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भारतीय संस्कृति में खान-पान और पहनावे की अहमियत किसी से भी छिपी हुई नहीं है। हमारे देश की महिलाओं के गहनों और आभूषणों के प्रति लगाव के किस्से दुनियाभर में मशहूर हैं। आभूषणों के प्रति इस लगाव का एक प्रमुख कारण यह भी हैं कि हमारे देश में आभूषणों में जड़ित रत्नों को स्वास्थ के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण माना जाता हैं। मोल्डावाइट (Moldavite) भी भारत में लोकप्रिय एक ऐसा ही रत्न है, जो न केवल दिखने में शानदार होता है, बल्कि इस क्रिस्टल (Crystal) रूपी रत्न को हृदय चक्र के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है।
मोल्डावाइट को बुतैले स्टोन (Boutille Stone) या व्ल्टविन (Vltawin) भी कहा जाता है। यह एक प्राकृतिक कांच होता है। मोल्डावाइट आमतौर पर पीले- हरे, हरे या भूरे- हरे रंग के होते है। 1800 के दशक के मध्य से ही इसे मुखरित (faceted) और अफलकित रत्नों (Cabochon Gems) के रूप में काटा गया है। इनका उपयोग विभिन्न प्रकार के गहनों जैसे अंगूठी , झुमके, हार, पिन आदि में किया जाता है।
मोल्डावाइट को पृथ्वी पर सितारों से पैदा हुआ एक मात्र रत्न' माना जाता है। माना जाता है कि मोल्डावाइट का निर्माण या गठन, लगभग 15 मिलियन वर्ष पहले एक प्राकृतिक घटना के प्रभाव के कारण हुआ था। ऐसा माना जाता है कि धरती की तरफ आने वाला एक उल्कापिंड दो टुकड़ों में टूट गया था । इस घटना ने दक्षिणपूर्वी जर्मनी (South Eastern Germany) में रीज़ और स्टाइनहाइम गड्ढे (Ries and Steinheim Crater) का निर्माण किया था। उल्कापिंड के प्रभाव के कारण अत्यधिक मात्रा में गर्मी और दबाव उत्पन्न हो गया। इसी कारण जिस भी स्थान पर उल्कापिंड के टुकड़े गिरे, वहां पर इन्होने चट्टानों और मिट्टी को पिघला दिया और उन्हें पिघले हुए कांच की बूंदों के रूप में आसपास के क्षेत्रों में फैला दिया। जिन क्षेत्रों में यह बूंदे गिरी, उनमें आज के चेक गणराज्य (Czech Republic), ऑस्ट्रिया (Austria) और जर्मनी (Germany) देश के कुछ हिस्से शामिल हैं। चेक में मोल्दौ नदी (Moldau River) में इन पत्थरों का बड़ा भंडार है। विशेषज्ञों द्वारा इन फैली हुई सामग्रियों को "इम्पैक्टाइट्स (Impactites)" नाम दिया गया है । मोल्डावाइट को एक खनिज पदार्थ भी माना जाता है। यह एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला अकार्बनिक ठोस है, जिसमें क्रिस्टलीय संरचना नहीं होती है। मोल्डावाइट केवल स्थलीय-सिलिका (Terrestrial-Silica) के संलयन से तीव्र गर्मी और दबाव की स्थिति में बन सकता है। मोल्डावाइट का रासायनिक सूत्र SiO2 + Al2O3 है । इसके गुण सिलिका कांच के समान हैं। मोह्स पैमाने (Mohs scale) पर इसकी कठोरता 5.5 से 7 तक भिन्न हो सकती है।
अपनी अलौकिक उत्पत्ति के कारण मोल्डावाइट आधुनिक युग के ज्योतिषीय और आध्यात्मिक प्रथाओं में रुचि रखने वाले लोगो के बीच काफी लोकप्रिय है। आज मोल्डावाइट रत्न का अर्थ परिवर्तन, भाग्य और सुरक्षा से जुड़ा हुआ माना जाता है। दरसल कई लोग मानते हैं कि मोल्डावाइट में कुछ अद्वितीय उपचार के गुण होते हैं। पाषाण काल से ही मोल्डावाइट का उपयोग रत्नों एवं ताबीज के रूप में किया जाता रहा है। मान्यता है कि इसे पहनने वाले को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही यह भी माना जाता है कि इसे पहनने से महिलाओं को संतान प्राप्ति भी होती है। हालांकि, इस तथ्य की पुष्टि करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है।
आज मोल्डावाइट मध्य से प्रारंभिक मियोसीन युग (Miocene Age) के अवसादों (Sediments) में पाया जाता है। आज मोल्डावाइट बनाने वाली प्रभाव घटना को घटे लाखों साल बीत चुके हैं। ऐसे में इनसे जुड़ी अधिकांश सामग्री नष्ट हो गई है, और बहुत कुछ दफन हो गया है। नतीजतन, आज मोल्डावाइट केवल अपने मूल रूप से बिखरे हुए सीमित क्षेत्रों में ही पाया जाता है।
अधिकांश अच्छी गुणवत्ता वाले मोल्डावाइट को अफलकित रूप में काटा जाता है और मणि के रूप में बेचा जाता है। गहनों के निर्माण में खुरदरे मोल्डावाइट के बड़े टुकड़ों का उपयोग किया जाता है। इसके छोटे टुकड़ों से पेंडेंट या झुमके बनाए जाते हैं। साथ ही उल्कापिंड और खनिज संग्राहकों से कच्चे मोल्डावाइट के नमूने भी खरीदे जा सकते हैं।
मोल्डावाइट अत्यंत दुर्लभ पत्थर होता है। साथ ही यह पृथ्वी पर बेहद सीमित मात्रा में उपलब्ध है। बढ़ती हुई मांग के कारण, इसके प्राकृतिक स्रोत तेजी से समाप्त हो रहे है। यही कारण है कि समय के साथ बाजार में इसकी कीमतें भी तेजी से बढ़ रही हैं। यह बढ़ी हुई कीमतें नकली मोल्डावाइट के बाज़ार को भी प्रेरित कर रही हैं। जालसाज, खरीदारों को ठगने के लिए कृतिम मोल्डावाइट का उत्पादन करने की नई तकनीक खोज रहे हैं। ज्यादातर मामलों में नकली मोल्डावाइट की पहचान करना काफी मुश्किल होता है।
ज्योतिष विज्ञान के अनुसार मोल्डावाइट को कौन व्यक्ति धारण कर सकता है, आइए जानते हैं-
✥मोल्डावाइट एक उपचारक क्रिस्टल (Healing Crystals) है, और लाभ प्राप्त करने के लिए इसे कोई भी पहन सकता है।
इसका कोई नुकसान या बुरा प्रभाव नहीं होता है।
✥मोल्डावाइट पहनने के लिए आपको कुंडली से मिलान करने या किसी ज्योतिषी से परामर्श लेने की आवश्यकता नहीं होती है।
✥मोल्डावाइट एक पारंपरिक जन्मरत्न नहीं है जिसका अर्थ है कि सभी राशियां इस झिलमिलाते हरे और एक पारलौकिक रत्न का अधिकतम लाभ उठा सकती हैं।
✥इसे लटकन के तौर पर भी पहना जा सकता है। साथ ही इसे आप अपने हैंडबैग (Handbag), ऑफिस (Office), लिविंग रूम (Living Room) या बेड रूम (Bed Room) में भी रख सकते है।
✥मोल्डावाइट का उपयोग ध्यान करते समय भी किया जा सकता है।
नकली मोल्डावाइट की पहचान कैसे करें?
✪प्राकृतिक मोल्डावाइट का रंग हल्की काई (Moss) के समान हरा होता है। चटकीला हरे रंग का मोल्डावाइट नकली हो सकता है।
✪प्राकृतिक मोल्डावाइट में प्रचुर मात्रा में समावेशन (Inclusions) जैसे बुलबुले, धागे आदि होते हैं। एवं मोल्डावाइट्स को उनके कृमि-जैसे समावेशन को देखकर भी पहचाना जा सकता है।
✪सतह पर एक सममित पैटर्न के साथ मोटा मोल्डावाइट अनिवार्य रूप से नकली होता है।
प्राकृतिक मोल्डावाइट पत्थर कैसे खरीदें?
▶मोल्डावाइट को निश्चित रूप से एक अच्छा निवेश माना जा सकता है, क्योंकि यह एक दुर्लभ खनिज एवं रत्न होता है।
▶मोल्डावाइट को हमेशा किसी रत्न विशेषज्ञ से ही खरीदना चाहिए, जिसके पास पर्याप्त अनुभव हो।
▶मोल्डावाइट खरीदते समय हमेशा ध्यान रखें कि विक्रेता से एक प्रतिष्ठित संस्थान से प्रयोगशाला प्रमाण पत्र अवश्य ले, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पत्थर 100% प्राकृतिक और प्रामाणिक है।
संदर्भ
https://rb.gy/xpx67n
https://rb.gy/yf3iuw
https://rb.gy/jpbz4b
https://rb.gy/9gtjtq
https://rb.gy/d4wt6z
https://rb.gy/fhyqoe
चित्र संदर्भ
1. मोल्डावाइट के रत्न को संदर्भित करता एक चित्रण (pexels)
2. मोल्डावाइट पत्थर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. मोल्डावाइट के टुकड़ों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. मोल्डावाइट के वितरण क्षेत्रों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. मोल्डावाइट के आभूषण को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
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