड स्टेट्स कैपिटल, वाशिंगटन, डी.सी. में प्रोपाइलॉन , को दर्शाता एक चित्रण (picryl)
3. अटाला मस्जिद की संरचना को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. ‘एक्रोपोलिस ऑफ एथेंस को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
5. समोथ्राकी प्रोपाइलॉन ग्रिफिन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. अटाला मस्जिद को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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