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एकल शिक्षार्थियों के लिए ऑनलाइन (online) संगीत शिक्षा बाजार बड़ रहा है। एक लाख से
अधिक यूट्यूब ट्यूटोरियल (YouTube tutorials) इसके उदाहरण हैं। ऐसे कई संस्थान भी हैं
जो मुफ्त में संगीत ट्यूटोरियल(tutorial) बना रहे हैं। महामारी के कारण हुयी सामाजिक दूरी
ने इस बजार को और अधिक बढ़ाया है। 2019 में लॉकडाउन से पहले 1.2 बिलियन बच्चे
अपनी कक्षाओं के बजाय घर पर संगीत सीख रहे थे। 2020 में लॉकडाउन के बाद ई-लर्निंग
(e-learning) बाजार में साल-दर-साल 36.6% की वृद्धि देखी गयी। कुल मिलाकर, वैश्विक
ई-लर्निंग बाजार का आकार 2026 तक $ 374 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है।
हालांकि, ऑनलाइन संगीत सीखने के लिए वैश्विक बाजार का आकार 2025 तक लगभग
143 मिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
संगीत शिक्षा कई बच्चों और वास्तव में लोगों के जीवन में इतनी बड़ी भूमिका निभाती है,
फिर भी इससे जुड़े अवसर कहां हैं? उन्हें अभी तक पूंजीकृत क्यों नहीं किया गया है?
वतर्मान समय में गुणवत्ता वाले शिक्षकों की सीमित आपूर्ति और/या सीखने की लागत जो
आम जनता के लिए वहनीय नहीं है, के कारण केवल 15 प्रतिशत इच्छुक लोग ही एक
अच्छे शिक्षक तक पहुंचते हैं।
इन शिक्षकों से सीखने वाले अधिकांश शिक्षार्थी 6-15 वर्ष की
आयु के बच्चे होते हैं। ऐसे कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म(online platform) हैं जो संगीत से
संबंधित सामग्री प्रदान करते हैं लेकिन जिज्ञासु छात्र अक्सर इनके माध्यम से अभ्यास
करने में असमर्थ होते हैं और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी गलती पर कोई
प्रतिक्रिया नहीं दी जाती है। इसी अंतर को म्यूजिकएप रियाज (music app riyaz) पाटने
की कोशिश कर रहा है।
रियाज़ ऑन-डिमांड (on-demand) संगीत शिक्षक है और जो अपनी प्रौद्योगिकी क्षमता के
माध्यम से सीखने की प्रक्रिया के दौरान अभ्यास-सक्षम सामग्री और वास्तविक समय पर
प्रयास करके संगीत सीखने का मॉडल प्रदान करता है। यह एप गोपाल कृष्ण कोडुरी द्वारा
2019 में लॉन्च(launch) किया गया, इसका उद्देश्य संगीत के लिए एक नया दृष्टिकोण
लाना है। यह गाना सीखने के पारंपरिक तरीके को चुनौती दे रहा है। इंजीनियरिंग की
पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले कोडुरी की हमेशा से कला और साहित्य में रुचि रही है।
आज संगीत उद्योग में प्रौद्योगिकी, क्षमता और कई अवसरों के साथ यह बाजार बढ़ रहा है।
बच्चे और वयस्क विभिन्न उपकरणों को सीखने के लिए प्रयास कर रहे हैं। अधिकांश वाद्य
यंत्रों के शौकीन अपने वाद्ययंत्रों के साथ अपनी आवाज भी देना पसंद करते हैं। कई ऐप कुछ
विशेष वाद्य यंत्रों जैसे पियानो (Piano) इत्यादि को प्रोद्योगिकी के माध्यम से संचालित
करने की अनुमति दे रहे हैं। यह ऐप उपयोगकर्ताओं को पियानो बजाना सिखाने के लिए
संवर्धित वास्तविकता और आभासी वास्तविकता दोनों का उपयोग करता है, चाहे उपयोगकर्ता
के पास कीबोर्ड उपकरण (Keyboard) उपलब्ध हो या नहीं हो। वादक नोट्स और हाथ की
स्थिति जानने के लिए या तो पूरी तरह से आभासी, 'एयर पियानो' (air piano) पर बजा
सकते हैं, या वे वास्तविक पियानो, या उनके पास पहले से मौजूद मिडी-कीबोर्ड(midi
keyboard) के साथ स्पर्श रेखा में ऐप का उपयोग कर सकते हैं।संवर्धित वास्तविकता
प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए, उपयोगकर्ता अपने हाथों और कीबोर्ड को अपने समक्ष देख
सकते हैं, जबकि ऐप इंटरेक्टिव ग्राफिक्स (app interactive graphics) को ओवरले
(overlay) करता है।
इंटरनेट (Internet)पर अपने दम पर संगीत सीखने के मूल रूप से दो तरीके हैं:
1) वीडियो सेवाओं के माध्यम से जो वीडियो प्रशिक्षण, शिक्षक और उपकरण के साधन प्रदान
करते हैं;
2) ऐसे ऐप्स जो आपको व्यापक रूप से सीखने की अनुमति देते हैं, और वाद्य यंत्र के
संचालन की अनुमति देते हैं
यूट्यूब (YouTube) पर एक लाख से भी अधिक वीडियो हैं जो आपको गिटार (Guitar),
वायलिन (Violin), पियानो, आदि बजाना सीखने में मदद करते हैं। ऐसे संस्थानों का एक
समूह भी है जिन्होंने स्वतंत्र रूप से उपलब्ध संगीत ट्यूटोरियल बनाए हैं। जब किसी विशेष
शैक्षणिक संस्थान में सीखने की बात आती है, तो इसमें ट्यूशन फीस (tuition fees) भी
शामिल होती है। इस प्रकार के स्कूलों को अपने बुनियादी ढांचे के लिए भुगतान करने की
आवश्यकता होती है। संगीत की शिक्षा को ऑनलाइन देने से यह अधिक प्रत्यक्ष और
किफायती हो जाएगी। इस कार्यक्रम में पैसा खर्च होता है, लेकिन संगीत स्कूल साइट,
लाइसेंस खरीदने में सक्षम होते हैं, इस प्रकार संसाधन को अधिक छात्रों के लिए सुलभ बनाते
हैं।
अधिक प्रत्यक्ष और ऑनलाइन होने से, संगीत शिक्षा को अधिक किफायती बनाने के लिए
उनमें से बहुत सी लागतों में कटौती की जा सकती है। यहां, उदमी (Udemy) जैसे प्लेटफॉर्म
द्वारा उठाए गए कदमों पर संगीत शिक्षा का विस्तार हो सकता है। उदमी पर पहले से ही
कई पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं जो संगीत पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
आने वाले वर्षों में ऑनलाइन संगीत शिक्षा में तेजी से वृद्धि करने के लिए प्रौद्योगिकियां
विकसित हो रही हैं। पारंपरिक स्कूल अब अधिक व्यापक दर्शकों तक पहुँच सकते हैं और
अधिक भिन्नभिन्न पाठों को लागू करते हुए शिक्षकों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल
कर सकते हैं। इसी तरह, जो लोग एक नए उपकरण को सीखना चाहते हैं, या अपने बच्चों
को सिखाना चाहते हैं, उनके लिए अनेक विकल्प मौजूद हैं। सारी तकनीक उपलब्ध है और
वैश्विक आबादी लॉकडाउन के बाद अब ऑनलाइन सीखने के आदि हो गए हैं। अब इस
उद्योग को केवल एक अरब उपयोगकर्ताओं के लिए ही नहीं बल्कि एक अरब डॉलर के
बाजार के आकार का भी लक्ष्य रखना चाहिए।
महामारी से पहले भी, कुछ संगीत शोधकर्ता शिक्षकों को वाद्य संगीत ऑनलाइन पढ़ाने में
आने वाली बाधाओं को दूर करने और कैसे ऑनलाइन पाठ ग्रामीण स्थानों में बच्चों को
लाभान्वित कर सकते हैं, में मदद करने में रुचि रखते थे। हालांकि, ऑनलाइन गायन और
वादन के उपकरण में कुछ तकनीकी समस्याएं भी आती हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख समय
अंतराल है।
हालांकि, महामारी के दौरान किए गए शोध से पता चलता है कि छात्रों को ऑनलाइन
वाद्ययंत्र बजाना सिखाने से संगीत शिक्षकों को पाठ्यक्रम को पुन: परिभाषित करने, छात्रों के
लिए नए लक्ष्य निर्धारित करने और मूल्यांकन के नए मानदंडों पर विचार करने का मौका
मिल सकता है।
जिन छात्रों के पास घर पर वाद्ययंत्र उपलब्ध हैं, उनके लिए संगीत शिक्षक स्मार्टम्यूजिक
(smartmusic) जैसे लचीले संगीत ऐप का उपयोग कर सकते हैं। पिच (एक महत्वपूर्ण
क्षमता) में बदलाव किए बिना, छात्र प्लेबैक(playback) गति को बदल सकते हैं, उनके द्वारा
सुनी जाने वाली संगीत की प्रकृति में हेरफेर कर सकते हैं, एक मेट्रोनोम(metronome) को
सक्रिय कर सकते हैं।
संदर्भ:
https://bit.ly/3fYWWVL
https://bit.ly/3SOggmN
https://bit.ly/3rGMzsf
https://bit.ly/3SWYG0k
चित्र संदर्भ
1. ऑनलाइन संगीत सीखते बच्चे को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. AI संगीत को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. I गिटार को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. ऑनलाइन गिटार सीखते युवक को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
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