भारत के सामान ही रहती है दुनियाभर में जन्माष्टमी की रौनक

विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)
30-08-2021 09:12 AM
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भारत के सामान ही रहती है दुनियाभर में जन्माष्टमी की रौनक

कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे भारत के कई क्षेत्रों में गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, भारत ही नहीं वरन पूरे विश्व के सबसे लोकप्रिय उत्सवों में से एक है। पृथ्वी के हर भाग में यह त्यौहार विधित तौर तरीकों तथा परंपराओं के साथ मनाया जाता है। आगे हम जानेगे की यशोमती मैय्या के लाडले कृष्ण के जन्मोत्सव को देश तथा दुनियां के विभिन्न हिस्सों में किस प्रकार मनाया जाता है?
जन्माष्टमी एक हिंदू त्योहार है, जिसे भगवान विष्णुजी के दशावतारों में से आठवें और चौबीस अवतारों में से बाईसवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म के शुभवसर पर मनाया जाता है। यह हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, कृष्ण पक्ष (अंधेरे पखवाड़े) के आठवें दिन (अष्टमी) को श्रावण या भाद्रपद में मनाया जाता है। नटखट कृष्ण का यह जन्मोत्सव जितने हर्षोल्लास के साथ भारत में मनाया जाता है, ठीक उसी प्रकार दुनियां के दूसरे देशों में भी इसकी लोकप्रियता और रौनक देखते ही बनती है।
1. न्यूजीलैंड (New Zealand) : न्यूजीलैंड मूल रूप से अपने प्राकृतिक सौंदर्य के परिपेक्ष्य में दुनियांभर में लोकप्रिय है। किंतु प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ ऑकलैंड (Auckland) में श्री श्री राधा गिरिधारी मंदिर में जाकर आप आध्यात्मिक आनंद का भी अनुभव कर सकते हैं। जन्माष्टमी के उत्सव के दौरान, मध्यरात्रि में, मंदिर जगमगाती रोशनी, प्रार्थना और नंदलाला के भक्ति संगीत से सराबोर रहता है, साथ ही आयोजन में बनाए जाने वाले पकवान उत्सव के आनंद को चरमस्तर तक बढ़ा देते हैं।
2. कनाडा (Canada): निश्चित तौर पर आपको कनाडा का लुभावना नियाग्रा फॉल्स (Niagara Falls) और राइडिंग माउंटेन नेशनल पार्क (Riding Mountains National Park) अपने सम्मोहन में सराबोर कर देगा। परंतु यहां पर रहने वाले लोगों में बड़ी संख्या में भारतीय भी शामिल हैं, अतः भारत के सामान ही यहां भी हिंदू त्योहारों की लोकप्रियता देखते ही बनती है। खासतौर पर कृष्ण जन्माष्टमी के पावन उत्सव पर यहां का रिचमंड हिल हिंदू मंदिर (Richmond Hill Hindu Temple) कृष्ण के आनंदमय भजनों से गूंजा रहता है। साथ ही आधी रात के समय शंख की ध्वनि और फूलों की मधुर सुगंध आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाएगी।
3. मलेशिया (Malaysia): मलेशिया अपने लोकप्रिय व्यंजनों और अपने समुद्र तटों की मंत्रमुग्ध करने वाली सुंदरता के आधार पर विश्व का अद्वितीय राष्ट्र है। साथ ही कुआलालंपुर (Kuala Lumpur) के मंदिरों में आयोजित भव्य जन्माष्टमी समारोह भी यहां की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं। जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण मंदिर में भारतीय समुदायों द्वारा आयोजित नाटकों और नृत्यों का प्रदर्शन न केवल भारतीयों वरन मलेशिया के मूल निवासियों को भी मंत्रमुग्द कर देता है। आखिर में मिलने वाले मीठे प्रसाद का बेमिसाल स्वाद भी आपको जीवन पर्यन्त याद रहेगा।
4. सिंगापुर (Singapore): खरीदारी के शौकीनों और लुभावने समारोहों के प्रेमियों के लिए सिंगापुर एक आदर्श देश माना जाता है। साथ ही यहां आप नाइट सफारी (Night Safari), सेंटोसा द्वीप (Sentosa Island) मेरलियन पार्क (Merlion Park) का आनंद भी ले सकते हैं। परंतु जन्माष्टमी के अवसर पर भी यहां का वातावरण भी भारत के सामान ही कृष्ण भजनों की गूँज से सराबोर रहता है। इस अवसर पर मिठाइयों, आकर्षक साज-सज्जा भरे जीवंत बाजारों को देखकर आपको ऐसा प्रतीत होगा, मानों आप लिटिल इंडिया (Little India) में हैं। जन्माष्टमी शुभावसर पर यहां के श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर की यात्रा आपको दिलचस्प सांस्कृतिक कार्यक्रमों से पुरस्कृत करेगी।
5. पेरिस (Paris): पेरिस को प्रेम और प्रकाश का शहर भी कहा जाता है। अतः प्रेम के पर्याय माने जाने वाले भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को भी यहां पर बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर आप पेरिस में श्री श्री राधा पेरिसेश्वर मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं, जहां लोगों को उपवास करते और मधुर गीत गाते हुए देखना अपने आप में एक अद्भुद अनुभूति है।
6. बांग्लादेश (Bangladesh): बांग्लादेश में जन्माष्टमी के अवसर पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है। जन्माष्टमी पर, बांग्लादेश के राष्ट्रीय मंदिर, ढाकेश्वरी मंदिर ढाका से एक भव्य जुलूस शुरू होता है, जिसे 1902 से शुरू किया गया और 1948 में रोक दिया गया था। जुलूस 1989 में फिर से शुरू कर दिया गया था।
7. फ़िजी (fiji): फिजी की लगभग एक चौथाई आबादी हिंदू धर्म का पालन करती है। फिजी में जन्माष्टमी को "कृष्णा अष्टमी" के रूप में जाना जाता है। फिजी का जन्माष्टमी उत्सव इस मायने में अनोखा है कि वे आठ दिनों तक चलते हैं, क्यों की आठवें दिन कृष्ण का जन्म हुआ था। इन आठ दिनों के दौरान, हिंदू घरों और मंदिरों में अपनी 'मंडलियों' या भक्ति समूहों के साथ शाम और रात में इकट्ठा होते हैं, और भागवत पुराण का पाठ करते हैं, कृष्ण के लिए भक्ति गीत गाते हैं, और प्रसाद वितरित करते हैं।
भारत जो कि भगवान कृष्ण की जन्म और कर्म स्थली है, यहां पर कृष्ण के जन्म का उस्तव देखते ही बनता है। हमारे जनपद जौनपुर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्वधूमधाम से मनाया जाता है। अनेक स्थानों पर भव्य झांकियां सजायी जाती हैं। साथ ही हरी भजन कीर्तन आदि का आयोजन भी किया जाता है। शहर के प्रमुख मंदिरों जैसे पांच शिवाला, गोकुल घाट, बारी नाथ मठ उर्दूबाजार, हनुमान घाट के मन्दिर, मांशारदा मन्दिर परमानतपुर, सर्वेश्वर नाथ मन्दिर कृषि भवन सहित विभिन्न मन्दिर तथा प्रत्येक घर में श्री कृष्ण के जीवन के पर आधारित झांकियां सजायी जाती हैं। भव्यता के यह दृश्य निश्चित तौर पर हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
भगवान कृष्ण और महाभारत का वर्णन, आपको हिंदू साहित्य की लगभग हर पुस्तक में देखने को मिल जायेगा। किंतु इसके अलावा भी दूसरे देशों की विभन्न पुस्तकों और कृतियों में नंदलाला के बारे में पढ़ने और देखने को मिल जाता है। मान्यता है की महाभारत युद्ध लगभग 5000 साल पहले हुआ था, हमारे पास उस समय के यूनानियों या अन्य देशों का ऐसा कोई समकालीन साहित्य नहीं है जिसमे कृष्ण और महाभारत का कोई उल्लेख किया गया हो। लेकिन प्राचीन यूनानी कृतियों में कृष्ण का दर्शनीय उल्लेख मिलता है, जिसमे कौरवों की सेना में भाग लेने के लिए 2 पारसिक (फारसी), यवन (ग्रीक / पश्चिमी) का उल्लेख किया गया है। संभवतः वे कम्बोज/गांधार सेनाओं का हिस्सा थे। उस समय दुनियां के दूसरे हिस्सों से आए हुए राज्यों और राजाओं के युद्ध में भाग लेने का वर्णन भी विभिन्न कृतियों में मिलता है। आगे उन राज्यों और राजाओं के नाम क्रमशः दिए गए हैं जिन्होंने महाभारत के युद्ध में अपना कभी न भुला सकने वाला योगदान दिया था।
1. पाकिस्तान: सिंधु साम्राज्य से केकाया, मद्रा (सल्या, कर्ण का सारथी) ने युद्ध में प्रतिभाग किया
2. अफगानिस्तान: गांधार (शकुनि यहां से थे), कम्बोज, परदा, परासिका, हूण, बहलिका, शक राज्य ने भाग लिया
3. ईरान: अश्वका साम्राज्य
4. तुर्कमेनिस्तान: तुषारा
5. नेपाल: विदेह साम्राज्य
6. बांग्लादेश: वंगा, पुंद्रा (पौंद्रक)
7. म्यांमार: ब्रह्मदेश (पूर्व बर्मा)
8. श्रीलंका: सिंहल, त्रिकुटा राज्य
9. महाभारत के समय श्रीलंका पर विभीषण का शासन था। जब युधिष्ठिर ने अश्वमेध यज्ञ किया, तो उनके सबसे छोटे भाई सहदेव को श्रीलंका तक दक्षिण दिशा में भेजा गया। सहदेव विभीषण से मिले और उन्हें उपहार और दोस्ती की पेशकश की गई। विभीषण ने युधिष्ठिर को सम्राट के रूप में स्वीकार किया।


संदर्भ
https://bit.ly/2Y7nCdT
https://bit.ly/3sWztGP
https://en.wikipedia.org/wiki/Krishna_Janmashtami
https://bit.ly/2Wz6EVi

चित्र संदर्भ
1. कृष्ण जन्माष्टमी 2019 का एक चित्रण (flickr)
2. राष्ट्रीय चुनावों से पहले, ऑकलैंड में राधा कृष्ण मंदिर के दर्शन करती न्यूजीलैंड की पीएम जैसिंडा अर्डर्न (Jacinda Ardern) का एक चित्रण (facebook)
3. जन्माष्टमी के शुभवसर पर बाल कृष्ण का सुंदर चित्रण (spiderimg.amarujala)
4. ढाकेश्वरी मंदिर ढाका का एक चित्रण (flickr)
5. अर्जुन के सारथी के रूप में भगवान कृष्ण का एक चित्रण (flickr)

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