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गुलाब हमेशा से ही निर्विवाद रूप से फूलों का राजा रहा है। यह प्रकृति की कुछ खूबसूरत रचनाओं में से एक भी है। गुलाब का फूल प्यार, आराधना और मासूमियत का प्रतीक है। गुलाब महत्वपूर्ण फूलों में से एक है और इसका उपयोग सजावट के लिए, उपहार के रूप में एकल अथवा गुलदस्ते के रूप में और पूजा में किया जाता है। गुलाब के तेल का उपयोग इत्र और सौंदर्य प्रसाधन बनाने में भी होता है। भारत में प्राचीन काल से ही गुलाब की खेती होती है। गुलाब घरेलू और व्यावसायिक उद्देश्य के लिए काटे गए फूलों के बाजार, दोनों के लिए ही एक लोकप्रिय फसल है। गुलाब को आम तौर पर ‘कली’ की अवस्था में ही काटा जाता है, और बिक्री के लिए तैयार होने तक प्रशीतित अवस्था में रखा जाता है।
क्या आपको पता है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में गुलाब सबसे पसंदीदा फूल है। भारत में सर्दियों (अक्टूबर-मार्च) में फूलों के उत्पादन के लिए अनुकूल जलवायु परिस्थितियां होती हैंऔर उसी समय यूरोप में फूलों की अधिक मांग होती है, इसी वजह से भारत में फूलों के निर्यात की बहुत अधिक संभावना है। पूरे यूरोपीय बाजारों में भारत द्वारा फूलों के निर्यात की हिस्सेदारी करीब 51 प्रतिशत है। भारत में फूलों के व्यापार के माध्यम से, विशेष रूप से नियंत्रित वातावरण अर्थात पॉली हाउस (Poly house) के तहत की गई गुलाब की खेती के माध्यम से, विदेशी मुद्रा अर्जित करने की अच्छी गुंजाइश है, क्योंकि भारत को फूलों की खेती के लिए आवश्यक जलवायु (उष्णकटिबंधीय), श्रम की उपलब्धता और तकनीकी मानव-शक्ति आदि के मामले में तुलनात्मक लाभ प्राकृतिक रूप से ही प्राप्त है। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने भी नौवीं पंचवर्षीय योजना में बागवानी विकास पर पहले की तुलना में अधिक रुचि दिखाई है।
वर्ष 2012-13 में दुनिया में गुलाब के फूलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 60,447 हेक्टेयर था। दुनिया में दस शीर्ष गुलाब उत्पादक देश भारत, चीन, (Ecuador) इक्वाडोर, कोलंबिया (Colombia), केन्या (Kenya), मैक्सिको (Mexico), इटली (Italy), थाईलैंड (Thailand), जापान (Japan) और नीदरलैंड (Netherland) हैं। गुलाब उत्पादन के वैश्विक क्षेत्र के तहत 46.54 प्रतिशत योगदान देकर भारत दुनिया में पहले स्थान पर है। जबकि चीन दूसरे स्थान पर है। दुनिया में गुलाब उत्पादन के कुल क्षेत्रफल में चीन और भारत का हिस्सा 70.22 प्रतिशत है । गुलाब के विश्व में होने वाले कुल निर्यात का 52 प्रतिशत निर्यात कर नीदरलैंड पहले स्थान पर है हालांकि विश्व में गुलाब उत्पादन के क्षेत्रफल में इसकी हिस्सेदारी केवल 0.64 प्रतिशत है । इक्वाडोर और कोलम्बिया में सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले गुलाब का उत्पादन किया जाता है और इन गुलाबो को बड़े पैमाने पर संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) को निर्यात किया जाता है। हालांकि, भारत कुल वैश्विक गुलाब उत्पादन का 50 प्रतिशत उत्पादन कर रहा है, किंतु विश्व के गुलाब के कुल निर्यात में केवल 0.20 प्रतिशत का ही योगदान दे रहा है।
जहां तक गुलाबों के निर्यात की कीमत का संबंध है, इटली के फूलों को उच्चतम निर्यात मूल्य जो कि 40 रु. है, मिलता है। उसके बाद कोलंबिया (37 रु.), यूके (34 रु.), इक्वाडोर (31 रु.), स्पेन (रु.29) और जर्मनी (28 रु.) को क्रमशः अधिकतम मूल्य मिलता है। वही भारतीय गुलाब मात्र 12 रुपए प्रति तने के मूल्य से बिकते है।
दुनिया में शीर्ष दस गुलाब निर्यात करने वाले देश नीदरलैंड, केन्या, इथियोपिया (Ethiopia), इक्वाडोर, बेल्जियम (Belgium), कोलंबिया (Colombia), युगांडा (Uganda), जाम्बिया (Zambia), जर्मनी (Germany )और तंजानिया (Tanzania) हैं। जबकि, दुनिया में शीर्ष दस गुलाब आयात करने वाले देश नीदरलैंड, यूएसए, जर्मनी, यूके (United Kingdom), जापान, फ्रांस (France), बेल्जियम, स्विट्जरलैंड (Switzerland), इटली और डेनमार्क (Denmark) हैं।
भारत में पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, गुजरात, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और उड़ीसा देश के ऐसे राज्य हैं जहां गुलाब का प्रमुख उत्पादन होता है। हालांकि, भारत गुलाब उत्पादक देशों में अग्रणी है और गुलाब के उत्पादन में पहले स्थान पर है, तथापि भारत से गुलाब का निर्यात वैश्विक निर्यात के 1.00 प्रतिशत से भी कम है। भारत 55 से अधिक देशों को गुलाब का निर्यात कर रहा है। भारतीय गुलाब का निर्यात मुख्यतः यूके में किया जाता है। सिंगापुर (Singapore), मलेशिया (Malaysia), न्यूजीलैंड (NewZealand), ऑस्ट्रेलिया (Australia), जापान, नीदरलैंड और लेबनान (Lebanon), कुवैत (Kuwait), संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और जॉर्डन (Jordan) भारतीय गुलाब के कुछ अन्य आयातक देश हैं।
भारतीय गुलाब की कीमत विश्व औसत कीमत से कम है और इसके पीछे का कारण उन देशों को भारत का निर्यात है जो प्रति किलोग्राम कम कीमत चुकाते हैं । गुलाब के निर्यात से होने वाली आय में वृद्धि के लिए यह चिंता का विषय है।
पिछले तीन वर्षों के दौरान भारत से गुलाब का निर्यात बढ़ा है जबकि निर्यात मूल्य में गिरावट आई है। भारत से गुलाब का निर्यात ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देशों में घटा है और सिंगापुर, न्यूजीलैंड और मलेशिया में बढ़ा है। वही दूसरी ओर, अमेरिका, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड्स में गुलाब की कीमत में अपेक्षाकृत अधिक वृद्धि हुई है ।
अतः यह समझा जा रहा है कि भारत में फूलों की बागवानी के क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए उत्पादन और उत्पादकता कारकों तथा उत्पादन की गुणवत्ता और गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री की उपलब्धता पर समान रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। वही इसमें विकास करने के लिए मध्यम और निचले स्तर पर अत्यधिक कुशल जनशक्ति की आवश्यकता होगी। श्रमिकों को कटाई के बाद प्रबंधन प्रणाली के प्रशिक्षण की भी आवश्यकता महसूस की गई है। इसी के साथ,आधारभूत संरचना की भी आवश्यकता है।
गुलाबों के निर्यात को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। गुलाबों विशेष रूप से डच गुलाबों के निर्यात उन्मुख उत्पादन को स्थिरता के साथ बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि नियमित आधार पर गुलाब का निर्यात किया जा सके। क्योंकि, नियमित आधार पर निर्यात करने से मात्रा बढ़ाने में मदद मिलती है और गुलाब उत्पादकों को लाभकारी मूल्य भी मिलते हैं। हमे,गुलाब के बदले में उच्च कीमत का भुगतान करने वाले देशों को गुलाब के निर्यात में वृद्धि करने की आवश्यकता है। भारत को निर्यात के लिए अप्रयुक्त बाजारों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और गुलाब के निर्यात के लिए नए देशों की खोज भी करनी चाहिए। साथ ही,गुलाब आयात करने वाले देशों में निर्यात बढ़ाने में आने वाली बाधाओं को हल करने की आवश्यकता है।
इन सभी बातों के बीच, गुलाब के संदर्भ में ही हमारे सामने एक किसान की सफल कहानी है,जिससे हम कुछ सीख सकते हैं। क्या आप जानते है कि बेंगलुरु के साईं रामकृष्ण करुतुरी दुनिया के सबसे बड़े गुलाब निर्यातक हैं!
अपनी इंजीनियरिंग और एमबीए पूरा करने के बाद, विभिन्न विकल्पों के साथ प्रयास करने के अंत में वह फूलों की खेती के लिए तैयार हो गए और उन्होंने गुलाब की खेती और निर्यात करने का फैसला किया। उन्होंने बेंगलुरु के पास 10 हेक्टेयर जमीन खरीदी और गुलाब की खेती के लिए ग्रीन हाउस (green house) का निर्माण किया। लेकिन भारत में फूलों की खेती एक महंगा मामला है। अतः एक पूर्व सहयोगी के साथ संयोग से मिलने के बाद वे अफ्रीका चले गए, जहाँ उनके भाग्य के बीज बोए गए थे। वैश्विक बाजार के 15 प्रतिशत हिस्से के साथ, करुतुरी, आज दुनिया में गुलाब के सबसे बडे निर्यातक है। 2009 में उनकी कंपनी का कारोबार 650 करोड़ रुपए था।
1994 में उन्होंने फूलों का व्यापार शुरू किया। और 2004 में इथियोपिया (पूर्वीअफ्रिका में एक देश) में एक इकाई स्थापित की। आज,उन्होंने वहां लगभग 170 दशलक्ष का निवेश किया है। उनकी कंपनी अब दुनिया की सबसे बड़ी गुलाब की कंपनी है जो इथियोपिया और केन्या (पूर्वी अफ्रिका में एक देश) में हर दिन गुलाब के डेढ़ दशलक्ष तनों का उत्पादन करती है और लगभग 9,000 लोगों को रोजगार देती है। आज, उनकी कंपनी एक वर्ष में 650 दशलक्ष गुलाबो का उत्पादन करती है। इस कंपनी का 95 प्रतिशत उत्पादन अफ्रीका में होता है। यह कंपनी दिन में पांच बार गुलाब की कटाई करती है और उन्हें उसी दिन संसाधित करती है।
हमारे राज्य उत्तर प्रदेश के कन्नौज, गाजीपुर और लखनऊ आदि शहरों सहित हमारा शहर जौनपुर भी भारत में इत्र बनाने वाले प्रमुख शहर थे। स्टेट्समैन (Statesman) की वार्षिक पुस्तिका जौनपुर के उन्नत इत्र कारखानों के बारे में हमे बताती है। वर्तमान समय में भी यहां चारसू चौराहा और कोतवाली के आसपास इत्र का उत्पादन होता है और यहां से उस इत्र का विदेशी बाजारों में निर्यात किया जाता है। अतः इत्र बनाने का महत्वपूर्ण शहर होने के कारण गुलाब के फूलों का प्रयोग जौनपुर के लिए तो अपरिहार्य ही है।
यहां हमने दुनिया में गुलाब के फूलों की वैश्विक मांग और आपूर्ति के बारे में जाना। हमने भारत में गुलाब की खेती के तहत क्षेत्र को देखा और यह भी जाना कि गुलाब के फूलों की खेती में आगे बढ़ने के लिए भारत को किन चीजों की आवश्यकता है। इसके अलावा हमने बैंगलोर से संबंधित गुलाब के कृषि के संचालन को भी देखा।
संदर्भ
https://bit.ly/3iVLETL
https://bit.ly/3XJCnNg
https://bit.ly/3D14q2S
चित्र संदर्भ
1. फूलों की दुकान को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. एक महिला गुलाब विक्रेता को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
3. गुलाब के फूलों की विभिन्न किस्मों को संदर्भित करता एक चित्रण (Needpix)
4. गुलाब के बगीचे को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. फूल मंडी को संदर्भित करता एक चित्रण (maxpixel)
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