समयसीमा 237
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 948
मानव व उसके आविष्कार 725
भूगोल 236
जीव - जन्तु 275
Post Viewership from Post Date to 06- Dec-2021 (5th Day) | ||||
---|---|---|---|---|
City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
2297 | 121 | 2418 |
भारत जैसे किसी भी लोकतांत्रिक देश में "प्रजा ही राजा" होती है, अर्थात जनता के पास इतने
मजबूत अधिकार होते हैं, की यदि जनता सरकार से असंतुष्ट है, तो वह जब चाहे एकजुट होकर
सरकार बदल सकती है। हालांकि किसी भी लोकतांत्रिक देश में सरकार चुनने और चलाने की
औपचारिकता को आसान और अधिक पारदर्शी रखने की कोशिश की जाती है, उदाहरण के तौर पर
भारत में वोटिंग और संवैधानिक प्रक्रिया को जनता के लिए आसान, यानी समझ में आने योग्य
रखा गया है। लेकिन इसके विपरीत कवियों और विचारकों की भूमि होने के लिए प्रसिद्ध जर्मनी
की चुनावी प्रणाली तुलनात्मक रूप से बेहद जटिल है।
जर्मनी में चुनाव प्रक्रिया इतनी जटिल माना जाता है कि, स्वयं कुछ जर्मन भी इसे समझ नहीं पाते
हैं। भारत की तर्ज पर जर्मनी में भी 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के जर्मन नागरिक वोट देने और
चुने जाने के हकदार हैं। 8.3 करोड़ की आबादी वाले इस देश में लगभग 60.4 मिलियन लोग
मतदान करने के पात्र हैं। जर्मनी में हर चार साल में, मतदाता बुंडेस्टाग (बुंडेस्टाग जर्मन संघीय
संसद है। यह एकमात्र संघीय प्रतिनिधि निकाय है जिसे सीधे जर्मन लोगों द्वारा चुना जाता है।) के
सदस्यों (members of the Bundestag) का चुनाव किया जाता हैं, और देश के अगले चांसलर
(Chancellor) का निर्धारण किया जाता है। कम से कम तीन महीने तक देश में रहने वाले जर्मन
पासपोर्ट धारक भी मतदान कर सकते हैं। विदेश में रहने वाले जर्मन नागरिकों को कुछ शर्तों के
तहत मतदान करने की अनुमति है। जर्मनी का मूल कानून यह निर्धारित करता है कि उसके
सदस्यों को "सामान्य, प्रत्यक्ष, स्वतंत्र, समान और गुप्त चुनावों" द्वारा चुना जाना चाहिए। जर्मन
"चुनाव "प्रत्यक्ष" होते हैं क्योंकि नागरिक निर्वाचक मंडल में प्रतिनिधियों की मध्यस्थता के बिना
सीधे अपने प्रतिनिधियों को वोट देते हैं।
हालांकि आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है लेकिन,जर्मन लोग दो वोट डालते हैं। पहला वोट
अपने निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार के लिए और दूसरा राजनीतिक दल के लिए। सीधे शब्दों में कहें
तो, जर्मन यह तय करने के लिए मतदान करते हैं कि बुंडेस्टैग में 598 आधार सीटों को जर्मनी के
विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों के बीच कैसे विभाजित किया जाएगा।
दो वोट यह तय करते हैं कि उनका पसंदीदा व्यक्ति कौन होगा जो उनके जिलों में उनका
प्रतिनिधित्व करेगा? और दूसरा मत (मतपत्र के दाईं ओर) एक राजनीतिक दल के लिए होता है।
जब जर्मनी में वोटों को विभाजित किया जाता है, तो सिस्टम जटिल होना शुरू हो जाता है, जिसका
अर्थ है कि वे पहले वोट में एक पार्टी के उम्मीदवार के लिए और दूसरे वोट में एक अलग राजनीतिक
दल के लिए वोट करते हैं। यह संसद में सीटों के संतुलन को बिगाड़ सकता है। जर्मन नागरिक सीधे
चांसलर का चुनाव नहीं करते हैं, चांसलर को निर्वाचित होने के लिए संसद में पूर्ण बहुमत, आधे से
अधिक वोट प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। चूंकि बुंडेस्टैग में कई राजनीतिक दलों का
प्रतिनिधित्व किया जाता है, इसलिए चांसलर के लिए केवल अपनी पार्टी से पूर्ण बहुमत प्राप्त
करना असामान्य है। अतः आधे से अधिक वोट हासिल करने के लिए, एक बड़ी पार्टी छोटी पार्टियों
के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बना सकती है। एक बार गठबंधन तैयार हो जाने पर, जर्मनी के
राष्ट्रपति बुंडेस्टैग को चांसलर के लिए एक उम्मीदवार नामित करते हैं, जिसे सभी सदस्यों के
बहुमत की आवश्यकता होती है। यदि बहुमत के साथ चांसलर चुनने के दो प्रयास विफल हो जाते हैं,
तो संविधान राष्ट्रपति को नियुक्त करने की अनुमति देता है।
इतनी जटिल वोटिंग प्रक्रिया के लिए कई जर्मनों ने द्वितीय विश्व युद्ध के पूर्व वीमर गणराज्य
(Weimar Republic) की विफलता को देश की खंडित संसदीय प्रणाली की विफलता के रूप में
देखा। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, जर्मनी के संघीय गणराज्य ने राष्ट्रपति से बुंडेस्टाग की सत्ता
हस्तांतरित की और राजनीतिक बहुमत को कानून पारित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
"बुंडेस्टाग के आधे सदस्य सीधे जर्मनी के 299 निर्वाचन क्षेत्रों से चुने जाते हैं, अन्य आधे जर्मनी के
सोलह लैंडर (राज्यों) में पार्टी सूचियों के माध्यम से चुने जाते हैं।"
बुंडेस्टैग में आधिकारिक तौर पर 598 सीटें हैं लेकिन "ओवरहैंग सीट्स" और अतिरिक्त "बैलेंस
सीट्स" के कारण इनकी संख्या बढ़ सकती है। यही कारण है की, 2017 के चुनाव के बाद बुंडेस्टाग
के पास 598 के बजाय 709 सीटें थीं। यह संख्या ये सुनिश्चित करने के लिए बढ़ाई जाती है कि
सभी दलों को दूसरे वोटों के अनुपात में सीटें मिलें।
बुंडेस्टैग में प्रवेश करने के लिए एक राजनीतिक दल को दूसरे वोट के कम से कम 5% या कम से
कम तीन निर्वाचन क्षेत्रों की आवश्यकता होती है। यह सीमा छोटे दलों को संसद में प्रवेश करने से
रोकने के लिए है।
जर्मनी की बैलेट शीट पर सूचीबद्ध 47 पार्टियों में से तीन दल प्रमुख माने जाते हैं: सेंटर-राइट
क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स (centre-right Christian Democrats), सेंटर-लेफ्ट सोशल डेमोक्रेट्स
(centre-left Social Democrats) और ग्रीन्स (Greens)। जर्मनी में “सरकार केवल उन्हीं दलों
द्वारा बनाई जा सकती है, जिनके पास अकेले या अन्य लोगों के साथ बहुमत है। यही कारण है कि
चुनावों के बाद अक्सर पार्टियों के बीच गठबंधन की बातचीत होती है। आमतौर पर सबसे अधिक
सीटों वाली गठबंधन पार्टी चांसलर का चुनाव करती है। हालांकि चुनावी नतीजे आम तौर पर
मतदान बंद होने के कुछ घंटों के भीतर स्पष्ट हो जाते हैं लेकिन सरकार बनाने पर बातचीत में एक
सप्ताह लग सकता है।
संदर्भ
https://bit.ly/3ljNZWz
https://cnb.cx/3E7ZqZ4
https://bit.ly/32JLK8L
https://bit.ly/3liFStt
https://en.wikipedia.org/wiki/Elections_in_India
चित्र संदर्भ
1. वोट डालते मतदाता को दर्शाता एक चित्रण (unsplash)
2. जर्मन संघीय चुनाव के लिए एक मतपत्र को दर्शाता एक चित्रण (jta)
3. कई पोस्टल बैलेट पेपर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. राज्यों द्वारा वोट के आधार पर पार्टी सूची के परिणाम को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.