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भोजन धरती पर जीवन को बनाये रखने के लिए सबसे आवश्यक अवयव है। क्या आप जानते हैं, की
प्रतिदिन दुनियाभर में निर्मित कुल भोजन का कुल एक तिहाई भोजन बर्बाद हो जाता है, और यदि हम इस
भोजन का केवल 25 प्रतिशत भी संरक्षित करने में सफल हो गए, तो उस भोजन से लगभग 800 मिलियन
भूखे लोगों का पेट भरा जा सकता है। यदि किसी प्रकार से इस भोजन को ख़राब होने से बचाया जा सके, तो
समय रहते बाकी बचे खाने को जरूरतमंद लोगों तक पहुँचाया जा सकता है। भोजन संरक्षण की इस
समस्या को हल करने में बैक्टीरिया एक अहम् समाधान साबित हो सकते हैं, क्यों की वे भोजन को लंबे
समय तक ख़राब होने से रोक सकते हैं।
हमारे भोजनं में प्राकृतिक रूप से लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया (lactic acid bacteria) आमतौर पर पाए जाते
हैं। इनका उपयोग हमारे घरों अथवा कारखानों में दही, पनीर, और शराब जैसे खाद्य पदार्थ बनाने के लिए
किया जाता रहा है।
खाद्य पदार्थों में इन बैक्टीरिया को बढ़ाने के लिए उपयोग की जाने वाली विधि को
किण्वन कहा जाता है, यह खाद्य पदार्थों, विशेष रूप से डेयरी उद्पादों का संरक्षण करने वाली एक बेहद
प्राचीन प्रक्रिया है। हालांकि प्राचीन समय में किण्वन बेतरतीब अथवा अनियंत्रित होता था, किंतु आज यह
विज्ञानं की प्रगति की बदौलत खाद्य उत्पादन में अच्छे बैक्टीरिया को चुना जा सकता है, और उत्पाद की
विश्वसनीय और सुसंगत गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जा सकती है।
भोजन के निर्माण और संरक्षण में बैक्टीरिया अहम भूमिका निभाते हैं। हमें अपने खाद्य पदार्थों अथवा
भोजन में बुरे बैक्टीरिया से बचने की आवश्यकता है, यह न केवल हमारे भोजन को ख़राब करते हैं, बल्कि
हमें बेहद बीमार भी कर सकते हैं। लेकिन इसके विपरीत हम अच्छे बैक्टीरिया का उपयोग करके अपने
भोजन का संरक्षण भी कर सकते हैं। हमारे भोजन में अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के बैक्टीरिया उपस्थित
रहते हैं, जो भोजन में बने रहने के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा भी करते हैं। वही अच्छे बैक्टीरिया एक कुशल
सैनिक की भांति प्राकृतिक कार्बनिक यौगिकों का उत्पादन करके खराब बैक्टीरिया पर हमला कर उसे हरा
सकते हैं। साथ ही अच्छे बैक्टीरिया कोशिका-से-कोशिका संचार में भी संकेत कर सकते हैं, जो दूसरे
जीवाणुओं को भी फैलने से रोक सकते हैं।
प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले चुनिंदा बैक्टीरिया हमारे लिए मित्र के सामान बेहद लाभदायक साबित हो
सकते हैं, और हमारे भोजन को प्राकृतिक रूप से लंबे समय तक ताजा और सुरक्षित रखने में सहायक होते
हैं। यूसी रिवरसाइड (UC Riverside) के वैज्ञानिकों के अनुसार बैक्टीरिया युक्त किण्वित खाद्य अपशिष्ट
(fermented food waste) खेतों में फसल की विद्धि करता है, और पोंधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को
भी बढ़ता है। साथ ही यह अपशिष्ट खेती से कार्बन उत्सर्जन को भी कम करता है। वैज्ञानकों के अनुसार जब
उन्होने किण्वित खाद्य अपशिष्ट को पौधों की बढ़ती प्रणालियों में जोड़ा तो उन लाभकारी बैक्टीरिया में
नाटकीय रूप से वृद्धि देखी गई, जो पौधों को बेहतर और तेजी से बढ़ने में मदद करते हैं।
हमारी धरती के लिए खाद्य अपशिष्ट एक गंभीर खतरा बन गए है। अमेरिका जैसे देश में बनाए गए कुल
भोजन का 50% तक फेंक दिया जाता है। इस कचरे में से अधिकांश का पुनर्नवीनीकरण (recycle) भी नहीं
किया जाता। यह न केवल देश के लिए एक बड़ा आर्थिक नुकसान है, साथ ही खाद्य पदार्थों और जल की
बर्बादी का भी प्रमुख कारण है। यदि इस व्यर्थ भोजन को ठीक से संरक्षित कर लिया जाय, तो यह भूखे पेट
सोने वाले लाखों लोगों का पेट भर सकता है।
भोजन की बर्बादी संबंधी इस समस्या से निपटने के लिए यूसीआर (UCR) अनुसंधान दल द्वारा खाद्य
अपशिष्ट के वैकल्पिक उपयोगों की तलाश की गई।
उनके अनुसार खाद्य अपशिष्ट दो प्रकार के होते हैं
1. बीयर मैश (Beer Mash): बीयर उत्पादन का उपोत्पाद।
2. किराने की दुकानों द्वारा छोड़े गए मिश्रित खाद्य अपशिष्ट
अब वैज्ञानिकों द्वारा इन दोनों प्रकार के खाद्य कचरे को किण्वित किया गया, फिर सिंचाई के माध्यम से
ग्रीनहाउस के भीतर पोंधों में छोड़ा गया। केवल 24 घंटों के भीतर ही वैज्ञानिकों ने देखा की अन्य पोंधों की
तुलना में किण्वित पानी से सींचे गए पोंधों में लाभकारी जीवाणुओं की औसत आबादी अधिक थी। वैज्ञानिक
मानते हैं की कृषि में इन दो प्रकार के खाद्य अपशिष्ट उपोत्पादों का उपयोग करना फायदेमंद होता है, और
किसानों द्वारा सिंथेटिक रासायनिक योजक के उपयोग को पूरक कर सकता है। जिसके बाद फसलें भी कम
खर्चीली हो जाएंगी।
संदर्भ
https://bit.ly/3u9ItcA
https://bit.ly/3EN4Au8
चित्र संदर्भ
1. व्यवसायिक स्तर पर किण्वन प्रक्रिया का एक चित्रण (abpdu)
2. किण्वन हेतु रखे गए खाद्य पदार्थों का एक चित्रण (Adobe Stock)
3. भोजन की लाइन में लगे छोटे बच्चों का एक चित्रण (allianceforscience.cornell)
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