जौनपुर वासियों, आपके ज़िले में आयी है सोना चांदी की शुद्धता परखने हेतु हॉलमार्किंग सुविधा

म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण
02-06-2022 08:48 AM
जौनपुर वासियों, आपके ज़िले में आयी है सोना चांदी की शुद्धता परखने हेतु हॉलमार्किंग सुविधा

भारत को प्राचीन समय से ही, सोने की चिड़िया कहा जाता रहा है! हालांकि, औपनिवेशिक काल में, अंग्रेज़ भारत से सैकड़ों टन सोना, अपने साथ पश्चिमी देशों में ले गए! लेकिन इसके बावजूद आज भी, भारतीय घरों और मंदिरों में, सोना आमतौर पर देखने को मिल ही जायेगा। सोना हमारी संस्कृति का अभिन्न अंगहै। यदि आप अपने घर में भी, सोना या चांदी जैसी बहुमूल्य धातुओं को लाना चाहते हैं, किन्तु इसकी गुणवत्ता को लेकर आश्वस्त नहीं हैं, तो इस स्थिति में एक जागरूक ग्राहक की भांति, हॉलमार्किंग (hallmarking) के जरिये सोने और चांदी जैसी धातुओं को एक अनुभवी जौहरी (jeweler) की भांति परख सकते हैं।
सरकार द्वारा पिछले वर्ष, 16 जून 2021 से सोने के आभूषणों की, अनिवार्य हॉलमार्किंग (Mandatory Hallmarking) के चरणबद्ध कार्यान्वयन की घोषणा की गई थी। भारत में सोने और चांदी की हॉलमार्किंग योजना का संचालन करने वाला भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards (BIS), हॉलमार्किंग को, "कीमती धातु के आभूषणों और वस्तुओं में, कीमती धातु की आनुपातिक सामग्री (proportionate content) का सटीक निर्धारण और आधिकारिक रिकॉर्डिंग (official recording)" के रूप में परिभाषित करता है। इस प्रकार हॉलमार्किंग, कीमती धातु की वस्तुओं की "शुद्धता या सुंदरता की गारंटी" होती है। बीआईएस मानकों के अनुसार, सोने की शुद्धता के आधार पर हॉलमार्किंग की तीन श्रेणियां 22 कैरेट, 18 कैरेट और 14 कैरेट होती हैं। हालांकि, मंत्रालय ने 15 जून को घोषणा की, कि हॉलमार्किंग के लिए अतिरिक्त 20, 23 और 24 कैरेट के सोने की भी अनुमति होगी।
सरकार द्वारा 14 जून, 2018 को जारी, एक अधिसूचना के माध्यम से दो श्रेणियों, सोने के आभूषण और सोने की कलाकृतियों (artifacts) तथा चांदी के आभूषण और चांदी की कलाकृतियां को, हॉलमार्किंग के दायरे में अधिसूचित (notified) किया गया। इस प्रकार, भारत में हॉलमार्किंग केवल दो धातुओं, सोना और चांदी के आभूषणों के लिए उपलब्ध है। हालांकि, आभूषण और वस्तुओं की एक निश्चित श्रेणी को हॉलमार्किंग की अनिवार्य आवश्यकता से छूट भी दी जाएगी।
आभूषणों की अनिवार्य हॉलमार्किंग के चरणबद्ध कार्यान्वयन के पहले चरण में, केवल 256 जिलों में सोने की हॉलमार्किंग उपलब्ध होगी, तथा 40 लाख रुपये से अधिक वार्षिक कारोबार (Annual turnover) वाले जौहरी इसके दायरे में आएंगे।
उपभोक्ता मामलों के विभाग (Department of Consumer Affairs) के अनुसार, "भारत सरकार की व्यापार नीति के अंतर्गत, अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों के लिए, आभूषणों के निर्यात और पुन: आयात के तहत सरकार द्वारा अनुमोदित, बी2बी (b2b) घरेलू प्रदर्शनियों के लिए आभूषणों को अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट दी जाएगी।" साथ ही उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय (Food and Public Distribution Ministry) के अनुसार घड़ियों, फाउंटेन पेन (fountain pen) और विशेष प्रकार के आभूषण जैसे कुंदन, पोल्की और जड़ाऊ को भी हॉलमार्किंग से छूट दी जाएगी। दिल्ली के सभी सात जिलों में सोने के गहनों की हॉलमार्किंग अनिवार्य होगी। हालांकि, उत्तर प्रदेश में, यह सुविधा शुरू में केवल 19 जिलों- आगरा, इलाहाबाद, बरेली, बदायूं, देवरिया, गाजियाबाद, गोरखपुर, जौनपुर, झांसी, मथुरा, कानपुर नगर, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, गौतमबुद्ध नगर सहारनपुर, शाहजहांपुर और वाराणसी में उपलब्ध होगी।
अन्य राज्यों के निम्नलिखित जिलों में सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग उपलब्ध होगी:
मध्य प्रदेश: 1. भोपाल 2. देवास 3. ग्वालियर 4. रीवा 5. इंदौर 6. जबलपुर 7. रतलाम 8. सतना।
राजस्थान: 1. अजमेर 2. अलवर 3. भीलवाड़ा 4. बीकानेर 5. हनुमानगढ़ 6. जयपुर 7. झुंझुनू 8. जोधपुर 9. कोटा 10. नागौर 11. पाली 12. सवाई माधोपुर 13. सिरोही 14. सीकर 15. श्रीगंगानगर 16. चुरू 17. उदयपुर 18. बांसवाड़ा
महाराष्ट्र: 1. अकोला 2. अमरावती 3. धुले 4. लातूर 5. नांदेड़ 6. रत्नागिरी 7. सिंधुदुर्ग 8. औरंगाबाद 9. नागपुर 10. पालघर 11. रायगढ़ 12. अहमदनगर 13. सोलापुर 14. जलगांव 15. नासिक 16. सतारा 17. सांगली 18. कोल्हापुर 19. ठाणे 20. पुणे 21. मुंबई उप। 22. मुंबई शहर
गुजरात: 1. अमरेली 2. भावनगर 3. बोटाद 4. देवभूमि द्वारका 5. गिर सोमनाथ 6. जामनगर 7. मेहसाणा 8. मोरबी 9. पाटन 10. पोरबंदर 11. वलसाड 12. आनंद 13. भरूच 14. खेड़ा 15. सुरेंद्रनगर 16 बनासकांठा 17. जूनागढ़ 18. कच्छ 19. नवसारी 20. वडोदरा 21. राजकोट 22. सूरत 23. अहमदाबाद।
चंडीगढ़, हरियाणा: 1. अंबाला 2. भिवानी 3. फरीदाबाद 4. फतेहाबाद 5. गुड़गांव 6. हिसार 7. जींद 8. कैथल 9. करनाल 10. महेंद्रगढ़ 11. रेवाड़ी 12. रोहतक 13. सिरसा 14. सोनीपत 15. यमुना नगर
उत्तराखंड: 1. देहरादून 2. पिथौरागढ़
पंजाब: 1. अमृतसर 2. बरनाला 3. भटिंडा 4. फतेहगढ़ साहिब 5. होशियारपुर 6. जालंधर 7. कपूरथला 8. लुधियाना 9. मानसा 10. पठानकोट 11. पटियाला 12. संगरूर
आंध्र प्रदेश: 1. श्रीकाकुलम 2. विजयनगरम 3. विशाखापत्तनम 4. पूर्वी गोदावरी 5. पश्चिम गोदावरी 6. कृष्णा 7. गुंटूर 8. प्रकाशम 9. नेल्लोर 10. कडप्पा 11. कुरनूल 12. अनंतपुर
कर्नाटक: 1. बेंगलुरु उरबा
हिमाचल प्रदेश: 1. हमीरपुर 2. कांगड़ा 3. मंडी
जम्मू और कश्मीर: 1. जम्मू और श्रीनगर 2. तुमकुर 3. हसन 4. मांड्या 5. मैसूर 6. दक्षिण कन्नड़ 7. शिमोगा 8. उडुप्पी 9. दावणगेरे 10. उत्तर कन्नड़ 11. बेलगाम 12. धारवाड़ 13. बीजापुर 14. गुलबर्गा
केरल: 1.अलाप्पुझा 2. एर्नाकुलम 3. कन्नूर 4. कासरगोड 5. कोल्लम 6. कोट्टायम 7. कोझीकोड 8. मलप्पुरम 9. पलक्कड़ 10. पठानमथिट्टा 11. तिरुवनंतपुरम 12. त्रिशूर 13. वायनाड
तमिलनाडु: 1. कुड्डालोर 2. कृष्णागिरी 3. तिरुवन्नामलाई 4. विलुप्पुरम 5. चेन्नई 6. वेल्लोर 7. कोयंबटूर 8. इरोड 9. तिरुपुर 10. सेलम 11. नमक्कल 12. धर्मपुरी 13. कन्याकुमारी 14. तिरुनेलवेली 15. थूथुकुडी 16. शिवगंगई 17. मदुरै 18. डिंडीगुल 19. पुदुक्कोट्टई 20. तिरुचिरापल्ली 21. करूर 22. तंजावुर 23. कल्लाकुरुची 24. तेनकासी
तेलंगाना: 1. मंचेरियल 2. पेद्दापल्ली 3. वारंगल (ग्रामीण) 4. वारंगल (शहरी) 5. रंगारेड्डी 6. हैदराबाद 7. खम्मम
गोवा: 1. उत्तरी गोवा 2. दक्षिण गोवा
पुदुचेरी, असम: 1. बारपेटा 2. कछार 3. कामरूप मेट्रो
त्रिपुरा: 1. उत्तरी त्रिपुरा 2. पश्चिम त्रिपुरा
बिहार: 1. बक्सर 2. भागलपुर 3. भोजपुर 4. दरभंगा 5. गया 6. मुजफ्फरपुर 7. नालंदा 8. पटना 9. रोहतास 10. समस्तीपुर 11. सारण 12. बेगूसराय 13. नवादा छत्तीसगढ़: 1. रायपुर 2. दुर्ग
झारखंड: 1. बोकारो 2. धनबाद 3. पूर्वी सिंहभूम 4. रांचीओडिशा: 1. बालासोर 2. भद्रक 3. कटक 4. गंजम 5. जाजपुर 6. खोरदा 7. मयूरभंज 8. संबलपुर
पश्चिम बंगाल: 1. पुरबा मेदिनीपुर 2. दार्जिलिंग 3. बीरभूम 4. उत्तर 24 परगना 5. कोचबिहार 6. पश्चिम बर्धमान 7. पूबा बर्धमान 8. कोलकाता 9. पुरुलिया 10. दक्षिण 24 परगना 11. बांकुरा 12. हुगली 13. उत्तर दिनाजपुर 14. हावड़ा 15. दक्षिण दिनाजपुर 16. मालदा 17. मुर्शिदाबाद 18. नादिया 19. पश्चिम मेदिनीपुर भारत सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता बाज़ार है। हालांकि, देश में हॉलमार्क वाली ज्वैलरी (hallmarked jewelry) का स्तर बहुत कम है, और मिनिस्ट्री (ministry) के मुताबिक, फिलहाल सिर्फ 30% प्रतिशत इंडियन गोल्ड ज्वैलरी (Indian Gold Jewelry) पर ही हॉलमार्क है। हॉलमार्क वाले गहनों के निम्न स्तर के लिए जिम्मेदार कारणों में से एक, पर्याप्त परख और हॉलमार्किंग केंद्रों (Assay and Hallmarking Centers (A&HC) की कमी भी है। देश भर में कुल, 945 ए एंड एचसी (A&HC) और केवल 35,879 ही ऐसे जौहरी हैं, जिन्हें बीआईएस द्वारा प्रमाणित किया गया है।
मंत्रालय के अनुसार, “एक A&H केंद्र, एक दिन में 1500 वस्तुओं को हॉलमार्क कर सकता है, और A&H केंद्रों की अनुमानित हॉलमार्किंग क्षमता, प्रति वर्ष 14 करोड़ लेख के करीब है।” पंजीकृत जौहरी को बिक्री स्टोर (sales store) के बाहर बीआईएस लोगो (BIS logo) और "बिक्री के लिए उपलब्ध हॉलमार्क वाले आभूषण (Hallmarked Jewelry Available For Sale)" शब्द प्रदर्शित करने होंगे। जौहरी को अपने आभूषण स्टोर में पंजीकरण का बीआईएस प्रमाणपत्र (BIS Certificate) भी दिखाना होगा। हॉलमार्क वाले गहनों में, क्रेता को हॉलमार्क प्रदर्शित करने के लिए, जौहरी के पास कम से कम 10X के आवर्धन के साथ एक आवर्धक कांच (magnifying glass) अवश्य होना चाहिए।
क्या कोई व्यक्ति अपने हॉलमार्क वाले गहनों की शुद्धता की जांच करवा सकता है?
हाँ, किसी भी बीआईएस-अनुमोदित ए एंड एच केंद्र (BIS-approved A&H Center) के लिए, परीक्षण शुल्क में 200 रुपये देने के बाद, कोई व्यक्ति अपने हॉलमार्क वाले गहनों की शुद्धता की जांच करवा सकता है। बीआईएस मान्यता प्राप्त ए एंड एच केंद्रों की सूची बीआईएस वेबसाइट www.bis.gov.in पर हॉलमार्किंग श्रेणी के तहत देखी जा सकती है। क्या हॉलमार्क वाली वस्तु के लिए वैध बिल/चालान प्राप्त करना आवश्यक है?
बिल्कुल, हॉलमार्क वाले पीस के प्रामाणिक बिल/चालान, खुदरा विक्रेता/ज्वैलर से प्राप्त किए जाने चाहिए। यह किसी भी विवाद, दुरुपयोग या शिकायत समाधान के लिए आवश्यक होता है।
लगभग 63% भारतीय जिलों को, अभी तक सोने की हॉलमार्किंग सुविधा नहीं मिली है! हालांकि सरकार, इस पहल के दूसरे चरण को शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। हॉलमार्क का दूसरा चरण 1 जून से शुरू हो रहा है।
सरकार अब से एक साल के समय में, पूरे देश में गोल्ड हॉलमार्किंग (gold hallmarking) शुरू करने की कोशिश कर रही है, लेकिन यह इतना भी आसान नहीं है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (India Bullion and Jewelers Association (IBJA) के राष्ट्रीय सचिव, सुरेंद्र मेहता के अनुसार “देश के सभी जिलों को हॉलमार्किंग सुविधाएं प्रदान करने में कम से कम तीन साल का समय लगेगा।”

संदर्भ

https://bit.ly/38X5JEk
https://bit.ly/3t7phg8
https://bit.ly/3NO3J03

चित्र संदर्भ
1. सोने के आभूषणों को दर्शाता एक चित्रण (Pixabay)
2. (BIS), हॉलमार्क के लोगो को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. हॉलमार्किंग मशीन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. दुकान में सजाए गए सोने के आभूषणों को दर्शाता एक चित्रण (Pixabay)

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