मनुष्य और कुत्तों की दृष्टि में अंतर, क्या कुत्ते टीवी में वही सब देख पाते हैं?

द्रिश्य 1 लेंस/तस्वीर उतारना
01-09-2022 10:27 AM
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मनुष्य और कुत्तों की दृष्टि में अंतर, क्या कुत्ते टीवी में वही सब देख पाते हैं?

प्रकृति ने सभी जीव-जंतुओं और पशु-पक्षियों को दृष्टि का उपहार प्रदान किया है। यह प्रकृति का चमत्कार ही है कि सभी जीव वस्तु को एक समान तरीके से नहीं देखते हैं। उदाहरण के लिए मानव और कुत्तों की देखने की क्षमता में बहुत अधिक भिन्नता होती है। कुत्तों की आंखों में मनुष्य की आंखों की तुलना में रंगों को पहचानने की क्षमता कम होती है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि वे वस्तुओं को पहचानने में सक्षम नहीं हैं। कुत्तों की आंखों में मनुष्यों की तुलना में गति को देखने की क्षमता अधिक होती है।
मानव नेत्रों में शंकु या कोन (Cones) नाम की तीन कोशिकाएँ विद्यमान होती हैं जो मनुष्यों को विभिन्न प्रकार के रंगों को पहचानने में सहायता करती हैं। मनुष्यों की आंखों में तीन प्रकार के शंकु (ट्राइक्रोमैट) (Trichromat) होते हैं, जबकि कुत्तों की आंखों में केवल दो (डाइक्रोमैट) (Dichromat) होते हैं।
मनुष्य की आंखें कैमरे (Camera) के लेंस (Lens) की भांति कार्य करती है। जैसे एक कैमरे का लेंस प्रकाश को फिल्म पर केंद्रित करता है वैसे ही मनुष्यों की आंखों में कॉर्निया (Cornea) नाम की एक संरचना, प्रकाश को एक प्रकाश-संवेदनशील झिल्ली पर केंद्रित करती है जिसे रेटिना (Retina) कहा जाता है। किसी वस्तु से आने वाली प्रकाश-किरण से प्रत्येक शंकु कोशिका के प्रोत्साहित होने के तरिके की तुलाना करके हमारा दीमाग, लाल तरंग दैर्ध्य को हरी तरंग दैर्ध्य से और नीले तरंग दैर्ध्य को पीले तरंग दैर्ध्य से अलग करता है। सरल शब्दों में कहें तो शंकु कोशिकाएँ रंगों में भेद करने में सहायता करती हैं।
वाशिंगटन विश्वविद्यालय (University of Washington) के एक दृष्टि रंग विशेषज्ञ जे नेइट्ज (Jay Neitz) जिन्होंने कुत्तों में रंग संवेदना पर कई आधुनिक प्रयोग किए हैं, के अनुसार, कुत्तों की आंखें पूरी तरह रंगहीन नहीं होती हैं। हम इसे इस तरह समझ सकते हैं कि कुत्तों की आंखें लाल व हरे रंग के अंधेपन वाले व्यक्तियों के समान होती हैं। जिनमें सामान्य मनुष्यों के समान तीसरे प्रकार के शंकु की कमी होती है।
कुत्तों और कलरब्लाइंड (Colour Blind) लोगों में, लाल रंग और हरे रंग दोनों का रेटिना में मौजूद तंत्रिकाओं या न्यूरॉन्स (neurons) पर तटस्थ प्रभाव पड़ता है। कुत्तों के दिमाग को इन रंगों की व्याख्या करने के लिए कोई संकेत ना मिलने के कारण उन्हें यह रंग दिखाई नहीं देते हैं। मनुष्य जिन लाल और हरे रंगों को देख पाता है वहीं कुत्ते इन रंगों के स्थान पर भूरे रंग जैसी छाया देखते हैं।
कुछ प्रमाण यह बताते हैं कि कुत्ते उन रंगों को देखने में सक्षम होते हैं जोमनुष्य नहीं देख पाते। रॉयल सोसाइटी बी (Royal Society B) की कार्यवाही पत्रिका में प्रकाशित वर्ष 2014 के एक अध्ययन से यह पता चला है कि कुत्तों की आंखों के लेंस काफी मात्रा में पराबैंगनी प्रकाश को संचारित करते हैं, जबकि ये तरंग दैर्ध्य मानव नेत्र लेंस द्वारा अवरुद्ध होते हैं। इससे पता चलता है कि कुत्तों को मनुष्यों की तुलना में नीली रोशनी अधिक दिखाई दे सकती है।
वर्ष 2017 के एक अध्ययन पीएलओएस (PLOS) वन पत्रिका में प्रकाशित और स्वीडन में लिंकोपिंग विश्वविद्यालय (Linköping University in Sweden) में आयोजित एक कार्यक्रम में, शोधकर्ताओं ने नेत्र रोग विशेषज्ञों द्वारा लोगों को दिए गए परीक्षणों के समान एक कैनाइन (Canine) दृश्य तीक्ष्णता परीक्षण तैयार किया। शोधकर्ताओं के अनुसार, अच्छी रोशनी में कुत्तों की दृष्टि लगभग 20/50 होती है। इसका मतलब है कि उन्हें किसी चीज को देखने के लिए वस्तु से 20 फीट (6 मीटर) दूर होना आवश्यक है। मनुष्य की तुलना में कुत्ते गति का पता लगाने में अधिक सक्षम होते हैं। ऐसा महत्वपूर्ण झिलमिलाहट संलयन दर (The Critical Flicker Fusion Rate) के कारण होता है। कुत्तों की आंखों का यह गुण, कुत्तों को चलती हुई वस्तुओं जैसे शिकार की तेजी को सटीक पहचानने में मदद करता है।
कुत्तों में रात की दृष्टि मनुष्य की तुलना में अधिक संवेदनशील होती है। हमने कुत्तों की आंखों को रात के समय चमकते हुए देखा है। इसके पीछे कारण यह है कि कुत्तों की आंखें रात में बिना रोशनी वाले कैमरे की भांति कार्य करती हैं और यह आंख पर एक परत के कारण होता है। यह परत कुत्तों की आंखों में प्रकाश का प्रतिबिंब बनाती है जो इन्हें रात में वस्तुओं को पहचानने में सहायता करती है। कुत्तों की आंखों में, मनुष्यों की आंखों से ज्यादा छड़े विद्यमान होती हैं, यह छोड़े वह कोशिकाएँ होती हैं जो रात्रि में दृष्टि को बढ़ाती है। इसका अर्थ यह है कि कुत्ते रात्रि में स्पष्ट देख सकते हैं। संज्ञानात्मक वैज्ञानिक एलेक्जेंड्रा होरोविट्ज़ (Alexandra Horowitz) ने अपने कुत्ते पंप के दिमाग की सामान्य दैनिक गतिविधि को देखकर अवलोकन किया और अपनी पुस्तक इंसाइड ऑफ अ डॉग (Insides of a Dog) में लिखा कि कुत्तों में "चयनात्मक दृष्टि" होती है। हालाँकि इस तथ्य के कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं। कुत्ते किसी वस्तु पर तब तक ध्यान नहीं देते जब तक उन्हें उस वस्तु में रुचि ना हो। कुत्ते केवल नीले, हरे और पीले रंग को स्पष्ट देख सकते हैं। इसलिए उनको नीले आकाश और हरी घास पर दौड़ना अच्छा लगता है। जबकि एक लाल रंग की वस्तु पर वे कम दिलचस्पी दिखाते हैं क्योंकि वह उनके लिए निरस है।
यह वास्तव में विचार करने वाली बात है कि क्या कुत्ते टीवी देखते हैं? क्या वे भी टीवी में वही सब देख पाते हैं जो हम मनुष्य देखते हैं? हमने कई बार पालतू कुत्तों को टीवी की ओर एक टक निहारते हुए देखा होगा। टीवी में कई ऐसी चीजें हैं जो कुत्तों को आकर्षित करती हैं। जैसे गति, ध्वनि व चित्र इत्यादि। हालाँकि कुत्तों की आंखें मनुष्यों की आंखों से बहुत अलग होती हैं, इसलिए वह टीवी पर चीजों को मनुष्य की तुलना में अलग तरीके से देखते हैं।
हम मनुष्य की आंखें 20/20 की तुलना में 20/75 के करीब होती हैं। कुत्ते टीवी को करीब से देखना अधिक पसंद करते हैं यह चित्रों को अधिक तीव्रता से देखने में सहायता करता है। कुत्ते खासकर पुराने टीवी में छवियों को अलग तरीके से देखते हैं। यदि स्क्रीन रिफ्रेश दर (Screen Refresh Rate) 55 हर्ट्ज़ (Hertz) से अधिक तेज़ है, तो मनुष्य छवियों में किसी भी झिलमिलाहट को महसूस नहीं करते हैं। हालाँकि, कुत्तों की गति धारणा क्षमता बेहतर होती है तो वे 75 हर्ट्ज तक झिलमिलाहट को देखने में सक्षम होते हैं।
यदि हम 60 हर्टज़ पर एक औसत टीवी कार्यक्रम (TV Show) देख रहे हैं तो हम मनुष्यों को यह सामान्य और सहज लगेगा, वहीं कुत्ते इस स्थिति में झिलमिलाहट महसूस कर सकेंगे। हालाँकि नए तकनीकी टीवी उच्च स्क्रीन रिफ्रेश दर वाले होते हैं। इस कारण हम और कुत्ते दोनों स्क्रीन (Screen) पर स्पष्ट छवियां देख पाते हैं।
अब प्रश्न यह उठता है कि क्या कुत्तों को पता है कि टीवी पर दिखाए जाने वाले कार्यक्रम असली नहीं हैं? हालाँकि इस प्रश्न का सटीक उत्तर देना मुश्किल है परंतु कई कुत्ते टीवी पर दिखाए जाने वाले कार्यक्रमों को अधिक गंभीरता से लेते हैं। ऐसा माना जाता है कि टीवी पर दिखाए जाने वाले कुत्तों के भौंकने पर वे जवाब देते हैं, अन्य जानवरों को पहचान सकते हैं और कार्टून कुत्तों और वास्तविक कुत्तों की तस्वीरों में अंतर कर सकते हैं। कई कुत्ते अपने मालिकों के साथ सहचर्य के लिए भी टीवी देखते हैं।

संदर्भ:
https://bit.ly/2ZNXEYw
https://bit.ly/3CCJBeX
https://bit.ly/3e6S0Nh

चित्र संदर्भ
1. कुत्ते एवं इंसानी आँखों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. इंसानी नेत्र के डाइग्राम को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. औसत इंसानों की तुलना में कुत्तों की दृष्टि को दर्शाता एक चित्रण (quora)
4. कुत्ते के दिमाग की एनाटॉमी और फिजियोलॉजी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia) 
5. कुत्ते, टीवी पर दृश्यों को मनुष्य की तुलना में अलग तरीके से देखते हैं। को दर्शाता एक चित्रण (flickr) 

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