समयसीमा 237
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 948
मानव व उसके आविष्कार 726
भूगोल 236
जीव - जन्तु 275
अंडे दुनिया के सबसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों में से एक माने जाते हैं, क्यों कि इनमें
प्रोटीन,विटामिन और वसा जैसे पौष्टिक पदार्थ पाए जाते हैं।जो कि मानव शरीर को स्वस्थ रखते
हैं।अंडे कई अलग-अलग प्रजातियों के मादा जानवरों द्वारा दिए जाते हैं।इन मादा जानवरों में
पक्षी, सरीसृप,उभयचर,कुछ स्तनधारी और मछलियां शामिल हैं, जिनके अंडों का सेवन मनुष्य
कई हजार वर्षों से कर रहा है।
पक्षी और सरीसृप के अंडों में विभिन्न पतली झिल्लियों के साथ एक सुरक्षात्मक
आवरण,एल्बुमेन (Albumen),और विटेलस (Vitellus) मौजूद होता है। मानव द्वारा सबसे
अधिक जिन अंडों की खपत की जाती है, उनमें मुर्गियों के अंडे शामिल हैं। इसके अलावा बत्तख
और बटेर के अंडों का सेवन भी मनुष्यों द्वारा व्यापक रूप से किया जाता है।मछली के अंडे को
रो (Roe) और कैवियार (Caviar) कहा जाता है।
भोज्य पदार्थ के रूप में पक्षियों के अंडों के सेवन के इतिहास की बात करें, तो मानव इनका
उपयोग प्रागैतिहासिक काल से कर रहा है।मुर्गी को उसके अंडों के लिए संभवतः 7500 ईसा पूर्व
से पहले के समय से पालतू बनाया गया था। मुर्गियां 1500 ईसा पूर्व तक सुमेर (Sumer) और
मिस्र (Egypt) में लाई गई थीं। लगभग 800ईसा पूर्व इन्हें ग्रीस (Greece) में लाया गया जहां
बटेर,अंडे का प्राथमिक स्रोत हुआ करता था। मिस्र के थेब्स (Thebes) में मौजूद हरेमहब के
मकबरे (जो लगभग 1420 ईसा पूर्व का है) में एक आदमी का चित्रण मौजूद है, जिसने
संभवतःप्रसाद के रूप में शुतुरमुर्ग के अंडे और एक अन्य बड़े अंडे को एक कटोरे में लिया हुआ
है।प्राचीन रोम (Rome) की बात करें, तो यहां अंडे को कई तरीकों से संरक्षित किया जाता था
और भोजन की शुरूआत अक्सर अंडे से ही की जाती थी। रोम के लोग अंडे के आवरण को प्लेटों
में अपने हाथ से तोड़ते थे, ताकि यदि वहां पर कोई बुरी आत्मा हो तो उसे वहां छिपने से रोका
जा सके। चूंकि यहां अंडों का अत्यधिकसेवन किया जाता था, इसलिए मध्य युग में लेंट (Lent -
धार्मिक अनुष्ठान) के दौरान अंडे वर्जित कर दिए गए। 17वीं शताब्दी में फ्रांस (France)में
अम्लीय फलों के रस के साथ मिलाए गए अंडे अत्यधिक लोकप्रिय हुए।शायद इससे ही वहां
लेमन कर्ड (Lemon curd) की उत्पत्ति हुई।
शुष्क अंडा उद्योग के विकास की बात करें तो इसका विकास उन्नीसवीं सदी में,फ्रोजन अंडा
उद्योग के उदय से पहले ही हो गया था।1878 में, सेंट लुइस, मिसौरी (St. Louis, Missouri)
में एक कंपनी ने सुखाने (Drying) की प्रक्रिया का उपयोग करके अंडे की जर्दी और अंडे की
सफेदी को एक हल्के भूरे भोज्य पदार्थ में बदलना शुरू किया।द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान
शुष्क अंडों के उत्पादन में काफी विस्तार हुआ, क्यों कि संयुक्त राज्य सशस्त्र बलों और उसके
सहयोगियों द्वारा इनका भरपूर उपयोग किया जा रहा था।
यूं तो सामान्य तौर पर मुर्गी के अंडे सबसे अधिक खाए जाते हैं, लेकिन इसके अलावा अन्य
पक्षियों के अंडे भी हैं, जिनका मानव सेवन करता है। इन अंडों में बत्तख के अंडे,तुर्की (Turkey)
के अंडे, कलहंस के अंडे,बटेर के अंडे,तीतर के अंडे,शुतुरमुर्ग के अंडे आदि शामिल हैं।बत्तख के अंडे
मुर्गी के अंडे के समान होते हैं,लेकिन इनमें मुर्गी के अंडों की तुलना में अधिक वसा और प्रोटीन
होता है।बत्तख के अंडे का आवरण मोटा होता है जो उन्हें अधिक समय तक ताजा रखता है।
तुर्की के अंडे का आकार और स्वाद बत्तख के अंडे के समान ही होता है। लेकिन इसके अंडे की
जर्दी अधिक गाढ़ी होती है।कलहंस के अंडे का आकार मुर्गी के अंडे से लगभग दोगुना होता
है,साथ ही इसमें अधिक प्रोटीन सामग्री भी होती है।इसका आवरण मोटा होता है,इसलिए इसे
तोड़ने के लिए थोड़ा अधिक बल लगाना पड़ता है। बटेर के अंडे छोटे और नाजुक होते हैं, साथ
ही इसके अंडे का स्वाद अधिकांश अंडों की तुलना में हल्का होता है और पोषण सामग्री मुर्गी के
अंडे के समान होती है।
भले ही अधिकांश अंडे मनुष्य द्वारा खाए जाते हैं किन्तु कुछ ऐसे अंडे भी हैं,जिन्हें खाया नहीं
जा सकता। ऐसा इसलिए है,क्यों कि वे जहरीले होते हैं।यदि कोई जीव जहरीला है, तो यह माना
जा सकता है, कि उसके अंडे भी जहरीले होंगे।उदाहरण के लिए ब्लू-कैप्ड इफ्रिट (Blue-capped
Ifrit) जो कि एक पक्षी है,के अंडे जहरीले होते हैं।यह एक विशेष प्रकार की जहरीली झींगुर खाती
है, जिसकी वजह से इसके अंडे भी जहरीले हो जाते हैं।ऐसे अंडों का सेवन किसी के लिए मौत
का कारण बन सकता है।
जहां कई अंडे जहरीले होते हैं वहीं कई लोग अंडे को मांसाहारी भोजन में शामिल करते हैं।
हालांकि कुछ का मानना है, कि जिन अंडों को खाने के लिए उत्पादित किया जाता है,वह
मांसाहारी खाद्य पदार्थों में नहीं आते हैं।
अंडे दो प्रकार के होते हैं, निषेचित और अनिषेचित अंडे।
एक चूजा पैदा करने के लिए मुर्गी को मुर्गे के साथ संभोग करना पड़ता है। ऐसे फार्म जो खाने
योग्य अंडों के लिए मुर्गियाँ पालते हैं, वे मुर्गे को उनसे दूर रखते हैं,ताकि निषेचन की प्रक्रिया
पूरी न हो।अंडे के अंदर एक चूजे को विकसित होने के लिए, निषेचित अंडे को एक भ्रूण के रूप
में विकसित करने की आवश्यकता होती है।यह केवल विशिष्ट परिस्थितियों में ही हो सकता है।
इसलिए जो अंडे आप खा रहे हैं, उनमें किसी भी प्रकार से कोई चूजा नहीं होता है। इस प्रकार
आप जीवन की प्राकृतिक प्रक्रिया में बाधा नहीं डाल रहे हैं।
संदर्भ:
https://bit.ly/3oiR5N6
https://bit.ly/3ARFXKd
https://bit.ly/3F4Rcl5
https://bit.ly/3uoJSM9
https://bit.ly/39NTMO0
चित्र संदर्भ
1. मगरमच्छ के अंडे, एक मुर्गी के अंडे और एक लाल पेट वाले कछुए के अंडों का एक चित्रण (flickr)
2. मछली के अंडे को रो (Roe) और कैवियार (Caviar) कहा जाता है, जिनका एक चित्रण (istock)
3. 15वीं सदी "कोलंबस का अंडा" सभा का एक चित्रण (Science Photo Library)
4. अंडो से निर्मित ऑमलेट का एक चित्रण (encrypted)
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.