जलवायु परिवर्तन के एक संकेतक के रूप में कार्य करता है, नोक्टिलुका स्किन्टिलन
कीटाणु,एक कोशीय जीव,क्रोमिस्टा, व शैवाल
11-10-2020 03:29 AM
चेन्नई में समुद्र तट से टकराने वाली 'नीली लहरों' ने समुद्र तट को विस्मित कर दिया और कई आगंतुकों ने सोशल मीडिया (Social Media) पर इस दुर्लभ घटना के बारे में जानकारी दी। अगस्त में, कोवलम से तिरुवनमियुर समुद्र तटों के लिए चेन्नई में ईस्ट कोस्ट रोड (East Coast Road) के साथ बायोल्यूमिनएसेंट (Bioluminescent) तरंगों को देखा गया और लोग इस दुर्लभ प्राकृतिक घटना को देखकर पूरी तरह से खुश हो गये। इस नीली चमक को बायोल्यूमिनएसेंस (Bioluminescense) के रूप में जाना जाता है, जोकि नोक्टिलुका स्किन्टिलन (Noctiluca scintillans) के कारण होता है। नोक्टिलुका स्किन्टिलन एक प्रकार का फाइटोप्लांकटन (Phytoplankton) है, जो समुद्र तट के पानी के सम्पर्क में आने पर या धोये जाने पर रासायनिक ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तित करता है। बायोल्यूमिनएसेंस जीवाणुओं, शैवाल, जेलीफ़िश (Jellyfish), कीड़े, क्रसटेशियन (Crustaceans), समुद्री सितारों, मछली और शार्क जैसे कई समुद्री जीवों में पाया जाता है। समुद्री विशेषज्ञों का मानना है कि यह जलवायु परिवर्तन का एक संकेतक है और यह पारिस्थितिक तंत्र के दीर्घकालिक स्वास्थ्य को बाधित कर सकता है। बायोल्यूमिनएसेंस भारत के कुछ समुद्र तटों पर ही देखा गया है, जैसे दक्षिण गोवा का बेतालबतीम समुद्र तट और लक्षद्वीप का कवर्त्ती द्वीप। जबकि माल्टा (Malta) में ब्लू ग्रोटो (Blue Grotto) जो फिल्फा द्वीप के पास नौ गुफाओं में से एक है, में यह एक आम दृश्य है। इसी प्रकार यह प्यूर्टो रिको (Puerto Rico), कैलिफोर्निया में सैन डिएगो (San Diego), फ्लोरिडा में नवरे बीच (Navarre Beach), जापान में टोयामा (Toyama) खाड़ी में भी दिखायी देता है।
संदर्भ:
https://www.youtube.com/watch?v=eTDxjOjzm9w
https://www.kuoni.co.uk/maldives/bioluminescent-plankton
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