मानव मस्तिष्‍क के आकार और बुद्धिमत्‍ता के बीच संबंध

व्यवहारिक
02-03-2021 10:24 AM
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मानव मस्तिष्‍क के आकार और बुद्धिमत्‍ता के बीच संबंध
मनुष्य के रूप में, हम भयावहता या बचाव के साथ पैदा नहीं हुए हैं, और न ही हम सबसे मजबूत, सबसे तेज़ या सबसे बड़ी प्रजाति हैं, फिर भी हम आश्चर्यजनक रूप से विश्‍व पर राज कर रहे हैं। लंबे समय से यह माना जा रहा था कि मनुष्‍य की इस स्थिति का सबसे बड़ा कारण उसका दिमाग है जिसने हमें अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में अधिक बुद्धि‍मान बनाया है, जिसमें हमारी बेहतर अमूर्त सोच, साधनों का बेहतर उपयोग करने की क्षमता और अपने शिकार और शिकारियों के व्यवहार के अनुकूल बनने की उत्कृष्टता शामिल है।
मानव मस्तिष्‍क का आकार आयु और लिंग के अनुसार भिन्‍न-भिन्‍न होता है अर्थात पुरूषों का दिमाग महिलाओं की तुलना में थोड़ा बड़ा होता है। यह निर्धारित करना बहुत कठिन कार्य है कि स्तनधारियों के बीच मानव मस्तिष्क को कौन सी चीज अद्भूत बनाती है, मनुष्‍य के अंदर न तो मस्तिष्‍क का आकार और न ही न्यूरॉन्स (neurons) की संख्या समान है। अधिक बुद्धिमान लोग जीवन में बेहतर करते हैं, लेकिन इनके मस्तिष्क के आकार और बुद्धि के बीच बहुत महीन संबंध होता है। मानव मस्तिष्‍क जीवन के तीसरे या चौथे दशक तक अपना पूर्ण आकार प्राप्‍त कर लेता है। यूरोपीय मूल के 46 वयस्कों के एक एमआरआई (MRI) अध्ययन में पाया गया कि औसत पुरुष के मस्तिष्क का आयतन 1,274 क्यूबिक सेंटीमीटर (सेमी 3) होता है और औसत महिला के मस्तिष्क का 1,131 सेमी। मानव मस्तिष्‍क का आकार उसकी बुद्धिमत्‍ता को कितना प्रभावित करता है, यह आज भी एक बड़ा प्रश्‍न है।
प्रत्‍येक व्‍यक्ति की नए विचारों को समझने, नए वातावरण में अनुकूलित होने, अनुभव द्वारा सीखने, अमूर्त विचारों को सोचने, योजना बनाने और तर्क करने की क्षमता में भिन्नता होती है। मनोवैज्ञानिकों ने मानसिक क्षमताओं में इन अंतरों को सामान्य संज्ञानात्मक क्षमता और द्रव और क्रिस्टलीय बुद्धि (Crystalline intelligence) जैसे कई निकट संबंधी अवधारणाओं के माध्यम से जानने का प्रयास किया है। लोगों की समय पर चीजों को समझने और उन्हें बनाए रखने तथा उस अंतर्दृष्टि को लागू करने की क्षमता में अंतर होता है, जो भी मनुष्‍य ने वर्तमान परिस्थितियों में या अतीत में सीखा था, इसका मूल्यांकन साइकोमेट्रिक बुद्धि परीक्षणों (psychometric intelligence) द्वारा किया जाता है। प्रारंभ में मस्तिष्‍क के आकार और बुद्धि के मध्‍य संख्‍यात्‍मक अध्‍ययन करना एक कठिन कार्य था, किंतु आज तकनीकी विकास के कारण जैसे एमआरआई से इस प्रकार की माप संभव हो गयी है। मस्तिष्क का आकार सामान्य बुद्धि में समग्र परिवर्तनशीलता के 9 से 16 प्रतिशत के बीच होता है। कार्यात्मक स्कैन (Functional scans) का उपयोग विशेष मानसिक गतिविधियों से जुड़े मस्तिष्क क्षेत्रों का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह बताता है कि इन क्षेत्रों की मोटाई के साथ प्रांतस्था की पार्श्विका, कनपटी और ललाट क्षेत्र, बुद्धिमत्ता के साथ सहसंबंधित हैं। इस प्रकार, औसतन, एक बड़ा मस्तिष्क कुछ उच्चतर बुद्धिमत्ता से जुड़ा होता है।
एक सदी से भी अधिक समय से, तुलनात्मक अध्ययनों में संज्ञानात्मक क्षमता के परीक्षण हेतु विभिन्न न्यूरोएनाटॉमीकल उपायों (Neuroanatomic measures) या स्नायुतंत्रों के उपायों को प्रयुक्‍त किया जा रहा है। हालांकि, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि क्या ये उपाय वास्तव में संज्ञानात्मक क्षमता के अनुरूप हैं या नहीं। हाल ही में नरवानर प्रजातियों के व्यापक समूह के संज्ञानात्मक प्रदर्शन का मेटा-विश्लेषण किया गया जिसने नरवानरों में सामान्य संज्ञानात्मक क्षमता का मात्रात्मक अनुमान लगाना संभव बनाया। इसमें देखा गया कि यह अनुमान न्यूरोएनाटोमिकल उपायों के साथ दृढ़ता से संबंधित नहीं है जो कि शरीर के आकार जैसे कि एन्सेफलाइजेशन भागफल (encephalization quotient) या मस्तिष्क आकार के अवशेष, के संभावित प्रभाव के लिए सांख्यिकीय रूप से नियंत्रण करते हैं। इसके विपरित, पूर्ण मस्तिष्क के आकार के उपाय नरवानर की संज्ञानात्मक क्षमता के सर्वश्रेष्ठ भविष्यवक्ता थे।
मनुष्य लगभग 6 से 8 मिलियन साल पहले अपने अंतिम पूर्वज चिम्पांजियों (chimps) और बोनोबोस (bonobos) से अलग हो गए थे। अगले कुछ मिलियन वर्षों के लिए, शुरुआती होमिनिंस (hominins) का दिमाग हमारे पूर्वजों की तुलना में बहुत बड़ा नहीं हुआ। हालांकि, लगभग 3 मिलियन साल पहले होमिनिन मस्तिष्क ने बड़े पैमाने पर विस्तार करना शुरू किया। जब हमारी प्रजाति, होमो सेपियन्स (Homo sapiens), लगभग 200,000 साल पहले उभरी, तब तक मानव मस्तिष्क लगभग 350 ग्राम से 1,300 ग्राम तक बढ़ चुका था। उस 3 मिलियन वर्ष के स्प्रिंट (sprint) में, मानव मस्तिष्क ने अपने पूर्ववर्तियों के आकार का लगभग चौगुना आकार प्राप्‍त कर लिया था, जो पिछले 60 मिलियन वर्षों के अंतर्गत विकसित हुआ था।
वैज्ञानिकों के अनुसार मानव मस्तिष्क में कुल 86 बिलियन न्यूरॉन्स (Neurons) होते हैं सेरिबैलम (cerebellum) में 69 बिलियन, मस्तिष्क के पीछे का सघन भाग जो मूल शारीरिक कार्यों और गतिविधियों के संचालन में मदद करता है; 16 बिलियन सेरेब्रल कॉर्टेक्स (cerebral cortex) में होते हैं, यह मस्तिष्क का मोटा हिस्‍सा और हमारी सबसे जटिल मानसिक योग्‍यता जैसे कि आत्म-जागरूकता, भाषा, समस्या को हल करने की प्रतीभा और अमूर्त विचार; का केंद्र है, 1 बिलियन मस्तिष्क स्टेम (Stem) में मौजूद होते हैं।
मस्तिष्क का आकार आमतौर पर जीवों के शरीर के आकार के साथ बढ़ता है (सकारात्मक रूप से सहसंबद्ध है), यानी बड़े जीवों में आमतौर पर छोटे जानवरों की तुलना में बड़ा दिमाग होता है। हालांकि यह संबंध रैखिक नहीं है। सामान्‍यत: छोटे स्तनधारियों में बड़े लोगों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक दिमाग हो सकता है। चूहे के मस्तिष्‍क/शरीर का अनुपात मनुष्यों (1/40) के समान होता है, जबकि हाथियों में तुलनात्मक रूप से मस्तिष्क/शरीर का आकार (1/560) छोटा होता है, इसके बावजूद भी हाथी काफी बुद्धिमान जानवर होते हैं।
एन्सेफलाइजेशन क्वोटिएंट (Encephalization Quotient(EQ)) मस्तिष्‍क के आकार की माप है जिसे वास्तविक मस्तिष्क द्रव्यमान और किसी दिए गए आकार के जानवर के लिए अनुमानित मस्तिष्क द्रव्यमान के बीच के अनुपात के रूप में परिभाषित किया गया है, जो कि जानवर की बुद्धि का संभावित अनुमान है।
प्राणियों में बुद्धिमत्ता सिद्ध करना एक कठिन कार्य है, लेकिन मस्तिष्क शरीर के सापेक्ष जितना बड़ा होता है, उतना ही अधिक जटिल संज्ञानात्मक कार्यों के लिए उसका भार हो सकता है। ईक्यू सूत्र, शरीर के वजन को अपक्व मस्तिष्क के वजन या मस्तिष्क के वजन को मापने के तरीके के विपरीत, जीवों की व्यवहार की जटिलता से संब‍ंधित है। स्तनधारियों के लिए ईक्यू लगभग 1 के आसपास है, मांसाहारी, तिमिगण और नरवानर में 1 से ऊपर और कीटभक्षी और शाकाहारी में 1 से नीचे होता है। ईक्यू मनुष्यों को इस सूची में सबसे ऊपर रखता है। ब्रेन-टू-बॉडी मास (brain-to-body) अनुपात और व्यवहार की जटिलता के बीच संबंध सही नहीं है क्योंकि अन्य कारक भी बुद्धि को प्रभावित करते हैं।

संदर्भ:
https://bit.ly/2NSoVZp
https://bit.ly/2Pi2NYB
https://bit.ly/3kxteFr
https://bit.ly/2NI2s1e
https://bit.ly/3sAsW3m

चित्र संदर्भ:
मुख्य तस्वीर में एक मानव मस्तिष्क कार्टून दिखाया गया है। (पिक्साबे)
दूसरी तस्वीर मस्तिष्क के आकार की तुलना दर्शाती है। (विकिमीडिया)
तीसरी तस्वीर में मानव मस्तिष्क और जानवरों के मस्तिष्क को दिखाया गया है। (विकिमीडिया)
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