यीशु मसीह के मृत्यु दिवस को, गुड फ्राइडे क्यों कहा जाता है?

विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)
15-04-2022 10:07 AM
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यीशु मसीह के मृत्यु दिवस को, गुड फ्राइडे क्यों कहा जाता है?

दुनिया में हजारों धर्म एवं संप्रदाय मौजूद हैं, और सभी में एक समानता यह नजर आती है की, धरती पर अवतार लेने वाले कोई भी देवदूत हो अथवा स्वयं ईश्वर हो, सभी ने "सदैव ही मानवता को, स्वयं के अस्तित्व और भौतिक शरीर से ऊपर रखा है।" इंसानों को मानवता का संदेश देना ही, सभी अवतारों की प्राथमिकता रही है, जिसका साक्षात् प्रमाण ईसाई धर्म में यीशु मसीह (Jesus Christ) के एक प्रकरण में देखने को मिलता है, जब उन्होंने इंसानों को समानता का पाठ सिखाने के लिये स्वयं अपने शरीर को शूली पर चढ़ाने दिया! मानवता की भलाई के लिए उनके द्वारा किये गए इस महान बलिदान को, आज भी गुड फ्राइडे (Good Friday) के रूप में याद किया जाता है!
ईसाई समुदाय में गुड फ्राइडे, प्रतिवर्ष ईस्टर से पहले के शुक्रवार के दिन, यीशु मसीह की मृत्यु की याद में मनाया जाने वाला दिवस होता है। 2022 में गुड फ्राइडे 15 अप्रैल के दिन मनाया जा रहा है। अधिकांश ईसाई संप्रदायों में गुड फ्राइडे को एक पवित्र दिन के रूप में मान्यता दी जाती हैं, जिसमें कैथोलिक, पूर्वी रूढ़िवादी और लूथरन धर्मों के सदस्य (Members of the Catholic, Eastern Orthodox and Lutheran religions) और चर्च सेवाओं में भाग लेने वाले कई लोग शामिल होते हैं। यह पुण्य गुरुवार (Maundy Thursday) के बाद का दिन होता है। हालांकि इस दिन कई देशों (खासकर कैथोलिक और एंग्लिकन देशों में) में सार्वजनिक अवकाश रहता है। लेकिन इस दिन के उपलक्ष्य में छुट्टी और धार्मिक अनुष्ठानों के अलावा भी बहुत कुछ जानने को है। कलवारी "Calvary" (यरूशलेम की दीवारों के ठीक बाहर की जगह, जहाँ यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था।) के स्थल पर ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाये गए दिन को, गुड फ्राइडे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को व्यापक रूप से ग्रेट फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या होली फ्राइडे (Great Friday, Black Friday or Holy Friday) के रूप में भी जाना जाता है। ईसाई समुदाय में इस दिन पारंपरिक रूप से उपवास लेने का प्रचलन है, जिसके बाद सोबर जुलूस (somber procession) निकलते हैं। हालांकि गुड फ्राइडे की सटीक उत्पत्ति अभी भी अज्ञात है, लेकिन इस उत्सव को चौथी शताब्दी का माना जाता है। साथ ही यह भी अज्ञात है की, आखिर गुड फ्राइडे को, गुड फ्राइडे क्यों कहा जाता है? लेकिन ऐसे कई सिद्धांत भी हैं, जो इसकी व्याख्या करते हैं। कुछ का मानना ​​​​है कि 'गुड फ्राइडे', 'गॉड्स फ्राइडे' (god's friday) अर्थात ईश्वर का शुक्रवार के रूप में विकसित हुआ। जबकि कई धार्मिक अनुयायियों का यह दृढ़ विश्वास है कि, इस दिन को यीशु के प्रतीक के रूप में 'अच्छा' नाम दिया गया है। यह भी व्यापक रूप से माना जाता है कि यीशु की मृत्यु शुक्रवार को हुई थी, लेकिन यह छुट्टी के लिए 'अच्छा' जोड़ने की व्याख्या नहीं करता है। यीशु ने अपने विश्वासियों और सारी मानव जाति के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। वास्तव में उनकी मृत्यु, परम बलिदान थी। इतिहास में एक भयानक दिन होने के बावजूद, इस घटना ने मानव जाति के उद्धार का मार्ग प्रशस्त किया। कुछ सिद्धांतों में गुड फ्राइडे को गुड फ्राइडे इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि, ईसाई मानते हैं की इसके बारे में कुछ बहुत अच्छा है, जैसे इस दिन यीशु ने अपने अनुयायियों के भले के लिए अपने प्राण त्याग दिए! साथ ही इसलिए भी क्यों की यह यीशु के पुनरुत्थान, मृत्यु और पाप पर उनकी जीत और ईस्टर का उत्सव मनाने का एक अवसर देता है। तीसरा और अंतिम सिद्धांत, यह है कि यह नाम अच्छे के पुराने अर्थ 'पवित्र' से आया है। गुड फ्राइडे की परंपराओं में प्रार्थना, उपवास और दान भी शामिल हैं। कोविड -19 महामारी के बीच, भारत के सभी राज्यों में बड़े धार्मिक समारोहों को प्रतिबंधित कर दिया गया था। 2022 में महामारी के बीच यह तीसरा गुड फ्राइडे है। पिछले दो साल, गुड फ्राइडे और ईस्टर के दौरान वैश्विक स्तर पर लॉकडाउन लागू था। देश की विभिन्न चर्चों के बाहर श्रद्धालुओं की पूजा-अर्चना हेतु सामूहिक प्रवेश प्रतिबंधित था, और प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग (thermal screening) भी की गई थी। चर्चों में लोगों को फेस मास्क (face mask) पहनने और अन्य कोविड से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन करते हुए देखा जा सकता था। हालांकि इस बार महामारी का प्रकोप थोडा कम होने से, यीशु के बलिदान को सार्वजानिक रूप से याद करने के लिए थोड़ी छूट जरूर मिली है, लेकिन महामारी को देखते हुए, अभी भी विगत वर्षो की भांति सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।

संदर्भ
https://bit.ly/3xxDHsK
https://bit.ly/3uFEq9L
https://bit.ly/3rptef9

चित्र संदर्भ
1. "यीशु का सूली पर चढ़ना" "यीशु के मृत शरीर के साथ वर्जिन मैरी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. कलवारी के रास्ते में मसीह को दर्शाता एक अन्य चित्रण (Look and Learn)
3. क्रॉस पर लटके मसीह दर्शाता एक अन्य चित्रण (wikimedia)
4. सेंथोम बेसिलिका डब्ल्यू: चेन्नई में चर्च को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

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