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आज वर्तमान समय में हम घर बैठे ही सारी खरीदारियां कर लेते हैं और हमें बाहर निकलने की जरूरत भी नहीं पड़ती। वर्तमान समय में जब कि पूरी दुनिया कोरोना (Corona) के चक्रव्यूह में फंसी हुई है, ऐसे में ऑनलाइन (Online) खर्च और खरीदी अत्यंत ही तीव्र गति से उछाल भर रही है। जिस तरीके से आज वर्तमान में ई पेमेंट (E-Payment) किया जा रहा है, वह आज से एक दशक पहले तक अकल्पनीय था। भारत में उठते इस व्यापार ने कई नए आयामों को जन्म दिया है तथा भविष्य के लिए ई कॉमर्स (E-Commerce) को चुनने का एक बेहतर विकल्प प्रस्तुत किया है। भारत में 2019 में कुल 475 मिलियन इन्टरनेट (475 million internet) उपयोग करने वाले थे, जो कि भारत की जनसंख्या का 40 फीसद है। एक अध्ययन के अनुसार 2020 के अंत तक यह संख्या 627 मिलियन (627 Million) होने की आशंका है। वैश्विक स्तर पर बात करें तो चीन (China) की 48 फीसद जनसंख्या इन्टरनेट उपयोगकर्ता है। भारत में कोरोना काल के आने के बाद ई पेमेंट की संख्या बढ़ी है, अन्यथा भारत में सबसे पसंदीदा भुगतान करना कैश ऑन डिलीवरी (Cash on delivery) पद्धति है, जो कि सम्पूर्ण ऑनलाइन (Online) खरीदारी का 75 फीसद है। 1995-96 का दौर था जब भारत में ई कॉमर्स की शुरुआत हुई थी, परन्तु यह मुख्य रूप से भुगतान आदि करने तक ही सीमित थी। संगीत आदि के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता था परन्तु उस समय इन्टरनेट की अनुपलब्धता के कारण यह ज्यादा बड़े क्षेत्र में विस्तृत नहीं थी। 2017 में भारत की सबसे बड़ी ई कॉमर्स कंपनियां फ्लिप्कार्ट (Flipkart), स्नैपडील (Snapdeal) और अमेज़न (Amazon) थी परन्तु 2018 में अमेज़न फ्लिप्कार्ट से ऊपर निकल गयी। भारत में ई कॉमर्स की सालाना बढ़त पर यदि नज़र डालें तो, 2009 में भारत में ई कॉमर्स बाज़ार करीब 3.9 बिलियन डॉलर (3.9 Billion Dollars) का था, इसके बाद 2011 में यह संख्या बढ़ कर 6.3 बिलियन डॉलर हो गयी। 2013 में यह संख्या 12.6 बिलियन डॉलर थी (उस समय भारत का 79 फीसदी ई कॉमर्स बाजार, यात्रा से सम्बंधित था, लोग टिकिट (Ticket) आदि निकालने के लिए इस सुविधा का प्रयोग कर रहे थे)। 2015 के दौर में भारत का ई कॉमर्स 24 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया, इस वर्ष जो आंकड़े आये उनमे यात्रा के साथ साथ रिचार्ज (Recharge) आदि भी एक अत्यंत ही बड़ा विभाग बन चुके थे। इसी दर से ई कॉमर्स सबसे बड़े उद्योग के रूप में निकल कर सामने आया। 2020 में कोरोना के प्रकोप ने पूरे विश्व भर के ऑनलाइन व्यापार को ठप्प सा कर दिया था, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिला है। मार्च महीने में जब सम्पूर्ण भारत में लॉकडाउन (Lockdown) किया गया था, तो यह ऑनलाइन बाजार बड़े स्तर पर मंदी में था परन्तु अप्रैल महीने में जब लॉकडाउन की प्रक्रिया में ढील दी जानी शुरू हुई तो खुदरा बाजार से सम्बंधित ई कॉमर्स की साइटों पर 89 फीसदी अधिक लोग पहुंचे। यह आंकड़ा इस बात को सिद्ध करता है की भारतीय ई कॉमर्स बाजार से कई नए उपभोक्ता जुड़े। हांलाकि यह सोचना लाज़मी है कि इस दौर में खुदरा व्यापार पर काफी अधिक प्रभाव पड़ा जिसमे, कपडा व्यापार, होटल व्यापार आदि सम्मिलित हैं। वर्तमान समय में जब ई कॉमर्स बाजार गर्म है, तो विभिन्न ई कॉमर्स की साइटें जैसे कि फ्लिप्कार्ट, अमेज़न, मिन्त्रा आदि विभिन्न भाषाओं को अपने पोर्टल पर जोड़ने का कार्य कर रही हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस प्लेटफोर्म पर आये। इस सम्पूर्ण लेख से यह तथ्य निकल कर सामने आता है कि भविष्य में भारत काफी बड़े स्तर पर ई कॉमर्स का प्रयोग करेगा।
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