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भारत में हर साल 15 जनवरी को फील्ड मार्शल कोडंडेरा एम. करियप्पा (Kodandera M. Cariappa) के सम्मान में भारतीय सेना दिवस मनाया जाता है। उन्होंने इसी दिन 1949 में, अंतिम ब्रिटिश सेना प्रमुख जनरल फ्रांसिस बुचर (Francis Butcher) से भारतीय सेना के पहले ‘कमांडर-इन-चीफ’ के रूप में कार्यभार संभाला था। इस साल 15 जनवरी,2023, को भारत में भारतीय सेना दिवस की 75वीं वर्षगांठ मनाई गई । इस दिन नई दिल्ली और सभी सेना कमान मुख्यालयों में परेड का आयोजन किया जाता है , पदक प्रस्तुत करने और विभिन्न सैन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है । इसी दिन सैनिकों को उनकी बहादुरी और साहसी कृत्यों के लिए वीरता पुरस्कार और सेना पदक जैसे परमवीर चक्र और वीर चक्र आदि प्रदान किए जाते हैं। भारतीय सेना प्रमुख इस अवसर पर परेड की सलामी लेते हैं। देश के लिए लड़ते हुए शहीद हुए बहादुर भारतीय सैनिकों के सम्मान में इस दिन को चिह्नित किया जाता है।
भारत, चीन के बाद दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी सेना का दावा करता है, लेकिन सैन्य कौशल के मामले में अभी भी हमें सबसे मजबूत राष्ट्रों को पीछे छोड़ने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना है। हाल ही में जारी ग्लोबल फायरपॉवर (Global Firepower(GFP)के 140 देशों की वार्षिक रक्षा क्षेत्र की समीक्षा के अनुसार, भारत की सेना विश्व में चौथी सबसे शक्तिशाली सेना है। 2022 की श्रेणी में, अमेरिका अनुमानित रूप से 0.0453 के पावर इंडेक्स स्कोर (Power Index score) के साथ 140 देशों में शीर्ष स्थान पर काबिज है, जबकि प्राप्त करने के लिए पूर्ण स्कोर शून्य है। रूस 0.0501 के स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर है,तीसरे स्थान पर चीन (0.0511) और इसके बाद भारत (0.0979) और जापान (0.119) का स्थान है।
हालांकि किसी भी राष्ट्र की सेना की ताकत का विश्लेषण करते समय कई महत्वपूर्ण कारक अहम भूमिका निभाते हैं जिनका अवश्य विचार किया जाना चाहिए। सेना की ताकत के लिए वाहन, हथियार, संचार उपकरण, आदि उपकरणों की क्षमता और उपलब्धता आवश्यक होती है। साथ ही प्रत्येक सैनिक को प्राप्त होने वाले प्रशिक्षण की गुणवत्ता महत्वपूर्ण है। सैनिकों के कमांडरों की प्रभावी सामरिक रणनीतियों को लगातार विकसित करने की क्षमता महत्वपूर्ण हो सकती है। लेकिन किसी देश की सैन्य ताकत के सबसे बुनियादी उपायों में से एक यह है कि वह कितने सैनिकों को तैनात कर सकता है।
सेना में सैनिकों की उच्चतम कुल संख्या वाले देशों की सूची कुछ पाठकों के लिए आश्चर्यजनक हो सकती है।
हालाँकि, यह भी ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है कि सेवादारों को आमतौर पर तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाता है: सक्रिय सैनिक– (soldiers on active duty), आरक्षित– (Reservists) या अर्धसैनिक सदस्य– (Paramilitary members)।
सक्रिय सैनिक –
ये वे सैनिक होते है जो पूरे समय सेना के लिए काम करते हैं, अक्सर सेना के शिविरों में रहते हैं, और किसी भी समय तैनात किए जा सकते हैं।
आरक्षित सैनिक–
आरक्षित सैनिक वे सैनिक होते है जो आमतौर पर अंशकालिक सेवा प्रदान करते हैं और संरक्षित/आरक्षित होते हैं, जैसे कि आर्मी रिजर्व (Army reserve) या नेशनल गार्ड (National guard)। ये सैनिक आमतौर पर अतिरिक्त पैसा बनाने के लिए, कॉलेज/विश्वविद्यालय में ट्यूशन बोनस (tuition bonus) प्राप्त करने के लिए, या सेना को अपना पूरा समय समर्पित किए बिना अन्य भत्तों का लाभ उठाने के लिए सेना के आरक्षित हिस्से में रहते है।
अर्धसैनिक सदस्य –
ये वे सैनिक होते है जो कनाडा के कैनेडियन रेंजर्स (Canadian Rangers) या फ्रांस के नेशनल जेंडरमेरी–(National Gendarmerie) जैसे संगठनों से संबंधित सेवाकर्मी होते है, जो सैनिकों के समान तो हैं, लेकिन औपचारिक रूप से सशस्त्र बलों का हिस्सा नहीं हैं। भारत में कुल 10 अर्धसैनिक बल हैं।
इस तरह, सैन्य कर्मियों की उच्चतम कुल संख्या (सदस्यों में) वाले देशों में भारत 51,37,500 सैनिकों की संख्या के साथ विश्व में चौथे स्थान पर है। जबकि वियतनाम पहले स्थान पर है। वही, सक्रिय सैन्य कर्मियों की उच्चतम संख्या वाले राष्ट्रों में भारत 14,55,550 दूसरे ही स्थान पर है और इसमें पहला स्थान चीन का है। इसका मतलब यह हुआ कि भारत में सक्रिय रूप से आज 1400000 से भी ज्यादा सैनिक कार्यरत है। सक्रिय और आरक्षित सैन्य कर्मियों की उच्चतम संख्या वाले देशों में भारत 26,10,550 की संख्या के साथ पांचवे स्थान पर है। यह आंकड़े सच में हमें चौका ही देते हैं। साथ ही इससे हमें पता चलता है कि भारतीय सेना का विश्व की सेनाओं में क्या स्थान है।
हालांकि जब हम गर्व से इन संख्याओं के साथ वैश्विक स्तर पर भारत के स्थान का विचार करते हैं, तो एक अन्य बात भी है जिस पर हमें ध्यान देना चाहिए। पिछले साल केंद्र सरकार ने लोकसभा को बताया था कि भारतीय सशस्त्र बलों में 1,35,850 पद खाली पड़े हैं। केंद्र सरकार द्वारा साझा की गई तीनों सेनाओं में रिक्त पदों की सूची के अनुसार, भारतीय सेना में कुल 1,16,464 पद, भारतीय नौसेना में 13,597 पद और भारतीय वायु सेना में 5,789 पद रिक्त हैं। उसी सूची के अनुसार, भारतीय सेना में कुल 1,16,464 रिक्त पदों में से, अधिकारियों के लिए 7308 पद, सैन्य नर्सिंग सेवा (एमएनएस) (Military Nursing Service (MNS) अधिकारियों के लिए 471 पद और जूनियर कमीशंड अधिकारियों (जेसीओ/ओआर) (Junior Commissioned Officers (JCOs/OR) के लिए 1,08,685 पद रिक्त हैं।
सरकार ने भारतीय नौसेना में अधिकारियों (चिकित्सा और दंत चिकित्सा को छोड़कर) के लिए 1446 रिक्त पदों और नाविकों के लिए 12,151 रिक्त पदों को सूचीबद्ध किया है। वही दूसरी ओर, भारतीय वायुसेना में अधिकारियों के 572 पद और वायु सैनिकों के 5217 पद खाली हैं। यह हमारी सेना के बारे में एक विचार करने योग्य बात तो है, लेकिन हम आशा कर सकते हैं कि इन पदों को जल्द से जल्द भरा जाएगा।
संदर्भ–
https://bit.ly/3ZrMB6Y
https://bit.ly/3Xm4LVO
https://bit.ly/3GD2ZsK
चित्र संदर्भ
1. भारतीय सैनिकों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. फील्ड मार्शल कोडंडेरा एम. करियप्पा को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. सैनिकों के युद्धाभ्यास को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
4. आर्मी की भर्ती के बैनर को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
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