भोजन पकाने के दौरान लगने वाले ईंधन और समय की बचत करता है, राइस कुकर

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भोजन पकाने के दौरान लगने वाले ईंधन और समय की बचत करता है, राइस कुकर

निरंतर हो रहे नए आविष्कारों ने लगभग हर वर्ग की समस्याओं का समाधान कर दिया है। उदाहरण के तौर पर कुछ दशक पूर्व तक दुनियाभर की गृहणियों एवं भोजन व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों के लिए किसी भी सब्जी अथवा व्यंजन को पकाने में लगने वाले समय के संदर्भ में आज से अधिक चुनौतीपूर्ण था। किंतु गैस में भाप से भोजन पकाने की तकनीक ने भोजन पकाने में लगने वाले समय को काफी हद तक बचा लिया। लेकिन धीरे-धीरे भोजन पकाने में प्रयोग होने वाली गैस भी समय के साथ अधिक महंगी और कई लोगों के लिए अनुपलब्ध होने लगी है। ऐसे में बिजली से चलने वाले आधुनिक "राइस कुकर (Rice Cooker )" इस समस्या के एक शानदार समाधान के तौर पर उभर कर आये हैं।
राइस कुकर या राइस स्टीमर घरेलू तौर पर रसोइयों में प्रयुक्त होने वाला स्वचालित रसोई उपकरण है, जिसे चावल को उबालने या भाप निर्मित करने के लिए निर्मित किया गया है। इसमें एक ऊष्मा स्रोत के रूप में एक खाना पकाने का कटोरा (cooking bowl) और एक थर्मोस्टेट (cooking bowl) का प्रयोग होता है। थर्मोस्टेट का काम कटोरे के तापमान के मापना और गर्मी को नियंत्रित करना है। हालांकि अधिक जटिल और उच्च तकनीक वाले राइस कुकर में सेंसर और अन्य घटक का प्रयोग भी किया जाता है, जो इसे बहुउद्देश्यीय (multi-purpose) बना सकते हैं। यद्यापि चावल कुकर (rice cookers) शब्द सुनने में आधुनिक अविष्कार प्रतीत होता है, किन्तु इसका एक प्राचीन इतिहास है। उदारहण के तौर पर 1250 ईसा पूर्व का एक सिरेमिक चावल स्टीमर (ceramic rice steamer) को ब्रिटिश संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया है। सर्वप्रथम इलेक्ट्रिक चावल कुकर (electric rice cooker) जापान में विकसित किए गए थे, जहां उन्हें सुइहंकी (炊飯器 , शाब्दिक रूप से, "उबाल-चावल- उपकरण") के रूप में जाना जाता है।
आमतौर पर एक बुनियादी चावल कुकर में एक मुख्य पात्र अथवा बर्तन के रूप में एक आंतरिक खाना पकाने वाला कंटेनर (कटोरा) होता है, जिसमें एक विद्युत ताप तत्व (electric heating element) और एक थर्मोस्टेट होता है। अब इस कंटेनर में पहले चावल डाले जाते हैं, जिसके बाद उसमे पानी डालकर उसे क्वथनांक (boiling point) 100 डिग्री सेल्सियस, 212 डिग्री फारेनहाइट पर तबं तक गर्म किया जाता है, जब तक पूरा पानी अवशोषित नहीं हो जाता। कुछ कुकर चावल को लगभग 65 डिग्री सेल्सियस (150 डिग्री फारेनहाइट) के सुरक्षित तापमान (safe temperature) पर रखते हुए कम-शक्ति वाले "वार्मिंग" मोड (warming mode) में चले जाते हैं। साथ ही अधिक उन्नत कुकर प्रतिरोधक हीटिंग के बजाय अधिक विस्तृत तापमान नियंत्रण और चावल के अलावा अन्य खाद्य पदार्थों के लिए एक स्टीमिंग का उपयोग कर सकते हैं। इस मशीन में ब्राउन राइस (Brown rice) को आमतौर पर सफेद चावल की तुलना में पकाने में अधिक समय लगता है, जब तक कि इसे तोड़ा, या फ्लेवरब्लास्ट (flavor blasted) नहीं किया जाता है। कई उन्नत मॉडलों में चिपचिपा चावल या दलिया पकाने की क्षमता होती है। इनका उपयोग स्टीमर के रूप में किया जा सकता है। कुछ को धीमी कुकर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। कुछ अन्य मॉडल ब्रेड को बेक कर सकते हैं, या कुछ मामलों में ब्रेड के आटे या दही के किण्वन के लिए उपयुक्त तापमान बनाए रखने के लिए एक अतिरिक्त उपकरण या उक्ति लगी होती है। हालाँकि चावल पकाने की क्षमता वाले बहुउद्देश्यीय उपकरणों को अनिवार्य रूप से "राइस कुकर" कहने के बजाय आमतौर पर "मल्टी-कुकर (multi-cookers)" कहा जाता है।
स्वचालित इलेक्ट्रिक राइस कुकर (Automatic electric rice cookers) पहली बार 1955 में जापानी कंपनी तोशिबा द्वारा जारी किए गए थे। दिसंबर 1956 में, तोशिबा कॉरपोरेशन (Toshiba Corporation) ने पहले व्यावसायिक रूप से सफल स्वचालित इलेक्ट्रिक राइस कुकर को बाजार में उतारा। तब से, दुनिया भर में लाखों बेचे जा चुके हैं। आज उपलब्ध राइस कुकर मूल मॉडल से बहुत अलग नहीं हैं। पहले व्यावहारिक इलेक्ट्रिक राइस कुकर का आविष्कार योशितादा मिनामी (Yoshitada Minami ने किया था। स्वचालित राइस कुकर एक मध्य शताब्दी का जापानी आविष्कार है, जिसने अनाज और पानी को पकाने का श्रम केवल एक बटन दबाने जितना आसान कर दिया। 1930 के दशक में, जापानी सेना के लिए एक मल्टी-कुकर तैनात किया गया। राइस कुकर में चावल पकाने का कार्य 3 चरणों में होता है:
1. पानी डालना।
2. उबलना।
3. पानी को अवशोषित होने देना (भाप)।
इन 3 चरणों के माध्यम से स्वचालित रूप से चावल पक जाते हैं। उपकरण में मुख्य रूप से एक मुख्य ढांचा, एक आंतरिक खाना पकाने का पैन, एक इलेक्ट्रिक हीटिंग प्लेट (electric heating plate), एक थर्मल- सेंसिंग डिवाइस (thermal-sensing device) और कुछ बटन होते हैं।
चावल कुकर के खोल में डालने के दौरान पानी और चावल कंटेनर की सतह पर बैठ जाते हैं, जिनका वजन थर्मल-सेंसिंग डिवाइस (thermal-sensing device) को दबा देता है, और हीटिंग प्लेट जल्दी से पानी को उबालने लगती है। चावल पकाने की सरल प्रक्रिया के दौरान पानी 212 डिग्री फ़ारेनहाइट (100 डिग्री सेल्सियस) पर उबलता है, और एक बार जब यह स्थिर उबाल तक पहुँच जाता है, तो यह अधिक गर्म नहीं होता। राइस कुकर को इस बदलाव का आभास हो जाता है और वह या तो बंद हो जाता है, या गर्म होने के चक्र में चला जाता है।
जबकि अधिकांश राइस कुकर खाना पकाने की प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से तेज नहीं करते हैं, वे स्टोवटॉप पॉट से औसत व्यक्ति की तुलना में कम गलतियों और कम उपद्रव के साथ कार्य को पूरा कर सकते हैं। भारतीय संदर्भ में, चावल कुकर कभी-कभी प्रेशर कुकर का पर्याय बन जाता है। हालांकि तीन दशक पहले, हर भारतीय घरों में प्रेशर कुकर का भी इस्तेमाल नहीं होता था। उस समय विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में लोग लकड़ी के चूल्हे पर निर्भर थे। लकड़ी के चूल्हे पर प्रेशर कुकर ठीक से काम नहीं करते। दूसरी ओर, इलेक्ट्रिक राइस कुकर कहीं भी उपलब्ध नहीं थे, और इसलिए बहुत से लोग इसका उपयोग नहीं करते थे। लेकिन रसोई गैस सिलेंडरों को खाना पकाने के ईंधन के रूप में अपनाने के साथ, ही यह भी स्पष्ट हो गया कि कोई भी चावल कुकर का सुरक्षित रूप से उपयोग कर सकता है। इसके अतिरिक्त, राइस कुकर का उपयोग करने का मतलब तेज और अच्छा खाना बनाना भी है। अतः आजकल, कई भारतीय परिवारों के पास पारंपरिक प्रेशर कुकर के अलावा सुबह तेजी से खाना पकाने की सुविधा के लिए इलेक्ट्रिक राइस कुकर मौजूद हैं। इलेक्ट्रिक कुकर का उपयोग बहुत कम मात्रा में किया जाता है। क्यों की 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोग इलेक्ट्रिक राइस कुकर की तुलना में प्रेशर कुकर के साथ अधिक सहज होते हैं। राइस कुकर का उपयोग सभी प्रकार के चावल के लिए किया जा सकता है, जिसमें सफेद, भूरा, लंबे अनाज, छोटे अनाज, चमेली, बासमती और जंगली चावल शामिल हैं। उनका उपयोग विभिन्न अनाज बनाने के लिए भी किया जा सकता है, जैसे कि क्विनोआ (Quinoa) और दलिया। बस पानी के अनुपात को तदनुसार समायोजित करना चाहिए। हालांकि चावल कुकर खरीदने से पहले बहुत से लोगों को दुविधा का सामना करना पड़ता है, क्यों की लोगों को यह शंका होती है की यह नाम के अनुरूप केवल चावल पकाने के लिए प्रयोग होता होता है! हालांकि ऐसा नहीं है चावल बनाने के लिए राइस कुकर का उपयोग करना सबसे आसान तरीका है। लेकिन यह और भी कई तरह से उपयोगी है। सब्जियों को भाप देने से लेकर इडली बनाने से लेकर एक बर्तन के व्यंजन तैयार करने तक, चावल पकाने के अलावा चावल का कुकर और भी बहुत कुछ कर सकता है। नाश्ते की बात करें तो आप अपने राइस कुकर में अंडे उबाल सकते हैं। इतना ही नहीं आप फ्रिटाटा और सलाद भी बना सकते हैं। राइस कुकर में अपनी मनपसंद सब्ज़ियों को भाप दें सकते हैं। इसके अलावा आप इडली और मोमोज भी बना सकते हैं। आपको बस इतना करना है कि सभी सामग्री राइस कुकर में डाल दें, उसके अनुसार समय को समायोजित करें और आपका भोजन तैयार है।

संदर्भ

https://bit.ly/32yTeLT
https://bit.ly/33QN2PF
https://bit.ly/315hIMf
https://bit.ly/3z84BGv
https://bit.ly/3sEpeJp
https://en.wikipedia.org/wiki/Rice_cooker

चित्र संदर्भ   

1.एक राइस कुकर को दर्शाता एक चित्रण (Flickr)
2. राइस कुकर के तल में इकट्ठा हुए चावलों को दर्शाता एक चित्रण (Flickr)
3. शॉपिंग माल में रखे गए राइस कुकर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. स्कूप सहित इलेक्ट्रिक इंडक्शन राइस कुकर,को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. फिलिप्स द्वारा भारतीय उपकरण शोरूम में बनाए गए इलेक्ट्रिक राइस कुकर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

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