शरीर पर घने बालों के साथ भयानक ताकत और स्वभाव वाले माने जाते थे गोरिल्ला
शारीरिक
26-06-2022 10:13 AM
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वर्तमान समय में हम गोरिल्ला (Gorillas) के नाम से भली-भांति परिचित हैं, किंतु एक समय ऐसा था,जब उन्हें केवल एक मिथक माना जाता था।खोजकर्ता अफ्रीकी (African) जंगल से लौटते और भयानक ताकत और स्वभाव वाले तथा शरीर पर घने बाल वाले विशाल मानव-जानवरों के बारे में कहानियां सुनाते। माना जाता कि ये भयानक विशाल मानव-जानवरमहिलाओं का अपहरण और बलात्कार सहित अन्य कई बुरी घटनाओं को अंजाम देते।इस तरह की कहानियों को वैज्ञानिकों ने अक्सर बकवास बताया और परिणामस्वरूप गोरिल्ला विज्ञान के लिए काफी समय तक अज्ञात रहा।ऐसा माना जाता है कि गोरिल्ला के बारे में पहली रिपोर्ट 5 वीं शताब्दी ईसा पूर्व ग्रीक (Greek) के खोजकर्ता हनो (Hanno) द्वारा दी गई। हनो ने अफ्रीका के पश्चिमी तटों की यात्रा की, संभवतः सिएरा लियोन (Sierra Leona) या यहां तक कि गिनी (Guinea) की खाड़ी तक भी। उन्होंने एक ऐसे द्वीप के बारे में बताया जो जंगली लोगों से भरा था, उनमें से ज्यादातर महिलाएं थी, और बालों से ढकी हुई थीं। हमारे दुभाषिए उन्हें गोरिल्ला कहते हैं। हालांकि हर कोई इस बात से आश्वस्त नहीं था, कि हनो ने वास्तविक गोरिल्ला का सामना किया, क्यों कि यह हो सकता है, कि उन्होंने चिंपैंजी को देखा हो।हो। बहुत समय बाद 1625 में, ब्रिटिश खोजकर्ता एंड्रयू बैटेल (Andrew Batell) ने एक ऐसे "राक्षस" को देखने की सूचना दी, जो पेड़ों में सोता और फल खाता तथा उसके चेहरे और हाथों को छोड़कर पूरे शरीर पर बाल थे।उनके अनुसार, यह "राक्षस" एक आदमी के समान था, लेकिन उसका कद बहुत विशालथा। गोरिल्ला को कई और वर्षों तक अस्पष्ट और खराब माना गया। उन्हें अक्सर क्रूर, मूर्ख और बेहद हिंसक माना जाता था। 1847 में एक पश्चिमीचिकित्सक थॉमस सैवेज (Thomas Savage) ने लाइबेरिया (Liberia) में खोपड़ी सहित कई गोरिल्ला हड्डियों को प्राप्त किया और महान वानर का पहला औपचारिक विवरण प्रकाशित किया। अगले दशक में, खोजकर्ता पॉल डू चिल्लू (Paul du Chaillu)ने भूमध्यरेखीय अफ्रीका के अपने अभियानों के दौरान एक जीवित गोरिल्ला को देखा, जिससे वे ऐसा करने वाले पहले आधुनिक यूरोपीय (European) बने। हालांकि पर्वतीय गोरिल्ला जो कि एक अलग, बड़ी प्रजाति है, को 1902 तक एक मिथक ही माना जाता रहा।
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