मध्ययुगीन हथियार के रूप में अत्यधिक प्रभावी थे ट्रेबुचेट
हथियार व खिलौने
10-07-2022 11:20 AM
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ट्रेबुचेट (Trebuchet) जो कि एक बहुत ही उच्च शक्ति वाला गुलेल है,के आगमन के साथ यह अहसास हुआ कि एक गढ़वाले शहर या महल में लोगों को धीरे-धीरे मारने के लिए यह आवश्यक नहीं था, कि वहां प्लेग या किसी अन्य महामारी से पीड़ित कोई हो।बस एक सड़ते या रोगग्रस्त जानवर को किले की दीवार के पार फेंकने भर से ही यह कार्य अपने आप होने लगता।जैविक युद्ध के इस रूप में मृत घोड़े एक लोकप्रिय हथियार थे, हालांकि बीमारी से युक्त किसी भी चीज का उपयोग किया जा सकता था।बारहवीं शताब्दी में भूमध्यसागर के आसपास ईसाई और मुस्लिम दोनों देशों में महत्वपूर्ण ट्रेबुचेट दिखाई दिया।यह तीन सौ पौंड (140 किग्रा) प्रक्षेप्य को उच्च गति से दुश्मन के किले में फेंक सकता था। लगभग चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में चीन (China) में ट्रेबुचेट का आविष्कार किया गया था, जो 6 वीं शताब्दी ईस्वी में यूरोप (Europe) आया, और 16 वीं शताब्दी तक, बारूद की शुरूआत के बाद भी अप्रचलित नहीं हुआ। ट्रेबुचेट अन्य मध्ययुगीन गुलेल की तुलना में कहीं अधिक सटीक थे। ट्रेबुचेट प्रक्षेप्य को आधा मील (750 मीटर से अधिक) की दूरी से लॉन्च कर सकता है। ट्रेबुचेट से पहले प्राचीन रूप से स्टैव स्लिंग (Stave sling) का उपयोग किया जाता था, जिसे स्टाफ स्लिंग (Staff sling) के रूप में भी जाना जाता है। गुलेल, जिसे ट्रैक्शन (Traction) ट्रेबुचेट के रूप में भी जाना जाता है, स्टैव स्लिंग का एक बड़ा संस्करण था, जिसे आम तौर पर पुरुषों का एक समूह रस्सियों की सहायता से संचालित करता था।रस्सियों की सहायता से किसी भी पसंद की वस्तु को आमतौर पर बड़ी चट्टानों या महल की दीवारों पर फेंका जा सकता था। काउंटरवेट (Counterweight) ट्रेबुचेट एक डबल-सशस्त्र मशीन थी जो अपने पहले के संस्करणों में बहुत सुधार के बाद बनाई गई थी।मशीन में पहियों को इस तरह से लगाया गया था, कि जैसे ही उस पर हाथ लगाया जाता मशीन आगे और पीछे की ओर गति करने लगती।
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