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पहली इलैक्ट्रिक ट्रैफिक लाइट 1914 में पांच अगस्त के ही दिन अमेरिका
(USA) के ओहियो (Ohio) के क्लीवलैंड (Cleveland) में यूक्लिड एवेन्यू (Euclid
Avenue) में लगाई गई थी, आज ही के दिन यानी की 5 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय
ट्रैफिक लाइट दिवस (International Traffic Light Day) के रूप में जाना जाता है।
ट्रैफिक की बात करें तो करीब 243286 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले और
लगभग 20 करोड़ (2011 की जनगणना के मुताबिक) से ज्यादा जनसंख्या के
साथ, उत्तर प्रदेश को न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ा
एकल पुलिस बल होने का गौरव प्राप्त है, हालांकि, घातक सड़क हादसों के
मामले में भी उत्तर प्रदेश ने आंकड़ों में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है। सड़क
सुरक्षा यूपी पुलिस के अंतर्गत आता है और इसलिए इसकी संरचना और भूमिका
को समझना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, यूपी के भीतर, जौनपुर जिले का सड़क
सुरक्षा रिकॉर्ड यूपी के सभी 75 जिलों में सबसे खराब है। यूपी के 12 से अधिक
जिले पहले से ही एक आईटीएमएस (एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणाली ( ITMS (
Integrated Traffic Management System ) से लाभान्वित हो चुके हैं। वर्तमान
में जौनपुर के नागरिकों के लिए समय आ गया है कि वे इसे जल्द से जल्द
एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणाली लागू करने की मांग करें। क्यूंकि जौनपुर में
हर हफ्ते कई घातक सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं।
जौनपुर जैसे शहरों में यातायात की समस्या काफी गंभीर है। सड़कें वाहनों से
भरी हुई हैं, जिसका अर्थ है कि शहर की अधिकांश सड़कें पैदल चलने वालों के
अनुकूल नहीं हैं। सड़कें ज्यादातर वाहनों से भरी रहती हैं जो एक-दूसरे से आगे
निकलने की होड़ में लगे रहते हैं। सवा तीन लाख की आबादी वाले शहर
जौनपुर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कोई ठोस योजना आज
तक नहीं बनी है। यातायात के बेतहाशा दबाव के बावजूद किसी भी चौराहे पर
अभी भी सिग्नल लग नहीं पाए हैं। नतीजा रोजाना शहर की सड़के हर वक्त
जाम से भरी रही है। शहरवासियों के अलावा ग्रामीण क्षेत्र से प्रतिदिन हजारों की
संख्या में लोग अपनी समस्याओं का समाधान कराने सरकारी विभागों और
बाजार से सामान खरीदने आते हैं। जिससे शहर में रोज जाम लगता है। चौराहों
से छोटे वाहनों के साथ काफी संख्या में बड़े वाहन भी गुजरते हैं, लेकिन चौराहों
पर ट्रैफिक लाइट नहीं होने से मनमाने तरीके से वाहन गुजरते हैं।
इससे हर
समय दुर्घटना होने का डर बना रहता है। वहीं यातायात नियमों का भी पालन
नहीं हो पा रहा है। आज जौनपुर के नागरिकों के लिए समय आ गया है कि वे
भी सरकार से एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणाली लागू करने की मांग करें, कहा
जा रहा है
की आने वाले समय में इस व्यवथा से यातायात का सुचारू प्रबंधन सुनिश्चित
होगा, सड़क दुर्घटनाओं में गिरावट आएगी लोगों में यातायात के नियमों के प्रति
जागरूकता बढ़ेगी।
जैसा की हम जानते हैं कि उत्तर प्रदेश का एकल पुलिस बल दुनिया में सबसे
बड़ा है। उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक 75 जिलों में 33 सशस्त्र बटालियनों
खुफिया, जांच, भ्रष्टाचार निरोधी, तकनीकी, प्रशिक्षण, अपराध विज्ञान इत्यादि से
संबन्धित विशेषज्ञ शाखाओं में फैले करीब 2.5 लाख कर्मियों के बल की कमान
संभालते हैं। देश की वर्तमान पुलिस प्रणाली 1861 के पुलिस एक्ट के
परिणामस्वरूप बनी थी। ये एक्ट 1860 में श्री एच.एम. कोर्ट की अगुवाई में
गठित पुलिस आयोग की अनुशंसाओं के बाद अधिनियमित हुआ था। पुलिस
महकमे का यह ढांचा निम्नलिखित आठ संगठनों के रूप में खड़ा किया गया था
:
प्रांतीय पुलिस
राजकीय रेलवे पुलिस
शहर पुलिस
छावनी पुलिस
नगर पुलिस
ग्रामीण एवं सड़क मार्ग पुलिस
नहर पुलिस
बर्कन्दाज गार्ड (अदालतों की सुरक्षा के लिए)
समय के साथ सिविल पुलिस का विकास होता गया और आज़ादी के बाद श्री
बी. एन. लाहिरी प्रदेश के पहले भारतीय पुलिस महानिरीक्षक बने। अपराध
नियंत्रण और विधि-व्यवस्था बनाए रखने में प्रदेश पुलिस के कार्य प्रदर्शन को
बहुत सराहा गया और इसे देश के पहले पुलिस बल के रूप में 13 नवंबर
1952 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा ‘कलर्स’ प्राप्त
करने का गौरवपूर्ण सौभाग्य हासिल है।
साथ ही साथ यहाँ का पुलिस बल सड़क सुरक्षा को लेकर भी काफी गंभीर है।
परन्तु नये प्रयासों के बावजूद उत्तर प्रदेश ने प्राणघातक सड़क हादसों के मामले
में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाने वाले लोगों में बड़ी
संख्या पैदल चलने वालों की होती है। इनमें भी अधिकांश 16 वर्ष से कम आयु
के बच्चे होते हैं। हालांकि सड़क दुर्घटना में शामिल लोगों में वृद्धों की संख्या
कम होती है लेकिन इनको चोट लगना ज्यादा घातक होता है। ज़्यादातर वयस्क
राहगीरों की मौत अल्कोहल की वजह से होती है। शहर के भीतरी भाग में वाहनों
की आवाजाही काफी ज्यादा हो जाने से भी पैदल राहगीरों को सड़क पार करने
में वाहनों के बीच से बच-बच कर निकालना पड़ता है जिससे पर्याप्त जगह की
कमी के कारण वाहनों से टकरा जाने का भारी खतरा रहता है।
जारी रिपोर्ट भारत में सड़क दुर्घटनाएं 2020 के अनुसार, देश भर में 2020 में
घातक सड़क हादसों के मामले में उत्तर प्रदेश ने आंकड़ों में शीर्ष स्थान हासिल
कर लिया है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क दुर्घटना में
होने वाली मौतों की सूची में सबसे ऊपर है। 2020 में, राज्यों और केंद्र शासित
प्रदेशों में तीन लाख 66138 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें से 116496
(31.82%) राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुईं इन हादसों में 47984 (36.43%) से
अधिक लोगों की मौत हो गई और 19898 (31.55%) से अधिक लोग घायल
हुए। रिपोर्ट से यह बात उभर कर आती है कि 31.8 फीसद दुर्घटनाओं, 36.4
फीसद मौतों और 31.6 फीसद दुर्घटनाओं की घटनाएं राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुईं
हैं जो देश में कुल सड़क नेटवर्क का केवल 2.1 फीसद हिस्सा है। रिपोर्ट के
अनुसार भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में अकेले
उत्तर प्रदेश में 16.4 फीसद मौतें हुई हैं, जबकि महाराष्ट्र (7.4 फीसद) और
कर्नाटक (6.9 फीसद) का स्थान इसके बाद आता है। इसमें कहा गया है कि
तमिलनाडु में राष्ट्रीय राजमार्गों पर सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं हुई हैं।
रिपोर्ट में
उल्लेख किया गया है कि 2020 में यूपी में राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं के
13695 मामलों में 7859 लोग मारे गए, इन आंकड़ो के चलते ही यह घातक
दुर्घटनाओं के मामले में भारत का सबसे खराब राज्य बन गया है। उपरोक्त
आंकड़े दर्शाते है की खराब सड़क इंजीनियरिंग और यातायात नियमों का बड़ेपैमाने पर उल्लंघन दो सबसे बड़े कारण हैं कि राज्य को सड़क दुर्घटना में नंबर
एक के रूप में स्थान दिया गया है। इसी कारण से प्रदेश की यातायात व्यवस्था
को और अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाये जाने के उद्देश्य से ‘‘एकीकृत यातायात
प्रबंधन प्रणाली’’ नामक योजना को चरणबद्धरुप से प्रदेश में लागू किया जाना
है। जिसका लाभ जौनपुर वासियों को भी अवश्य उठाना चाहिए।
संदर्भ:
https://bit.ly/3OZaHiL
https://bit.ly/3bxwEI7
https://bit.ly/3JwveKl
https://bit.ly/3oUGXco
https://bit.ly/3ztN3oR
चित्र संदर्भ
1. जौनपुर की व्यस्त गली को दर्शाता एक चित्रण (prarang)
2. रिक्शे में लटक कर जाते यात्रियों को दर्शाता एक चित्रण (pxhere)
3. ट्रैफिक पुलिस कर्मी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. चौराहे पर ट्रैफिक लाइट को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. जौनपुर में रेल ब्रिज को दर्शाता एक चित्रण (prarang)
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