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जब भी कभी सबसे सुदंर पक्षियों का जिक्र आता है, तो प्रायः खूबसूरत पंखों वाले मोर का नाम ही
सर्वप्रथम लिया जाता है। किंतु यदि पक्षियों के संसार का बारीकी से अवलोकन किया जाए, तो पक्षी
जगत में कई अन्य बेहद सुंदर और गुणवान पक्षी देखने को मिल जाएंगे, जो सुंदरता के संदर्भ में
भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर को कड़ी टक्कर देते हैं। पहाड़ी राज्य उत्तराखंड का राज्य पक्षी "मुनाल या
सत्यर ट्रैगोपान (Satyr tragopan) भी इन्ही खूबसूरत परिंदों की श्रंखला में आता है।
मुनाल को लाल रंग के सींग वाले तीतर के रूप में भी जाना जाता है। आमतौर पर यह भारत,
तिब्बत, नेपाल और भूटान के हिमालयी इलाकों में पाया जाने वाला एक सुंदर पक्षी होता है। यह
कबूतर प्रजाति का ही एक रंगीन पक्षी है, जो मूल रूप से हिमालयी क्षैत्रों में घने अंडरग्राउंड और बांस
के झुरमुटों में रहते हैं और भोजन के तौर पर यह परिंदा फल और फूल खाना अधिक पसंद करते हैं।
सत्यर ट्रैगोपान गर्मियों में 2400 से 4200 मीटर और सर्दियों में 1800 मीटर तक की रेंज में पाए
जाते है। इस प्रजाति का नर लगभग 70 सेमी लंबा होता है जिसका चेहरा काले रंग तथा गाल और
ठुड्डी गहरे नीले रंग की होती हैं, और पीछे की ओर भूरा और ऊपरी भाग होता है। इसके शरीर में
चारों ओर सफेद धब्बे पाए जाते हैं, जो इनके आकर्षण में चार-चाँद लगा देते हैं।
इस प्रजाति में मादा ट्रैगोपान प्रायः आकार में समान अथवा छोटी होती है, इसकी पीठ पर पतली
सफेद धारियों और लाल-भूरे रंग के पंखों के साथ इनका रंग भूरा होता हैं। वह सीजन में लगभग 12
अंडे (एक क्लच में लगभग 4 अंडे) दे सकती है। कई तीतरों के विपरीत, वह अक्सर एक ऊंचे घोंसले
में लेटी रहती है, जिनके ऊष्मायन में 28 दिन लगते हैं।
सुंदरता के संदर्भ में नर मुनाल भारत में सबसे सुंदर और दुर्लभतम पक्षियों में से एक है। इसे सींगो
वाला पक्षी भी कहा जाता है, क्यों की संभोग अथवा प्रसव काल के दौरान संभवतः मादा को
आकर्षित करने के लिए नर के सिर पर नीले रंग के बेहद आकर्षक सींग निकल आते हैं, साथ ही एक
गूलर (Satyr tragopan) भी उग जाती हैं। इसकी हरी गरदन पर सुंदर कंठा सा होता है, जैसे-जैसे
प्रजनन का मौसम निकट आता है, इनके शरीर में नीला रंग अधिक से अधिक दिखाई देने लगता
है। जिस कारण इस दौरान मुनाल पक्षी सुंदरता का पर्याय बन जाता है।
यह समकक्ष पक्षियों की तुलना में भारी होता है, जिसका वजन आमतौर पर लगभग 4 एलबीएस
(lbs) होता है।
नर मुनाल विशेष तौर पर मादा को रिझाने के संदर्भ में भी जाना जाता है, दरअसल प्रणव काल के
दौरान प्रदर्शन के लिए तैयार होने पर, वे अपने सींगों को फुलाते और एक चट्टान के पीछे छिप जाते
हैं, जहां वे मादाओं के गुजरने की प्रतीक्षा प्रतीक्षा करते हैं। मादा के समीप आने पर यह अपने शरीर
का बेहद भव्य प्रदर्शन करते हैं, और अपने सुंदरतम रूप को उजागर करते हैं। मुनाल भारत के
पडोसी देश नेपाल का राष्ट्रीय और भारतीय राज्य उत्तराखंड का राज्य पक्षी भी है।
अपनी सुंदरता के आधार और शानदार प्रदर्शन गुणों से जाना जाने वाला यह पक्षी कई अन्य परिंदों
की भांति बेहद दुर्लभ और तकरीबन लुप्तप्राय पक्षियों में से एक है। इस प्रजाति के बारे में माना
जाता है कि इसकी आबादी सामान्य रूप से कई गुना कम है, जिसे गैरकानूनी शिकार और आवास
के आभाव में संकटग्रस्त पक्षियों में गिना जाता है। अपने चटकीले रंगों के कारण यह परिंदा
शिकारियों के निशाने पर अक्सर आता रहता है। भारत में उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में यह पक्षी
विचरण करता हुआ दिखाई देता है। हालांकि आमतौर पर यह अकेला ही दिखाई देता है। अनियंत्रित
शिकार और जंगलों के कटान ने इसके अस्तित्व को संकट में डाल दिया है, करीब 70 सेंटीमीटर
ऊंचाई वाला यह पक्षी पहाड़ों में बुरांश (लाल रंग का बेहद सुंदर पुष्प) के घने जंगलों में रहता है।
साथ ही बेहद शर्मीले स्वभाव वाला यह सुंदर पक्षी ज्यादा लंबी उड़ान नहीं भरता। जानकारों के
अनुसार हिमालयी बुग्यालों में इनकी संख्या अंगुलियों में गिनने लायक ही होगी अतः यह तय है
की यदि हमें राष्ट्रिय पक्षी के शानदार प्रतिद्वंदी को बचाए रखना है, तो इसे हर हाल में संरक्षण
प्रदान करना होगा।
संदर्भ
https://bit.ly/3bBk3QK
https://bit.ly/3nQVchp
https://ebird.org/species/sattra1
https://en.wikipedia.org/wiki/Satyr_tragopan
चित्र संदर्भ
1. सत्यर ट्रैगोपान Satyr tragopan को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2 सत्यर ट्रैगोपान Satyr tragopan के अंडे को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. नर सत्यर ट्रैगोपान का एक चित्रण (wikimedia)
4. मादा सत्यर ट्रैगोपान का एक चित्रण (wikimedia)
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