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आइसक्रीम के साथ हमारा प्रेम संबंध सदियों पुराना है। प्राचीन यूनानियों, रोमनों और यहूदियों को मदिरा और रसों को ठंडा करने के लिए जाना जाता था। यह प्रथा सर्वप्रथम फ्रूट आइस (Fruit Ice) में विकसित हुई और अंततः, जमे हुए दूध और क्रीम के मिश्रण में। सोलहवीं शताब्दी में, भारतीय उपमहाद्वीप के फारसी मुगल सम्राटों ने हिंद कुश से दिल्ली तक बर्फ लाने के लिए घुड़सवारों के दस्ते का इस्तेमाल किया, जहां इसका उपयोग फलों के शर्बतों को ठंडा करने में किया जाता था। यहां तक कि पारंपरिक कुल्फी की उत्पत्ति सोलहवीं शताब्दी में मुगल साम्राज्य में हुई थी और वास्तव में यह बस्तानी सन्नती (फारसी आइसक्रीम) से अपनाया गया था।
आइसक्रीम केवल एंडोथर्मिक प्रभाव (Endothermic effect) की खोज से संभव हुई। इससे पहले, क्रीम को केवल ठंडा किया जा सकता था लेकिन जमा नहीं सकते थे। यह नमक का जोड़ था, जिसने बर्फ के पिघलने बिंदु को कम कर दिया, जिसका प्रभाव क्रीम से गर्मी खींचना और इसे जमने देना था। इसका पहला ज्ञात रिकॉर्ड भारतीय कविता पंचतंत्र से मिलता है, जो चौथी शताब्दी ईस्वी सन् की है। इस प्रक्रिया का सबसे पहला लिखित विवरण पाक ग्रंथों से नहीं, बल्कि चिकित्सा से संबंधित इब्न अबु उसैबिया के 13 वीं शताब्दी के लेखन से जाना जाता है। "क्रीम को ज़माने" की तकनीक 16 वीं शताब्दी से पहले किसी भी यूरोपीय स्रोतों से ज्ञात नहीं है।
आइए इस उद्योग में दिग्गजों द्वारा उपयोग की जाने वाली आधुनिक आइसक्रीम बनाने की प्रक्रिया पर एक नज़र डालें।
सन्दर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Ice_cream
2. https://www.youtube.com/watch?v=-8MPE74pq4w
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